04-02-2024, 11:08 PM
मंजु और नीतू दोनों छत पर गए और मेरे कपड़े और जूते ले आए।
इधर मैं सोच रहा था कि इनके साथ क्या किया जाए फिर मैंने नेट से एक टेलर का नंबर निकाला और उसको घर आने के लिए बोला।
मंजू और नीतू दोनों मेरे सामने बैठे थे और मंजू काफी टेंशन में थी तो मैंने सोचा चलों उसको रिलैक्स करता हूँ।
मैंने बोला हम आज कही नहीं जा रहे है, आज हम सभी घर में ही रहेंगे। ऐसा बोलते ही मंजू बहुत ही तेज़ी से मेरे होंठों को किस करने लगी और मुझे थैंक यू बोली।
मंजू और मैं एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे और बगल में नीतू चुपचाप खड़ी थी, मानों उसे समझ नहीं आ रहा हो, उसे क्या करना है।
जब एक औरत मर्द को खुश करना चाहती थी तो उसका व्यवहार ही कुछ अलग होता है और मंजु अभी मुझे किसी भी तरह खुश करना चाहती थी। मंजु के जबरदस्त किस से मेरा जोश फिर से जाग गया और मैंने मंजु को अपने गोद में बिठाया।
मैं सोफे पर बैठा था और मंजु के बूब्स मेरे सामने थे। इसी पोजीशन में मैंने मंजू के चुत में अपना लण्ड घुसा दिया और उसकी जम के पहले राउंड की चुदाई की। मंजु की आहें पूरे माहौल को मादक बना रही थी।
अभी मेरा और मंजु का कार्यक्रम चल ही रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी।
मैंने नीतू को इशारा किया कि बाहर जा के देखे।
टेलर- मैडम किसी साहेब ने कॉल किया था और यहां आने को बोला था।
नीतू- अच्छा रुको, मैं पूछ कर बताती हूँ।
नीतू फिर अंदर आयी और मुझसे पूछी कि कोई टेलर आया है। आपने बुलाया है क्या?
मैं- हाँ, मैंने बुलाया है। उसको अंदर ले आओं।
तब तक मैंने अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया और अभी जबरदस्त चुदाई के बाद मंजु उसी हालत में पूरी नंगी सोफे पर मेरे बग़ल में बैठी थी।
मंजू ने भी मन ही मन यह स्वीकार कर लिया था कि शायद उसे नंगी ही रहना होगा उस टेलर के सामने।
बाहर जाकर नीतू- हाँ भैया, चलिए अंदर। आपको साहब ने ही बुलाया है।
इधर मैं सोच रहा था कि इनके साथ क्या किया जाए फिर मैंने नेट से एक टेलर का नंबर निकाला और उसको घर आने के लिए बोला।
मंजू और नीतू दोनों मेरे सामने बैठे थे और मंजू काफी टेंशन में थी तो मैंने सोचा चलों उसको रिलैक्स करता हूँ।
मैंने बोला हम आज कही नहीं जा रहे है, आज हम सभी घर में ही रहेंगे। ऐसा बोलते ही मंजू बहुत ही तेज़ी से मेरे होंठों को किस करने लगी और मुझे थैंक यू बोली।
मंजू और मैं एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे और बगल में नीतू चुपचाप खड़ी थी, मानों उसे समझ नहीं आ रहा हो, उसे क्या करना है।
जब एक औरत मर्द को खुश करना चाहती थी तो उसका व्यवहार ही कुछ अलग होता है और मंजु अभी मुझे किसी भी तरह खुश करना चाहती थी। मंजु के जबरदस्त किस से मेरा जोश फिर से जाग गया और मैंने मंजु को अपने गोद में बिठाया।
मैं सोफे पर बैठा था और मंजु के बूब्स मेरे सामने थे। इसी पोजीशन में मैंने मंजू के चुत में अपना लण्ड घुसा दिया और उसकी जम के पहले राउंड की चुदाई की। मंजु की आहें पूरे माहौल को मादक बना रही थी।
अभी मेरा और मंजु का कार्यक्रम चल ही रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी।
मैंने नीतू को इशारा किया कि बाहर जा के देखे।
टेलर- मैडम किसी साहेब ने कॉल किया था और यहां आने को बोला था।
नीतू- अच्छा रुको, मैं पूछ कर बताती हूँ।
नीतू फिर अंदर आयी और मुझसे पूछी कि कोई टेलर आया है। आपने बुलाया है क्या?
मैं- हाँ, मैंने बुलाया है। उसको अंदर ले आओं।
तब तक मैंने अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया और अभी जबरदस्त चुदाई के बाद मंजु उसी हालत में पूरी नंगी सोफे पर मेरे बग़ल में बैठी थी।
मंजू ने भी मन ही मन यह स्वीकार कर लिया था कि शायद उसे नंगी ही रहना होगा उस टेलर के सामने।
बाहर जाकर नीतू- हाँ भैया, चलिए अंदर। आपको साहब ने ही बुलाया है।