02-02-2024, 07:41 PM
आई ऑन द स्काई
मैं लंड चूसती रही जिसे देख के बेचारी की हालत ख़राब थी।
" दिलवा दो न लंड " दुबारा बोलीं वो।
" दीदी आप कुछ बोल रही थीं " अब सुपाड़ा में बाहर निकाल के जेठानी की आँख में आँख डाल के देखते पूछा , और बोली एक बार फिर बोलिये न ,
हाँ खूंटा अभी भी कोमल के कोमल हाथ में ही था , खड़े कंचे के बराबर निप्स को छूते ,रगड़ते।
" हे दिलवा दे न लंड , बस थोड़ी देर के लिए ,एक बार के लिए "
" अरे दीदी एक बार के लिए क्यों बार बार , अरे मैंने तो आप से कितनी बार कहा मैं तो मिल बाँट के खाने में यकीन रखती हूँ , चाहे इनकी बहन हो या ,... अरे घिसेगा तो थोड़ी , फिर हाथी घूमे गाँव गाँव ,जिसका हाथी उसका नाम। चाहे ये बहनचोद बने मादरचोद बने , फिर किसी को चोदना क्या ये चूँची भी नहीं पकड़ सकते मेरे पीठ पीछे,बिना मुझे बताये , ... लीजिये न और फिर आप की तो बात अलग है , आप इनकी एकलौती भाभी है ,आइये न मिल के मजे लेते हैं। "
और मैंने जेठानी जी का हाथ खोल दिया।
जैसे कोई कितने दिनों का भूखा प्यासा हो ,बस वैसे ही वो नदीदी लपकी , पर मैंने उन्हें रोक दिया।
" अरे दीदी , आपके देवर का ही है , जब मैं इनकी बहनों को नहीं रोकती तो आप का तो हक बनता है। आराम से मजे ले ले के ,मिल बाँट के खाते हैं न ,फिर आज तो आपकी छुट्टी ख़तम हुयी है ,आज आपको ये पूरा का पूरा , बस मुंह खोल के मांगिये ,देवर से लंड , और दिल खोल के घोंटिये।
और मैंने उन्हें फ्रूट क्रीम की ओर इशारा किया।
मुस्कराते हुए उन्होंने फ्रूट क्रीम उठायी और अपने देवर के मस्ताए खूंटे में लपेटा , खूब प्यार से।
मैंने मुस्कराकर छत की ओर देखा कैमरे आन थे।
…………………………………………………..
मैं सिर्फ इस लिए अपनी जेठानी को ६ घण्टे के लिए बाहर नहीं ले गयी थी की उनके देवर अपनी 'धार्मिक संस्कारी भाभी ' के लिए ,'जिस किचेन में कभी लहसुन प्याज नहीं आता ' उसी किचेन में अंडा मछली मटन चिकेन पोर्क और भी बहुत कुछ , अपनी संस्कारी भाभी के लिए बनाएं , बल्कि इस लिए भी की साथ साथ , अब झूठे ही कंपनी के सिक्योर्टी के इंचार्ज थोड़े ही बनाये गए थे ,
जगह जगह , बेड रूम से लेकर टॉयलेट तक हर जगह कैमरे फिट कर दें ,बेड रूम में तो एक दर्जन से ऊपर ,हाई रिजोल्यूशन , ३६० डिग्री ,बहुत कम रौशनी में चलने वाले ,रिमोट आपरेटेड और वॉयस रिकॉर्डर्स।
मैं लंड चूसती रही जिसे देख के बेचारी की हालत ख़राब थी।
" दिलवा दो न लंड " दुबारा बोलीं वो।
" दीदी आप कुछ बोल रही थीं " अब सुपाड़ा में बाहर निकाल के जेठानी की आँख में आँख डाल के देखते पूछा , और बोली एक बार फिर बोलिये न ,
हाँ खूंटा अभी भी कोमल के कोमल हाथ में ही था , खड़े कंचे के बराबर निप्स को छूते ,रगड़ते।
" हे दिलवा दे न लंड , बस थोड़ी देर के लिए ,एक बार के लिए "
" अरे दीदी एक बार के लिए क्यों बार बार , अरे मैंने तो आप से कितनी बार कहा मैं तो मिल बाँट के खाने में यकीन रखती हूँ , चाहे इनकी बहन हो या ,... अरे घिसेगा तो थोड़ी , फिर हाथी घूमे गाँव गाँव ,जिसका हाथी उसका नाम। चाहे ये बहनचोद बने मादरचोद बने , फिर किसी को चोदना क्या ये चूँची भी नहीं पकड़ सकते मेरे पीठ पीछे,बिना मुझे बताये , ... लीजिये न और फिर आप की तो बात अलग है , आप इनकी एकलौती भाभी है ,आइये न मिल के मजे लेते हैं। "
और मैंने जेठानी जी का हाथ खोल दिया।
जैसे कोई कितने दिनों का भूखा प्यासा हो ,बस वैसे ही वो नदीदी लपकी , पर मैंने उन्हें रोक दिया।
" अरे दीदी , आपके देवर का ही है , जब मैं इनकी बहनों को नहीं रोकती तो आप का तो हक बनता है। आराम से मजे ले ले के ,मिल बाँट के खाते हैं न ,फिर आज तो आपकी छुट्टी ख़तम हुयी है ,आज आपको ये पूरा का पूरा , बस मुंह खोल के मांगिये ,देवर से लंड , और दिल खोल के घोंटिये।
और मैंने उन्हें फ्रूट क्रीम की ओर इशारा किया।
मुस्कराते हुए उन्होंने फ्रूट क्रीम उठायी और अपने देवर के मस्ताए खूंटे में लपेटा , खूब प्यार से।
मैंने मुस्कराकर छत की ओर देखा कैमरे आन थे।
…………………………………………………..
मैं सिर्फ इस लिए अपनी जेठानी को ६ घण्टे के लिए बाहर नहीं ले गयी थी की उनके देवर अपनी 'धार्मिक संस्कारी भाभी ' के लिए ,'जिस किचेन में कभी लहसुन प्याज नहीं आता ' उसी किचेन में अंडा मछली मटन चिकेन पोर्क और भी बहुत कुछ , अपनी संस्कारी भाभी के लिए बनाएं , बल्कि इस लिए भी की साथ साथ , अब झूठे ही कंपनी के सिक्योर्टी के इंचार्ज थोड़े ही बनाये गए थे ,
जगह जगह , बेड रूम से लेकर टॉयलेट तक हर जगह कैमरे फिट कर दें ,बेड रूम में तो एक दर्जन से ऊपर ,हाई रिजोल्यूशन , ३६० डिग्री ,बहुत कम रौशनी में चलने वाले ,रिमोट आपरेटेड और वॉयस रिकॉर्डर्स।