30-01-2024, 05:44 PM
चलो , मुझे क्यों इतना सोचना
मेरे को तो , राहुल के कहने पे , उसकी खुशियों के लिए , कभी कभी किसी का साथ देना है
हाँ , ये जरुर है कि राहुल की खुशियों के लिए करते करते , अब मुझे भी आनंद आने लगा है
ईमानदारी से सोचूं , तो मैं भी अब दिल से ये सब करने लगी हूँ
मुझे अब सब कुछ , जो भी हो मेरे साथ , अच्छा लगने लगा है
मुझे अब , किसी के साथ भी हो , भिखारी तक , फर्क नहीं पड़ता
मेरे को तो , राहुल के कहने पे , उसकी खुशियों के लिए , कभी कभी किसी का साथ देना है
हाँ , ये जरुर है कि राहुल की खुशियों के लिए करते करते , अब मुझे भी आनंद आने लगा है
ईमानदारी से सोचूं , तो मैं भी अब दिल से ये सब करने लगी हूँ
मुझे अब सब कुछ , जो भी हो मेरे साथ , अच्छा लगने लगा है
मुझे अब , किसी के साथ भी हो , भिखारी तक , फर्क नहीं पड़ता