28-01-2024, 10:30 PM
मकर सक्रांति – भिखारी के साथ ( २००२ )
२ साल गुजर गए
हम सारी बातें लगभग भूल ही चुके थे
पुरानी बातें कुछ भी अब याद ही नहीं थी
जनवरी का महिना था
१३ तारीख का दिन था
राहुल : यार vini , २ साल हो गए , कुछ खास हुआ नहीं
मैं : पैकिंग करूँ क्या ?
राहुल चोंकते हुए : क्यों ?
मैं ( हँसते हुए ) ; पट्टाया चलना है ना
राहुल ( हँसते हुए ) – पट्टाया को ही घर में ले आयें
मैं समझी नहीं , पूछा – कैसे
राहुल : देखो , घर में कोई है नहीं ३ दिन , मेरी एक fantasy पूरी करने के लिए अच्छा मौका है
मैं : ऐसी कोन सी fantasy है जो घर में होगी और वो भी किसी के ना होने से
राहुल : देखो , कल – परसों मकर सक्रांति है , हम किसी भिखारी को ला , उसे दिन भर खुस करें
मैं पूरा चौक गयी : भिखारी ? वो क्यों ?
राहुल : हाँ भिखारी , जरा सोचो , उनको सब अपने मतलब के लिए , अपनी पूजा के लिए २/- ५ /- १०/- या थोरा सामान दे देते हैं , लेकिन उनके दूसरी जरुरत की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता
मैं : दूसरी कोन सी और जरुरत होगी भिखारी की , पैसों के अलावा ?
राहुल : आदमी की पहली जरुरत है – इज्ज़त , प्यार और एक खास जरुरत है – sex , जो कभी पूरी होती ही नहीं उनकी
मैं थोरा सोचते हुए : हां , बात तो तुम्हारी सही है , उनकी भी तो ये सब जरुरत होती ही है , लेकीन इसमें हम क्या और कैसे कर सकते हैं ?
राहुल : मैं सोच रहा हूँ – एक भिखारी को घर में ला उसकी इन जरुरत को पूरा करें – एक दिन के लिए ही सही
मैं : तुम्हारा मतलब समझ रही हूँ अब , भिखारी के साथ sex करने कह रहे हो , नहीं , बिलकुल नहीं , पहले तो मुझे मंजूर नहीं , दूसरा –घर में होने से , किसी को पता चलेगा तो इज्ज़त चली जाएगी
राहुल ने मुझे सब ठीक से समझाया और मुझे तैयार कर ही लिया , भिखारी को घर लाने, मकर सक्रांति का इस से बडा दान क्या होगा कह के
आज १३ तारीख थी , कल १४ तारिख को भिखारी को घर लाने का fix हुआ
हम आज , करीब ११ कम्बल लाये , कुछ मिठाई लिए
१४ तारीख आ गयी
करीब ९ बजे सुबह , हम kolkata निकले ( बेलूर से दूर ) , बाबा भूतनाथ ( शिवजी का मंदिर ) का दर्शन किये
वहां बहुत भिखारी रहते थे
हमने मिठाई और कम्बल भिखारियों को बाटे , उनको ध्यान से देखे ,३-4 प्रश्न पूछे
पुरे ११ कबल बट गए , अब मैं और राहुल बात करने लगे
मैं : ३ no. भिखारी ठीक लग रहा है , young भी है , थोरा साफ़ भी है , ३ साल से हैं यहाँ , ३२ का है
राहुल : हमे young नहीं बुढा भिखारी देखना है , क्यों कि उसको sex किये बहुत दिन हुए होंगे , ८ no. ठीक लगा मुझे ५४ का है , १३ साल से हैं यहाँ
मेने ८ no. भिखारी को देखा , एकदम बुढा और काफी गन्दा दिखा , दाड़ी और बाल बढ़े हुए , कपडे फटे हुए
मैं राहुल की बात मान गयी
अब , मैं उसके पास गयी और बात करने लगी
मैं : बाबा , आप मेरे साथ घर मेरे घर चलोगे ?
भिखारी : घर , क्यों ?
मैं : बाबा , मेरी एक पूजा है , मैं आपको खाना खिलाउन्गी , नए कपडे दूंगी
भिखारी : मुझे ये सब नहीं चाइए , इन से मेरा क्या होगा
मैं : तब क्या चाइए , आप कहिये ?
भिखारी : हमको तो पैसा मिलने से अच्छा है
( उसको तो आभास ही नहीं था , उसको क्या मिलने वाला है , घर जा के )
मैं : बाबा , १०००/- ठीक हैं ?
भिखारी चौंक गया और खुश होगया , लेकिन उसे विस्वास नहीं हुआ ,
भिखारी : अभी दो
मैं : अभी ५००/- दे देती हूँ , ५००/- बाद में दूंगी
और मैंने ५००/- दिए उसको
सब राहुल का सिखाया हुआ था
मैं भिखारी को ले राहुल के पास आई
और हम गाड़ी में आ पीछे की सीट पे दोनों बैठ गए
राहुल : मालकिन , अब घर चलें ?
मुझे हंसी आई , ऐसा इसलिए था ताकि उस को कुछ पता नहीं चले
घर में भी कोई नहीं था
हम घर पहुँच गए 30 मिनट में
घर पहुँच , गेट पे भिखारी को रोका और कहा – बाबा , मैं आती हूँ
एक गिलास में पानी और एक गिलास में दूध ले के आई , और झुक के दोनों पैरों को पानी से धोया , और फिर दूध से धोया
मैं : बाबा , आशीर्वाद दीजिये , मेरी पूजा सफल हो
भिकारी बहुत आश्चर्यजनक था , उसको इसकी कोई उम्मीद नहीं थी
भिकारी : बेटी , तुम्हारी पूजा सफल हो , ये कोण सी पूजा है ?
मैं : मुझे आपकी पूरी सेवा करनी है एक दिन
और मैं उसको ले अंदर ले आई
ड्राइंग hall में आ , वो जमीन पे बैठने लगा
मैंने उनको सोफे पे बैठने कहा और कहा – रामू , बाबा के लिए फल और दूध ले आओ
भिखारी सुन के चौंक गया
रामू , राहुल धोती पहना हुआ , फल ले आया
२ सेव , २ केला और २ संतरे कटे हुए थे , दूध का गिलास भी था
बाबा फटाफट फल खा , दूध पी लिया
वो अब थोरा खुस लग रहा था
मैं : बाबा , आइये आप नहा लीजिये
और उसको ले , बाथरूम ले आई
वो एकदम चौंका हुआ था , बोला : नहीं , मैं ऐसे ही ठीक हूँ , मुझे नहाने की आदत नहीं
मैं : मेरी पूजा में यही है – आपको नहलाना , आपको खाना खिलाना और आप की सेवा करना
मैं : आइये , मैं आपको ठीक से नहला दूंगी
मैं आती हूँ , कह के मैं वहां से चली गयी
२ मिनट में , half pant और टी शर्ट में पहन वापस आई
बाबा मुझे देख चौंक गया
मैं : पानी में आपको नहलाने में आराम रहेगा इसमें
वो एक फटा हुआ कुरता और एक लुंगी पहना हुआ था
भिखारी : मेरे कपडे तो भीग जायेंगे
मैं : बाबा आपके लिए नए कपडे हैं
अब मैं उनका कुरता अपने हाथ से उतारी , पूरा सरीर काला और एकदम गन्दा था , चेहरा भी गन्दा था
अब मैं उसकी लुंगी उतारने लगी , उसने मेरे हाथ को रोका , शायद शर्मा रहा था
मैं : बाबा , लुंगी उतरने से आप ठीक से नहा पाएंगे , शर्माइये मत , सिर्फ मैं ही हूँ यहाँ
और उसकी लुंगी उतार दी , अब वो पूरा नंगा खड़ा था
अंदर भी एकदम गन्दा था , उसका lund भी बुझा बुझा था
अब अमिन उसको बैठा दी
बाथरूम में सब तैयारी कर रखी थी
पहले , पुरे सरीर पे ३-4 बाल्टी पानी से नहलाया
फिर shampo ले उसके बालों पे लगाया , और बालों को थोरा साफ़ किया
बहुत ही गन्दा था , गंध आ रही थी
अब मैं साबुन ले , उसके सरीर पे लगाने लगी
पहले पीठ पे लगाया , फिर उसकी गांड पे लगाया
अब सामने आ , खडे खडे उसके चहरे पे लगाया , मेरे boobs उसके मुह से टकरा रहे थे
फिर नीचे बैठ , उसकी छाती पे लगाया
फिर हाथ और पैर पे लगाया
अब main जगह आई
मैं साबुन ले , धीरे से उसके lund को पकड़ उसपे लगाने लगी
बाबा ने मेरा हाथ पकड़ लिया
मैं : बाबा , सबसे ज्यादा गन्दा तो ये ही है न , हमेशा ढका रहता है , आप शर्माइये मत
और दोनों हाथ से उसके lund पे साबुन लगाने लगी
अब वो बुझा बुझा lund धीरे धीरे खड़ा होने लगा
मैंने उसके दोनों गोटों को पकड़ उसपे साबुन लगाया
अंदर अंगुली कर , गांड के छेद में लगाई
फिर पानी ले , ऊपर से साफ़ करने लगी
हाथ से साबुन हटाने लगी , पहले पीठ फिर गांड
फिर सामने आ पहले चेहरा , पूरा boobs उनके मुह से सटा दी
फिर नीचे बैठ , छाती , हांथ पैर साफ़ किया
अब उसका lund पकड़ वहां से साबुन साफ़ करने लगी , ऊपर नीचे करते करते
अब वो पूरा खड़ा हो गया था
दोनों गोटो को भी साफ़ किया
अब वो काफी साफ़ दिखने लगा
अब गमछा ले उसके शरीर को पोछने लगी
पुरे शरीर को पोछा वैसे ही , lund को खास पोछा २-३ बार आगे पीछे कर , थोरा दबाया भी
अब पुरे शरीर पे पाउडर लगाया
इस तरह , उसके lund को ३-4 बार पकड़ उसको गरम कर दिया
अब उसको कुरता दिया , और लुंगी दी पहनने को
मैं : बाबा , आप तो पूरा बदल गए , कितने साफ़ हो गए
बाहर आ , बाबा को सोफे पे बैठा
मैं साड़ी पहन आई
मैंने एक आरती की थाली लायी , उसके टीका लगाया और पैर छु बोली
मैं : बाबा , आशीवाद दीजिये
अब उसको पूरा विस्वास हो गया , कोई पूजा ही है
अब मैं बोली : रामू , बाबाजी के लिए खाना लाओ
रामू ( राहुल ) एक खाने की थाली लाया
थाली में २ रोटी , २ तरह की सब्जी , दाल , दही , चटनी और २ रसगुल्ला था
मैं : बाबा , आप खाना सुरु कीजिये
मैं हाथ जोड़ खाड़ी रही , बाबा खाने पे टूट पड़ा
करीब ८ रोटी खायी और ६ रसगुल्ले
नहाने से अब वो गन्दगी नहीं दिख रही थी , लेकिन पुरे गंदे तो थे ही
करीब अब २ बज रहे थे
मैं : बाबा , अब आराम करिए
मैं उनको ले , bed रूम में ले आई
जमीन पे एक चटाई बिची थी , एक तकिया रखा था
खास मकसद जो था
बाबा जमीन पे लेट गया , तकिये का सहा ले
मैं : बाबा , आप काफी थके हुए होंगे , आपकी मालिश कर देती हूँ
बाबा को अब मज़ा आने लगा शायद
मैं : बाबा , मैं अभी आई , मालिश का सामान ले के
मैं फिर half pant और टी शर्ट में आ , cream , शहद और इतर ले आई
( तारापीठ में जो सिखा था )
मैंने बाबा को कुरता उतारने कहा
अब बाबा सिर्फ लुंगी में था , उल्टा लेटा हुआ
अब मैं cream ले , उनकी पीठ पे लगाने लगी , पूरी पीठ पे लगाई
फिर पैरो पे आई , फिर ऊपर होते हुए , लुंगी के अंदर से हो दोनों गांड पे cream लगाने लगी
दोनों गांड को जोर जोर से दबाने लगी , बाबा गरम होने लगा था
अब बाबा को सीधा होने कहा ,
पास में लेट , उसके सीने पे लगाई , दोनों चुचियो पे लगाई
फिर नीचे हो , दोनों पैर पे लगाई , ऊपर जन्घो तक आई
अब ऊपर हो , लुंगी के अंदर से ही , उसके lund पे cream दोनों हाथ से लगाने लगी
उसका lund अब फिर से पूरा खड़ा हो गया , पूरा गरम हो गया वो
फिर बाबा को उल्टा होने कहा ,
अब शहद ले पीठ पे , फिर पैर पे , और फिर हाथ को उपर ले जा गांड पे लगाई
बाबा को सीधा होने को कहा
पहले उनकी चुचियों पे शहद लगाई , म्रेरे boobs उनसे सटे हुए थे
अब नीचे हो , पैरों पे लगाया , ऊपर जन्घो तक आई
फिर गोटो को पकड़ शहद लगाया , फिर दोनों हाथ से lund पकड़ दबाते हुए , ऊपर नीचे करते शहद लगाई २-३ मिनट
अब मै शहद की कटोरी अलग रख दी
बाबा को फिर उल्टा होने कहा
अब मैं बाबा को पूरा गरम करने के लिए बोली : बाबा , पूजा की हिसाब से पहले cream , फिर शहद से मालिश कर , अब jeev से साफ करना है , आपको ठीक रहा है ना
बाबा : बहुत अच्छा लग रहा है बेटी , पूजा में जो लिखा है , पुरा करो
अब मैं jeev से पीठ को चाटने लगी , नीचे पैरो पे आई , और फिर लुंगी ऊपर कर गांड को पूरी चाटी
बाबा को पलटने बोली
और उनसे सट , उनकी चुचियों को jeev से चाटने लगी , बाबा पूरी आंख बंद कर रखा था
अब नीचे आई पैरो को चाटी , ऊपर जांघ तक आई चाटते चाटते
अब मेरा मुख्या उद्देश्य सामने था
अब मैं लुंगी को ऊपर कर , गोटों को jeev से चाटने लगी
और लुंगी अलग कर दी
अब lund पे jeev फिरने लगी , और २ मिनट में उसकी lund को पूरा मुह में ले , चूसने लगी
बाबा का हाथ मेरे सिर पे आया , बोला : आह बेटी , बहुत अच्छा लग रहा है , कितने दिनों बाद किसीने मुह में लिया है
मैं : बाबा ये पूजा है , लेकिन आपका बहुत बड़ा है , मुझे भी अच्छा लग रहा है , कब लिया था किसी ने मुह में
बाबा : बेटा , करीब 15 वर्स हो गए , किसी को चोदे
अब बाबा खुल के बात किये , मैं उसका चुस्ती रही , और बोली – बाबा , लेकिन आपका बहुत बड़ा है , जिसको भी चोदेंगे , पूरा मज़ा आएगा उसको
बाबा : अब कोन मुझको चोदने देगा ?
मैं : क्यों , बाबा ?
बाबा : मैं बुढा भिखारी जो हूँ ? तुम ही कहो , तुम चोदने दोगी ?
मैं : बाबा , मेरी पूजा के हिसाब से , आप जो चाहेगे , मुझे कोई आपति नहीं है , बस थोरी देर रुकिए , शहद चूस लूँ , चिपचिप नहीं रहेगा यहाँ
अब उसको पूरा गरम कर दी थी
अब मैं अलग हो गयी
अब , बाबा को खडे होने कहा
बाबा नंगा ही था , खड़ा हो गया
अब मैं इतर ले उसके पीठ पे लगे , पीछे से उसके गांड पे लगाई
अब टी शर्ट के २ बटन खोल , ताकि चूची उनको पूरी दिखे , सामने आई
मैं चाहती थी , वो गन्दी बात करे , मूझे छूने की चेष्टा करे अब
सामने से , उससे चिपक , उसकी चुचियों पे इतर लगाई, और बोली ; आप ५४ के लगते नहीं , जवान लगते हो अभी भी
उसको गरम कर रही थी , उसकी शर्म दूर कर रही थी
अब मैं नीचे बैठ गयी
पैरों पे इतर लगाया , जन्घो तक आई , घुटनों पे बैठ , उसके गोटों को पकड़ा
अब मेरी चूची उसको पूरी दिख रही , टी शर्ट के बटन खुला होने से
अब मैं उसके lund को पकड़ इतर लगाने लगी
बाबा ; तेरी चूची बहुत गोरी और बड़ी दिख रही है , मन कर रहा है छु लूँ , चुस्लूं
मैं ; अभी आप पकड़ सकते हो , चूसना बाद में
मेरे कहते ही , उसके दोनों हाथ मेरी चूची को पकड़ लिए और दबाने लगे
वो मेरी चूची दबा रहे थे , मैं उसके lund पे इतर लगा रही थी
फिर मैं अलग हो गयी
बाबा , मैं आती हूँ , हाथ धो के
और hall में आ गयी
राहुल से चिपक उसको kiss करने लगी – तुम और तुम्हारी fantasy , ओफ्फ्फफ्फ्फ्फ़
राहुल : मज़ा आ रहा है ना
मैं : सोचा नहीं था ऐसी पूजा का , अच्छा ही लग रहा है , लेकिन अब चुदवाना है ना
राहुल : पूजा की विधि जो है dear
और हम दोनों हंसने लगा
राहुल , अब , एक गुलाब के फूलों की थाली ले कमरे में जा , पलंग पे फूल चारों तरफ डाल दिए
बाबा खड़ा ही था
राहुल : बीवीजी पूजा करके आ रही हैं , ठीक से चोदना उनको , पूजा है ये
और बाहर आ गया
हम दोनों हंसने लगे
अब मैं भीतर गयी
बाबा खाड़ी ही थे नंगा
मैं : बाबा , अब आप मुझे चोद सकते हैं
और मैं टी शर्ट उतर दी , half pant खोल दी
नंगी हो , उनका हाथ पकड़ , बिस्टर पैर आई और लेट गयी
वो बी पास में लेट मेरी चूची को पकड़ दबाने लगा , और चुसने लगा
फिर chut पे आया , chut को चूसा , फिर नीचे हो अपना lund मेरी chut में डाल चोदने लगा
राहुल भीतेर आ , हम दोनों पे फूल छिड़कने लगा
बाबा चौंक गया , मुझे हंसी आ रही थी
अब मैं उनको सीधा लेटा , उसपे चढ़ चोदने लगी
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
अब मैं उठ , उल्टा हो उसका lund चूसने लगी और उसको मेरा chut चूसने बोली
69 में उसको चुसाया
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
अब मैं उठ गयी , उसको भी उठने बोली , कुटिया की तरह हुई और वो चोदना सुरु किया
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
थोरी देर में , हम अलग हो गए
मैं उसके पैर छुते हुए ; बाबा , अब आप खुस हो ?
बाबा ; बेटी , आज का दिन मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा , पूरा आशीवाद है तुमको , तुम्हारी पूजा सफल हो
बाबा लुंगी पहन ली
करीब ८ बज़ रहे थे
हम उनको ले , गाडी में , kolkata छोरने आये
५००/- दे उनको उनकी जगह छोर , वापस गाड़ी में आ गए
अब मैं सामने बैठ गयी , राहुल गाड़ी चलाने लगा
हम दोनों हंसने लगे , मैं बोली : तुम्हारी एक fantasy और पूरी हो गयी dear
राहुल : तुम्हारी पूजा सफल हो
हम दोनों फिर हंस पड़े , और पुरे रास्ते , घर पहुंचने तक , मैं उसका lund पकड़े रही
मकर सक्रांति की ये पूजा भिखारी के साथ
एक अलग अनुभव , मेरे अनुभवों की list में आ गयी
२ साल गुजर गए
हम सारी बातें लगभग भूल ही चुके थे
पुरानी बातें कुछ भी अब याद ही नहीं थी
जनवरी का महिना था
१३ तारीख का दिन था
राहुल : यार vini , २ साल हो गए , कुछ खास हुआ नहीं
मैं : पैकिंग करूँ क्या ?
राहुल चोंकते हुए : क्यों ?
मैं ( हँसते हुए ) ; पट्टाया चलना है ना
राहुल ( हँसते हुए ) – पट्टाया को ही घर में ले आयें
मैं समझी नहीं , पूछा – कैसे
राहुल : देखो , घर में कोई है नहीं ३ दिन , मेरी एक fantasy पूरी करने के लिए अच्छा मौका है
मैं : ऐसी कोन सी fantasy है जो घर में होगी और वो भी किसी के ना होने से
राहुल : देखो , कल – परसों मकर सक्रांति है , हम किसी भिखारी को ला , उसे दिन भर खुस करें
मैं पूरा चौक गयी : भिखारी ? वो क्यों ?
राहुल : हाँ भिखारी , जरा सोचो , उनको सब अपने मतलब के लिए , अपनी पूजा के लिए २/- ५ /- १०/- या थोरा सामान दे देते हैं , लेकिन उनके दूसरी जरुरत की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता
मैं : दूसरी कोन सी और जरुरत होगी भिखारी की , पैसों के अलावा ?
राहुल : आदमी की पहली जरुरत है – इज्ज़त , प्यार और एक खास जरुरत है – sex , जो कभी पूरी होती ही नहीं उनकी
मैं थोरा सोचते हुए : हां , बात तो तुम्हारी सही है , उनकी भी तो ये सब जरुरत होती ही है , लेकीन इसमें हम क्या और कैसे कर सकते हैं ?
राहुल : मैं सोच रहा हूँ – एक भिखारी को घर में ला उसकी इन जरुरत को पूरा करें – एक दिन के लिए ही सही
मैं : तुम्हारा मतलब समझ रही हूँ अब , भिखारी के साथ sex करने कह रहे हो , नहीं , बिलकुल नहीं , पहले तो मुझे मंजूर नहीं , दूसरा –घर में होने से , किसी को पता चलेगा तो इज्ज़त चली जाएगी
राहुल ने मुझे सब ठीक से समझाया और मुझे तैयार कर ही लिया , भिखारी को घर लाने, मकर सक्रांति का इस से बडा दान क्या होगा कह के
आज १३ तारीख थी , कल १४ तारिख को भिखारी को घर लाने का fix हुआ
हम आज , करीब ११ कम्बल लाये , कुछ मिठाई लिए
१४ तारीख आ गयी
करीब ९ बजे सुबह , हम kolkata निकले ( बेलूर से दूर ) , बाबा भूतनाथ ( शिवजी का मंदिर ) का दर्शन किये
वहां बहुत भिखारी रहते थे
हमने मिठाई और कम्बल भिखारियों को बाटे , उनको ध्यान से देखे ,३-4 प्रश्न पूछे
पुरे ११ कबल बट गए , अब मैं और राहुल बात करने लगे
मैं : ३ no. भिखारी ठीक लग रहा है , young भी है , थोरा साफ़ भी है , ३ साल से हैं यहाँ , ३२ का है
राहुल : हमे young नहीं बुढा भिखारी देखना है , क्यों कि उसको sex किये बहुत दिन हुए होंगे , ८ no. ठीक लगा मुझे ५४ का है , १३ साल से हैं यहाँ
मेने ८ no. भिखारी को देखा , एकदम बुढा और काफी गन्दा दिखा , दाड़ी और बाल बढ़े हुए , कपडे फटे हुए
मैं राहुल की बात मान गयी
अब , मैं उसके पास गयी और बात करने लगी
मैं : बाबा , आप मेरे साथ घर मेरे घर चलोगे ?
भिखारी : घर , क्यों ?
मैं : बाबा , मेरी एक पूजा है , मैं आपको खाना खिलाउन्गी , नए कपडे दूंगी
भिखारी : मुझे ये सब नहीं चाइए , इन से मेरा क्या होगा
मैं : तब क्या चाइए , आप कहिये ?
भिखारी : हमको तो पैसा मिलने से अच्छा है
( उसको तो आभास ही नहीं था , उसको क्या मिलने वाला है , घर जा के )
मैं : बाबा , १०००/- ठीक हैं ?
भिखारी चौंक गया और खुश होगया , लेकिन उसे विस्वास नहीं हुआ ,
भिखारी : अभी दो
मैं : अभी ५००/- दे देती हूँ , ५००/- बाद में दूंगी
और मैंने ५००/- दिए उसको
सब राहुल का सिखाया हुआ था
मैं भिखारी को ले राहुल के पास आई
और हम गाड़ी में आ पीछे की सीट पे दोनों बैठ गए
राहुल : मालकिन , अब घर चलें ?
मुझे हंसी आई , ऐसा इसलिए था ताकि उस को कुछ पता नहीं चले
घर में भी कोई नहीं था
हम घर पहुँच गए 30 मिनट में
घर पहुँच , गेट पे भिखारी को रोका और कहा – बाबा , मैं आती हूँ
एक गिलास में पानी और एक गिलास में दूध ले के आई , और झुक के दोनों पैरों को पानी से धोया , और फिर दूध से धोया
मैं : बाबा , आशीर्वाद दीजिये , मेरी पूजा सफल हो
भिकारी बहुत आश्चर्यजनक था , उसको इसकी कोई उम्मीद नहीं थी
भिकारी : बेटी , तुम्हारी पूजा सफल हो , ये कोण सी पूजा है ?
मैं : मुझे आपकी पूरी सेवा करनी है एक दिन
और मैं उसको ले अंदर ले आई
ड्राइंग hall में आ , वो जमीन पे बैठने लगा
मैंने उनको सोफे पे बैठने कहा और कहा – रामू , बाबा के लिए फल और दूध ले आओ
भिखारी सुन के चौंक गया
रामू , राहुल धोती पहना हुआ , फल ले आया
२ सेव , २ केला और २ संतरे कटे हुए थे , दूध का गिलास भी था
बाबा फटाफट फल खा , दूध पी लिया
वो अब थोरा खुस लग रहा था
मैं : बाबा , आइये आप नहा लीजिये
और उसको ले , बाथरूम ले आई
वो एकदम चौंका हुआ था , बोला : नहीं , मैं ऐसे ही ठीक हूँ , मुझे नहाने की आदत नहीं
मैं : मेरी पूजा में यही है – आपको नहलाना , आपको खाना खिलाना और आप की सेवा करना
मैं : आइये , मैं आपको ठीक से नहला दूंगी
मैं आती हूँ , कह के मैं वहां से चली गयी
२ मिनट में , half pant और टी शर्ट में पहन वापस आई
बाबा मुझे देख चौंक गया
मैं : पानी में आपको नहलाने में आराम रहेगा इसमें
वो एक फटा हुआ कुरता और एक लुंगी पहना हुआ था
भिखारी : मेरे कपडे तो भीग जायेंगे
मैं : बाबा आपके लिए नए कपडे हैं
अब मैं उनका कुरता अपने हाथ से उतारी , पूरा सरीर काला और एकदम गन्दा था , चेहरा भी गन्दा था
अब मैं उसकी लुंगी उतारने लगी , उसने मेरे हाथ को रोका , शायद शर्मा रहा था
मैं : बाबा , लुंगी उतरने से आप ठीक से नहा पाएंगे , शर्माइये मत , सिर्फ मैं ही हूँ यहाँ
और उसकी लुंगी उतार दी , अब वो पूरा नंगा खड़ा था
अंदर भी एकदम गन्दा था , उसका lund भी बुझा बुझा था
अब अमिन उसको बैठा दी
बाथरूम में सब तैयारी कर रखी थी
पहले , पुरे सरीर पे ३-4 बाल्टी पानी से नहलाया
फिर shampo ले उसके बालों पे लगाया , और बालों को थोरा साफ़ किया
बहुत ही गन्दा था , गंध आ रही थी
अब मैं साबुन ले , उसके सरीर पे लगाने लगी
पहले पीठ पे लगाया , फिर उसकी गांड पे लगाया
अब सामने आ , खडे खडे उसके चहरे पे लगाया , मेरे boobs उसके मुह से टकरा रहे थे
फिर नीचे बैठ , उसकी छाती पे लगाया
फिर हाथ और पैर पे लगाया
अब main जगह आई
मैं साबुन ले , धीरे से उसके lund को पकड़ उसपे लगाने लगी
बाबा ने मेरा हाथ पकड़ लिया
मैं : बाबा , सबसे ज्यादा गन्दा तो ये ही है न , हमेशा ढका रहता है , आप शर्माइये मत
और दोनों हाथ से उसके lund पे साबुन लगाने लगी
अब वो बुझा बुझा lund धीरे धीरे खड़ा होने लगा
मैंने उसके दोनों गोटों को पकड़ उसपे साबुन लगाया
अंदर अंगुली कर , गांड के छेद में लगाई
फिर पानी ले , ऊपर से साफ़ करने लगी
हाथ से साबुन हटाने लगी , पहले पीठ फिर गांड
फिर सामने आ पहले चेहरा , पूरा boobs उनके मुह से सटा दी
फिर नीचे बैठ , छाती , हांथ पैर साफ़ किया
अब उसका lund पकड़ वहां से साबुन साफ़ करने लगी , ऊपर नीचे करते करते
अब वो पूरा खड़ा हो गया था
दोनों गोटो को भी साफ़ किया
अब वो काफी साफ़ दिखने लगा
अब गमछा ले उसके शरीर को पोछने लगी
पुरे शरीर को पोछा वैसे ही , lund को खास पोछा २-३ बार आगे पीछे कर , थोरा दबाया भी
अब पुरे शरीर पे पाउडर लगाया
इस तरह , उसके lund को ३-4 बार पकड़ उसको गरम कर दिया
अब उसको कुरता दिया , और लुंगी दी पहनने को
मैं : बाबा , आप तो पूरा बदल गए , कितने साफ़ हो गए
बाहर आ , बाबा को सोफे पे बैठा
मैं साड़ी पहन आई
मैंने एक आरती की थाली लायी , उसके टीका लगाया और पैर छु बोली
मैं : बाबा , आशीवाद दीजिये
अब उसको पूरा विस्वास हो गया , कोई पूजा ही है
अब मैं बोली : रामू , बाबाजी के लिए खाना लाओ
रामू ( राहुल ) एक खाने की थाली लाया
थाली में २ रोटी , २ तरह की सब्जी , दाल , दही , चटनी और २ रसगुल्ला था
मैं : बाबा , आप खाना सुरु कीजिये
मैं हाथ जोड़ खाड़ी रही , बाबा खाने पे टूट पड़ा
करीब ८ रोटी खायी और ६ रसगुल्ले
नहाने से अब वो गन्दगी नहीं दिख रही थी , लेकिन पुरे गंदे तो थे ही
करीब अब २ बज रहे थे
मैं : बाबा , अब आराम करिए
मैं उनको ले , bed रूम में ले आई
जमीन पे एक चटाई बिची थी , एक तकिया रखा था
खास मकसद जो था
बाबा जमीन पे लेट गया , तकिये का सहा ले
मैं : बाबा , आप काफी थके हुए होंगे , आपकी मालिश कर देती हूँ
बाबा को अब मज़ा आने लगा शायद
मैं : बाबा , मैं अभी आई , मालिश का सामान ले के
मैं फिर half pant और टी शर्ट में आ , cream , शहद और इतर ले आई
( तारापीठ में जो सिखा था )
मैंने बाबा को कुरता उतारने कहा
अब बाबा सिर्फ लुंगी में था , उल्टा लेटा हुआ
अब मैं cream ले , उनकी पीठ पे लगाने लगी , पूरी पीठ पे लगाई
फिर पैरो पे आई , फिर ऊपर होते हुए , लुंगी के अंदर से हो दोनों गांड पे cream लगाने लगी
दोनों गांड को जोर जोर से दबाने लगी , बाबा गरम होने लगा था
अब बाबा को सीधा होने कहा ,
पास में लेट , उसके सीने पे लगाई , दोनों चुचियो पे लगाई
फिर नीचे हो , दोनों पैर पे लगाई , ऊपर जन्घो तक आई
अब ऊपर हो , लुंगी के अंदर से ही , उसके lund पे cream दोनों हाथ से लगाने लगी
उसका lund अब फिर से पूरा खड़ा हो गया , पूरा गरम हो गया वो
फिर बाबा को उल्टा होने कहा ,
अब शहद ले पीठ पे , फिर पैर पे , और फिर हाथ को उपर ले जा गांड पे लगाई
बाबा को सीधा होने को कहा
पहले उनकी चुचियों पे शहद लगाई , म्रेरे boobs उनसे सटे हुए थे
अब नीचे हो , पैरों पे लगाया , ऊपर जन्घो तक आई
फिर गोटो को पकड़ शहद लगाया , फिर दोनों हाथ से lund पकड़ दबाते हुए , ऊपर नीचे करते शहद लगाई २-३ मिनट
अब मै शहद की कटोरी अलग रख दी
बाबा को फिर उल्टा होने कहा
अब मैं बाबा को पूरा गरम करने के लिए बोली : बाबा , पूजा की हिसाब से पहले cream , फिर शहद से मालिश कर , अब jeev से साफ करना है , आपको ठीक रहा है ना
बाबा : बहुत अच्छा लग रहा है बेटी , पूजा में जो लिखा है , पुरा करो
अब मैं jeev से पीठ को चाटने लगी , नीचे पैरो पे आई , और फिर लुंगी ऊपर कर गांड को पूरी चाटी
बाबा को पलटने बोली
और उनसे सट , उनकी चुचियों को jeev से चाटने लगी , बाबा पूरी आंख बंद कर रखा था
अब नीचे आई पैरो को चाटी , ऊपर जांघ तक आई चाटते चाटते
अब मेरा मुख्या उद्देश्य सामने था
अब मैं लुंगी को ऊपर कर , गोटों को jeev से चाटने लगी
और लुंगी अलग कर दी
अब lund पे jeev फिरने लगी , और २ मिनट में उसकी lund को पूरा मुह में ले , चूसने लगी
बाबा का हाथ मेरे सिर पे आया , बोला : आह बेटी , बहुत अच्छा लग रहा है , कितने दिनों बाद किसीने मुह में लिया है
मैं : बाबा ये पूजा है , लेकिन आपका बहुत बड़ा है , मुझे भी अच्छा लग रहा है , कब लिया था किसी ने मुह में
बाबा : बेटा , करीब 15 वर्स हो गए , किसी को चोदे
अब बाबा खुल के बात किये , मैं उसका चुस्ती रही , और बोली – बाबा , लेकिन आपका बहुत बड़ा है , जिसको भी चोदेंगे , पूरा मज़ा आएगा उसको
बाबा : अब कोन मुझको चोदने देगा ?
मैं : क्यों , बाबा ?
बाबा : मैं बुढा भिखारी जो हूँ ? तुम ही कहो , तुम चोदने दोगी ?
मैं : बाबा , मेरी पूजा के हिसाब से , आप जो चाहेगे , मुझे कोई आपति नहीं है , बस थोरी देर रुकिए , शहद चूस लूँ , चिपचिप नहीं रहेगा यहाँ
अब उसको पूरा गरम कर दी थी
अब मैं अलग हो गयी
अब , बाबा को खडे होने कहा
बाबा नंगा ही था , खड़ा हो गया
अब मैं इतर ले उसके पीठ पे लगे , पीछे से उसके गांड पे लगाई
अब टी शर्ट के २ बटन खोल , ताकि चूची उनको पूरी दिखे , सामने आई
मैं चाहती थी , वो गन्दी बात करे , मूझे छूने की चेष्टा करे अब
सामने से , उससे चिपक , उसकी चुचियों पे इतर लगाई, और बोली ; आप ५४ के लगते नहीं , जवान लगते हो अभी भी
उसको गरम कर रही थी , उसकी शर्म दूर कर रही थी
अब मैं नीचे बैठ गयी
पैरों पे इतर लगाया , जन्घो तक आई , घुटनों पे बैठ , उसके गोटों को पकड़ा
अब मेरी चूची उसको पूरी दिख रही , टी शर्ट के बटन खुला होने से
अब मैं उसके lund को पकड़ इतर लगाने लगी
बाबा ; तेरी चूची बहुत गोरी और बड़ी दिख रही है , मन कर रहा है छु लूँ , चुस्लूं
मैं ; अभी आप पकड़ सकते हो , चूसना बाद में
मेरे कहते ही , उसके दोनों हाथ मेरी चूची को पकड़ लिए और दबाने लगे
वो मेरी चूची दबा रहे थे , मैं उसके lund पे इतर लगा रही थी
फिर मैं अलग हो गयी
बाबा , मैं आती हूँ , हाथ धो के
और hall में आ गयी
राहुल से चिपक उसको kiss करने लगी – तुम और तुम्हारी fantasy , ओफ्फ्फफ्फ्फ्फ़
राहुल : मज़ा आ रहा है ना
मैं : सोचा नहीं था ऐसी पूजा का , अच्छा ही लग रहा है , लेकिन अब चुदवाना है ना
राहुल : पूजा की विधि जो है dear
और हम दोनों हंसने लगा
राहुल , अब , एक गुलाब के फूलों की थाली ले कमरे में जा , पलंग पे फूल चारों तरफ डाल दिए
बाबा खड़ा ही था
राहुल : बीवीजी पूजा करके आ रही हैं , ठीक से चोदना उनको , पूजा है ये
और बाहर आ गया
हम दोनों हंसने लगे
अब मैं भीतर गयी
बाबा खाड़ी ही थे नंगा
मैं : बाबा , अब आप मुझे चोद सकते हैं
और मैं टी शर्ट उतर दी , half pant खोल दी
नंगी हो , उनका हाथ पकड़ , बिस्टर पैर आई और लेट गयी
वो बी पास में लेट मेरी चूची को पकड़ दबाने लगा , और चुसने लगा
फिर chut पे आया , chut को चूसा , फिर नीचे हो अपना lund मेरी chut में डाल चोदने लगा
राहुल भीतेर आ , हम दोनों पे फूल छिड़कने लगा
बाबा चौंक गया , मुझे हंसी आ रही थी
अब मैं उनको सीधा लेटा , उसपे चढ़ चोदने लगी
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
अब मैं उठ , उल्टा हो उसका lund चूसने लगी और उसको मेरा chut चूसने बोली
69 में उसको चुसाया
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
अब मैं उठ गयी , उसको भी उठने बोली , कुटिया की तरह हुई और वो चोदना सुरु किया
राहुल फिर आ , फूल छिड़कने लगा
थोरी देर में , हम अलग हो गए
मैं उसके पैर छुते हुए ; बाबा , अब आप खुस हो ?
बाबा ; बेटी , आज का दिन मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा , पूरा आशीवाद है तुमको , तुम्हारी पूजा सफल हो
बाबा लुंगी पहन ली
करीब ८ बज़ रहे थे
हम उनको ले , गाडी में , kolkata छोरने आये
५००/- दे उनको उनकी जगह छोर , वापस गाड़ी में आ गए
अब मैं सामने बैठ गयी , राहुल गाड़ी चलाने लगा
हम दोनों हंसने लगे , मैं बोली : तुम्हारी एक fantasy और पूरी हो गयी dear
राहुल : तुम्हारी पूजा सफल हो
हम दोनों फिर हंस पड़े , और पुरे रास्ते , घर पहुंचने तक , मैं उसका lund पकड़े रही
मकर सक्रांति की ये पूजा भिखारी के साथ
एक अलग अनुभव , मेरे अनुभवों की list में आ गयी