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सास की रास लीला
#12
अनुज की कुल्फी खाकर संगीता मस्त हो गई थी। अनुजभी सास के जलवे देखकर खुश था। सास का मुंह अपने माल से भरने के बाद अनुज अच्छा सा शावर ले आया संगीता अभी भी हाल में बैठी अनुज के लन्ड का स्वाद अपनी जुबान पर याद कर खुश हों रही थी। अनुज देखते ही समझ गया चूत की खुजली से सास पागल हो चुकी है। उसने सोचा संगीता की टांग खींचते हैं।
अनुज: अरे प्रेरणा तुम?
अचानक प्रेरणा का नाम सुनकर संगीता गड़बड़ाई उसकी हालत देखकर कोई भी बता सकता था की उसने क्या गुल खिलाए है। वो झट से उठ खड़ी हुई तो कोई नही था। वह समझ गई अनुज उसकी टांग खींच रहा है।
संगीता: अनुज टांग मत खींचो प्लीज आती हु मेरा हुलिया ठीक कर
अनुज: संगी डार्लिंग टांग खिचुंगा नही उठाऊंगा। उठाएगी न टांग मेरे लिए।
संगीता: धत तुम बड़े बेशरम हो।
संगीता शर्मा कर अंदर चली गई। संगीता फ्रेश होकर हल्का सा मेक अप करने लगी तो उसे प्रेरणा की आवाज सुनाई दी। प्रेरणा आई है यह सुनके उसने मेक अप छोड़ दिया और बाहर आई। प्रेरणा अपनी मम्मी को देखकर खुश हो गई।
प्रेरणा: और मम्मी कैसा रहा दिन
संगीता का दिन तो मजेदार था कई घंटे नंगी पड़ी थी प्रेरणा के बिस्तर में वह भी उसी के पति के साथ पर प्रेरणा के पूछते ही उसने कहा
संगीता: दिन तो ठीक ही था क्या ही अलग होगा घर बैठे बैठे
प्रेरणा: मुझे बैठना है घर शांति से पर ये काम खत्म नहीं हो रहा।
संगीता: इतना क्यू करना है फिर छोड़ दें जॉब दामादजी अच्छा तो कमा रहे हैं।
प्रेरणा: और क्या करू घर बैठ कर?
संगीता: बच्चे कर घर गृहस्ती संभाल।
प्रेरणा: मेरा दिमाग फट रहा है और बोर मत करो मम्मी आपसे बात करना ही बेकार है ।
प्रेरणा उठकर अपनी रूम में चली गई और दरवाजा पटक कर बंद कर दिया। अनुज दोनो की बाते सुन रहा था पर उसने जान कर अंजान बन पूछा
अनुज: अरे धीरे ! दरवाजा तोड़ना है क्या?
प्रेरणा: अनुज प्लीज मम्मी ने दिमाग खराब कर रखा है मेरा ऑलरेडी
अनुज: चील। ये लो पानी पियो और शांति से बैठके बताओ क्या हुआ।
अनुज स्माइल करते हुए पानी की बोतल लेकर खड़ा था। बिना बात उसपर चिल्लाकर भी अनुज शांत था प्रेरणा को गिल्टी फील होने लगा। उसने बोतल से एक घुट पानी पिया और बेड पर बैठ गई।
प्रेरणा: सॉरी! थक कर आई थी और मम्मी का रोज का रोना शुरू हो गया।
अनुज: रोज का रोना? क्या बोला ऐसा तुम्हारी मम्मी ने
प्रेरणा: मम्मी की हर बात बच्चे पर आ कर रुकती है।
अनुज: किसका बच्चा?
प्रेरणा: अनुज डोंट मेस विथ मि यार यू नो वॉट आई एम टॉकिंग अबाउट
अनुज: अरे इग्नोर करो इट्स ऑब्वियस फॉर हर एज। अगली बार पूछा तो बोल देना ट्राई कर रहे है।
प्रेरणा: पागल हो क्या? मैं बोलूंगी और वो मान जायेगी
अनुज: नही मानी तो एक रात अपने बेडरूम में आकर देखने बोलना हा हा हा।
प्रेरणा: तुम भी ना किस भी टाइम शुरू हो जाते हो।
अनुज: तुम्हारी स्माइल और गांड़ दोनो पे फ़िदा जो हु डार्लिंग।
प्रेरणा: मैं थकी हुई हूं आज नही प्लीज तुम क्विकी बोलते हो और फिर गांड़ मारे बिना छोड़ते नही।
अनुज: तुम भी ना प्रेरणा ये बड़ी गांड़ बनी किसके लिए है ।
प्रेरणा: तुम्हारी ही है पर आज नही आई एम टू टायर्ड
अनुज: ठीक है चलो कोई बात नही वैसे भी मुझे आज नेटफ्लिक्स देखना है तो मैं बाहर जाता हूं तुम रेस्ट करो
अनुज बिना गुस्साए मान गया यह देखकर प्रेरणा खुश हो गई उसे लगा अभी अनुज का मूड अच्छा है तो अभी उसे बता देती हु।
प्रेरणा: अच्छा सुनो न एक और बात करनी है
अनुज: क्या हुआ अब? बोलो
प्रेरणा: गुस्सा तो नही करोगे?
अनुज: बात क्या है।
प्रेरणा: वो मुझे न
अनुज: प्रेरणा चील रिलैक्स हो और बताओ
प्रेरणा: ऑफिस के ऑडिट के लिए पुणे जाना है कल और परसो ।
अनुज: २ दिन?
प्रेरणा: हा ऑफिस की कैब होगी तो रात में आ जाऊंगी घर।
अनुज: अरे इतना अप डाउन क्यू करना है ऑफिस को बोलो रहने का अरेंजमेंट करे
प्रेरणा: वो तो दे रहे है मैने ही मना किया क्युकी मम्मी यह है तो तुम्हे अनकंफर्टेबल होगा।
अनुज: तो उन्हें बोलो ना कल सुबह निकल जाएंगी।
प्रेरणा: पापा अमरनाथ यात्रा गए है तो अकेले नहीं रहना चाहती वहा मम्मी।
अनुज: ठीक है पर उनसे बात कर लेना अभी क्या वो कंफर्टेबल होंगी और बोल देना अपने काम से काम रखे मेरा खाना पीना मैं मेरे हिसाब से कर लूंगा।
अनुजने ऐसे दिखाया जैसे की वह खुश नही है पर सच तो यह था की प्रेरणा के जाने के बाद संगीता को अपनी रण्डी बना कर चोदने का प्लान उसके दिमाग में तैयार था। अनुज के मानने पर प्रेरणा खुश होकर बेडरूम से निकली और सीधे संगीता की रूम का दरवाजा खटखटाया।
संगीता अनुज के बारे में सोचती हुए अपनी चूत सहला रही थी। अचानक प्रेरणाकि आवाज सुनकर उसने अपना गाउन सही किया और दरवाजा खोला। प्रेरणा संगीता की बात सुनकर नाराज होकर चली गई थी तो अब क्यू आई होगी ? संगीता को जिंदगी में पहली बार चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत का अर्थ समझ आया उसका दिल घबरा रहा था पर उसने सोचा पहले सुन लेते है।
संगीता: क्या हुआ बेटा? सब ठीक इतनी लेट क्यू आई है? झगड़ा हुआ क्या?
प्रेरणा: अरे मम्मी आप भी जरा कुछ हुआ तो टेंशन शुरू बैठो कुछ बात करनी है।
संगीता के हाथ पैर ठंडे पड़ने लगे। वह बैठ गई और सुनने लगी
प्रेरणा: मम्मी ऑफिस में एक प्रोब्लम हुई है और मुझे कल अर्जंतली पुणे जाना पड़ेगा २ दिन के लिए
संगीता: २ दिन? तू जा रही है तो मैं कैसे रहूंगी इधर?
प्रेरणा: यह भी तो आपका ही घर है।
प्रेरणा को आइडिया नही था उसकी मां सिर्फ घर ही नही उसका पति भी अपना ही मान चुकी है। संगीता सोचने लगी कही प्रेरणा कुछ प्लान तो नही कर रही उसने सोचा सीधा मना कर देती हू।
संगीता: घर तेरा है और दामाद जी का मैं मेहमान हु जब मेजबान ही बाहर जा रही है मैं क्या करू मैं भी निकल जाऊंगी कल सुबह।
प्रेरणा: मम्मी २ दिन की ही बात है परसो रात मै आ जाऊंगी।
संगीता: तुने दामादजी से बात की?
प्रेरणा: हा और उसे कोई प्रोब्लम नही है आप बस उसे डिस्टर्ब मत करना वो अपने टाइम के हिसाब से खा लेगा काम मैनेज करके।
संगीता: तू नही रुक सकती क्या?
प्रेरणा: अरे मम्मी आप टेंशन मत लो २ दिन आराम से निकल जायेंगे चाहिए तो आपकी फ्रेंड है ना शोभा मासी उन्हें मिल लेना उतना ही बाहर रहोगे ऑकवर्ड नही होगा।
संगीता: ठीक है। पर मुझे कॉल करती रहना।
प्रेरणा: हा आप मजे करो तब तक अनुज के साथ।
संगीता: कैसे मजे? (डरते हुए)
प्रेरणा: चाइनीज खाना कुल्फी कौन खा रहा था हा हा हा
संगीता: चाइनीज तो सिर्फ तुम लोगो को पसंद आता है मुझे नहीं।
प्रेरणा: और कुल्फी? अपनी तो खा ली मेरी भी चट कर गई।
संगीता: अच्छा स्वाद था और मलाई भी बहुत अच्छी लगी।
प्रेरणा को नही पता था उसकी छीनाल मां जमाई के लंडसे निकली मलाई की बात कर रही थी।
प्रेरणा: अब next टाइम चॉकलेट सिरप डाल के खाना और स्वाद लगेगी।
संगीता: रोज रोज कौन खानेवाला है।
प्रेरणा: मैं अनुज को बोल दूंगी वो बुला लेगा कुलफीवाले को
संगीता: नही रहने दे। तू अपना ध्यान रखना वहा खाना पीना टाइम से कर लेना और हो सके तो जल्दी वापस आना।
प्रेरणा: मम्मी डोंट वरी! सॉरी ऑफिस से आई तब बिना बात गुस्सा किया आप पे।
संगीता: चल पगली उसमे क्या नया है।
ऐसा कहते ही प्रेरणा ने अपनी मम्मी को गले लगाया और गाल पे किस करके सोने चली गई। जैसे ही प्रेरणा निकली संगीता ने दरवाजा बंद कर लिया अब उसके मन में लड्डू फुट रहे थे क्युकी अनुज उसके साथ अकेले २ दिन बिताने वाला था। संगीता अनुज के साथ रंगरलियां मनाने के सपने देखने लगी। जैसे ही वह सोने लगी किचन से प्रेरणा को आवाज सुनाई दी। इतनी देर रात प्रेरणा किस से बात कर रही है यह देखने संगीता बाहर आई तो पता चला प्रेरणा मेड राधा से बात कर रही थी। प्रेरणा उसे २ दिन का खाना बनाने बोल रही थी जैसे ही संगीता ने यह सुना उसने प्रेरणा से फोन ले लिया और राधा को २ दिन की छुट्टी दे दी। संगीता ने प्रेरणा को कहा यह मेड के चोचले तुम करो मैं घर में हूं तो इतना काम कर ही सकती हूं कोई जरूरत नही है उतना ही मेरा टाइम चले जाएगा बैठे रहने से अच्छा है। संगीता को हमेशा मेड पसंद नही तो उसने डाट लगाकर प्रेरणा को सोने भेज दिया। संगीता खुश थी क्युकी अब तो राधा की भी कोई टेंशन नहीं घर में बस अनुज और उसकी संगी डार्लिंग। संगी डार्लिंग नाम संगीता को बहुत अच्छा लग रहा था सुनते ही उसके चेहरे पर मुस्कान और चूत में तितलियां आ रही थी। कल के लिए संगीता बिलकुल तयार थी या फिर अनुज कुछ नया करने वाला था?
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RE: सास की रास लीला - by anuj_thefunguy - 22-01-2024, 10:16 AM



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