18-01-2024, 03:45 PM
फिर दिनभर कुछ खास बात नहीं हुई। रात का खाना हमने साथ में खाया.
उसके बाद मैंने दोनों बच्चों को सुला दिया और एक गहरे गले का लाल रंग का नाईट गाउन पहन लिया जो मेरे घुटनों तक आता था.
उसके नीचे मैंने वही ब्रा पहन ली जो आज ससुर जी ने दिलवाई थी।
गाउन का गला इतना बड़ा था कि उसमें से ब्रा आसानी से दिख रही थी.
फिर मैं हॉल में ससुर जी के बगल में आकर बैठ गई जहां वो दारू पी रहे थे।
उन्होंने सिर्फ लुंगी और बनियान पहना हुआ था और लुंगी जांघों तक चढ़ा रखी थी।
उनकी टाँगें और छाती घने बालों से भरी हुई थी जो किसी भी महिला को आकर्षित करने के लिए काफी थी।
ससुर जी ने मुझे आज पहली बार इस रूप में देखा था।
मुझे देख कर उनकी लार टपकने लगी और मैंने देखा कि उनकी लुंगी के नीचे बैठा हुआ नाग अब हरकत करने लगा था।
मेरे लिए उनकी आंखों में वासना साफ नजर आ रही थी।
शराब के नशे और मुझे चोदने की हवस के चलते मेरी जांघ पर अपना हाथ रखकर वो सहलाने लगे।
मैंने भी इसका बिल्कुल विरोध नहीं किया।
उनके सख्त मज़बूत हाथ मेरी नाज़ुक गोरी जांघों का मुआयना कर रहे थे।
2 महीने बाद पहली बार मुझे किसी मर्द ने इस तरह छुआ था और वो मर्द मेरे ससुर हैं ये सोच कर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
फिर उनका हाथ जांघों से होता हुआ चूत की तरफ बढ़ा।
मैंने पैंटी नहीं पहनी थी।
ससुर जी ने मेरी चूत पर उंगलियां फिरानी शुरू कर दीं. अब मैं और ज़्यादा तड़पने लगी।
मैंने अपना हाथ लुंगी के ऊपर से ही उनके लंड पर रखा और लंड को पकड़कर दबाने लगी।
इधर उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल कर मुझे और ज़्यादा बेचैन कर दिया।
उनका दूसरा हाथ मेरे बूब्स पर था.
फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी पूरे नंगे हो गए।
फिर मैंने उनसे कहा- अपने बेटे की बीवी को यहीं ज़मीन पर पटक कर चोदोगे क्या?
तो उन्होंने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया।
मेरी नज़र उनके लंड पर पड़ी तो एक बार तो मेरी गांड फट गई। उनका लंड किसी गधे के लंड जैसा लंबा और मोटा था।
रंडियों की भी चीखें निकलवा दे ऐसा लंड था उनका।
मैंने उनसे कहा- आपका तो बहुत मोटा है. मुझे नहीं चुदवाना!
उन्होंने मुझे गाली देकर कहा- बहन की लौड़ी रंडी … पहले मुझे उकसाती है और अब लौड़ा देख कर नखरे करती है? आज मैं तेरी अम्मी चोद दूंगा.
मैं उनके मुँह से गाली सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित हो गई।
पहली बार खुद के लिए रंडी शब्द सुन कर अलग ही फीलिंग आ रही थी।
उन्होंने अपना मोटा तगड़ा लंड मेरे मुँह में दे दिया।
मैंने पहली बार लौड़ा मुँह में लिया था क्योंकि मेरे शौहर ने क़भी भी मेरे मुँह में नहीं डाला था।
पहली बार चूसने के कारण थोड़ी घिन भी आ रही थी लेकिन ससुर जी ने मेरे बाल पकड़ कर ज़बरदस्ती अपना आधा लंड मेरे मुँह में दे दिया और मुझे उसको चूसना पड़ा।
5 मिनट इस तरह चूसने के बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए। अब वे मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनका लंड चूस रही थी.
चूत चटवाना भी मेरा पहला अनुभव था। मेरे शौहर ने कभी मेरी चूत भी नहीं चाटी थी।
आज से पहले मैं मेरे शौहर को और उनके सेक्स को अच्छा समझती थी लेकिन आज उसके बाप से पता चला कि बाप आखिर में बाप ही होता है।
मेरा शौहर एक फुद्दु इंसान था. उसको सिर्फ फुद्दी मारना आता था।
जो मज़ा उसका बाप बिना चोदे अपनी ज़बान से मुझे दे रहा था उतना मज़ा तो क़भी उससे चुदने पर भी नहीं आया मुझे।
ससुर जी ने मेरी चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया था।
उनके चूत चाटने के हुनर ने मुझे उनकी दासी बना दिया।
अब तो मैं खुशी खुशी और मज़े लेकर उनके लंड को चूस रही थी।
फिर अचानक से उन्होंने पूरी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक डाल दी और ज़ोर ज़ोर से चलाने लगे.
उनकी इस हरकत से मेरी चूत ने एक मिनट में ही बहुत सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने आज पहली बार इतना पानी छोड़ा था।
मेरे झड़ते ही मुझे महसूस हुआ कि मेरे मुँह में ससुर जी का लंड और ज़्यादा अकड़ने लगा।
मैं कुछ सोच पाती इससे पहले उन्होंने ढेर सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया।
मैंने उनका सारा वीर्य निगल लिया।
उनके वीर्य में एक अलग ही खुशबू थी।
आश्चर्यजनक बात ये थी कि वीर्य निकलने के बाद भी उनका लंड सिर्फ हल्का सा ढीला हुआ.
उन्होंने मुझे चूसते रहने के लिए बोला तो मैंने चूसना जारी रखा।
10 मिनट चूसने के बाद वो फिर पहले की तरह सख्त हो गया।
इस दौरान उन्होंने मेरी चूत चाट चाटकर एक बार और पानी निकलवा दिया।
अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
मैंने उनसे कहा- प्लीज पापाजी, अब रहा नहीं जा रहा. अपना लंड डाल दो मेरी चूत में.
उन्होंने कहा- बहन की लौड़ी. मैं तेरा पापाजी नहीं हूं. तेरा मालिक हूं और तू रंडी है मेरी, मेरी रखैल बन कर रहेगी तू आज से, तुझे मैं मेरे दोस्तों से भी चुदवाऊंगा.
मैंने कहा- आप ही मेरे स्वामी हो, मेरे मालिक हो. मैं आपकी रंडी और रखैल बन कर रहूंगी ज़िन्दगी भर। आप जिससे बोलोगे उसी से चुदूँगी!
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अपना लम्बा मूसल लौड़ा मेरी चूत के मुँह पर रख कर एक हल्का सा झटका दिया।
ऐसा लगा मुझे जैसे आज मेरी सुहागरात है।
मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैंने बर्दाश्त कर लिया।
फिर उन्होंने एक ओर झटका दिया जिससे आधा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।
इस झटके ने मुझे दिन में तारे दिखा दिए थे. ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म मोटा लोहा मेरी चूत में डाल दिया हो।
मेरी चीख निकल गई- आआ आआह!
मैं सिर्फ चीख रही थी, कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी मैं.
अभी इस झटके से सम्भली भी नहीं थी कि उन्होंने एक झटका और देकर पूरा लंड अंदर डाल दिया.
इस बार तो मुझे चक्कर आ गए और बेहोशी जैसी हालत हो गई मेरी।
ससुर जी चोदने के साथ साथ मेरे बूब्स भी दबा रहे थे और गर्दन और गालों पर किस भी कर रहे थे जिससे मुझे कुछ आराम मिला.
वाकई ससुरजी बहुत माहिर थे किसी भी औरत को चोदने में।
फिर धीरे धीरे मेरा दर्द कुछ कम होने लगा तो उन्होंने चोदने की रफ़्तार भी बढ़ा दी।
अब मुझे भी मज़ा आने लगा था लेकिन इतनी देर घोड़ी बनने की वजह से मेरी टाँगें काँपने लगी थी।
मैंने ससुरजी को बताया तो उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गए और अपना लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.
इस बार मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन मैंने झेल लिया.
इस पोजीशन में उन्होंने मुझे 25 या 30 मिनट तक चोदा।
इस बीच मैं 3 बार झड़ चुकी थी।
अब वो मुझे बहुत तेज़ गति से चोद रहे थे।
तभी उनके झटके तेज़ हो गए. मैं समझ गई कि इनका पानी निकलने वाला है।
मैंने कहा- मेरे स्वामी, अपना बीज मेरी बच्चेदानी में गिराइए, मैं आपके जैसा ताकतवर बच्चा चाहती हूं।
इसके बाद 3 या 4 ज़ोरदार झटकों के साथ उनके लंड ने पिचकारी मारना शुरू किया और मेरी चूत को अपने माल से लबालब कर दिया और हाँफते हुए मेरे ऊपर गिर गए।
उस एक ही रात में ससुर बहु सेक्स 3 बार हुआ!
सुबह तक मेरी हालत खराब हो गई।
ये ससुर जी के साथ मेरी पहली चुदाई थी जिसके बाद मैं दो दिन तक ठीक से चल भी नहीं पाई थी।
ससुर जी रोज़ मेरी चुदाई करते थे.
ह
धन्यवाद
उसके बाद मैंने दोनों बच्चों को सुला दिया और एक गहरे गले का लाल रंग का नाईट गाउन पहन लिया जो मेरे घुटनों तक आता था.
उसके नीचे मैंने वही ब्रा पहन ली जो आज ससुर जी ने दिलवाई थी।
गाउन का गला इतना बड़ा था कि उसमें से ब्रा आसानी से दिख रही थी.
फिर मैं हॉल में ससुर जी के बगल में आकर बैठ गई जहां वो दारू पी रहे थे।
उन्होंने सिर्फ लुंगी और बनियान पहना हुआ था और लुंगी जांघों तक चढ़ा रखी थी।
उनकी टाँगें और छाती घने बालों से भरी हुई थी जो किसी भी महिला को आकर्षित करने के लिए काफी थी।
ससुर जी ने मुझे आज पहली बार इस रूप में देखा था।
मुझे देख कर उनकी लार टपकने लगी और मैंने देखा कि उनकी लुंगी के नीचे बैठा हुआ नाग अब हरकत करने लगा था।
मेरे लिए उनकी आंखों में वासना साफ नजर आ रही थी।
शराब के नशे और मुझे चोदने की हवस के चलते मेरी जांघ पर अपना हाथ रखकर वो सहलाने लगे।
मैंने भी इसका बिल्कुल विरोध नहीं किया।
उनके सख्त मज़बूत हाथ मेरी नाज़ुक गोरी जांघों का मुआयना कर रहे थे।
2 महीने बाद पहली बार मुझे किसी मर्द ने इस तरह छुआ था और वो मर्द मेरे ससुर हैं ये सोच कर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
फिर उनका हाथ जांघों से होता हुआ चूत की तरफ बढ़ा।
मैंने पैंटी नहीं पहनी थी।
ससुर जी ने मेरी चूत पर उंगलियां फिरानी शुरू कर दीं. अब मैं और ज़्यादा तड़पने लगी।
मैंने अपना हाथ लुंगी के ऊपर से ही उनके लंड पर रखा और लंड को पकड़कर दबाने लगी।
इधर उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल कर मुझे और ज़्यादा बेचैन कर दिया।
उनका दूसरा हाथ मेरे बूब्स पर था.
फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी पूरे नंगे हो गए।
फिर मैंने उनसे कहा- अपने बेटे की बीवी को यहीं ज़मीन पर पटक कर चोदोगे क्या?
तो उन्होंने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया।
मेरी नज़र उनके लंड पर पड़ी तो एक बार तो मेरी गांड फट गई। उनका लंड किसी गधे के लंड जैसा लंबा और मोटा था।
रंडियों की भी चीखें निकलवा दे ऐसा लंड था उनका।
मैंने उनसे कहा- आपका तो बहुत मोटा है. मुझे नहीं चुदवाना!
उन्होंने मुझे गाली देकर कहा- बहन की लौड़ी रंडी … पहले मुझे उकसाती है और अब लौड़ा देख कर नखरे करती है? आज मैं तेरी अम्मी चोद दूंगा.
मैं उनके मुँह से गाली सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित हो गई।
पहली बार खुद के लिए रंडी शब्द सुन कर अलग ही फीलिंग आ रही थी।
उन्होंने अपना मोटा तगड़ा लंड मेरे मुँह में दे दिया।
मैंने पहली बार लौड़ा मुँह में लिया था क्योंकि मेरे शौहर ने क़भी भी मेरे मुँह में नहीं डाला था।
पहली बार चूसने के कारण थोड़ी घिन भी आ रही थी लेकिन ससुर जी ने मेरे बाल पकड़ कर ज़बरदस्ती अपना आधा लंड मेरे मुँह में दे दिया और मुझे उसको चूसना पड़ा।
5 मिनट इस तरह चूसने के बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए। अब वे मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनका लंड चूस रही थी.
चूत चटवाना भी मेरा पहला अनुभव था। मेरे शौहर ने कभी मेरी चूत भी नहीं चाटी थी।
आज से पहले मैं मेरे शौहर को और उनके सेक्स को अच्छा समझती थी लेकिन आज उसके बाप से पता चला कि बाप आखिर में बाप ही होता है।
मेरा शौहर एक फुद्दु इंसान था. उसको सिर्फ फुद्दी मारना आता था।
जो मज़ा उसका बाप बिना चोदे अपनी ज़बान से मुझे दे रहा था उतना मज़ा तो क़भी उससे चुदने पर भी नहीं आया मुझे।
ससुर जी ने मेरी चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया था।
उनके चूत चाटने के हुनर ने मुझे उनकी दासी बना दिया।
अब तो मैं खुशी खुशी और मज़े लेकर उनके लंड को चूस रही थी।
फिर अचानक से उन्होंने पूरी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक डाल दी और ज़ोर ज़ोर से चलाने लगे.
उनकी इस हरकत से मेरी चूत ने एक मिनट में ही बहुत सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने आज पहली बार इतना पानी छोड़ा था।
मेरे झड़ते ही मुझे महसूस हुआ कि मेरे मुँह में ससुर जी का लंड और ज़्यादा अकड़ने लगा।
मैं कुछ सोच पाती इससे पहले उन्होंने ढेर सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया।
मैंने उनका सारा वीर्य निगल लिया।
उनके वीर्य में एक अलग ही खुशबू थी।
आश्चर्यजनक बात ये थी कि वीर्य निकलने के बाद भी उनका लंड सिर्फ हल्का सा ढीला हुआ.
उन्होंने मुझे चूसते रहने के लिए बोला तो मैंने चूसना जारी रखा।
10 मिनट चूसने के बाद वो फिर पहले की तरह सख्त हो गया।
इस दौरान उन्होंने मेरी चूत चाट चाटकर एक बार और पानी निकलवा दिया।
अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
मैंने उनसे कहा- प्लीज पापाजी, अब रहा नहीं जा रहा. अपना लंड डाल दो मेरी चूत में.
उन्होंने कहा- बहन की लौड़ी. मैं तेरा पापाजी नहीं हूं. तेरा मालिक हूं और तू रंडी है मेरी, मेरी रखैल बन कर रहेगी तू आज से, तुझे मैं मेरे दोस्तों से भी चुदवाऊंगा.
मैंने कहा- आप ही मेरे स्वामी हो, मेरे मालिक हो. मैं आपकी रंडी और रखैल बन कर रहूंगी ज़िन्दगी भर। आप जिससे बोलोगे उसी से चुदूँगी!
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अपना लम्बा मूसल लौड़ा मेरी चूत के मुँह पर रख कर एक हल्का सा झटका दिया।
ऐसा लगा मुझे जैसे आज मेरी सुहागरात है।
मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैंने बर्दाश्त कर लिया।
फिर उन्होंने एक ओर झटका दिया जिससे आधा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।
इस झटके ने मुझे दिन में तारे दिखा दिए थे. ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म मोटा लोहा मेरी चूत में डाल दिया हो।
मेरी चीख निकल गई- आआ आआह!
मैं सिर्फ चीख रही थी, कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी मैं.
अभी इस झटके से सम्भली भी नहीं थी कि उन्होंने एक झटका और देकर पूरा लंड अंदर डाल दिया.
इस बार तो मुझे चक्कर आ गए और बेहोशी जैसी हालत हो गई मेरी।
ससुर जी चोदने के साथ साथ मेरे बूब्स भी दबा रहे थे और गर्दन और गालों पर किस भी कर रहे थे जिससे मुझे कुछ आराम मिला.
वाकई ससुरजी बहुत माहिर थे किसी भी औरत को चोदने में।
फिर धीरे धीरे मेरा दर्द कुछ कम होने लगा तो उन्होंने चोदने की रफ़्तार भी बढ़ा दी।
अब मुझे भी मज़ा आने लगा था लेकिन इतनी देर घोड़ी बनने की वजह से मेरी टाँगें काँपने लगी थी।
मैंने ससुरजी को बताया तो उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गए और अपना लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.
इस बार मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन मैंने झेल लिया.
इस पोजीशन में उन्होंने मुझे 25 या 30 मिनट तक चोदा।
इस बीच मैं 3 बार झड़ चुकी थी।
अब वो मुझे बहुत तेज़ गति से चोद रहे थे।
तभी उनके झटके तेज़ हो गए. मैं समझ गई कि इनका पानी निकलने वाला है।
मैंने कहा- मेरे स्वामी, अपना बीज मेरी बच्चेदानी में गिराइए, मैं आपके जैसा ताकतवर बच्चा चाहती हूं।
इसके बाद 3 या 4 ज़ोरदार झटकों के साथ उनके लंड ने पिचकारी मारना शुरू किया और मेरी चूत को अपने माल से लबालब कर दिया और हाँफते हुए मेरे ऊपर गिर गए।
उस एक ही रात में ससुर बहु सेक्स 3 बार हुआ!
सुबह तक मेरी हालत खराब हो गई।
ये ससुर जी के साथ मेरी पहली चुदाई थी जिसके बाद मैं दो दिन तक ठीक से चल भी नहीं पाई थी।
ससुर जी रोज़ मेरी चुदाई करते थे.
ह
धन्यवाद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.