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Adultery ससुर बहू की चुदाई
#6
(18-01-2024, 03:41 PM)neerathemall Wrote:
ससुरजी का मोटा लौड़ा लील गयी मेरी चूत

मेरा नाम रेहाना है, मैं जोधपुर राजस्थान की रहने वाली हूं।
मेरे घर में एक छोटी बहन, एक छोटा भाई और मेरे अम्मी अब्बू हैं।
अब्बू सरकारी नौकरी में है। अम्मी हाउस वाइफ है।


ये तो हुई परिवार की बात … अब मेरे बारे में बता दूँ. मेरा रंग गोरा है, नयन-नक्श भी ठीक ठाक हैं (अपने मुंह मियां मिठ्ठू नहीं बन सकती)।
मेरा फिगर साइज 34-36-38 है।

दोस्तो, जब मैं जवान होना शुरू ही हुई थी कि तब ही मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर दिया था और 2 साल में ही उनकी ये तलाश पूरी भी हो गई.
20 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई।

मेरे शौहर का नाम आरिफ़ है. वो मुझसे 5 साल बड़े हैं। दिखने में हैंडसम और हट्ट कट्टे हैं। टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी में मैनेजर हैं और काम के सिलसिले में उनका राजस्थान से बाहर आना जाना लगा रहता है।
मेरे ससुराल में मेरे सास ससुर और मेरी एक ननद है लेकिन ननद की शादी मेरे आने से पहले ही हो गई थी इसलिए वो अपने ससुराल में रहती है.
यहां ससुराल में सिर्फ मेरे सास-ससुर आरिफ़ और मैं, हम 4 ही रहते हैं।

मेरी पहली चुदाई मेरे शौहर ने ही की थी, वो भी सुहागरात पर।
मेरे शौहर का लौड़ा 7 इंच लम्बा है और काफी मोटा भी है। मतलब अच्छी खासी सुहागरात मनी जैसी ज़्यादातर लड़कियों की मनती है.

सुहागरात में शौहर से होने वाली मेरी चुदाई में बताने जैसा कुछ खास नहीं है. जो आमतौर पर मियां बीवी में सेक्स होता है वही सब हुआ.
इसलिए उसको बताकर मैं समय खराब नहीं करूंगी.

अब मैं सीधे अपनी असली बात पर आती हूं।
दोस्तो, ये जो घटना मेरे साथ हुई थी जिसमें मैंने अपने ससुर से चुदवाया था, ये मेरी शादी के 8 साल बाद की है. तब तक मेरे 2 बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) हो गए थे।


उस समय मेरे शौहर को उनकी कंपनी ने एक साल के कॉमर्शियल वीज़ा पर सऊदी भेज दिया था।
शौहर के जाने के बाद तो जैसे ज़िन्दगी नर्क बन गई थी मेरी क्यूंकि गैर मुल्क जाने से पहले मेरे शौहर लगभग रोज़ाना मुझे चोदते थे।

यूं समझ लीजिए कि जैसे सेक्स की लत लगा दी थी उन्होंने मुझे।
उन्हें क्या पता था कि मेरी ये लत मुझे उन्हीं के बाप के नीचे लेटने पर मजबूर कर देगी।

तो दोस्तो, उनके जाने के बाद मैं बहुत उदास रहने लगी थी।
दिन तो जैसे तैसे घर का काम करते हुए और बच्चों को संभालते हुए कट जाता था लेकिन रात काटना मेरे लिए बहुत मुश्किल होता था।

फिर मेरी वासना मेरी आत्मा पर भारी पड़ने लगी और बिना लंड के रह पाना मेरे लिए मुश्किल होता जा रहा था।
आखिरकार मैंने चुदने का पक्का मन बना लिया लेकिन अब सवाल ये था कि मैं चुदूं तो किससे चुदूं?
तो दिमाग में ससुर का ख्याल आया क्यूंकि मेरे आसपास तो मर्द सिर्फ वही थे। मैं बाहर तो जाती नहीं थी कहीं इसलिए किसी और से चुदने का तो सवाल ही पैदा नहीं हो रहा था। तो मैंने पक्का मन बना लिया कि अब ससुर जी का ही लौड़ा लेना है।
मैं आपको मेरे ससुर के बारे में बता दूं कि उनका नाम जावेद खान है। उनकी उम्र 56 साल है लेकिन उन्होंने खुद को काफी मेंटेन करके रखा है और रेगुलर कसरत करते हैं जिसकी वजह से उनकी उम्र 40-45 के आसपास ही लगती है।
वो दिखने में भी काफी हट्टे कट्टे और लम्बे चौड़े दिखते हैं। वैसे तो वो बहुत ही अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं। समाज में इज़्ज़त भी बहुत है उनकी।
मैं जानती थी कि उनकी सिर्फ दो ही कमज़ोरी हैं- एक शराब और दूसरी शवाब।


वो रोज़ रात को शराब पीते हैं और औरतों के मामले में बहुत ठरकी किस्म के इंसान हैं.
ये मैं जानती थी इसलिए उन्हें पटाना मेरे लिए मुश्किल नहीं था।
मुझे सिर्फ एक अच्छे मौके की तलाश थी।

बस फिर मुझे वो मौका मिला एक महीने बाद जब जयपुर में मेरी सास के भाई का अचानक निधन हो गया.
तो उस दिन मेरे सास ससुर दोनों सुबह जल्दी ही कार से जयपुर चले गए।

मैं बेटी की पढ़ाई की वजह से जा नहीं पाई थी तो मैंने सासू मां से कहा- मुझे रात में अकेले डर लगता है.
तो उन्होंने कहा- बेटी तू फिक्र मत कर, तेरे अब्बू (ससुर जी) मुझे वहीं छोड़ कर रात तक वापस आ जाएंगे।

दोस्तो, जैसा मैंने चाहा था बिल्कुल वैसा ही हुआ।
वो दोनों चले गए.

दिनभर मैं अकेली बस यही सोच रही थी कि अब तो ससुरजी से चुदवाना ही है।


रात को 10 बजे ससुर जी वापस आये। फ्रेश होकर उन्होंने खाना खाया. फिर हॉल में बैठ कर शराब पी, जैसा कि उनका रूटीन था.
उसके बाद वो अपने रूम में चले गये.

सफर की थकान के कारण जल्दी ही उनको नींद आ गई।
सुबह चाय नाश्ते से फ्री होने के बाद मैंने ससुर जी से कहा- पापा जी, क्या आप मेरे साथ मार्किट चल सकते हैं? मुझे रसोई का सामान और अपने लिए कुछ कपड़े लेने हैं.
तो उन्होंने कहा- “बटी सामान तो ठीक है मगर कपड़े अभी क्यों ले रही हो? अभी तो न कोई शादी है ना त्यौहार है.
मैंने शर्माने की एक्टिंग करते हुए कहा- पापाजी अंदर के कपड़े लेने हैं.
ये सुन कर वो भी शर्मा गए और बोले- ठीक है, तुम तैयार हो जाओ फिर चलते हैं।

घर के कामों से फ्री होने के बाद तैयार होकर हम मार्केट के लिए निकल रहे थे।


मैं आपको बता दूं कि हमारे यहाँ लडकियां बुर्के के बिना बाहर नहीं निकलतीं तो मैंने उसी का फायदा उठाया और बुर्के के नीचे सिर्फ एक टाइट पजामी पहनी.
ऊपर का हिस्सा अंदर से बिल्कुल नंगा था. मैंने नंगे बूब्स को एक पतले से काले बुर्के से ढक लिया जिसमें से मेरी बूब्स की घुंडियां साफ नजर आ रही थी.
जब मैं बाहर आई और ससुर जी की नज़र बूब्स पर पड़ी तो वो देखते ही रह गए।
मैंने कहा- चलिए पापा जी!
तब उनको होश आया और बोले- हाँ चलो।

ससुर जी कार निकाल रहे थे तो मैंने कहा- पापाजी मार्केट में भीड़ ज़्यादा होगी तो कार में प्रॉब्लम होगी. फिर वहाँ पार्किंग की भी समस्या रहेगी, इसलिए बाइक ले लो.
मैंने बाइक के लिए इसलिए कहा क्योंकि बाइक पर ब्रेकर और गड्ढों में उनसे चिपकने का मौका मिलेगा.
वो मेरी बात से सहमत हो गए और हम बाइक से मार्केट के लिए रवाना हुए.
रास्ते में मैंने अपनी हरकतें शुरू कर दीं।
ससुर जी जैसे ही ब्रेक लगाते तो मैं अपने बोबे उनकी कमर में गड़ा देती।

उत्तेजना के कारण मेरी घुंडियां खड़ी हो गई थी. उनकी चुभन ससुर जी अपनी कमर पर महसूस कर रहे थे। उन्हें भी मज़ा आ रहा था.
इसका पता मुझे इस बात से चला कि ज़्यादा ज़रूरत न होने पर भी वो तेज़ तेज़ ब्रेक लगा रहे थे और जानबूझ कर गड्ढों में गाड़ी उतार रहे थे. मतलब पूरे रास्ते मेरे बूब्स उनकी कमर से चिपके हुए थे.
जब हम मार्केट पहुंचे और बाइक से उतरे तो मैंने देखा कि उनका लंड पूरा खड़ा था और पजामा फाड़कर बाहर आने को बेताब था।
जब उन्होंने मुझे उनके लंड को घूरते हुए देखा तो उन्होंने शर्माते हुए अपने हाथों से उसको छुपाने की नाकाम कोशिश की।


तो मैंने कटाक्ष करते हुए कहा- एक अंडरवियर आप भी ले लो पापाजी।
वो भी ठरकी थे, उन्होंने कहा- तू ही पसंद कर के दिला देना.
मैंने कहा- ठीक है।

फिर हमने पहले रसोई का सामान लिया. फिर एक लेडीज़ एंड जेंट्स अंडर गारमेंट्स की शॉप में गये।
अब तक हम दोनों के बीच पचास प्रतिशत तक तो शर्म तो खत्म हो गई थी।
मुझे महसूस हुआ कि पापाजी मेरे मन की बात को शायद समझ भी गए हों कि मैं क्या चाहती हूं।

वहां पर मैंने उनसे कहा कि इस बार मैं आपकी पसंद की ब्रा पैंटी पहनूँगी।
उन्होंने मेरे लिए ब्रा पैंटी के 5-6 सेट पसन्द किये जो बहुत सेक्सी थे।
मुझे भी वो बहुत पसंद आये. मैंने वो सारे ले लिए।

मैंने उनसे पूछा- आपको मेरा साइज कैसे पता चला?
इस पर उन्होंने मेरे बूब्स को घूरते हुए कहा- देख कर अंदाज़ लगा लिया.

उसके बाद उन्होंने कहा- अब तू मेरे लिए पसन्द कर!
फिर मैंने भी उनके लिए वी-शेप के 4 अंडरवियर पसन्द किये और उनसे कहा कि आरिफ भी यही पहनते हैं और बहुत सेक्सी लगते हैं इसमें.

मेरे मुंह से ‘सेक्सी’ शब्द सुन कर तो जैसे उनके मुंह से लार टपकने लगी।
उन्होंने खुश होकर वो चारों अंडरवियर ले लिए और पेमेंट कर दिया.

फिर हम घर के लिए निकल गए.
पूरे रास्ते मैं उनसे चिपके हुए बैठी रही।

हम घर पहुंच गए। बाइक से उतर कर जब मैंने उनके लंड की तरफ देखा तो वो पूरा टाइट था और पजामा आगे से गीला हो गया था जिसका हल्का सा गीलापन कुर्ते पर भी महसूस हो रहा था।
ये देख कर मैंने फिर से कटाक्ष किया- मम्मी जी की याद में आंसू बहा रहा है आपका ये!
उन्होंने पूछा- ‘ये’ मतलब क्या?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया और एक सेक्सी मुस्कान देकर अंदर चली गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: ससुर बहू की चुदाई - by neerathemall - 18-01-2024, 03:42 PM



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