17-01-2024, 07:08 PM
(17-01-2024, 07:06 PM)neerathemall Wrote:चचेरी बहन ने बुर खोल कर कहा ‘भैया चोद दो मुझे!’
तब मेरे चाचा की बेटी स्नेहा से मेरी अच्छी बनने लगी थी।
मेरी चचेरी बहन 12 वीं क्लास में पढ़ती है, वैसे तो उसकी उम्र अभी 18 साल की ही है.. पर उसे देख कर कोई भी उसकी उम्र 20 साल से कम नहीं समझता है। वो दिखने में किसी मॉडल से कम भी नहीं लगती है, इसी के कारण मैं भी उसकी सुन्दरता का कायल था।
एक दिन की बात है.. मैं उसके कॉलेज के प्रोजेक्ट में उसकी हेल्प कर रहा था। उसके प्रोजेक्ट का टॉपिक सेक्शुअल लाइफ पर था.. जिसमें कुछ लिखना था।
इस टॉपिक को लेकर हम दोनों में आपस में बातें होने लगीं। चूंकि हम दोनों एक-दूसरे से एकदम फ्रेंक हो चुके थे.. इसलिए इस तरह की बातें करने में हम दोनों को ही कोई प्रॉब्लम नहीं थी।
तभी पता नहीं क्यों वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी- भैया आपकी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने ‘ना’ में जवाब दिया।
फ़िर वो कुछ सोच कर प्रोजेक्ट पर काम करने लगी। मैंने उससे मजाक में बोला- मुझे तुम्हारा प्रोजेक्ट कंप्लीट करने पर क्या मिलेगा?
स्नेहा कुछ नहीं बोली।
फ़िर मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हारे होंठ पर किस कर सकता हूँ?
तो उसने ‘हाँ’ कह दिया।
फ़िर हम दोनों इस किस के वायदे के साथ ही प्रोजेक्ट में लग गए। प्रोजेक्ट कंप्लीट होने के बाद मैंने शर्त के मुताबिक उससे चुम्बन माँगा।
वो कमरे का दरवाजा बंद करके बोली- ठीक है भैया.. जल्दी ले लो।
मैंने मना कर दिया और कहा- अरे मैं तो मज़ाक कर रहा था।
मैं आपको बता दूँ कि हम दोनों के बीच मैं काफी नॉनवेज मज़ाक चलता रहता था।
पर पहली बार स्नेहा इतने उत्साह में दिखी, स्नेहा कहने लगी- फ़िर भी आप मेरा किस ले लो.. आपने मेरी इतनी हेल्प की है। इतना हक तो आपका बनता है।
फ़िर मैंने भी सोचा कि जब स्नेहा छोटी थी.. तो मैंने कई बार लिपकिस किया था, तो मैं भी मान गया।
मैं कुर्सी पर बैठा था.. मेरे ‘हाँ’ कहते ही स्नेहा मेरी गोद में बैठ गई।
हम दोनों ने आपस में लिप किस करना चालू कर दिया। फ़िर मैं जोश में आ गया उम्म्ह… अहह… हय… याह… हमारे बीच 5 मिनट तक लगातार किस चलता रहा।
अब मुझसे रहा नहीं गया, तो मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर चला गया और दूसरा उसके पेंटी में घुस गया।
फ़िर स्नेहा भी जोश में मेरा साथ देने लगी और फ़िर हम लोगों के बीच एक ओरल सेक्स चालू हो गया। ये सब 20 मिनट तक चला। इस दौरान मैं उसकी बुर को ज़ोरों से ऊपर-नीचे कर रहा था। साथ ही उसके मम्मों को ज़ोरों से मसल रहा था। कभी-कभी उसकी गांड में उंगली डाल देता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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