16-01-2024, 03:27 PM
पापा ने जल्दी से रिश्ता तय कर दिया. कुछ ही दिनों में मेरी शादी हो गयी. जब मेरे पति ने मेरे साथ सुहागरात सेक्स करना शुरू किया तो उसने ज्यादा मजा नहीं दिया. उसका माल जल्दी निकल गया. मैं उस दिन प्यासी ही रह गयी. मगर मैंने अपने पति को कुछ नहीं बोला.
मैं किसी और को भी ये बात नहीं बोल सकती थी. हम लोग पुणे में रहते थे. मेरे पति की जॉब वहीं पर थी. मैं इस शादी में खुश नहीं रह पा रही थी लेकिन मैंने किसी को इस बारे में नहीं बताया. मैंने सोच लिया था कि अब तो सारी जिन्दगी ऐसे ही बितानी पड़ेगी.
मैं अपने मायके को बहुत मिस करती थी. कई बार मैं सोचती थी कि अपने भाई राज से इस बारे में बात करूं. लेकिन मैं उनको परेशान नहीं करना चाह रही थी. मेरा भाई मेरी बहुत हेल्प करता था. वो हमेशा मुझे खुश रखने की कोशिश करता था.
ऐसे ही एक साल गुजर गया. एक साल के बाद हमारा एक बेबी हुआ. ससुराल वाले भी घर आये हुए थे. मैंने एक बेटी को जन्म दिया था. मगर सब लोग चाहते थे कि एक बेटा भी हो जाये. उसके 2 साल बाद मुझे एक बार फिर से बेबी हुआ लेकिन वो भी बेटी ही थी.
सब लोग उदास रहने लगे कि मुझे बेटा नहीं हो रहा है. मेरे मायके वाले और मेरे ससुराल वाले परेशान हो रहे थे. फिर चिंता के कारण मेरी तबियत भी खराब हो गयी. मेरी मां कुछ दिन के लिए मेरे भाई को लेकर हमारे घर पर आ गयी. कुछ दिन मां हमारे साथ ही रही और उसके बाद वो पापा के पास चली गयी.
भाई मेरे पास ही रुक गया. अभी वो कहीं पर जॉब नहीं कर रहा था. घर में ही रहता था. मेरे पति सुबह ही काम पर चले जाया करते थे. मेरा भाई मेरे लिये बहुत सपोर्ट करता था. मेरा पति तो रोमांटिक नहीं था लेकिन मेरा भाई मेरा बहुत ख्याल रखता था.
मैं किसी और को भी ये बात नहीं बोल सकती थी. हम लोग पुणे में रहते थे. मेरे पति की जॉब वहीं पर थी. मैं इस शादी में खुश नहीं रह पा रही थी लेकिन मैंने किसी को इस बारे में नहीं बताया. मैंने सोच लिया था कि अब तो सारी जिन्दगी ऐसे ही बितानी पड़ेगी.
मैं अपने मायके को बहुत मिस करती थी. कई बार मैं सोचती थी कि अपने भाई राज से इस बारे में बात करूं. लेकिन मैं उनको परेशान नहीं करना चाह रही थी. मेरा भाई मेरी बहुत हेल्प करता था. वो हमेशा मुझे खुश रखने की कोशिश करता था.
ऐसे ही एक साल गुजर गया. एक साल के बाद हमारा एक बेबी हुआ. ससुराल वाले भी घर आये हुए थे. मैंने एक बेटी को जन्म दिया था. मगर सब लोग चाहते थे कि एक बेटा भी हो जाये. उसके 2 साल बाद मुझे एक बार फिर से बेबी हुआ लेकिन वो भी बेटी ही थी.
सब लोग उदास रहने लगे कि मुझे बेटा नहीं हो रहा है. मेरे मायके वाले और मेरे ससुराल वाले परेशान हो रहे थे. फिर चिंता के कारण मेरी तबियत भी खराब हो गयी. मेरी मां कुछ दिन के लिए मेरे भाई को लेकर हमारे घर पर आ गयी. कुछ दिन मां हमारे साथ ही रही और उसके बाद वो पापा के पास चली गयी.
भाई मेरे पास ही रुक गया. अभी वो कहीं पर जॉब नहीं कर रहा था. घर में ही रहता था. मेरे पति सुबह ही काम पर चले जाया करते थे. मेरा भाई मेरे लिये बहुत सपोर्ट करता था. मेरा पति तो रोमांटिक नहीं था लेकिन मेरा भाई मेरा बहुत ख्याल रखता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.