16-01-2024, 03:26 PM
(16-01-2024, 03:25 PM)neerathemall Wrote:दीदी की सेक्स समस्या भाई ने दूर की
हमारे घर में सब सुख शांति से चल रहा था. मेरे पापा प्राइवेट जॉब में थे और मां घर को संभालती थी. हमारा घर 2 फ्लोर का है. 1 फ्लोर को हम लोग खुद यूज करते हैं. एक फ्लोर को, जो सबसे नीचे वाला है, उसको हम किराये पर दे देते हैं. इससे घर में पैसा आता रहता है. किसी चीज की कमी नहीं है.
मैं घर के काम में हाथ बंटाया करती थी और मेरा भाई पढ़ाई कर रहा था. मैं अपने भाई से उम्र में बड़ी थी. चूंकि मैं उनकी पहली औलाद थी इसलिए मैं घर की लाड़ली बेटी थी. सब लोग मुझे बहुत प्यार करते थे. कॉलेज के दिनों में ही मेरा एक बॉयफ्रेंड बन गया था.
मगर मेरे पास फोन नहीं होता था. उससे बात भी नहीं हो पाती थी. बस हमारे बीच में एक दो बार किसिंग ही हुई थी. वो भी हमने चोरी से छिपकर कॉलेज में ही की थी. मुझे हैंडसम लड़के बहुत पसंद हैं जो मुझे पूरा प्यार दें. मेरे बॉयफ्रेंड के साथ मेरा ज्यादा कुछ हो नहीं पाया क्योंकि मेरे पापा बहुत गुस्से वाले थे.
मुझे डर लगता था. फिर कॉलेज खत्म हो गया था. एक दिन हमारे नीचे वाले फ्लोर पर रेंट के लिए दो लड़के पूछने के लिए आये. पापा ने उनको किराये पर रख लिया. उनमें से एक लड़का देखने में अच्छा था. वो देखने में गोरा था. मुझे वो पसंद आ गया. उसका नाम अंकित था.
एक दिन अंकित किराया देने आया तो घर पर कोई नहीं था. केवल मैं ही थी. मैंने उससे बात की और फिर हम दोनों में बातें शुरू हो गयीं. मैं उसको पसंद करती थी. उसने मुझे अपना फोन नम्बर दे दिया. मगर मेरे पास फोन नहीं था. इसलिए हमारी बात कम हो पाती थी.
एक बार अंकित ने मुझे अपने रूम में नीचे ही पकड़ लिया और मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी. मैं उसको पसंद करती थी इसलिए मुझे भी उसको किस करने में मजा आ रहा था. लेकिन साथ ही डर भी लग रहा था कि कहीं कोई देख ले.
उस दिन के बाद हमने कई बार एक दूसरे को किस किया. मगर इससे ज्यादा कुछ नहीं हो पाया था. एक दिन पापा घर में नहीं आये थे. वो लेट आने वाले थे. भाई और मां सो गये थे. मैं चुपके से नीचे चली गयी. अंकित भी नीचे अकेला ही था.
उसका दोस्त कहीं बाहर गया हुआ था. इसलिए उस दिन उसके साथ मस्ती करने का अच्छा मौका था. नीचे पहुंच कर मैं उसके कमरे में गयी. उसने मुझे पकड़ लिया और मेरे लिप्स को चूसने लगा. मैं भी उसके लिप्स को चूसने लगी. मुझे वो बहुत पसंद था.
मैं उसको जोर से किस कर रही थी. वो बहुत ही रोमांटिक तरीके से किसिंग करता था. मगर एक गड़बड़ हो गयी. नीचे वाला गेट खुला हुआ था. पता नहीं पापा कब आये और उन्होंने हमारी आवाजें सुन लीं. मैंने मुड़ कर देखा तो वो हमें देख रहे थे.
उसके बाद मैं वहां से डर के मारे निकल गयी. मगर पापा ने उस रात कुछ नहीं कहा. अगले दिन फिर उन्होंने मेरी और उस लड़के अंकित की पिटाई की और उन लड़कों को रेंट से निकाल दिया. अब मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए कोई लड़का देखने लगे.
उनको लगने लगा कि मैं अब जवान हो गयी हूं इसलिए ये सब कर रही हूं. इसलिए वो जल्दी से मेरी शादी कर देना चाह रहे थे. 6 महीने के अंदर ही मेरा रिश्ता पक्का हो गया था. जिस लड़के से शादी तय हुई थी वो देखने में अच्छा था और अच्छी फैमिली से था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.