16-01-2024, 12:23 PM
खैर कुछ देर बाद वो फिर से लंड मुंह में भरकर चूसने लगी। गरिमा का गर्म मुंह मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गर्म चीज के भीतर मैंने अपना लंड डाल रखा हो। उसके गर्म थूक से मेरा लंड एकदम गीला और टाइट हो चुका था। मानो अब फटा कि तब फटा। कमरे में एकदम घुप्प अंधेरा और जहाँ पति पत्नी चुदाई का कार्यक्रम कर रहे हैं उससे महज 2 फीट की दूरी पर सरिता सो रही थी। हालांकि कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था पर हाथ से पकड़ कर इशारा करके मैंने गरिमा को अपने ऊपर 69 पोजीशन में आने को कहा पहले तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ा और वो लगातार मेरा लंड चूसती रही पर जब दोबारा वही मैंने थोड़ा जोर देकर दोहराया तो वो कुछ देर बाद मेरे ऊपर उल्टा होकर अपनी चूत को मेरे मुंह पर रखकर मेरे शरीर पर अपना शरीर रखकर लेट गई। तब मुझे मालूम हुआ कि गरिमा लेटे लेटे ही अपना सारा कपड़ा निकाल रही थी।
दोस्तों अब हम दोनों एकदम नंगे होकर एक दूसरे के शरीर से चिपके थे। मैंने गरिमा की चूत को मुंह लगाया तो वो कूदने लगी मानो उसे गुदगुदी हो रही हो, और वो मेरा लंड चूसना छोड़ अपनी चूत को बचाने में लग गई। मुझे लगा आज आखिर गरिमा को हो क्या गया है। दोबारा मैंने अपने हाथों से उसकी गांड पकड़कर उसकी चूत को अपने मुंह पर लगाया और उसकी चूत की दरारों के बीच अपनी जीभ घुसाकर गरिमा की चूत चाटने लगा। आज गरिमा की चूत मुझे कुछ ज्यादा ही नमकीन लग रही थी। और आज उसकी चूत कुछ सिकुड़ी व छोटी लग रही थी। मुझे लगा तीन दिन से न चुदवाने के कारण चूत कुछ सिकुड़ गई होगी। पर आज गरिमा की चूत एकदम कुंवारी चूत के जैसे लग रही थी। उधर गरिमा ने लंड चूसना तेज कर दिया था। इतने देर की लंड चुसाई के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने गरिमा का सिर दबाकर उसे रुकने का इशारा किया लेकिन वो रुकी नहीं और कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पानी बंदूक से निकली गोली की रफ्तार से उसके गले और मुंह में भरता चला गया। गरिमा को मेरा वीर्य पीने का बड़ा शौक है। वो रोजाना मेरा वीर्य पीती थी लेकिन आज तो उसने जब मेरा पानी गिरने लगा तो अपना मुंह हटाने लगी लेकिन शायद बिस्तर खराब न हो जाए इसलिए उसने लंड पूरा निकलने के पहले ही दोबारा अपने मुंह में डाल लिया और मेरा वीर्य गटागट पी गई।
कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड फिर से चाटना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से सख्त होने लगा। जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया तब मैंने उसे इशारे से मेरे बगल में आकर सो जाने को कहा तो गरिमा वहाँ से उठकर मेरे और सरिता के बीच में आकर सरिता की ओर मुंह और मेरी तरफ गांड करके लेट गई। मैंने गरिमा के पैरों को इस तरह सेट किया कि दोनों पैरों के बीच गैप बन जाए और उसकी चूत बाहर की ओर हो जाए।
फिर मैंने गरिमा की चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया। अब दोस्तों मुझे जो भी करना था आराम से करना था क्योंकि अगर आवाज होती तो सरिता जाग सकती थी और हम लोगों का बना बनाया काम बिगड़ सकता था।
मैंने गरिमा का एक पैर थोड़ा सा मोड़कर चूत को और खोला और लंड को हल्के से दबाया पर वो चूत में जाने के बजाय फिसल गया। मैंने दोबारा वही किया पर फिर से मेरा लंड फिसल गया।
दोस्तों आज मेरे साथ बहुत अजीब हो रहा था। अब मुझे कुछ शक भी होने लगा कि ऐसा तो नहीं कि गरिमा समझकर मैं किसी और के साथ हूँ लेकिन चूत की हवस ने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालने दिया।
तीसरी बार मैंने फिर से थोड़ा सा थूक लगाया और फिर छेद पर लंड करके जोर से धक्का दिया अबकी बार मेरा लंड लगभग आधे से कुछ कम ही चूत में घुसा और गरिमा के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई।
उई माँ!!!!मर गई!!!!! बहुत दर्द हो रहा है!!!!! ये लंड है या लोहे का सरिया!!! निकालिए वरना मैं तो मर जाऊंगी!!!!!
दोस्तों ये सुनते ही मेरी तो हालत खराब होने लगी। जिसका शक था वही हुआ।। ये गरिमा नहीं बल्कि सरिता की आवाज थी। मैं घबराकर बोला- सरिता तुम मेरे बिस्तर पर कब आई हो और तुम्हारी दीदी कहाँ है?
सरिता- दीदी तो मम्मी के पास गईं और आई नहीं। वहीं सो गई।
मैंने पूछा- फिर यहाँ कौन कौन है?
सरिता (हंसते हुए मादक आवाज में) – यहाँ सिर्फ मैं और मेरे सेक्सी जीजू हैं।
मैं- अच्छा तो इसका मतलब तुमने जानबूझकर मेरे साथ ऐसा किया??
सरिता- जब मेरे जीजू चूत लेने ससुराल आए थे और दीदी नहीं हैं तो साली का फर्ज बनता है कि वो अपने जीजू को खुश करे।
अब दोस्तों मैं भी फिर से पूरे जोश में आ गया और सरिता को नीचे करके मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से अपना लंड सरिता की चूत पर सेट करके जोर से धक्का मारा।
अबकी बार मेरा लंड किसी तीर की तरह सरिता की चूत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया था और सरिता फिर से दर्द से बिलबिला उठी।
सरिता- हाय जीजू मार डालोगे क्या? आज तो मैं मर ही जाउंगी। ओह!!! आह!!! आह!!! जीजू!!! धीरे से जीजू!!! आह!!!
मैंने सरिता के मुंह पर अपना मुंह रख दिया ताकि वो और न बोल सके और फिर धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा।
अब मुझे अलग नशा चढ़ गया। और मैं धीरे धीरे सरिता की चूत में धक्के मार कर अपना लंड आगे पीछे कर रहा हूँ।
कुछ देर के बाद जब सरिता का दर्द शांत हुआ तो वो भी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।
सरिता- आह!!!! ओह!!!! आह!!!! जीजू!!!! आह!!!!! आह!!!!
मैंने मौका देखकर एक बार फिर से जोर का धक्का लगाया । अबकी बार मेरा पूरा लंड सरिता की चूत में सरसराता हुआ घुस गया।
सरिता फिर से दर्द से कराह उठी और मुझे पीछे धकेलने लगी जिससे कि मेरा लंड निकल जाए लेकिन मैनें उसे जोर से पकड़ कर अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और धक्के मारना बन्द कर दिया। कुछ देर के बाद जब सरिता शांत हुई तो मैं फिर से धक्के मारना शुरू किया।
सरिता- वाह जीजाजी!!! आह!!!!
आह जीजू!!!!! आह !!!! और जोर से। और जोर से चोदिए!!!! आज अपनी साली की चूत फाड़ डालिए!!! आज मुझे कुवारी से चुदक्कड़ साली बवा दीजिये जीजू!!!! आज मेरी कुंवारी चूत का भोसड़ा बना दीजिये!!!! आह!!!!!! ओह!!!!!!
सरिता जितना आवाज करती मेरा लंड उतना ही सख्त और स्पीड पकड़ता।। लगभग 25 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने पूछा- सरिता डार्लिंग कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी???
वो बोली- जहाँ आपका दिल करे जीजू।
मैंने कहा कि मैं तो तुम्हारी गांड में अपने लंड का पानी गिराउंगा। इतना सुनते ही सरिता डर गई। बोली- नहीं नहीं जीजू!!! जब चूत में इतना दर्द होता है तो दीदी बताती हैं कि इससे ज्यादा तो गांड में लेते वक्त दर्द होता है।
मैनें हंसकर कहा कोई बात नहीं मेरी जान लेकिन आज तो मैं तुम्हारी गांड दोबारा मारूंगा पहले मेरे लंड का पानी कहाँ लेना है वो बताओ??
वो बोली- मेरे प्यारे प्यारे सेक्सी चुदक्कड़ जीजू!!! आप अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दीजिये।। आज मैं आपके पानी से ठंडी होना चाहती हूँ!!!
मैंने कहा- अगर तुम्हें गर्भ ठहर गया तो??
तो सरिता ने कहा- मैं कल मेरे कॉलेज जाते वक्त अपनी सहेली से अनवांटेड मगा कर खा लूंगी क्योंकि अभी मुझे मौसी बनना है माँ नहीं मेरे प्यारे जीजू!!!
तब तक सरिता दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ ही उसकी चूत ने भी अपना रस छोड़ दिया। अब हम दोनों नंगे बिस्तर पर निढाल होकर पड़े थे। सरिता उठी और उसके चूत रस और मेरे वीर्य के मिक्स से सने मेरे लंड को चाटकर साफ करने लगी। सरिता मेरे लंड को पूरी तरह साफ करके चाट गई और फिर से मेरा लंड अपने मुंह में भरकर चूसने लगी!!!
दोस्तों अब हम दोनों एकदम नंगे होकर एक दूसरे के शरीर से चिपके थे। मैंने गरिमा की चूत को मुंह लगाया तो वो कूदने लगी मानो उसे गुदगुदी हो रही हो, और वो मेरा लंड चूसना छोड़ अपनी चूत को बचाने में लग गई। मुझे लगा आज आखिर गरिमा को हो क्या गया है। दोबारा मैंने अपने हाथों से उसकी गांड पकड़कर उसकी चूत को अपने मुंह पर लगाया और उसकी चूत की दरारों के बीच अपनी जीभ घुसाकर गरिमा की चूत चाटने लगा। आज गरिमा की चूत मुझे कुछ ज्यादा ही नमकीन लग रही थी। और आज उसकी चूत कुछ सिकुड़ी व छोटी लग रही थी। मुझे लगा तीन दिन से न चुदवाने के कारण चूत कुछ सिकुड़ गई होगी। पर आज गरिमा की चूत एकदम कुंवारी चूत के जैसे लग रही थी। उधर गरिमा ने लंड चूसना तेज कर दिया था। इतने देर की लंड चुसाई के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने गरिमा का सिर दबाकर उसे रुकने का इशारा किया लेकिन वो रुकी नहीं और कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पानी बंदूक से निकली गोली की रफ्तार से उसके गले और मुंह में भरता चला गया। गरिमा को मेरा वीर्य पीने का बड़ा शौक है। वो रोजाना मेरा वीर्य पीती थी लेकिन आज तो उसने जब मेरा पानी गिरने लगा तो अपना मुंह हटाने लगी लेकिन शायद बिस्तर खराब न हो जाए इसलिए उसने लंड पूरा निकलने के पहले ही दोबारा अपने मुंह में डाल लिया और मेरा वीर्य गटागट पी गई।
कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड फिर से चाटना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से सख्त होने लगा। जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया तब मैंने उसे इशारे से मेरे बगल में आकर सो जाने को कहा तो गरिमा वहाँ से उठकर मेरे और सरिता के बीच में आकर सरिता की ओर मुंह और मेरी तरफ गांड करके लेट गई। मैंने गरिमा के पैरों को इस तरह सेट किया कि दोनों पैरों के बीच गैप बन जाए और उसकी चूत बाहर की ओर हो जाए।
फिर मैंने गरिमा की चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया। अब दोस्तों मुझे जो भी करना था आराम से करना था क्योंकि अगर आवाज होती तो सरिता जाग सकती थी और हम लोगों का बना बनाया काम बिगड़ सकता था।
मैंने गरिमा का एक पैर थोड़ा सा मोड़कर चूत को और खोला और लंड को हल्के से दबाया पर वो चूत में जाने के बजाय फिसल गया। मैंने दोबारा वही किया पर फिर से मेरा लंड फिसल गया।
दोस्तों आज मेरे साथ बहुत अजीब हो रहा था। अब मुझे कुछ शक भी होने लगा कि ऐसा तो नहीं कि गरिमा समझकर मैं किसी और के साथ हूँ लेकिन चूत की हवस ने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालने दिया।
तीसरी बार मैंने फिर से थोड़ा सा थूक लगाया और फिर छेद पर लंड करके जोर से धक्का दिया अबकी बार मेरा लंड लगभग आधे से कुछ कम ही चूत में घुसा और गरिमा के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई।
उई माँ!!!!मर गई!!!!! बहुत दर्द हो रहा है!!!!! ये लंड है या लोहे का सरिया!!! निकालिए वरना मैं तो मर जाऊंगी!!!!!
दोस्तों ये सुनते ही मेरी तो हालत खराब होने लगी। जिसका शक था वही हुआ।। ये गरिमा नहीं बल्कि सरिता की आवाज थी। मैं घबराकर बोला- सरिता तुम मेरे बिस्तर पर कब आई हो और तुम्हारी दीदी कहाँ है?
सरिता- दीदी तो मम्मी के पास गईं और आई नहीं। वहीं सो गई।
मैंने पूछा- फिर यहाँ कौन कौन है?
सरिता (हंसते हुए मादक आवाज में) – यहाँ सिर्फ मैं और मेरे सेक्सी जीजू हैं।
मैं- अच्छा तो इसका मतलब तुमने जानबूझकर मेरे साथ ऐसा किया??
सरिता- जब मेरे जीजू चूत लेने ससुराल आए थे और दीदी नहीं हैं तो साली का फर्ज बनता है कि वो अपने जीजू को खुश करे।
अब दोस्तों मैं भी फिर से पूरे जोश में आ गया और सरिता को नीचे करके मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से अपना लंड सरिता की चूत पर सेट करके जोर से धक्का मारा।
अबकी बार मेरा लंड किसी तीर की तरह सरिता की चूत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया था और सरिता फिर से दर्द से बिलबिला उठी।
सरिता- हाय जीजू मार डालोगे क्या? आज तो मैं मर ही जाउंगी। ओह!!! आह!!! आह!!! जीजू!!! धीरे से जीजू!!! आह!!!
मैंने सरिता के मुंह पर अपना मुंह रख दिया ताकि वो और न बोल सके और फिर धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा।
अब मुझे अलग नशा चढ़ गया। और मैं धीरे धीरे सरिता की चूत में धक्के मार कर अपना लंड आगे पीछे कर रहा हूँ।
कुछ देर के बाद जब सरिता का दर्द शांत हुआ तो वो भी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।
सरिता- आह!!!! ओह!!!! आह!!!! जीजू!!!! आह!!!!! आह!!!!
मैंने मौका देखकर एक बार फिर से जोर का धक्का लगाया । अबकी बार मेरा पूरा लंड सरिता की चूत में सरसराता हुआ घुस गया।
सरिता फिर से दर्द से कराह उठी और मुझे पीछे धकेलने लगी जिससे कि मेरा लंड निकल जाए लेकिन मैनें उसे जोर से पकड़ कर अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और धक्के मारना बन्द कर दिया। कुछ देर के बाद जब सरिता शांत हुई तो मैं फिर से धक्के मारना शुरू किया।
सरिता- वाह जीजाजी!!! आह!!!!
आह जीजू!!!!! आह !!!! और जोर से। और जोर से चोदिए!!!! आज अपनी साली की चूत फाड़ डालिए!!! आज मुझे कुवारी से चुदक्कड़ साली बवा दीजिये जीजू!!!! आज मेरी कुंवारी चूत का भोसड़ा बना दीजिये!!!! आह!!!!!! ओह!!!!!!
सरिता जितना आवाज करती मेरा लंड उतना ही सख्त और स्पीड पकड़ता।। लगभग 25 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने पूछा- सरिता डार्लिंग कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी???
वो बोली- जहाँ आपका दिल करे जीजू।
मैंने कहा कि मैं तो तुम्हारी गांड में अपने लंड का पानी गिराउंगा। इतना सुनते ही सरिता डर गई। बोली- नहीं नहीं जीजू!!! जब चूत में इतना दर्द होता है तो दीदी बताती हैं कि इससे ज्यादा तो गांड में लेते वक्त दर्द होता है।
मैनें हंसकर कहा कोई बात नहीं मेरी जान लेकिन आज तो मैं तुम्हारी गांड दोबारा मारूंगा पहले मेरे लंड का पानी कहाँ लेना है वो बताओ??
वो बोली- मेरे प्यारे प्यारे सेक्सी चुदक्कड़ जीजू!!! आप अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दीजिये।। आज मैं आपके पानी से ठंडी होना चाहती हूँ!!!
मैंने कहा- अगर तुम्हें गर्भ ठहर गया तो??
तो सरिता ने कहा- मैं कल मेरे कॉलेज जाते वक्त अपनी सहेली से अनवांटेड मगा कर खा लूंगी क्योंकि अभी मुझे मौसी बनना है माँ नहीं मेरे प्यारे जीजू!!!
तब तक सरिता दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ ही उसकी चूत ने भी अपना रस छोड़ दिया। अब हम दोनों नंगे बिस्तर पर निढाल होकर पड़े थे। सरिता उठी और उसके चूत रस और मेरे वीर्य के मिक्स से सने मेरे लंड को चाटकर साफ करने लगी। सरिता मेरे लंड को पूरी तरह साफ करके चाट गई और फिर से मेरा लंड अपने मुंह में भरकर चूसने लगी!!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
