16-01-2024, 12:22 PM
दोस्तों मेरी हालत खराब हो रही थी सरिता के मुंह से ये सब सुनकर। अबतक मैंने सरिता को उस नजर से नहीं देखा था पर अब मुझे वो अपनी साली सरिता नहीं बल्कि एक सेक्सी चुदक्कड़ लड़की जवान हसीना दिख रही थी जिसे कि थोड़ी मेहनत करके अपने लंड के नीचे लाया जा सकता था।
मैंने सरिता से पूछा कि सरिता ये बताओ कि जब तुम अपनी दीदी से बातें करती हो तो वो सब तो शादीशुदा हैं लेकिन तुम्हारा मन नहीं करता क्या चुदाई कराने का? और चाची जी कैसे रहती हैं ये सब बात सुनकर।
दोस्तों सरिता ने जो मुझे बताया वो सुनकर मेरे तो होश उड़ गए। सरिता कहने लगी कि रोज रात को मैं और चाची जी एक साथ सोते हैं और एक दूसरे की चूत चुसाई, चटाई और उंगली से ही चुदाई करते हैं। तब मैंने रहा कि उंगली से कब तक काम चलाओगी जानेमन, एक बार अपने जीजू से चुदकर देखो।
सरिता बोली नहीं जीजू ऐसी कोई बात नहीं है। जब मेरी शादी हो जाएगी तब मैं भी अपने पति से खूब चुदुंगी। मैंने पूछा कि अभी तक कोई ब्वॉयफ्रेंड बना कि नहीं। तो वो बोली नहीं।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा कि तभी खाने के लिए सासू माँ बुलाने आ गईं।
अब सरिता को देखने का मेरा नजरिया बदल चुका था। खाना खाने के बाद पता चला कि ये दोनों बहनें दूसरे वाले मकान में सोती हैं और सासू माँ और चाची सास दूसरे वाले मकान में इसलिए मेरा बिस्तर भी गरिमा और सरिता के साथ लगाया गया।
एक तरफ मैंने था, बीच में गरिमा और एकदम किनारे सरिता सोई थी। मैंने चद्दर के नीचे से गरिमा की चूचियों को सहलाना शुरू किया कि अचानक गरिमा बोली अभी नहीं अभी सरिता जाग रही है। मैंने सोचा सही बात है, थोड़ी देर सो लेते हैं।
तभी अचानक गरिमा को चाची सास ने बुलाया कि सासू माँ बुला रही हैं। गरिमा मुझसे बोली कि आप आराम कीजिए मैं थोड़ी देर में आती हूँ तब तक सरिता भी सो जाएगी।
दोस्तों असली कहानी अब शुरू होती है। मैं न जाने कब सो गया जब मेरी नींद खुली तो गरिमा मेरी तरफ गांड करके लेटी थी। मैंने पूछा कि कब आई हो ? सरिता सो गई कि नहीं? उसने तुरन्त मझे चुप रहने का इशारा कर दिया मेरे होंठों पर अपनी उंगली रखकर।
अब मैं गरिमा की चूचियों को उसकी नाइटी में हाथ डालकर मसलने लगा।
मैनें गरिमा से पूछा- आज तो तुम्हारी चूचियां बहुत सख्त लग रही हैं लग रहा है तीन दिन में ही दुबारा सख्त हो गई हैं क्या?
उसने कोई उत्तर नहीं दिया बल्कि उसे न जाने क्या सूझा कि वो चद्दर के अंदर चली गई और मेरा अंडरवियर उतार दिया उसने।
दोस्तों मैं केवल अंडरवियर ही पहन कर सोता हूँ। अब मैं एकदम नंगा था और कमरे में घना अंधेरा था, लाइट बंद थी। एक चद्दर में हम पति पत्नी और उसी बिस्तर पर थोड़ी दूर पर दूसरे चद्दर में सरिता सो रही थी। गरिमा ने मेरा लंड जो कि एकदम कड़क 8 इंच का हो चुका था उसे पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरे आनंद की सीमा न रही दोस्तों।
आज तो जैसे अलग ही मजा आ रहा था। जिस बिस्तर पर एक कुंवारी सेक्सी कली सोई हो उसी बिस्तर पर हम पति पत्नी चुदाई का रंगारंग कार्यक्रम कर रहे थे। गरिमा पुरे शबाब से मेरा लंड चूस रही थी।
आज तो मुझे और दिन से ज्यादा मजा आ रहा था। आज गरिमा कुछ अलग अंदाज में ही लंड चूस रही थी। वो कभी लंड चूसती तो कभी मेरे गोटे मुंह में लेती कभी जांघों के आसपास की छोटी छोटी झांटों से खेलती। कभी तो जीभ से लंड का सुपाड़ा चाटती फिर जब लंड सूख जाता तो उस पर थूक कर फिर गीला करके उसे फिर से मुंह में लेकर चूसती।
अचानक मुझे मस्ती सूझी और मैंने गरिमा का मुंह पकड़कर अपने लंड पर दबाकर उसके मुंह को चोदने लगा। गरिमा इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वो खांसने लगी तो मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी। फिर उसने मेरे लंड से अपना मुंह हटाया और थोड़ी सी सांस भरी फिर जब मैंने दोबारा चाहा कि वो मेरे लंड को मुंह में ले तो वो नहीं ले रही थी पर एक दो बार कोशिश के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया।
मुझे थोडा़ अजीब लगा क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है जब मैंने अपना लंड उसके गले तक उतारा हो पर जब भी ऐसा होता गरिमा फिर सांस भरकर फिर से लंड चूसने लगती। कभी जबरदस्ती नहीं करना पड़ा पर आज मुझे लगा कि हो सकता है सरिता बगल में सोई है वो खांसने से जाग न जाए इसलिए मना कर रही थी।
मैंने सरिता से पूछा कि सरिता ये बताओ कि जब तुम अपनी दीदी से बातें करती हो तो वो सब तो शादीशुदा हैं लेकिन तुम्हारा मन नहीं करता क्या चुदाई कराने का? और चाची जी कैसे रहती हैं ये सब बात सुनकर।
दोस्तों सरिता ने जो मुझे बताया वो सुनकर मेरे तो होश उड़ गए। सरिता कहने लगी कि रोज रात को मैं और चाची जी एक साथ सोते हैं और एक दूसरे की चूत चुसाई, चटाई और उंगली से ही चुदाई करते हैं। तब मैंने रहा कि उंगली से कब तक काम चलाओगी जानेमन, एक बार अपने जीजू से चुदकर देखो।
सरिता बोली नहीं जीजू ऐसी कोई बात नहीं है। जब मेरी शादी हो जाएगी तब मैं भी अपने पति से खूब चुदुंगी। मैंने पूछा कि अभी तक कोई ब्वॉयफ्रेंड बना कि नहीं। तो वो बोली नहीं।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा कि तभी खाने के लिए सासू माँ बुलाने आ गईं।
अब सरिता को देखने का मेरा नजरिया बदल चुका था। खाना खाने के बाद पता चला कि ये दोनों बहनें दूसरे वाले मकान में सोती हैं और सासू माँ और चाची सास दूसरे वाले मकान में इसलिए मेरा बिस्तर भी गरिमा और सरिता के साथ लगाया गया।
एक तरफ मैंने था, बीच में गरिमा और एकदम किनारे सरिता सोई थी। मैंने चद्दर के नीचे से गरिमा की चूचियों को सहलाना शुरू किया कि अचानक गरिमा बोली अभी नहीं अभी सरिता जाग रही है। मैंने सोचा सही बात है, थोड़ी देर सो लेते हैं।
तभी अचानक गरिमा को चाची सास ने बुलाया कि सासू माँ बुला रही हैं। गरिमा मुझसे बोली कि आप आराम कीजिए मैं थोड़ी देर में आती हूँ तब तक सरिता भी सो जाएगी।
दोस्तों असली कहानी अब शुरू होती है। मैं न जाने कब सो गया जब मेरी नींद खुली तो गरिमा मेरी तरफ गांड करके लेटी थी। मैंने पूछा कि कब आई हो ? सरिता सो गई कि नहीं? उसने तुरन्त मझे चुप रहने का इशारा कर दिया मेरे होंठों पर अपनी उंगली रखकर।
अब मैं गरिमा की चूचियों को उसकी नाइटी में हाथ डालकर मसलने लगा।
मैनें गरिमा से पूछा- आज तो तुम्हारी चूचियां बहुत सख्त लग रही हैं लग रहा है तीन दिन में ही दुबारा सख्त हो गई हैं क्या?
उसने कोई उत्तर नहीं दिया बल्कि उसे न जाने क्या सूझा कि वो चद्दर के अंदर चली गई और मेरा अंडरवियर उतार दिया उसने।
दोस्तों मैं केवल अंडरवियर ही पहन कर सोता हूँ। अब मैं एकदम नंगा था और कमरे में घना अंधेरा था, लाइट बंद थी। एक चद्दर में हम पति पत्नी और उसी बिस्तर पर थोड़ी दूर पर दूसरे चद्दर में सरिता सो रही थी। गरिमा ने मेरा लंड जो कि एकदम कड़क 8 इंच का हो चुका था उसे पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरे आनंद की सीमा न रही दोस्तों।
आज तो जैसे अलग ही मजा आ रहा था। जिस बिस्तर पर एक कुंवारी सेक्सी कली सोई हो उसी बिस्तर पर हम पति पत्नी चुदाई का रंगारंग कार्यक्रम कर रहे थे। गरिमा पुरे शबाब से मेरा लंड चूस रही थी।
आज तो मुझे और दिन से ज्यादा मजा आ रहा था। आज गरिमा कुछ अलग अंदाज में ही लंड चूस रही थी। वो कभी लंड चूसती तो कभी मेरे गोटे मुंह में लेती कभी जांघों के आसपास की छोटी छोटी झांटों से खेलती। कभी तो जीभ से लंड का सुपाड़ा चाटती फिर जब लंड सूख जाता तो उस पर थूक कर फिर गीला करके उसे फिर से मुंह में लेकर चूसती।
अचानक मुझे मस्ती सूझी और मैंने गरिमा का मुंह पकड़कर अपने लंड पर दबाकर उसके मुंह को चोदने लगा। गरिमा इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वो खांसने लगी तो मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी। फिर उसने मेरे लंड से अपना मुंह हटाया और थोड़ी सी सांस भरी फिर जब मैंने दोबारा चाहा कि वो मेरे लंड को मुंह में ले तो वो नहीं ले रही थी पर एक दो बार कोशिश के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया।
मुझे थोडा़ अजीब लगा क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है जब मैंने अपना लंड उसके गले तक उतारा हो पर जब भी ऐसा होता गरिमा फिर सांस भरकर फिर से लंड चूसने लगती। कभी जबरदस्ती नहीं करना पड़ा पर आज मुझे लगा कि हो सकता है सरिता बगल में सोई है वो खांसने से जाग न जाए इसलिए मना कर रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.