16-01-2024, 12:21 PM
गरिमा के मायके चले जाने के तीन दिन बीत जाने के बाद गरिमा को अचानक चुदाई का हवस चढ़ा तो उसने मुझे कहा कि आज आ जाओ मेरी चूत में खुजली मची है और गांड तो सूख गई है बिना आपके लंड को पानी के। तो मैंने कहा कि ठीक है शोरूम बन्द होने से पहले ही आज निकल लूंगा।
दोस्तों शाम हो जाने के बाद मैंने मैनेजर को बोला कि आज 9 बजे ही शोरूम बन्द करके तुम लोग आराम से घर चले जाना (दोस्तों मेरा शोरूम 11 बजे बन्द होता है। )
मैं 7 बजे ही शोरूम से निकल गया और अगले 15 मिनट में मैं ससुराल पंहुच चुका था। मेरे ससुर जी बैंक मैनेजर हैं घर से 200 किमी दूर तो वो महीने में दो बार ही घर आते हैं । ससुराल पंहुच कर मेरा मेरी सासू माँ, चाची सास और मेरी साली ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया पर गरिमा कमरे में घुस गई थी। मैं सबसे मिलकर अपनी बीवी को पास पंहुचा और सीधे उसे किस करने लगा कि पीछे से मेरी साली भी मेरे लिए चाय नाश्ता लेकर वहाँ पंहुच गई। मैं हड़बड़ा कर पीछे हटा पर मेरी साली और मेरी बीवी गरिमा का रिएक्शन वैसे ही रहा जो कि मुझे बहुत अजीब लगा।
कुछ देर में गरिमा की एक सहेली आई और फेस मसाज कराने को बोलकर अपने घर ले गई (मेरी बीवी गरिमा एक ब्यूटीशियन है जबकि साली सरिता नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।) अब घर में केवल मैं मेरी साली सरिता चाची सास गीता और सासू माँ गिरिजा ही थे। (ससुर जी बैंक मैनेजर जबकि चाचा जी आर्मी में थे और साला मुम्बई में एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर था तो वो सब लोग बाहर रहते थे)
मेरे ससुराल में आमने सामने दो घर बने थे और बीच में करीब 60-70 फीट का मैदान था। एक तरफ वाले घर में मैं एक कमरे में लेटा था और दूसरे वाले घर में सासू माँ, चाची सास और साली साहिबा किचन में लगी थीं।
कुछ देर बाद सरिता मेरे लिए चाय लेकर आई और मेरे सीने पर हाथ रखकर जगाते हुए बोली- जीजू, जीजू उठिए चाय पी लीजिए। दोस्तों रात के करीब 9 बजने वाले थे और ये डेढ़ घंटे में दूसरी चाय थी। मैंने आँख खोलकर देखा कि मेरी साली साहिबा सफेद रंग का एकदम झीना हल्का टीशर्ट और कैप्री पहने हाथ में चाय का कप लिए खड़ी थी। टीशर्ट के अंदर का लाल रंग का वैन ह्यूसन ब्रा मुझे मानो आमंत्रण दे रहा हो कि आओ और मुझे उतारकर इन चूचियों को मसल डालो।
दोस्तों अब तक तो मैं किसी पर ध्यान नहीं दिया था परन्तु वो किस करते देख न शरमाना और इस तरह सेक्सी अंदाज में चाय लाना मेरे दिमाग की घंटी बजाने लगा। मुझे लगा गुरू कुछ तो बात है लड़की बहुत बिंदास है।
मैंने चाय हाथ में लेकर उसे बैठने को कहा तो वो लगभग मुझसे सटकर बैठी। मैंने कहा सरिता एक बात पूछूँ। वो बोली पूछिए। मैंने पूछा जब मैं तुम्हारी दीदी को किस कर रहा था तो तुमने देखा नहीं क्या?
तो वो बोली कि मैंने देखा कि आप किस करते हुए दीदी की चूचियों के मसल रहे थे। तब मैंने कहा कि फिर तुम्हारे चेहरे के हाव भाव नहीं बदले कुछ तो वो बोली कि आप मेरे जीजू हैं और दीदी पर आपका हक है, आप जैसे चाहो चूमो, चाटो, मसलो, चोदो, उससे मुझे क्या दिक्कत।
मैं उसके मुह से ये सब बात सुनकर हैरान हो गया। मैं कुछ बोलता उससे पहले ही वो बोली कि वैसे भी मुझे आपकी वो सारी हरकतें पता हैं जो आप दीदी के साथ करते हो।
दोस्तों मैं तो हैरान रह गया। लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत करके पूछा कि अच्छा तुम्हें क्या क्या पता है और कैसे पता है?
तब सरिता बोली कि असल में जीजू आप जिस तरह बदन तोड़ चुदाई करते हैं वो दीदी मुझे और संजना दीदी को कॉन्फ्रेंस कॉल पर सब बताती है। हम तीनों बहनें और मेरी चाची रोज शाम को कान्फ्रेन्स कॉल पर सारी डिस्कशन करते हैं।मैंने कहा यार बहनों तक तो ठीक है पर चाची सास को तो मत बताओ ये सब। दरअसल मेरी चाची सास अभी 30 साल की ही थीं और उनके शादी के 6 साल बाद भी उनको कोई बच्चा नहीं हुआ। असल में चाचा जी को छुट्टी बहुत कम मिलती है। सरिता ने बताया कि चाची तो और मजे से सारी बातें सुनती हैं।एक बार तो उन्होंने ये तक कहा है कि मुझे भी दामाद जी का लंड चाहिए गरिमा, हो सकता है दामाद जी ही मेरी कोख से अपना बेटा और साला पैदा कर दें। मेरी गरिमा दीदी बहुत खुशनसीब है कि उसे आप जैसा प्यार करने वाला पति मिला।
दोस्तों शाम हो जाने के बाद मैंने मैनेजर को बोला कि आज 9 बजे ही शोरूम बन्द करके तुम लोग आराम से घर चले जाना (दोस्तों मेरा शोरूम 11 बजे बन्द होता है। )
मैं 7 बजे ही शोरूम से निकल गया और अगले 15 मिनट में मैं ससुराल पंहुच चुका था। मेरे ससुर जी बैंक मैनेजर हैं घर से 200 किमी दूर तो वो महीने में दो बार ही घर आते हैं । ससुराल पंहुच कर मेरा मेरी सासू माँ, चाची सास और मेरी साली ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया पर गरिमा कमरे में घुस गई थी। मैं सबसे मिलकर अपनी बीवी को पास पंहुचा और सीधे उसे किस करने लगा कि पीछे से मेरी साली भी मेरे लिए चाय नाश्ता लेकर वहाँ पंहुच गई। मैं हड़बड़ा कर पीछे हटा पर मेरी साली और मेरी बीवी गरिमा का रिएक्शन वैसे ही रहा जो कि मुझे बहुत अजीब लगा।
कुछ देर में गरिमा की एक सहेली आई और फेस मसाज कराने को बोलकर अपने घर ले गई (मेरी बीवी गरिमा एक ब्यूटीशियन है जबकि साली सरिता नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।) अब घर में केवल मैं मेरी साली सरिता चाची सास गीता और सासू माँ गिरिजा ही थे। (ससुर जी बैंक मैनेजर जबकि चाचा जी आर्मी में थे और साला मुम्बई में एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर था तो वो सब लोग बाहर रहते थे)
मेरे ससुराल में आमने सामने दो घर बने थे और बीच में करीब 60-70 फीट का मैदान था। एक तरफ वाले घर में मैं एक कमरे में लेटा था और दूसरे वाले घर में सासू माँ, चाची सास और साली साहिबा किचन में लगी थीं।
कुछ देर बाद सरिता मेरे लिए चाय लेकर आई और मेरे सीने पर हाथ रखकर जगाते हुए बोली- जीजू, जीजू उठिए चाय पी लीजिए। दोस्तों रात के करीब 9 बजने वाले थे और ये डेढ़ घंटे में दूसरी चाय थी। मैंने आँख खोलकर देखा कि मेरी साली साहिबा सफेद रंग का एकदम झीना हल्का टीशर्ट और कैप्री पहने हाथ में चाय का कप लिए खड़ी थी। टीशर्ट के अंदर का लाल रंग का वैन ह्यूसन ब्रा मुझे मानो आमंत्रण दे रहा हो कि आओ और मुझे उतारकर इन चूचियों को मसल डालो।
दोस्तों अब तक तो मैं किसी पर ध्यान नहीं दिया था परन्तु वो किस करते देख न शरमाना और इस तरह सेक्सी अंदाज में चाय लाना मेरे दिमाग की घंटी बजाने लगा। मुझे लगा गुरू कुछ तो बात है लड़की बहुत बिंदास है।
मैंने चाय हाथ में लेकर उसे बैठने को कहा तो वो लगभग मुझसे सटकर बैठी। मैंने कहा सरिता एक बात पूछूँ। वो बोली पूछिए। मैंने पूछा जब मैं तुम्हारी दीदी को किस कर रहा था तो तुमने देखा नहीं क्या?
तो वो बोली कि मैंने देखा कि आप किस करते हुए दीदी की चूचियों के मसल रहे थे। तब मैंने कहा कि फिर तुम्हारे चेहरे के हाव भाव नहीं बदले कुछ तो वो बोली कि आप मेरे जीजू हैं और दीदी पर आपका हक है, आप जैसे चाहो चूमो, चाटो, मसलो, चोदो, उससे मुझे क्या दिक्कत।
मैं उसके मुह से ये सब बात सुनकर हैरान हो गया। मैं कुछ बोलता उससे पहले ही वो बोली कि वैसे भी मुझे आपकी वो सारी हरकतें पता हैं जो आप दीदी के साथ करते हो।
दोस्तों मैं तो हैरान रह गया। लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत करके पूछा कि अच्छा तुम्हें क्या क्या पता है और कैसे पता है?
तब सरिता बोली कि असल में जीजू आप जिस तरह बदन तोड़ चुदाई करते हैं वो दीदी मुझे और संजना दीदी को कॉन्फ्रेंस कॉल पर सब बताती है। हम तीनों बहनें और मेरी चाची रोज शाम को कान्फ्रेन्स कॉल पर सारी डिस्कशन करते हैं।मैंने कहा यार बहनों तक तो ठीक है पर चाची सास को तो मत बताओ ये सब। दरअसल मेरी चाची सास अभी 30 साल की ही थीं और उनके शादी के 6 साल बाद भी उनको कोई बच्चा नहीं हुआ। असल में चाचा जी को छुट्टी बहुत कम मिलती है। सरिता ने बताया कि चाची तो और मजे से सारी बातें सुनती हैं।एक बार तो उन्होंने ये तक कहा है कि मुझे भी दामाद जी का लंड चाहिए गरिमा, हो सकता है दामाद जी ही मेरी कोख से अपना बेटा और साला पैदा कर दें। मेरी गरिमा दीदी बहुत खुशनसीब है कि उसे आप जैसा प्यार करने वाला पति मिला।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.