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Fantasy प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
#3
मैं अपनी शादी के बाद बहुत खुश था। गरिमा जैसी बीवी बड़े नसीब वालों को मिलती है। सुहागरात को मैंने अपनी बीवी की पूरी रात भर में तीन बार चूत और एक बार गांड चोदी। मेरी बीवी तो गांड देना ही नहीं चाहती थी, क्योंकि उसे उसकी भाभी और सहेलियों ने पहले ही अपना अनुभव बताया था कि पहली बार मरवाने में बहुत दर्द होता है। चूत तो सह लोगी लेकिन गांड नहीं मरा पाओगी। इसलिए गांड मत मरवाना।

अब मेरी बीवी सुर्ख कुंवारी। अर्थात मायके में भाभी और सहेलियों के मोबाइल पर नंगी तस्वीरों में, वीडियोज़ में और कभी कभार किसी राह चलते आदमी को मूतते समय लंड देखा तो था लेकिन कभी उसे अपनी चूत में लेने का सौभाग्य न प्राप्त हो सका बेचारी के। ये उसने मुझे बाद में बताया था कि कई बार तो जब हम लोग कॉलेज जाते या आते तो पगडंडी वाला रास्ता कम दूरी होने के कारण अक्सर हम लोग उसी रास्ते को चुनते तो अगर कोई आदमी पेशाब करते दिख जाता तो हम लोग झाड़ियों में छिपकर उनके लंड ताड़ते। और कई दफा तो मेरी बीवी की सहेली को भी उसके आशिक से चुदते हुए उसके आशिक का लंड देखी थी। गरिमा की सारी सहेलियाँ चुदक्कड़ थीं और वो गरिमा को भी लंड की सवारी करने को कहतीं।वो लोग बोलतीं कि तुझे तो लड़के देखकर राह चलतेअपना लंड मसलते हैं, अगर तू किसी को भी इशारा कर दे तो वो तुरन्त ही तुझसे पट जाएगा लेकिन गरिमा कहती थी कि मैं अपने पतिदेव से ही अपनी सील तुड़वाउंगी।

सुहागरात को पहली बार की चुदाई में ही वो दर्द से बिलबिला उठी और उसकी सील टूटने की वजह से पूरी बेडशीट खून से लाल हो गई। किसी तरह थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसका दर्द तब कम हुआ जब मैंने उसे ले जाकर पेनकिलर दी।

दोस्तों मुझे डॉगी स्टाइल बहुत पसंद है। ऐसी कोई मेरी जिंदगी में बची नही जिसकी मैंने कुतियों की तरह झुकाकर चूत और गांड न ली हो। मुझे लड़कियों और औरतों की चूत से ज्यादा उनकी मटकती गांड पसन्द आती है। मुझे उनका गांड चाटना और फिर थूक लगाकर चोदना ज्यादा पसंद है। दोस्तों आज तक मैंने जितनी भी चूत या गांड चोदी है केवल थूक लगाकर । कोई तेल या वैसलीन नहीं क्योंकि नैचुरल थूक से जो गर्माहट मिलती है वो वैसलीन में कहाँ?

शादी की पहली ही रात को मुझे अपनी बीवी की गांड मारने का भूत सवार हुआ तो फिर मारकर ही माना। बहुत मिन्नत करने के बाद वो किसी तरह गांड देने के लिए तैयार हुई तो मैंने उसे उल्टा झुकाकर उसकी गांड को पहले अच्छे से चाटना शुरू किया, फिर उसकी गांड में उंगली डालकर कुछ देर तक ढीला किया फिर उसके बाद लंड से चुदाई हुई। वो तो बेचारी बेहोश हो गई थी। जब उसे होश आया तो वो दर्द से कराह रही थी और रो रही थी । बार बार मुझसे कह रही थी अब मर जाउंगी लेकिन कभी गांड नहीं मरवाउंगी। मैंने प्यार से समझाया कि देखो गरिमा, पहली बार में ही दर्द होता है, फिर उसके बाद आदत बन जाती है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी - by neerathemall - 16-01-2024, 12:20 PM



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