15-01-2024, 08:50 PM
मैं नहा के बाहर निकला और निकर एवं टीशर्ट पहना।
मैं नीचे गया तो देखा मंजू घर का सारा काम कर चुकी है और नीतू नहाने गई हैं। मंजू मुझे देखते ही खड़ी हो गई। मैं सोफे पर जाकर बैठा और उसको अपने पास बुलाया।
मंजु मेरे सामनेआयी तो मैंने उसे नीचे झुकने का इशारा किया।
जैसे ही मंजु नीचे झुकी, मैंने उसके गर्दन पर हाथ रखा और चेहरा अपनी ओर टेढ़ा करते हुए ग़ुस्से से पूछा।
मैं- यह क्या पहन रखा है तुमने?
मंजू ने सूट पहना हुआ था जबकि मैंने बोला हुआ था कि घर में सब कम से कम कपड़े पहनेंगे।
मंजू- प्लीज़ मुझे माफ कर दो, अगली बार ऐसा नहीं होगा।
मैं- अगली बार, आज ही ऐसा क्यों हुआ?
मंजू कुछ नहीं बोली तो मैंने उसे कस कर एक थप्पड़ मारा और बोला कि अगली बार ऐसा कुछ हुआ ना तो नंगा कर के सड़क पर घूमाऊँगा।
मंजू डर गई और वो जल्दी से सूट उतार दी और पूरी नंगी हो गई। फिर वो मेरे बगल में आ के बैठ गई और मुझे मनाने लगी। मंजु मेरे बाए बैठी थी और मेरे गाल को किस कर रही थी वहीं अपनी उँगुलियों को मेरे पीठ पर रगड़ रही थीं।
मंजू ऐसे मुझे मना ही रहीं थी नीतू नहा कर बाथरूम से निकली।नीतू को शायद अंदाजा नहीं था कि मैं नीचे आके बैठा हूँ। वो टॉवेल लपेटे कमरे में जा रही थी तभी मेरी नजर उस पर पड़ी।नीतू का गोरा गोरा बदन नहाने के बाद और भी चमक रहा था।
मैंने नीतू को आवाज दी।
नीतू चौंकी और वैसे ही मेरे सामने आकर खड़ी हो गई।
मैं नीतू से- अभी क्या पहनेगी।
नीतू कभी मेरी ओर देखती और कभी मंजू की ओर जो पूरी नंगी मेरे पास बैठी थी। फिर वो कुछ सेकंड्स के लिए चुप रही और उसके बाद बोली।
नीतू- जो आप कहे।
मैं- शाबाश, जाओ एक काम करो कोई मस्त सेक्सी साड़ी पहन लो। जितना सेक्सी पहन सकती हो उतना।
मंजू मेरी और हैरान भरी नजरों से देख रही थी और शायद मन हो मन सोच रही थी कि मुझे नंगा कर के छोड़ रखा है और उसको मस्त साड़ी पहनने को बोल रहा है।
मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था। फिर मैंने मंजु की ओर देखा और बोला जा मेन गेट खोल, अभी हम तीनों दिल्ली निकलेंगे।
मंजु पूरी नंगी थी और उसने किसी तरह हिम्मत जुटा कर मुझसे पूछा- मैं क्या पहन लूँ?
मैं- तुझे कुछ नहीं पहनना है। तू ऐसे ही नंगी जाएगी।
मंजु के होश उड़ गए।
मैं नीचे गया तो देखा मंजू घर का सारा काम कर चुकी है और नीतू नहाने गई हैं। मंजू मुझे देखते ही खड़ी हो गई। मैं सोफे पर जाकर बैठा और उसको अपने पास बुलाया।
मंजु मेरे सामनेआयी तो मैंने उसे नीचे झुकने का इशारा किया।
जैसे ही मंजु नीचे झुकी, मैंने उसके गर्दन पर हाथ रखा और चेहरा अपनी ओर टेढ़ा करते हुए ग़ुस्से से पूछा।
मैं- यह क्या पहन रखा है तुमने?
मंजू ने सूट पहना हुआ था जबकि मैंने बोला हुआ था कि घर में सब कम से कम कपड़े पहनेंगे।
मंजू- प्लीज़ मुझे माफ कर दो, अगली बार ऐसा नहीं होगा।
मैं- अगली बार, आज ही ऐसा क्यों हुआ?
मंजू कुछ नहीं बोली तो मैंने उसे कस कर एक थप्पड़ मारा और बोला कि अगली बार ऐसा कुछ हुआ ना तो नंगा कर के सड़क पर घूमाऊँगा।
मंजू डर गई और वो जल्दी से सूट उतार दी और पूरी नंगी हो गई। फिर वो मेरे बगल में आ के बैठ गई और मुझे मनाने लगी। मंजु मेरे बाए बैठी थी और मेरे गाल को किस कर रही थी वहीं अपनी उँगुलियों को मेरे पीठ पर रगड़ रही थीं।
मंजू ऐसे मुझे मना ही रहीं थी नीतू नहा कर बाथरूम से निकली।नीतू को शायद अंदाजा नहीं था कि मैं नीचे आके बैठा हूँ। वो टॉवेल लपेटे कमरे में जा रही थी तभी मेरी नजर उस पर पड़ी।नीतू का गोरा गोरा बदन नहाने के बाद और भी चमक रहा था।
मैंने नीतू को आवाज दी।
नीतू चौंकी और वैसे ही मेरे सामने आकर खड़ी हो गई।
मैं नीतू से- अभी क्या पहनेगी।
नीतू कभी मेरी ओर देखती और कभी मंजू की ओर जो पूरी नंगी मेरे पास बैठी थी। फिर वो कुछ सेकंड्स के लिए चुप रही और उसके बाद बोली।
नीतू- जो आप कहे।
मैं- शाबाश, जाओ एक काम करो कोई मस्त सेक्सी साड़ी पहन लो। जितना सेक्सी पहन सकती हो उतना।
मंजू मेरी और हैरान भरी नजरों से देख रही थी और शायद मन हो मन सोच रही थी कि मुझे नंगा कर के छोड़ रखा है और उसको मस्त साड़ी पहनने को बोल रहा है।
मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था। फिर मैंने मंजु की ओर देखा और बोला जा मेन गेट खोल, अभी हम तीनों दिल्ली निकलेंगे।
मंजु पूरी नंगी थी और उसने किसी तरह हिम्मत जुटा कर मुझसे पूछा- मैं क्या पहन लूँ?
मैं- तुझे कुछ नहीं पहनना है। तू ऐसे ही नंगी जाएगी।
मंजु के होश उड़ गए।