10-01-2024, 01:07 PM
जोरू का गुलाम -भाग ११५
देवर की दावत
ट्रैफिक काफी थी ,मुझे और जेठानी जी को घर पहुंचते पहुंचते पौने नौ बज गए।
हाँ घर में घुसते समय दिया का मेसेज आया वो लोग माल से निकल गए हैं। और ब्लाउज मिल गया है।
मैंने जेठानी जी को फारवर्ड कर दिया। और उन्होंने दिया को एक किस्सी वाली स्माइली भेज दी.
इन्तजार में बिचारे उनके देवर की हालत खराब थी।
…………
जबरदस्त पार्टी थी आज , मुस्कराती हुयी जेठानी बोलीं। और ये दिया भी ,कितना सोर्स है उसका हर जगह , उन्होंने जोड़ा।
बियर की खुमारी अब तक बाकी थी।
" अरे दीदी , अभी तो पार्टी शुरू हुयी है ,रात पूरी बाकी है। "
मैंने उनके कान में गुनगुनाया , " दीदी तेरा देवर दीवाना " और मोबाइल खोल के दिखाया ,
उनके देवर के पूरे १ ८ मेसेज , कब आ रही हो , कितनी देर और , भाभी कब तक आएँगी।
" आपकी छुट्टी ख़तम हुयी है न बिचारे तबसे , एकदम ,.... " कार का दरवाजा खोलते मैं बोली।
" जलती काहें हो है ,मेरा देवर है एकलौता। " इठलाते हुए वो बोलीं।
" असल में दीदी ,चार दिन पहले जब से आप ने उन्हें बतलाया था ना देवर वो जो बार बार मांगे ,दे बुर , दे बुर ,... "
मैंने उन्हें छेड़ा भी, उकसाया भी और याद भी दिलाया,
" अरे तो क्या हुआ मेरा देवर है ,मांगेगा तो दे दूंगी। उसका हक़ है। " बड़े ठसके से बोलते हुए जेठानी जी ने दरवाजा खोला ,
और
और
और क्या माहौल था अंदर। एकदम रोमांटिक।
इतना रोमांटिक की सात ताले में अपनी चुनमुनिया बंद रखने वाली कोई नखड़ीली किशोरी भी , खुद अपने हाथ से अपनी पैंटी सरका देती।
पूरे घर में बस हलकी धुंधली सी रौशनी , हवा में गुलाबों की खुशबू , पाइप्ड म्यूजिक
झुक के उन्होंने अपनी भाभी का इस्तकबाल किया और सीधे डिनर टेबल पर।
जेठानी जी लाख कहती रहीं , ज़रा कपडे चेंज कर लूँ , पर वो कहाँ।
( प्लान भी हमारा यही था ,उनके कपडे तो बस अब उतरने थे , चेंज का क्या मतलब )
मेरा मन एक बार फिर अपने उनके लिए बस झूम उठा ,मेरे ये सच में एकदम मेरे हैं ,उनके जैसा कोई नहीं /
टेबल पर सिर्फ कैंडल्स , लम्बी और मोटी ,दस इंच से लेकर एक फुटी और मोटी इतनी की मुट्ठी में न समाये।
( इनका इस्तेमाल बाद में भी होना था )
और न सिर्फ उन्होंने सर्व किया बल्कि जब जेठानी जी ने खाने के लिए हाथ बढ़ाया तो उन्होंने पकड़ लिया और बोला बड़े ही द्विअर्थी अंदाज में
" जिस देवर के होते हुए भौजाई को अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करना पड़े ,उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है। "
और अपने हाथ से गलावटी कबाब सीधे उनके होंठों के बीच।
देवर की दावत
ट्रैफिक काफी थी ,मुझे और जेठानी जी को घर पहुंचते पहुंचते पौने नौ बज गए।
हाँ घर में घुसते समय दिया का मेसेज आया वो लोग माल से निकल गए हैं। और ब्लाउज मिल गया है।
मैंने जेठानी जी को फारवर्ड कर दिया। और उन्होंने दिया को एक किस्सी वाली स्माइली भेज दी.
इन्तजार में बिचारे उनके देवर की हालत खराब थी।
…………
जबरदस्त पार्टी थी आज , मुस्कराती हुयी जेठानी बोलीं। और ये दिया भी ,कितना सोर्स है उसका हर जगह , उन्होंने जोड़ा।
बियर की खुमारी अब तक बाकी थी।
" अरे दीदी , अभी तो पार्टी शुरू हुयी है ,रात पूरी बाकी है। "
मैंने उनके कान में गुनगुनाया , " दीदी तेरा देवर दीवाना " और मोबाइल खोल के दिखाया ,
उनके देवर के पूरे १ ८ मेसेज , कब आ रही हो , कितनी देर और , भाभी कब तक आएँगी।
" आपकी छुट्टी ख़तम हुयी है न बिचारे तबसे , एकदम ,.... " कार का दरवाजा खोलते मैं बोली।
" जलती काहें हो है ,मेरा देवर है एकलौता। " इठलाते हुए वो बोलीं।
" असल में दीदी ,चार दिन पहले जब से आप ने उन्हें बतलाया था ना देवर वो जो बार बार मांगे ,दे बुर , दे बुर ,... "
मैंने उन्हें छेड़ा भी, उकसाया भी और याद भी दिलाया,
" अरे तो क्या हुआ मेरा देवर है ,मांगेगा तो दे दूंगी। उसका हक़ है। " बड़े ठसके से बोलते हुए जेठानी जी ने दरवाजा खोला ,
और
और
और क्या माहौल था अंदर। एकदम रोमांटिक।
इतना रोमांटिक की सात ताले में अपनी चुनमुनिया बंद रखने वाली कोई नखड़ीली किशोरी भी , खुद अपने हाथ से अपनी पैंटी सरका देती।
पूरे घर में बस हलकी धुंधली सी रौशनी , हवा में गुलाबों की खुशबू , पाइप्ड म्यूजिक
झुक के उन्होंने अपनी भाभी का इस्तकबाल किया और सीधे डिनर टेबल पर।
जेठानी जी लाख कहती रहीं , ज़रा कपडे चेंज कर लूँ , पर वो कहाँ।
( प्लान भी हमारा यही था ,उनके कपडे तो बस अब उतरने थे , चेंज का क्या मतलब )
मेरा मन एक बार फिर अपने उनके लिए बस झूम उठा ,मेरे ये सच में एकदम मेरे हैं ,उनके जैसा कोई नहीं /
टेबल पर सिर्फ कैंडल्स , लम्बी और मोटी ,दस इंच से लेकर एक फुटी और मोटी इतनी की मुट्ठी में न समाये।
( इनका इस्तेमाल बाद में भी होना था )
और न सिर्फ उन्होंने सर्व किया बल्कि जब जेठानी जी ने खाने के लिए हाथ बढ़ाया तो उन्होंने पकड़ लिया और बोला बड़े ही द्विअर्थी अंदाज में
" जिस देवर के होते हुए भौजाई को अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करना पड़े ,उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है। "
और अपने हाथ से गलावटी कबाब सीधे उनके होंठों के बीच।