10-01-2024, 12:17 PM
(This post was last modified: 11-01-2024, 12:18 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(10-01-2024, 12:16 PM)neerathemall Wrote: अब आगे
अब आगे:
तभी मेरी एक तेज ‘आआइई … उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ आवाज निकली और बस मेरी योनि से रस की फुहार छूट पड़ी. मैं थरथराने लगी और अपनी योनि को लिंग पर धकेलते हुए उसके सीने पर गिर पड़ी. मैंने उसे पूरी ताकत से पकड़ लिया और अपने चूतड़ों तब तक हिलाती रही जब तक कि मेरा सारा रस न निकल गया.
मेरे शांत होते ही उसने नीचे से अपने चूतड़ों को उछालना शुरू कर दिया. पर मेरे वजन के कारण उससे उतना जोर नहीं लग पा रहा था. उसने जोर लगा कर मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर आ गया. मैं पेट के बल हो गयी थी इसलिए उसने जल्दी से तकिया लिया और मेरे पेट के नीचे रख कर मेरे चूतड़ों को थोड़ा ऊपर उठा दिया. मेरे दोनों चूतड़ों को फैला कर जांघों के बीच आकर तेज़ी से लिंग मेरी योनि में घुसाने लगा.
![[Image: 43742837_015_7c2c.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/167/43742837/43742837_015_7c2c.jpg)
मेरे मोटे चूतड़ और कम ऊँचाई की वजह से उसका लिंग मेरी योनि में गहराई तक नहीं जा रहा था. उसने धक्के मारते हुए मुझे अपनी तरफ खींचना और सही जगह पर लाने की कोशिश करनी शुरू कर दी. वो ऐसे कर रहा था, जैसे कोई मजदूर भारी भरकम बोरी को जगह पर लाने के लिए करता है
![[Image: 72802674_123_9100.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/117/72802674/72802674_123_9100.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
