29-12-2023, 03:16 PM
अजय ने उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया...पूजा के कुल्हों पर शावर की बूंदे पड़ रही थी और चूत में अपने जीजू के लंड की दस्तक....इसी एहसास को लेने के लिए वो यहाँ आई थी.....अब तो बस उसे इंतजार था अजय के लंड का...जो कभी भी उसके अंदर दाखिल हो सकता था...
अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे
अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''
अजय : "अर्रे नही.....वो भला उपर कैसे चढेगी ...हाँ .....दूध वाला होगा.....8 बज गये है ना....वो रोज इसी वक़्त आता है...''
ये सुनकर पूजा ने चैन की साँस ली....ये दूध वाला ही होगा...क्योंकि उनके घर भी वही दूध देने आता था...इसी टाइम पर...8 बजे..
अजय ने एक टावल अपनी कमर पर लपेटा और बाहर निकल आया....बाहर निकलकर सबसे पहले तो उसने रिया के रूम का दरवाजा बंद किया...अपने टावल में लिपटी पूजा भी बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी होकर अजय को देखने लगी...अजय ने की-होल से बाहर देखा और फिर उसने मुस्कुराते हुए पूजा की तरफ देखा और धीरे से बोला : "वही है...दूध वाला....''
पूजा की भी जान में जान आई....वो तो यही सोचकर वहां खड़ी थी की अगर उसके घर से कोई हुआ तो वो भागकर कहीं छुप जाएगी...लेकिन दूध वाला था इसलिए वो निश्चिंत सी हो गयी और वापिस बाथरूम में घुस गयी..और अपना टावल निकाल कर टाँग दिया और बुदबुदाई "साले दूध वाले ने डरा ही दिया ..''
और फिर वो नंगी खड़ी होकर बेसब्री से अजय के लोटने का इन्तजार करने लगी..
जितनी जल्दी उसे थी, उससे ज़्यादा अजय को थी...उसने दरवाजा खोलकर फटाफट दूध लिया और उसे किचन में रखकर लगभग भागता हुआ सा वापिस बाथरूम में घुस गया...उसने तो अंदर घुसने से पहले ही अपनी कमर में बँधा टावल निकाल दिया और नंगा ही अंदर घुस आया...
और एक बार फिर से हुस्न से लदी हुई अपनी सेक्सी साली के गले से लगकर उसे बेतहाशा चूमने लगा..
लेकिन उन्हे चूमते हुए अभी एक मिनट ही हुआ था की एक बार फिर से बाहर की बेल बज उठी...उन दोनो को एक बार फिर से अपना कार्यकर्म रोकना पड़ा...और साथ ही साथ वो दोनो ये भी सोचने लगे की अब कौन हो सकता है...
अजय बाहर जाने की सोच ही रहा था की बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई...और साथ ही उसकी सास की आवाज़ भी सुनाई दी...जो दरवाजा धकेलकर अंदर घुसती चली आई और अजय को पुकारने लगी : "अजय......कहाँ हो तुम.....अजय...ये दरवाजा खोलकर क्यों सो रहे हो ? ''
अजय ने अपना माथा पीट लिया....दूध लेने के बाद उसने जल्दबाज़ी में बाहर का दरवाजा ही बंद नही किया...उसने घबराते हुए पूजा की तरफ देखा...उसकी भी गांड फटकर हाथ में आ चुकी थी...चेहरा एकदम पीला पड़ चुका था...अगर उसकी मॉम ने उसे इस वक़्त नंगी हालत में उसके जीजू के साथ पकड़ लिया तो क्या होगा...
उसकी सासू माँ अजय को आवाज़ लगाती हुई उसके बेडरूम तक गयी, लेकिन वहां कोई नही था...तो वो बाहर निकल आई और एक बार फिर से अजय को आवाज़ दी..."अजय, कहाँ हो तुम .... अजय "
अब तो अजय को उनका जवाब देना ही था...क्योंकि अगर वो जवाब नही देगा तो वो उसे ढूँढते हुए दूसरे बेडरूम में ज़रूर जाएगी...और वहां रिया को सोते हुए देखकर वो एक ही पल में सब समझ जाएगी...अगर रिया वहां है तो पूजा भी वहीँ होनी चाहिए..इसलिए उन्हे दूसरे कमरे में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी था...
इस बीच उन्हे एक पल के लिए भी ऐसा मौका नही मिल पाया जिसमे पूजा भागकर बाथरूम से बाहर निकलकर जा सके...अजय के साथ उसका बाथरूम में होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी मुसीबत थी...और कोई भी माँ शायद ये नही चाहेगी की उसकी बेटी का उसके ही दामाद के साथ ऐसा कोई रिश्ता हो...
अजय ने दिल को कड़ा करते हुए ज़ोर से उनको जवाब दिया : "हांजी....मैं यहाँ हूँ ..बाथरूम में ...नहा रहा हूँ ....''
उसके नहाने की बात सुनते ही उसकी सासू माँ रजनी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और वो दरवाजे के पास पहुँचकर बोली : "इतनी सुबह -2 कोई नहाता है क्या....चलो खोलकर दिखाओ जल्दी...''
अजय : "आप अंदर मेरे रूम में बैठिये , मैं बस एक मिनट में आया "
अब तक रजनी भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी, वैसे वो इतनी सुबह इसीलिए तो वहां आई थी, वो अब किसी भी कीमत पर अजय से चुदना चाहती थी , उनकी नींद भी दूध वाले की वजह से खुली थी, दूध लेने के बाद ना जाने एकदम से उनके मन में ये विचार आया की चलो अजय के पास चला जाए , प्राची तो अभी सो ही रही थी, और उनके पति भी 9 बजे से पहले उठने वाले नहीं है, और उनके अनुसार तो पूजा और रिया अपनी सहेली के घर गयी हुई थी , इसलिए ये मौका वो छोड़ना नहीं चाहती थी , और अपने दामाद को सरप्राइज देने के लिए वो सुबह-२ उसके घर पहुँच गयी.
रजनी ने जब दरवाजा खोलने के लिए कहा तो अजय और पूजा की हालत और भी खराब हो गयी....
पूजा तो रोने लगी और वो रोते -२ फुसफुसाई : "जीजू, प्लीज कुछ करो, मुझे बचा लो, माँ ने मुझे आज यहाँ देख लिया तो मैं पूरी जिंदगी उन्हें मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी, प्लीज जीजू, कुछ करो न, प्लीज.... "
लेकिन अंदर ही अंदर अजय समझ चुका था की अब उसके पास कोई और चारा भी नही है....अचानक उसके दिमाग़ में एक प्लान आया....उसने तुरंत पूजा को बाथटब के अंदर जाने को कहा और आगे से शावर कर्टन लगा कर उस हिस्से को छुपा दिया...
और पूजा को ये भी समझा दिया की अब चाहे कुछ भी हो जाए...उसके और उसकी माँ के बीच कुछ भी हो...वो बाहर ना निकले...बस यही एक तरीका है पूजा को बचाने का...
पूजा की तो कुछ भी समझ मे नही आया की आखिर ये अजय चाहता क्या है....और वो ऐसा क्या करने वाला है उसकी माँ के साथ की वो उसकी बात एक ही बार में समझ जाएगी...
लेकिन अगले एक घंटे में जो भी वहां होने वाला था, उसकी ना तो पूजा ने कल्पना की थी और ना ही अजय ने सोचा था की उसकी ये योजना इस तरह से रंग लाएगी...या रंग बदलेगी ।
अजय अंदर खड़ा होकर पूजा को समझा रहा था और बाहर खड़ी उसकी सास अधीर सी होकर दरवाजा पीट रही थी..
''अब खोल भी दो ना अजय....इतना भी क्या शर्मा रहे हो...और वो भी मुझसे...''
तब तक पूजा पीछे जाकर छिप चुकी थी और कर्टन आगे कर दिया था...लेकिन अपनी माँ की ये आख़िरी बात सुनकर उसके दिमाग़ के घोड़े भी तेज गति से दौड़ने लग गये की आख़िर उसकी माँ ये क्या कह रही है...और वो भी अपने दामाद के सामने...कहीं ऐसा तो नही...की....की...
उसके दिमाग़ में बहुत बुरे-2 ख़याल आने लगे...लेकिन उसने एक ही झटके में उन्हे झटक दिया और मन में बोली 'नही नही...ऐसा भी कही होता है क्या...कहां अजय जैसा जवान मर्द और कहाँ उसकी दुगनी उम्र की माँ ...भले ही वो देखने में अभी तक काफ़ी अच्छी लगती है, लेकिन अजय के ऐसे दिन भी नही आए की वो अपनी जवान बीबी और सेक्सी सालियों के होते हुए उनकी माँ की तरफ आकर्षित हो...'
लेकिन उसकी सोच पर ऐसा पानी फिरने वाला था की वो भी नही जानती थी..
अजय ने सब कुछ सेट करने के बाद दरवाजा खोल दिया...उसने अपना भीगा हुआ बदन नीचे से टावल में लपेट लिया था...उसके दिमाग़ में जो प्लान था, उसके अनुसार तो वो अपनी सासू माँ को अपने बेडरूम में ले जाना चाहता था...ताकि जो कुछ भी उनके बीच हो वो ना तो पूजा सुन पाए और ना ही देख पाए...और उसके बाद उन्हे जल्द से जल्द वापिस रवाना भी करना था..ताकि उन्हे पूजा और रिया के वहां होने का आभास ही ना हो...लेकिन ये सब करना काफ़ी चुनोती भरा काम था...आज उसे ये सब करके अपने इन नाजायज़ रिश्तो के बीच की परदेदारी सलामत रखनी थी..
लेकिन उपर वाले को शायद अजय का ये प्लान पसंद नही आया था...
क्योकि जैसे ही अजय ने दरवाजा खोलकर बाहर निकलना चाहा, रजनी उसे धक्का देती हुई अंदर ही घुसती चली आई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
अजय ने दबी आवाजमें कहा : "ये क्या...आप...आप अंदर चलिए ना...मेरे ..मेरे ...बेडरूम में ...''
रजनी : "क्यों .यहाँ क्या प्राब्लम है....वैसे भी मैं अभी तक नहाई नही हूँ ..और अपने दामाद के साथ आज पूरी तरह से नहाना चाहती हूँ ...बोलो नहलाओगे ना मुझे..आज....''
इतना कहते-2 रजनी ने अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी...
अजय का ध्यान बार-2 कर्टन की तरफ जा रहा था....वो ये बात तो समझ ही चुका था की पूजा ने ये सब सुन ही लिया है...और उसके दिल पर क्या बीत रही होगी , ये सोचकर की उसके जीजू का उसकी माँ के साथ भी चक्कर है...यानी एक भांडा तो फुट ही चुका था अब तक....
फिर भी वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की जो भी हो, वहां से बाहर निकल कर ही हो...क्योंकि एक राज पर से तो परदा उठ ही चुका था...पूजा को पता चल चुका था की अजय और रजनी के बीच कुछ है...लेकिन वो वहाँ रहकर दूसरा परदा भी नही हटवाना चाहता था, जिसमें रजनी को ये पता चले की पूजा का भी अजय के साथ कुछ ऐसा ही संबंध है...
अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे
अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''
अजय : "अर्रे नही.....वो भला उपर कैसे चढेगी ...हाँ .....दूध वाला होगा.....8 बज गये है ना....वो रोज इसी वक़्त आता है...''
ये सुनकर पूजा ने चैन की साँस ली....ये दूध वाला ही होगा...क्योंकि उनके घर भी वही दूध देने आता था...इसी टाइम पर...8 बजे..
अजय ने एक टावल अपनी कमर पर लपेटा और बाहर निकल आया....बाहर निकलकर सबसे पहले तो उसने रिया के रूम का दरवाजा बंद किया...अपने टावल में लिपटी पूजा भी बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी होकर अजय को देखने लगी...अजय ने की-होल से बाहर देखा और फिर उसने मुस्कुराते हुए पूजा की तरफ देखा और धीरे से बोला : "वही है...दूध वाला....''
पूजा की भी जान में जान आई....वो तो यही सोचकर वहां खड़ी थी की अगर उसके घर से कोई हुआ तो वो भागकर कहीं छुप जाएगी...लेकिन दूध वाला था इसलिए वो निश्चिंत सी हो गयी और वापिस बाथरूम में घुस गयी..और अपना टावल निकाल कर टाँग दिया और बुदबुदाई "साले दूध वाले ने डरा ही दिया ..''
और फिर वो नंगी खड़ी होकर बेसब्री से अजय के लोटने का इन्तजार करने लगी..
जितनी जल्दी उसे थी, उससे ज़्यादा अजय को थी...उसने दरवाजा खोलकर फटाफट दूध लिया और उसे किचन में रखकर लगभग भागता हुआ सा वापिस बाथरूम में घुस गया...उसने तो अंदर घुसने से पहले ही अपनी कमर में बँधा टावल निकाल दिया और नंगा ही अंदर घुस आया...
और एक बार फिर से हुस्न से लदी हुई अपनी सेक्सी साली के गले से लगकर उसे बेतहाशा चूमने लगा..
लेकिन उन्हे चूमते हुए अभी एक मिनट ही हुआ था की एक बार फिर से बाहर की बेल बज उठी...उन दोनो को एक बार फिर से अपना कार्यकर्म रोकना पड़ा...और साथ ही साथ वो दोनो ये भी सोचने लगे की अब कौन हो सकता है...
अजय बाहर जाने की सोच ही रहा था की बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई...और साथ ही उसकी सास की आवाज़ भी सुनाई दी...जो दरवाजा धकेलकर अंदर घुसती चली आई और अजय को पुकारने लगी : "अजय......कहाँ हो तुम.....अजय...ये दरवाजा खोलकर क्यों सो रहे हो ? ''
अजय ने अपना माथा पीट लिया....दूध लेने के बाद उसने जल्दबाज़ी में बाहर का दरवाजा ही बंद नही किया...उसने घबराते हुए पूजा की तरफ देखा...उसकी भी गांड फटकर हाथ में आ चुकी थी...चेहरा एकदम पीला पड़ चुका था...अगर उसकी मॉम ने उसे इस वक़्त नंगी हालत में उसके जीजू के साथ पकड़ लिया तो क्या होगा...
उसकी सासू माँ अजय को आवाज़ लगाती हुई उसके बेडरूम तक गयी, लेकिन वहां कोई नही था...तो वो बाहर निकल आई और एक बार फिर से अजय को आवाज़ दी..."अजय, कहाँ हो तुम .... अजय "
अब तो अजय को उनका जवाब देना ही था...क्योंकि अगर वो जवाब नही देगा तो वो उसे ढूँढते हुए दूसरे बेडरूम में ज़रूर जाएगी...और वहां रिया को सोते हुए देखकर वो एक ही पल में सब समझ जाएगी...अगर रिया वहां है तो पूजा भी वहीँ होनी चाहिए..इसलिए उन्हे दूसरे कमरे में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी था...
इस बीच उन्हे एक पल के लिए भी ऐसा मौका नही मिल पाया जिसमे पूजा भागकर बाथरूम से बाहर निकलकर जा सके...अजय के साथ उसका बाथरूम में होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी मुसीबत थी...और कोई भी माँ शायद ये नही चाहेगी की उसकी बेटी का उसके ही दामाद के साथ ऐसा कोई रिश्ता हो...
अजय ने दिल को कड़ा करते हुए ज़ोर से उनको जवाब दिया : "हांजी....मैं यहाँ हूँ ..बाथरूम में ...नहा रहा हूँ ....''
उसके नहाने की बात सुनते ही उसकी सासू माँ रजनी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और वो दरवाजे के पास पहुँचकर बोली : "इतनी सुबह -2 कोई नहाता है क्या....चलो खोलकर दिखाओ जल्दी...''
अजय : "आप अंदर मेरे रूम में बैठिये , मैं बस एक मिनट में आया "
अब तक रजनी भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी, वैसे वो इतनी सुबह इसीलिए तो वहां आई थी, वो अब किसी भी कीमत पर अजय से चुदना चाहती थी , उनकी नींद भी दूध वाले की वजह से खुली थी, दूध लेने के बाद ना जाने एकदम से उनके मन में ये विचार आया की चलो अजय के पास चला जाए , प्राची तो अभी सो ही रही थी, और उनके पति भी 9 बजे से पहले उठने वाले नहीं है, और उनके अनुसार तो पूजा और रिया अपनी सहेली के घर गयी हुई थी , इसलिए ये मौका वो छोड़ना नहीं चाहती थी , और अपने दामाद को सरप्राइज देने के लिए वो सुबह-२ उसके घर पहुँच गयी.
रजनी ने जब दरवाजा खोलने के लिए कहा तो अजय और पूजा की हालत और भी खराब हो गयी....
पूजा तो रोने लगी और वो रोते -२ फुसफुसाई : "जीजू, प्लीज कुछ करो, मुझे बचा लो, माँ ने मुझे आज यहाँ देख लिया तो मैं पूरी जिंदगी उन्हें मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी, प्लीज जीजू, कुछ करो न, प्लीज.... "
लेकिन अंदर ही अंदर अजय समझ चुका था की अब उसके पास कोई और चारा भी नही है....अचानक उसके दिमाग़ में एक प्लान आया....उसने तुरंत पूजा को बाथटब के अंदर जाने को कहा और आगे से शावर कर्टन लगा कर उस हिस्से को छुपा दिया...
और पूजा को ये भी समझा दिया की अब चाहे कुछ भी हो जाए...उसके और उसकी माँ के बीच कुछ भी हो...वो बाहर ना निकले...बस यही एक तरीका है पूजा को बचाने का...
पूजा की तो कुछ भी समझ मे नही आया की आखिर ये अजय चाहता क्या है....और वो ऐसा क्या करने वाला है उसकी माँ के साथ की वो उसकी बात एक ही बार में समझ जाएगी...
लेकिन अगले एक घंटे में जो भी वहां होने वाला था, उसकी ना तो पूजा ने कल्पना की थी और ना ही अजय ने सोचा था की उसकी ये योजना इस तरह से रंग लाएगी...या रंग बदलेगी ।
अजय अंदर खड़ा होकर पूजा को समझा रहा था और बाहर खड़ी उसकी सास अधीर सी होकर दरवाजा पीट रही थी..
''अब खोल भी दो ना अजय....इतना भी क्या शर्मा रहे हो...और वो भी मुझसे...''
तब तक पूजा पीछे जाकर छिप चुकी थी और कर्टन आगे कर दिया था...लेकिन अपनी माँ की ये आख़िरी बात सुनकर उसके दिमाग़ के घोड़े भी तेज गति से दौड़ने लग गये की आख़िर उसकी माँ ये क्या कह रही है...और वो भी अपने दामाद के सामने...कहीं ऐसा तो नही...की....की...
उसके दिमाग़ में बहुत बुरे-2 ख़याल आने लगे...लेकिन उसने एक ही झटके में उन्हे झटक दिया और मन में बोली 'नही नही...ऐसा भी कही होता है क्या...कहां अजय जैसा जवान मर्द और कहाँ उसकी दुगनी उम्र की माँ ...भले ही वो देखने में अभी तक काफ़ी अच्छी लगती है, लेकिन अजय के ऐसे दिन भी नही आए की वो अपनी जवान बीबी और सेक्सी सालियों के होते हुए उनकी माँ की तरफ आकर्षित हो...'
लेकिन उसकी सोच पर ऐसा पानी फिरने वाला था की वो भी नही जानती थी..
अजय ने सब कुछ सेट करने के बाद दरवाजा खोल दिया...उसने अपना भीगा हुआ बदन नीचे से टावल में लपेट लिया था...उसके दिमाग़ में जो प्लान था, उसके अनुसार तो वो अपनी सासू माँ को अपने बेडरूम में ले जाना चाहता था...ताकि जो कुछ भी उनके बीच हो वो ना तो पूजा सुन पाए और ना ही देख पाए...और उसके बाद उन्हे जल्द से जल्द वापिस रवाना भी करना था..ताकि उन्हे पूजा और रिया के वहां होने का आभास ही ना हो...लेकिन ये सब करना काफ़ी चुनोती भरा काम था...आज उसे ये सब करके अपने इन नाजायज़ रिश्तो के बीच की परदेदारी सलामत रखनी थी..
लेकिन उपर वाले को शायद अजय का ये प्लान पसंद नही आया था...
क्योकि जैसे ही अजय ने दरवाजा खोलकर बाहर निकलना चाहा, रजनी उसे धक्का देती हुई अंदर ही घुसती चली आई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
अजय ने दबी आवाजमें कहा : "ये क्या...आप...आप अंदर चलिए ना...मेरे ..मेरे ...बेडरूम में ...''
रजनी : "क्यों .यहाँ क्या प्राब्लम है....वैसे भी मैं अभी तक नहाई नही हूँ ..और अपने दामाद के साथ आज पूरी तरह से नहाना चाहती हूँ ...बोलो नहलाओगे ना मुझे..आज....''
इतना कहते-2 रजनी ने अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी...
अजय का ध्यान बार-2 कर्टन की तरफ जा रहा था....वो ये बात तो समझ ही चुका था की पूजा ने ये सब सुन ही लिया है...और उसके दिल पर क्या बीत रही होगी , ये सोचकर की उसके जीजू का उसकी माँ के साथ भी चक्कर है...यानी एक भांडा तो फुट ही चुका था अब तक....
फिर भी वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की जो भी हो, वहां से बाहर निकल कर ही हो...क्योंकि एक राज पर से तो परदा उठ ही चुका था...पूजा को पता चल चुका था की अजय और रजनी के बीच कुछ है...लेकिन वो वहाँ रहकर दूसरा परदा भी नही हटवाना चाहता था, जिसमें रजनी को ये पता चले की पूजा का भी अजय के साथ कुछ ऐसा ही संबंध है...