28-12-2023, 03:21 PM
वो बोली प्लीज़ पीछे से रहने दो, बाबूजी का बहुत मोटा है, मुझे दर्द होगा ये पीछे से अंदर नही जाएगा आप लोगों का तो सुरू सुरू में आगे से भी हल्का हल्का दर्द कर रहा. समधीजी बोले, क्यूँ जब देसाइजी आगे से लेते हैं तो दर्द नही होता. सरोज बोली बाबूजी के उससे दर्द नही होता, उनका आपसे कम मोटा है. समधीजी ने उसे मनाने; के लिए तरीका अपनाया ओर बोला अच्छा अगर ऐसा है तो अपने ससूर से ही करा लो.वो बोली ठीक है.और समधीजी ने उसे अपने उपर बैठी हालत में ही लिटा लिया और अपने दोनो हाथों से उसके दोनो चुतड़ों को पकड़ कर उसकी गान्ड को खोल दिया.फिर मुझसे बोले लो देसाई जी लगाओ कीम और छेद को नरम करो मेरी बेटी को तो आपका ही लंड पसंद है.
मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड पर राउंड राउंड करके क्रीम लगाने लगा.और करीब 15 मिनिट तक उसकी गान्ड में समधीजी के बताए अनुसार क्रीम लगाई। पहले एक उंगली और बाद में दो उंगलियों से भी क्रीम लगाई.जब उसकी गान्ड के छेद में दो उंगली जाने लगी तो मुझे विस्वास हो गया कि अब बहू थोड़ा बहुत दर्द झेलकर हमदोनो का लंड एकसाथ ले ही लेगी.
समधीजी बोले देसाई जी अब शुरू भी करो और मैने जैसे ही अपनी रंडी बहू की गान्ड पर लंड रखा वो बोली बाबूजी आराम से करना. मेरे बोलने से पहले ही समधीजी बोले क्यूँ बेटी अपने बाबूजी पर भी भरोसा नही. तो वो बोली पापा ने पहले भी बहुत दर्द कराया था इसलिए बोल रही हूँ.इस पर समधीजी बोले तो मैं फिर से करूँ.बहू बोली नही मुझे तो बिल्कुल नही ।मुझे मरना है क्या मुझे।
आपका तो बहुत मोटा है.और तभी मैं बोला ठीक है बेटी मैं आराम से करूँगा.लेकिन मैने जैसे ही उसकी गान्ड के छेद पर लंड को रखकर जैसे ही थोड़ा अंदर किया वो चिल्लाई आआआआआआआअ और समधी जी की पकड़ से छुटकर उठने की कोशिस करने लगी.समधीजी बोले देसाई जी आराम से करो आपकी ही बहू है.
सरोज भी बोली बाबूजी आप बहुत ज़ोर से घुसाते हो धीरे से करो.मैने सोचा कि इससे आराम से कैसे होगा.मैं बोला ठीक है.मैने दुबारा से उसके छेद पर लंड रखा.इस बार समधीजी ने मेरी तरफ़ आँख मारकर इशारा किया.मैं समझ गया कि वो बोल रहा है कि झटके से डाल दो.मैने वैसा ही किया निशाना लगाया और एक दम सारा लंड अंदर.मेरी रंडी बहू काँप गयी और चिल्लाने लगी आआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.मुझे छोड़ूऊऊऊऊऊऊ,संधिजि बोले देसाई जी थोड़ा धीरे करो इतनी ज़ोर से करोगे तो लगेगी ही.सरोज बोली बाबूजी आप बहुत बुरे हो,आप से तो मेरे पापा अच्छे है कम से कम इतनी ज़ोर से तो नही करते पहले भी आपने ऐसा ही किया था.इस पर मैं बोला बेटी गांड में थोड़ा दर्द होता ही है,अब आराम से करूँगा.
और धीरे धीरे शुरू हो गया.इस तरह से मैने बहू को पीछे से चोदा और समधीजी भी आगे से अपनी बेटी को पेलते रहे.इसके बाद मैं और समधीजी दोनो ही झड़ गये.और मेरी रंडी बहू से अलग होकर बेड पर पड़ गये.सरोज बीच में और हम दोनो उसके लेफ्ट राइट मे.समधीजी ने सरोज को फिर से अपनी तरफ घुमा लिया और अपने से चिपका लिया.सरोज को भी उनसे नंगी होकर चिपकने मे अब कोई संकोच नही हो रहा था.
समधिजि ने उसके कान में कुछ कहा.तो वो बोली नही पापा आपका फिर से गांड में नही झेल पाउन्गि.अब मुझमें ताक़त नही रही.मैं समझ गया कि वो बहू की गान्ड की बात कर रहे है.समधीजी ने सरोज से रिक्वेस्ट कर रहे थे,सरोज बोली कुछ देर बाद मैं दे दूँगी.प्लीज़ पापा अभी रहने दो मेरी गांड दर्द कर रही है।
अब हमदोनो ने बहू को चोद चोदकर पूरी बेशर्म बना दिया था।मेरी रंडी बहु को हमदोनो दिनभर और रातभर घर में नंगी ही रखते और कभी चूत तो कभी गांड मारते रहते।कभी कभी हमदोनो मेरी बहु को एकसाथ भी पेलते।बहु अब इतनी बेशर्म हो गई थी की घर में कही भी मेरा या अपने पापा का लंड चूसकर उसका मुठ पि जाती थी।
कुछ दिन बाद उसके पापा चले गए।अब तो बहु मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी है।मैं जो बोलता हूँ वह करती है।रोज सुबह मेरा लण्ड चूसकर मुझे उठाती है और नास्ते में मेरे लण्ड से निकल जूस पि जाती है।
मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड पर राउंड राउंड करके क्रीम लगाने लगा.और करीब 15 मिनिट तक उसकी गान्ड में समधीजी के बताए अनुसार क्रीम लगाई। पहले एक उंगली और बाद में दो उंगलियों से भी क्रीम लगाई.जब उसकी गान्ड के छेद में दो उंगली जाने लगी तो मुझे विस्वास हो गया कि अब बहू थोड़ा बहुत दर्द झेलकर हमदोनो का लंड एकसाथ ले ही लेगी.
समधीजी बोले देसाई जी अब शुरू भी करो और मैने जैसे ही अपनी रंडी बहू की गान्ड पर लंड रखा वो बोली बाबूजी आराम से करना. मेरे बोलने से पहले ही समधीजी बोले क्यूँ बेटी अपने बाबूजी पर भी भरोसा नही. तो वो बोली पापा ने पहले भी बहुत दर्द कराया था इसलिए बोल रही हूँ.इस पर समधीजी बोले तो मैं फिर से करूँ.बहू बोली नही मुझे तो बिल्कुल नही ।मुझे मरना है क्या मुझे।
आपका तो बहुत मोटा है.और तभी मैं बोला ठीक है बेटी मैं आराम से करूँगा.लेकिन मैने जैसे ही उसकी गान्ड के छेद पर लंड को रखकर जैसे ही थोड़ा अंदर किया वो चिल्लाई आआआआआआआअ और समधी जी की पकड़ से छुटकर उठने की कोशिस करने लगी.समधीजी बोले देसाई जी आराम से करो आपकी ही बहू है.
सरोज भी बोली बाबूजी आप बहुत ज़ोर से घुसाते हो धीरे से करो.मैने सोचा कि इससे आराम से कैसे होगा.मैं बोला ठीक है.मैने दुबारा से उसके छेद पर लंड रखा.इस बार समधीजी ने मेरी तरफ़ आँख मारकर इशारा किया.मैं समझ गया कि वो बोल रहा है कि झटके से डाल दो.मैने वैसा ही किया निशाना लगाया और एक दम सारा लंड अंदर.मेरी रंडी बहू काँप गयी और चिल्लाने लगी आआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.मुझे छोड़ूऊऊऊऊऊऊ,संधिजि बोले देसाई जी थोड़ा धीरे करो इतनी ज़ोर से करोगे तो लगेगी ही.सरोज बोली बाबूजी आप बहुत बुरे हो,आप से तो मेरे पापा अच्छे है कम से कम इतनी ज़ोर से तो नही करते पहले भी आपने ऐसा ही किया था.इस पर मैं बोला बेटी गांड में थोड़ा दर्द होता ही है,अब आराम से करूँगा.
और धीरे धीरे शुरू हो गया.इस तरह से मैने बहू को पीछे से चोदा और समधीजी भी आगे से अपनी बेटी को पेलते रहे.इसके बाद मैं और समधीजी दोनो ही झड़ गये.और मेरी रंडी बहू से अलग होकर बेड पर पड़ गये.सरोज बीच में और हम दोनो उसके लेफ्ट राइट मे.समधीजी ने सरोज को फिर से अपनी तरफ घुमा लिया और अपने से चिपका लिया.सरोज को भी उनसे नंगी होकर चिपकने मे अब कोई संकोच नही हो रहा था.
समधिजि ने उसके कान में कुछ कहा.तो वो बोली नही पापा आपका फिर से गांड में नही झेल पाउन्गि.अब मुझमें ताक़त नही रही.मैं समझ गया कि वो बहू की गान्ड की बात कर रहे है.समधीजी ने सरोज से रिक्वेस्ट कर रहे थे,सरोज बोली कुछ देर बाद मैं दे दूँगी.प्लीज़ पापा अभी रहने दो मेरी गांड दर्द कर रही है।
अब हमदोनो ने बहू को चोद चोदकर पूरी बेशर्म बना दिया था।मेरी रंडी बहु को हमदोनो दिनभर और रातभर घर में नंगी ही रखते और कभी चूत तो कभी गांड मारते रहते।कभी कभी हमदोनो मेरी बहु को एकसाथ भी पेलते।बहु अब इतनी बेशर्म हो गई थी की घर में कही भी मेरा या अपने पापा का लंड चूसकर उसका मुठ पि जाती थी।
कुछ दिन बाद उसके पापा चले गए।अब तो बहु मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी है।मैं जो बोलता हूँ वह करती है।रोज सुबह मेरा लण्ड चूसकर मुझे उठाती है और नास्ते में मेरे लण्ड से निकल जूस पि जाती है।