28-12-2023, 03:16 PM
कुछ देर बाद बहू बेड पर बीच मे थी और एक तरफ मैं और एक तरफ उसके पापा। उसने पापा ने सरोज को अपने लंड को फिर से चूसने का इशारा किया. सरोज अब एक बार समधीजी के लंड को चुस्ती और एक बार मेरे लंड को.
करीब 05 मिनिट के बाद समधीजी ने उसको बिस्तर पर लिटा दिया एक बूब्स पर वो मूह मारने लगे और दूसरी पर मुझे लगने का इशारा किया.इस क्रिया से बहू के मूह से आवाज़ें निकलने लगी उसको अलग अलग बूब्स के चूसने से शायद काफ़ी मज़ा आ रहा था.मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर लगाया तो महसूस किया कि उसकी चूत काफ़ी पानी छोड़ रही है, यानी कि उसको खूब मज़ा आ रहा है.
उसके पापा थोड़ी देर बाद ही उसकी दोनो जांघों के बीच में पहुँच गये और उसकी चूत को चूसने लगे, अब मैं उसके बूब्स पर और समधीजी उसकी चूत पर चूस रहे थे. बहू अपने शरीर को बुरी तरह से नागिन की तरह बल खा रही थी,इससे लगता था कि उसको काफ़ी मज़ा आ रहा है.
उसके पापा भी ये समझ चुके थे. वो उठे और सरोज से बोले क्यूँ बेटी मज़ा आ रहा है. अकेले पापा से चुदने में मज़ा है या दोनो से. वो चुप ही रही और लंबी लंबी साँसे लेती रही. समधीजी फिर बोले एक बात बताओ तो सही अगर सही बता दोगि तो हम और प्रयास करके तुमको खूब मज़ा देंगे, मैं फिर बोला अच्छा लगा हां या ना कुछ तो बोलो. बहू धीरे से बोली हां. वो फिर बोले अच्छा या बहुत अच्छा. वो इस पर मुस्कुरा दी तो समधीजी बोले मैं समझ गया लेकिन तुम साथ दोगी तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा. बोलो दोगी साथ. चाहिए खूब मज़ा, सरोज ने हां में सिर हिला दिया.
अब मैने और समधीजी दोनो ने ही बहू को एक आदमी बूब्स पर और एक आदमी चूत पर अदला बदली करके लगे रहे चूस्ते और चाटते रहे. समधीजी बोले देसाइजी कोई क्रीम है तो ले आओ. मैने बोला लाता हूँ. मैं जैसे ही उठा तो बहू ने पहली बार अपने पापा से पूछा, क्रीम किस लिए, इस पर समधीजी बोले लाने तो दो तब बताउन्गा. मैं तो समझ गया था कि इनका प्लान आगे से चूत और पीछे से गान्ड मारने का है.
जैसे ही मैं वापिस आया मैने देखा समधीजी ने अपनी बेटी की दोनो टाँगें उपर की हुई हैं और अपना लंड डालने वाले है. उन्होंने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा सरोज बोली प्लीज़ धीरे से करना आपका काफ़ी बड़ा है. इस पर वो बोले तुम्हारे पति से भी बड़ा. तो वो फिर मुस्कुरा गयी. समधीजी बोले ओके बेटी धीरे ही करूँगा. और उसने वास्तव में आराम से ही किया और बहु से बीच बीच मे पूछते भी रहे कि कोई तकलीफ़ हो तो बता देना. सरोज फिर उसके पापा ने अपना लंड घुसाकर बहू को पेलना शुरू कर दिया।, थोड़ी देर बाद जब लगा वो झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गये और सरोज से अपने उपर आने को बोला. बहू उनके उपर सवार हो गयी.
सरोज अब अपने पापा के उपर घुड़ सवारी कर रही थी. समधीजी ने अपनी बेटी को पेलते हुए मेरी तरफ इशारा किया कि देसाइ जी गांड में थोड़ा क्रीम लगाओ आप तो आकर खड़े हो गये. ये सुनकर बहू रुक गयी और बोली नही पीछे से नही. इस पर समधीजी बोले अच्छा ये बताओ मैने तुम्हें दर्द होने दिया, बोलो. बहू बोली नही,फिर विश्वास करो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा । तुम्हें तकलीफ़ ना हो इसलिए तो ये क्रीम मगाई है.
करीब 05 मिनिट के बाद समधीजी ने उसको बिस्तर पर लिटा दिया एक बूब्स पर वो मूह मारने लगे और दूसरी पर मुझे लगने का इशारा किया.इस क्रिया से बहू के मूह से आवाज़ें निकलने लगी उसको अलग अलग बूब्स के चूसने से शायद काफ़ी मज़ा आ रहा था.मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर लगाया तो महसूस किया कि उसकी चूत काफ़ी पानी छोड़ रही है, यानी कि उसको खूब मज़ा आ रहा है.
उसके पापा थोड़ी देर बाद ही उसकी दोनो जांघों के बीच में पहुँच गये और उसकी चूत को चूसने लगे, अब मैं उसके बूब्स पर और समधीजी उसकी चूत पर चूस रहे थे. बहू अपने शरीर को बुरी तरह से नागिन की तरह बल खा रही थी,इससे लगता था कि उसको काफ़ी मज़ा आ रहा है.
उसके पापा भी ये समझ चुके थे. वो उठे और सरोज से बोले क्यूँ बेटी मज़ा आ रहा है. अकेले पापा से चुदने में मज़ा है या दोनो से. वो चुप ही रही और लंबी लंबी साँसे लेती रही. समधीजी फिर बोले एक बात बताओ तो सही अगर सही बता दोगि तो हम और प्रयास करके तुमको खूब मज़ा देंगे, मैं फिर बोला अच्छा लगा हां या ना कुछ तो बोलो. बहू धीरे से बोली हां. वो फिर बोले अच्छा या बहुत अच्छा. वो इस पर मुस्कुरा दी तो समधीजी बोले मैं समझ गया लेकिन तुम साथ दोगी तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा. बोलो दोगी साथ. चाहिए खूब मज़ा, सरोज ने हां में सिर हिला दिया.
अब मैने और समधीजी दोनो ने ही बहू को एक आदमी बूब्स पर और एक आदमी चूत पर अदला बदली करके लगे रहे चूस्ते और चाटते रहे. समधीजी बोले देसाइजी कोई क्रीम है तो ले आओ. मैने बोला लाता हूँ. मैं जैसे ही उठा तो बहू ने पहली बार अपने पापा से पूछा, क्रीम किस लिए, इस पर समधीजी बोले लाने तो दो तब बताउन्गा. मैं तो समझ गया था कि इनका प्लान आगे से चूत और पीछे से गान्ड मारने का है.
जैसे ही मैं वापिस आया मैने देखा समधीजी ने अपनी बेटी की दोनो टाँगें उपर की हुई हैं और अपना लंड डालने वाले है. उन्होंने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा सरोज बोली प्लीज़ धीरे से करना आपका काफ़ी बड़ा है. इस पर वो बोले तुम्हारे पति से भी बड़ा. तो वो फिर मुस्कुरा गयी. समधीजी बोले ओके बेटी धीरे ही करूँगा. और उसने वास्तव में आराम से ही किया और बहु से बीच बीच मे पूछते भी रहे कि कोई तकलीफ़ हो तो बता देना. सरोज फिर उसके पापा ने अपना लंड घुसाकर बहू को पेलना शुरू कर दिया।, थोड़ी देर बाद जब लगा वो झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गये और सरोज से अपने उपर आने को बोला. बहू उनके उपर सवार हो गयी.
सरोज अब अपने पापा के उपर घुड़ सवारी कर रही थी. समधीजी ने अपनी बेटी को पेलते हुए मेरी तरफ इशारा किया कि देसाइ जी गांड में थोड़ा क्रीम लगाओ आप तो आकर खड़े हो गये. ये सुनकर बहू रुक गयी और बोली नही पीछे से नही. इस पर समधीजी बोले अच्छा ये बताओ मैने तुम्हें दर्द होने दिया, बोलो. बहू बोली नही,फिर विश्वास करो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा । तुम्हें तकलीफ़ ना हो इसलिए तो ये क्रीम मगाई है.