28-12-2023, 03:03 PM
मै वहां थोड़ी दूर पे खड़ा ये सब देख रहा था बेटी को अपने पापा का लंड चुसता देख भला कैसे खुद को रोक पाता मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मसलने लगा। समधी जी ने मुझे लंड मसलते हुए देख लिया।
समधि जी - वो देखो बहु तुम्हारी बड़ी गांड देख के समधी जी अपना लंड सहलाने लगे ।
सरोज - (बहु अपने पापा का लंड मुह से बाहर निकालते हुये बोली) पापा तो फिर मैं ऐसा करती हूँ ससुर जी का लंड चूस कर माल निकाल देती हूँ फिर आपका लण्ड चूसुंगी।
समधि जी - ठीक है बेटी तबतक तुम मुझे अपनी चूत का पानी ही पीला दो।
सरोज - (अपने पापा का बाल पकड़ कर अपनी चूत की तरफ का रास्ता दिखाया) आईए पापा पी लिजीये अपनी बेटी का बुर। बुर चाट कर अपनी बेटी का सारा पानी निकाल दिजिये पापा। आआअह्ह्ह्हह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है पापा।। आपकी जीभ को अपनी चूत में लेने में।। आआह्ह्।।।
समधि जी बहु का बुर चाटने लगे और मैं बहु के मुह में अपना लंड चुसवाने लगा। उसके बाद समधी जी अपना लंड पकड़ के बहु के ऊपर चड्ढ गये।।
समधि जी - सरोज बेटी मुझसे रहा नहीं जाता अब, मैं तुम्हे चोदना चाहता हू।
सरोज - हाँ पापा चोदीए आज आप अपनी बेटी को चोदीये। मैं बहुत प्यासी हूँ पापा चोदीये मुझे (बहु बिस्तर पे लेटी अपनी टाँग फैला दी।। और अपनी गिली चूत की तरफ इशारा किया)
समधि जी - बेटी तुम्हारी बड़ी गांड देख कर सबसे पहले मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैं पहले तुम्हारी गांड मारूँगा।। उसके बाद चूत।
ये कहते हुये समधी जी अपना लंड बहु की गांड में डाल दिया बहु दर्द से काँप गई लेकिन समधीजी अपनी बेटी को गांड में पेलने लगे।। मैं बहु की बड़ी-बड़ी चूचियां मसलते हुये अपना लंड चुसवा रहा था।
समधि जी कुछ देर चोदने के बाद -
समधि जी - समधी जी अब आप मेरी बेटी को चोदीये
मै - ठीक है समधी जी
सरोज - आईए पापा मैं आपका माल अपने मुह में चूस के निकाल देती हूँ।
सरोज अब अपने पापा का लंड चूसने लगी और मैं बहु को चोदे जा रहा था।। बहु की गिली बुर चोदने में बहुत ही मजा आ रहा था। बिस्तर पे बहु की बुर से काफी सारा पानी टपका था। मैं धीरे धीरे लीक होने लगा था और मेरा लंड और बहु का बुर आपस में चिप-चिप करने लगे थे। उधर समधी जी के लंड से कई लीक हुआ मुट्ठ बहु के गाल और होठ पे साफ़ नज़र आ रहे थे।
समधि जी - आह बेटी मेरा मुट्ठ निकलने वाला है।।।
मै - बहु मेरा भी मूठ निकलने वाला है
सरोज - पापा, ससुर जी मैं चाहती हूँ की आप दोनों अपनी रंडी बहु और अपनी रंडी बेटी के मुह पे अपना मूठ गिरायें।। मैं आप दोनों के मूठ से नहाना चाहती हूं।। प्लीज।
बहु के ऐसा बोलते ही मैं और समधी जी फ़व्वारे की तरह फुट पड़े और बहु के मुह बूब्स चेहरे सब पे मुट्ठ की गरम गरम बारिश कर दी।
अपना मुट्ठ निकाल कर मुझे बहुत सन्तुष्टि मिली । शायद समधी जी ने भी कभी नहीं सोचा था की वो अपनी बेटी को इस तरह चोद पाएंग़े। बहु उत्तेजित हो कर हम दोनों का मुट्ठ चाट रही थी।
समधि जी - वो देखो बहु तुम्हारी बड़ी गांड देख के समधी जी अपना लंड सहलाने लगे ।
सरोज - (बहु अपने पापा का लंड मुह से बाहर निकालते हुये बोली) पापा तो फिर मैं ऐसा करती हूँ ससुर जी का लंड चूस कर माल निकाल देती हूँ फिर आपका लण्ड चूसुंगी।
समधि जी - ठीक है बेटी तबतक तुम मुझे अपनी चूत का पानी ही पीला दो।
सरोज - (अपने पापा का बाल पकड़ कर अपनी चूत की तरफ का रास्ता दिखाया) आईए पापा पी लिजीये अपनी बेटी का बुर। बुर चाट कर अपनी बेटी का सारा पानी निकाल दिजिये पापा। आआअह्ह्ह्हह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है पापा।। आपकी जीभ को अपनी चूत में लेने में।। आआह्ह्।।।
समधि जी बहु का बुर चाटने लगे और मैं बहु के मुह में अपना लंड चुसवाने लगा। उसके बाद समधी जी अपना लंड पकड़ के बहु के ऊपर चड्ढ गये।।
समधि जी - सरोज बेटी मुझसे रहा नहीं जाता अब, मैं तुम्हे चोदना चाहता हू।
सरोज - हाँ पापा चोदीए आज आप अपनी बेटी को चोदीये। मैं बहुत प्यासी हूँ पापा चोदीये मुझे (बहु बिस्तर पे लेटी अपनी टाँग फैला दी।। और अपनी गिली चूत की तरफ इशारा किया)
समधि जी - बेटी तुम्हारी बड़ी गांड देख कर सबसे पहले मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैं पहले तुम्हारी गांड मारूँगा।। उसके बाद चूत।
ये कहते हुये समधी जी अपना लंड बहु की गांड में डाल दिया बहु दर्द से काँप गई लेकिन समधीजी अपनी बेटी को गांड में पेलने लगे।। मैं बहु की बड़ी-बड़ी चूचियां मसलते हुये अपना लंड चुसवा रहा था।
समधि जी कुछ देर चोदने के बाद -
समधि जी - समधी जी अब आप मेरी बेटी को चोदीये
मै - ठीक है समधी जी
सरोज - आईए पापा मैं आपका माल अपने मुह में चूस के निकाल देती हूँ।
सरोज अब अपने पापा का लंड चूसने लगी और मैं बहु को चोदे जा रहा था।। बहु की गिली बुर चोदने में बहुत ही मजा आ रहा था। बिस्तर पे बहु की बुर से काफी सारा पानी टपका था। मैं धीरे धीरे लीक होने लगा था और मेरा लंड और बहु का बुर आपस में चिप-चिप करने लगे थे। उधर समधी जी के लंड से कई लीक हुआ मुट्ठ बहु के गाल और होठ पे साफ़ नज़र आ रहे थे।
समधि जी - आह बेटी मेरा मुट्ठ निकलने वाला है।।।
मै - बहु मेरा भी मूठ निकलने वाला है
सरोज - पापा, ससुर जी मैं चाहती हूँ की आप दोनों अपनी रंडी बहु और अपनी रंडी बेटी के मुह पे अपना मूठ गिरायें।। मैं आप दोनों के मूठ से नहाना चाहती हूं।। प्लीज।
बहु के ऐसा बोलते ही मैं और समधी जी फ़व्वारे की तरह फुट पड़े और बहु के मुह बूब्स चेहरे सब पे मुट्ठ की गरम गरम बारिश कर दी।
अपना मुट्ठ निकाल कर मुझे बहुत सन्तुष्टि मिली । शायद समधी जी ने भी कभी नहीं सोचा था की वो अपनी बेटी को इस तरह चोद पाएंग़े। बहु उत्तेजित हो कर हम दोनों का मुट्ठ चाट रही थी।