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सास की रास लीला
#4
संगीता हल्की से मुस्कुराई और साड़ी पहनने लगी। उसने साड़ी पहन ली पर उसका ब्लाउज साड़ी के साथ अच्छा नही लग रहा था। अनुज जी को खुश करना है तो परफेक्ट दिखना होगा यह सोचकर उसने ब्लाउज उतार दी और प्रेरणा की ब्लाउज पहनने लगी। प्रेरणा की कद काठी बिलकुल मां जैसी थी पर संगीता की चूचियां थोड़ी बड़ी थी। बड़ी जोर मशक्कत के बाद संगीता को ब्लाउज आ गई पर उसकी चूचियां बाहर दिख रही थी और ब्रा के स्ट्रेप्स भी बिल्कुल बाहर आ रहे थे। हल्का सा मेकअप लगाने से संगीता बिलकुल अलग दिख रही थी। उसे यह मॉडर्न अवतार भा रहा था पर ब्रा के स्ट्रेप्स को कैसे छुपाए यह सोच रही थी इतने में बेल बजी। अचानक बेल बजने से संगीता डर गई उसे लगा अगर कोई और उसे ऐसे देखेगा तो क्या सोचेगा। उसने दरवाजा नही खोला। अनुज दरवाजे पर दस्तक दे रहा था पर कोई जवाब नहीं आया। न चाहते हुए भी उसने संगीता को कॉल किया।
अनुज: हैलो आप घर पर नहीं हो क्या।
संगीता: घर पे ही हु।
अनुज: तो दरवाजा खोलिए बाहर खड़ा हु
संगीता: सॉरी मुझे लगा कोई और है।
अनुज: कौन?
संगीता: मैं वॉशरूम में थी सुनाई नही दिया।
अनुज: ठीक है दरवाजा खोल दो प्लीज मैं चाबी भूल गया था।
संगीता ने कॉल कट किया और अपनी लिपस्टिक ठीक कर दरवाजा खोलने गई।
जैसे ही संगीता ने दरवाजा खोला अनुज अंदर आ गया और सामने जो देखा उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। संगीता मैरून कलर की शिफॉन साड़ी में कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी। अनुज ने दरवाजा बंद किया और बीयर की बोतले रख दी। दामादजी बीयर लेके आए है यह देखकर संगीता थोड़ी चौक गई पर उसे अनुज के मुंह से तारीफ सुननी थी। अनुज का लन्ड सास को ऐसे रूप में देखकर कूदने लगा।
अनुज: ओह माई गॉड! संगीता यू आर लुकिंग गॉर्जियस
अनुज भूल चुका था संगीता उसकी सास है। अब वो उसे सिर्फ एक औरत की तरह देख रहा था और मर्दों की तरह उसे अपने नीचे लेना चाह रहा था। संगीता भी अनुज के रिएक्शन से इतनी खुश हुई के उसे बिलकुल बुरा नही लगा कि अनुज उसे नाम से बुला रहा है। २ मिनिट तक संगीता को घूरने के बाद अनुज को होश आया। उसके मुंह से जो निकला था उसका एहसास होते ही उसने सोचा माफी मांग लेते है बात बढ़ने से पहले
अनुज: सॉरी मेरे मुंह से निकल गया
संगीता: क्यू? अच्छी नही लग रही हूं?
अनुज: बहुत ज्यादा अच्छी लग रही हो सूट कर रही है साड़ी आपको
संगीता: तो सॉरी क्यू बोल रहे हो
अनुज: आपको नाम से पुकारा शायद आपको अच्छा न लगे।
संगीता: फ्रेंड हो ना? तो संगीता ही बोलो पर सिर्फ अकेले में हा हा हा
अनुज: याद रखूंगा संगीता बहुत अछी लग रही हो थोड़ा घूमो ना। इतना रेडी हुई हो मेरे लिए ठीक से तो देख लूं
अनुज फिरसे शुरू हो गया और संगीता पुरी बेशर्मी से ठीठ हो रही थी पर उसने घूमने से मना कर दिया। वो नही चाह रही थी के अनुज उसकी ब्रा के स्ट्रैप देखे। अनुज प्लीज प्लीज बोलने लगा तो संगीता ने अपना पल्लू से पीठ को कवर किया। अनुज समझ गया क्या बात है। उसने बेबाकी से संगीता को बोला।
अनुज: संगीता एकदम परफेक्ट लग रही हो बस एक गलती की है तुमने
संगीता सोचने लगी अब क्या गलत है। उसका चेहरा उतर गया। उसे मायूस होता देख अनुज ने बोल दिया।
अनुज: अरे तुमने ब्रा पहनी है यह बैक ओपन ब्लाउज है और पेडेड है इसमें ब्रा नहीं पहनते
अनुज की बेबाकी देख संगीता शर्म से लाल हो गई और सिर झुकाकर खड़ी हो गई।
अनुज: सॉरी मैं तुम्हे अनकंफर्टेबल नही करना चाहता मुझे लगा तुम्हे बता दू।
संगीता: सॉरी मत बोलना मुझे सच में पता नही लगा
अनुज: अब पता लगा है न तो चेंज करलो मुझे पता तो चले मेरी खूबसूरत दोस्त कैसी दिखेगी।
संगीता को समझ नही आया क्यू पर वो अनुज की बात सुनकर रूम की तरफ चलने लगी। संगीता को अपने इशारों में नाचते देख अनुज मूड में आ गया।
अनुज: और हा प्लीज बाल खुले छोड़ देना
संगीता: और कुछ?
अनुज: सॉरी ज्यादा ही बोल दिया जैसा तुम्हे ठीक लगे।
संगीता हस्ते हस्ते अंदर चली गई। संगीता ने ब्लाउज उतार कर ब्रा भी उतार दी। अपनी बड़ी बड़ी चूचियां देखकर मन ही मन खुश हो रही थी। फिर से तयार हो कर और बाल खुले छोड़कर संगीता बाहर आई तो अनुज जगह पर खड़ा हो गया।
अनुज: परफेक्ट! यू आर लुकिंग सो सेक्सी!
अनुज के मुंह से सेक्सी सुनते ही संगीता शर्मा गई और मुस्कुराने लगी। उसकी मुसकान एक तरह से उसकी हामी थी। अनुज का प्लान पूरी तरह काम कर गया था। अनुज को यकीन हो गया आज प्रेरणा के लिए वह मांदरचोद बनने वाला है। संगीता भी अब उसकी चूत की खुजली और छुपाना नही चाह रही थी क्युकी उसकी चड्डी अनुज की प्यारी बातो से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। संगीता भी अनुज को छेड़ना चाह रही थी
संगीता: अनुज जी आप तो बहुत ज्यादा फ्रेंडली हो रहे है। गॉर्जियस से सीधा सेक्सी तक बात आ गई।
अनुज: संगीता वो तो मैं रिश्ते का लिहाज करके जबान संभालने की कोशिश कर रहा हूं
संगीता: यह कौनसा लिहाज है जिसमे सास को सेक्सी बोला जाता है?
अनुज: जब सास सिर्फ सास नही फ्रेंड भी हो और तो तारीफ करना तो बनता है। हा तुम्हे अच्छा नही लग रहा तो नही कहूंगा। फ्रेंड की कंफर्ट लेवल जरूरी है ना।
संगीता: मैने कब कहा मुझे अच्छा नहीं लगा?
अनुज: अच्छा तो सास को अच्छा लग रहा है जमाई राजा ने सेक्सी बोला तो?
संगीता: अनुज बस भी करो ना सास जमाई की बाते हमने डिसाइड किया है ना अकेले में हम फ्रेंड्स है।
अनुज: हा हा ओके संगीता मैं तो बस तुम्हारे मजे ले रहा था।
संगीता: कितने चालाक हो तुम। क्या से क्या बना दिया मुझे?
अनुज: बूढ़ी सास से सेक्सी फ्रेंड
ऐसे कहकर अनुज ने टाली के लिए हाथ आगे बढाया। संगीता नखरेसे उसका हाथ झटकाया और कहा
संगीता: बस करो झूठी तारीफ सिर्फ सेक्सी सेक्सी बोल रहे हो अगर पूछा क्या सेक्सी लग रहा है तो बोल नही पाओगे।
अनुज: पुछके देखो
संगीता: अच्छा जी तो बताओ क्या सेक्सी लग रहा है?
अनुज: सोच लो फिर मत बोलना लिहाज नही कर रहे सास का
संगीता: भूल जाओ सास को मैं संगीता हु तुम्हारे लिए
अनुज: ये बात है तो सुनो तुम्हारी स्माइल, लंबे बाल, प्यारी आंखे ये खुले बाल और तुम्हारी कर्व्स सब कुछ सेक्सी लग रहा है।
अनुज की बाते सुनकर संगीता की गांड़ फूल गई उसे बहुत मज़ा आ रहा था। वो और सुनना चाहती थी। संगीता पुरी तरह अपना आपा खो चुकी थी।
संगीता: कर्व्स? वो तो तुमने देखी नही अभी।
अनुज: तो दिखाओ।
संगीता: क्या?
अनुज अपनी जगह से उठकर संगीता के पास आ खड़ा हो गया। उसने हाथ आगे किया और इस बार संगीतनें उसका हाथ पकड़ लिया। अनुजने अपने हाथ से संगीता को गोल घुमाया और संगीता किसी मॉडल की तरह मटक मटक कर घूम रही थी। अनुज बिना किसी झिझक के संगीता की गांड़ और चूचियां घूर रहा था। संगीता भी अपनी बेटी के पति के साथ सारी शर्म हया छोड़ रंगरलियां मना रही थी।
अनुज: थिस इस वॉट आई कॉल कर्वस।
संगीता: मुड़ बन गया तो इंग्लिश स्टार्ट हो गई?
अनुज: हिंदी तुम सुन नही पाओगी
संगीता: कच्ची खिलाड़ी समझ रहे हो?
संगीता की बेशर्मी देख अनुज ने सोचा अब बहुत हो गया आज बूढ़ी घोड़ी चलाऊंगा। उसने सीधा संगीता की कमर पर हाथ रखा और कहा
अनुज: कच्ची खिलाड़ी नही तू तो पका हुआ आम है!
संगीता अब तक मुश्किल से खुदको काबू कर पा रही थी पर अनुज ने जिस तरह से उसे कसकर पकड़ लिया उसे अंदाजा हो गया आज यह नही छोड़ेगा।
संगीता: पका हुआ आम?
अनुज: हा वो भी रस भरा।
ऐसे बोलकर अनुज संगीता की तरफ झुका और दोनो के होंठ मिल गए। अपनी सास को इस तरह किस करते हुए अनुज को बहुत मज़ा आ रहा था। संगीता आंखे बंद कर मजा ले रही थी। जैसे जैसे किसिंग पैशनेट हो रहा था अनुजने संगीता की गांड़ दबोच ली। संगीता का पति अनुज से कम कद और दुबला पतला था। अनुज जैसे मर्द से कभी संगीता का पाला नही पड़ा था। अनुज के हाथ उसकी गांड़ मसल रहे थे और संगीता सिसकारियां भरने लगी। दोनो इतने टाइम किस कर रहे थे कि संगीता की सास फूल गई। अनुजने उसे छोड़ा और दोनो एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। अनुज के हाथ रुक नही रहे थे और न संगीता की सिसकियां। अनुज ने एक हाथ से संगीता का पल्लू हटा दिया। संगीता की चूचियां ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए बेताब थी। संगीतको अनुजने पूरी तरह वश कर लिया था। पल्लू हटा ते ही संगीता शर्माकर आंखे झुकाने लगी। अनुजने उसका चेहरा हाथ में लेकर फिर किस किया और उसे आंखे खोलने के लिए कहा। संगीता उसकी आंखो में देख रही थी और अनुज ने पल्लू नीचे गिरा दिया और संगीता की साड़ी खोल दी। साड़ी उतरते ही संगीता और शर्मा रही थी पर अनुज ने उसकी आंखोमें देखते हुए उसकी ब्लाउज खोल दी और उतार कर फेंक दी। संगीता कुछ सोचती उससे पहले अनुज ने उसकी पेटीकोट का नाड़ा खिचके उसे सिर्फ चड्डी में ला खड़ा किया। दोनो एक दूसरे को चूमने लगे और अनुज ने अपना हाथ संगीता के पैंटी में डाल दिया। उसकी गीली चिकनी चूत महसूस होते ही अनुज ने नीचे देखा तो उसकी बेशरम सास की चड्डी पूरी गीली हो चुकी थी। अनुज के चेहरे पर मुस्कान देख कर संगीता और पानी पानी हो गई। अनुज और इंतजार नही करना चाहता था। उसने सीधा संगीता की चड्डी नीचे खींच ली। जैसे ही अनुज चड्डी पूरी तरह उतरने झुका उसका फोन बजने लगा। उसने जेब से फोन निकाला तो प्रेरणा थी। प्रेरणा का नाम देखते ही संगीता अनकंफर्टेबल हो गई पर अनुज ने उसे छोड़ा नही।
प्रेरणा: कहा हो तुम ? मम्मी ने बोला नही फोन करने
अनुज: बोला था पर मैं भूल गया थोड़ा काम आया है ऑफिस का
प्रेरणा: तुम्हारे ऑफिस वालोको बोलो कल ही आए हो टूर से अच्छा वो छोड़ो मम्मी है वहा?
संगीता अनुज को इशारा कर रही थी कि मै सोई हु ऐसे बता दे। पर अनुज को मस्ती सूझ रही थी उसने २ मिनिट सोचा और संगीता के हाथ पे फोन रख के बोला बात कर। संगीता ने फोन कान पर लगाया तब तक अनुज नीचे झुका और संगीता की चड्डी उतार कर नंगी कर दिया!
संगीता अपनी बेटी से बात कर रही थी और दामाद उसकी चूत में उंगली कर रहा था। संगीता को शुरू में अजीब सा लग रहा था पर जैसे जैसे अनुज की उंगली अंदर घुस रही थी संगीता उफान पर आ रही थी। अनुज उसके मजे ले रहा था क्युकी संगीता झटपटा रही थी ताकि वो प्रेरणा की बात पे ध्यान दे सके पर अनुज उसकी जांघ कसके पकड़े हुए था। संगीता सिर्फ हा हम कर रही थी और उसकी सास फूलने लगी थी। प्रेरणा को चिंता होने लगी उसने अनुज को फोन देने के लिए कहा। अनुज झट से उठकर अपनी उंगलियां चाटते हुए फोन पर बात कर रहा था।
प्रेरणा: अनुज एक बात सुनो
अनुज: हम्म्म
अनुज जानबूझकर उंगलिया जोर से चाट रहा था ताकि प्रेरणा को सुनाई दे।
प्रेरणा: क्या खा रहे हो इस वक्त
अनुज: तुम्हारी मम्मी का अचार। क्या स्वाद है उंगलियां चाटते रह गया मैं तो
प्रेरणा: मम्मी किसकी है।
अनुज: तुम भी कुछ सीखो मम्मी से
ऐसे बोलकर अनुज ने संगीता की चूची जोर से दबा दी। संगीता कराह उठी। अपनी मम्मी की आवाज सुनकर प्रेरणा को टेंशन में आ गई।
प्रेरणा: अनुज मुझे मम्मी की आवाज कुछ ठीक नहीं लग रही तबियत बिगड़ी हो तो डॉक्टर के पास ले जाना
अनुज: ओके डॉक्टर को भी दिखाएंगे और इंजेक्शन भी कराएंगे
अनुजने बात करते करते अपना लन्ड वाला इंजेक्शन सास को दिखा दिया। इतना तगड़ा लन्ड देखकर संगीता का मन डोलने लगा। प्रेरणा से बात होते ही अनुज ने उसकी शॉर्ट्स उतरकर फेंक दी और संगीता की गांड़ पर थपकी देकर उसे रूम में चलने का इशारा किया। संगीता उसके उतरे हुए कपड़े उठाने झुकी तो अनुजने एक जोर की चमाट बजाकर उसे बोला "ये सब बाद में कर ले अब जरूरी काम करना है" अपनी सास को इस तरह नंगी घूमते देख अनुज का लन्ड लोहे जैसा सख़्त हो गया था। संगीता तो उस लन्ड को घूरे जा रही थी। जैसे ही दोनो रूम में आए तो अनुजने संगीता को उठाकर बेड पे पटक दिया। जिस ताकत से अनुजने उसे उठाया संगीता पागल हो गई। ऐसा मर्द उसने नही देखा था सही बात करे तो पति के अलावा किसी के साथ हमबिस्तर नही हुई थी। उसके लिए यह अनुभव नया और रोमांचक था। अनुज पूरा नंगा होकर बेड पर चढ़ गया। अपनी सास को नई दुल्हन की तरह मटकता देख उसे मजा आ रहा था। अनुज सीधे संगीता के मुंह की तरफ बैठ गया। संगीता कुछ सोचती उससे पहले अनुज उसके ऊपर चढ़ गया संगीता नीचे लेटी थी और अनुज ऊपर उल्टा लेट गया। अनुज के गोटे संगीता के मुंह पर घिस रहे थे और अनुज ने अपना सिर संगीतकी जांघो में फसा लिया। अनुज हल्के हल्के संगीता की चूत चाटने लगा। उसकी अनुभवी जीभ संगीता के चूत का रस पीने लगी। संगीता का बदन थर्राने लगा अनुज जान बुझकर उसका लन्ड संगीता के चेहरे पर घिस रहा था । संगीता का पूरा मु उसके लन्ड से निकलती चिकनी जूस से भर गया। अनुज के लन्ड की महक और चूत चाटने से होनेवाली गुदगुदी से संगीता का मुंह अपने आप खुल गया। लन्ड घिसते हुए जैसे ही अनुज को फील हुआ के संगीता मुंह खोल रही है उसने चुपके से अपनी कमर उठाकर लन्ड लटका दिया। संगीता किसी कुतिया की तरह दामाद के लन्ड की हड्डी मुंह में लेने के लिए उछली। अनुज को यकीन नही हो रहा था कि उसकी सास उसका लन्ड चूस रही है। जोश में आकर अनुज संगीता की चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा। अनुज अपने जीभ से संगीता को चोदने लगा तो संगीता भी जी जान से उसका लन्ड चूसने लगी। इससे पहले संगीता ने यह अनुभव कभी नहीं किया था ।अनुज के जीभ के साथ जब उसकी उंगलियां भी चूत पर चलने लगी तो संगीता उछलने लगी वो अनुज को रिक्वेस्ट कर रही थी कि रुक जाए पर अनुज तो उसकी चूत का दाना उंगली में दबाए वाइब्रेट करवा रहा था और अपनी जीभ से निकलने वाली जूस पीने में मशगूल था। "अनुज रुक जाओ मैं झड़ जाऊंगी प्लीज रुक जाओ।" संगीता के मुंह से आह सुनते ही अनुज ने उसकी जीभ और अंदर घुसा दी। संगीता को यह बर्दाश्त नही हो सका और वह अनुज के मुंह पे ही झड़ गई। झड़ने के बाद संगीता चुप चाप पड़ी रही और इस अनुभव को अपने आप में समाने की कोशिश करने लगी। जब अनुज उठ गया तो उसका मुंह बलगम से सना हुआ था। संगिताने उसे देखा तो शर्मा गई। उसकी चूत ने जमाई राजा का मुंह पोत दिया था। अनुज संगीता के ऊपर आ गया और संगीता टिशू से उसका मुंह साफ करने लगी। दोनो फिर किस करने लगे। अनुज का लन्ड संगीता के पेट पर चुभ रहा था। किसिंग करते हुए अनुज ने संगीता की तरफ देखा तो वह नई नवेली दुल्हन की तरह शर्माने लगी। आंखो आंखो मे बात हुई और अनुज हल्का सा नीचे खिसक गया। संगीता ने अपनी टांगे खोल दी और प्यारे जमाई राजा के लिए जगह बनाई। जैसे ही अनुज सही पोजिशन में आया उसने आव देखा न ताव सीधा एक जोर का धक्का लगाया और आधे से ज्यादा लन्ड अपनी सास की चूत में घुसा दिया। संगीता को तो नानी याद आ गई वैसे ही वो सालो बाद चूद रही थी ऊपर से अनुज का लन्ड गधे जैसा मोटा था। उसकी तो मानो जान ही निकल गई। संगीता करहाते हुए बोली "अनुज धीरे करो प्रेरणा नही हु मैं" उसकी आवाज में दर्द सुनकर अनुज को और मस्ती चढ़ गई। अनुज सांड की तरह संगीता पर चढ़ गया।
आ आ आह अनुज प्लीज धीरे रुको ऊईई मां बस कर दे झड़ जाऊंगी ददय्या अनुज रुको ना प्लीज आआह्हह आन्नूजज
चीखते चिल्लाते संगीता firse झड़ गई । दो दो बार झड़ने की वजह से उसकी तो जान ही निकल गई। झड़ने के बाद उसका बदन थर्राने लगा पर ठुकाई की मदहोशी उसके सर चढ़ी हुई थी अपने जमाई से खुद की चूत की कुटाई उसे भा रही थी। अनुज तो मानो सोच रहा था आज उसकी जिंदगी की आखरी ठुकाई है और सास की चूत का दाना निचोड़ निचोड़ कर पूरा पानी पानी कर देना है। संगीता के झड़ने के ५ मिनिट बाद अनुज उसे चोदता रहा और फिर अपना लन्ड निकालकर उसने पूरा रस संगीता के मुंह में छोड़ दिया। संगीता बेचारी मना भी न कर पाई क्युकी अनुज्ने उसे पूछा तक नहीं सीधा नाक दबाकर मुंह में झाड़ दिया। संगीता थकी हारी प्यासी थी तो उसने भी पानी की प्यास जमाई राजा के लन्ड के पानी से बुझाई। संगीता इतनी थक गई थी के अनुज उठकर मूतने गया और वापस आया तो संगीता वैसे ही नंगे बदन सो गई। संगीता की चूत का बड़े अरसे बाद मूतने के अलावा कोई इस्तेमाल हुआ था। अपनी सास की नंगी गांड़ पर हाथ फेरकर अनुज बाहर लिविंग रूम में आकर बैठ गया। टीवी ऑन कर अपनी बीयर ओपन करके अनुज आराम से बैठ गया। १–१.५ घंटे बाद संगीता की आंख खुली तो उसने खुदको अपनी बेटी के कमरे में नंगा पाया। उसकी नींद इतनी गहरी लगी थी कि एक सेकंद वह सोचने लगी मैं यहां कैसे फिर उसे याद आया वह क्या कर बैठी है। शर्म से चूर चूर वो अपने कपड़े ढूंढने लगी तो ध्यान आया कि वो तो नंगी ही हॉल से यहां तक चलके आई थी। उसने चुपके से बाहर देखा तो अनुज मस्त मजे से बीयर पीते हुए टीवी देख रहा था। वैसे तो अनुजने ही उसे नंगा कर चोदा था पर अब वह शर्मा रही थी नंगी उसके सामने जाने में। संगीता सोच ही रही थी अब क्या करू के अचानक डोर बेल की आवाज आई। क्या प्रेरणा आई है? संगीता यह सोचकर ही आधी हो गई। मेरी बेटी अगर मुझे खुदके कमरे में नंगे बदन देख लेगी तो क्या होगा? क्यू मैने खुदपे काबू नही किया? क्या प्रेरणा की शादी बचेगी ? क्या मेरी शादी बचेगी? ऐसे १०० सवालों से उसका सर चकराने लगा।
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RE: सास की रास लीला - by anuj_thefunguy - 27-12-2023, 12:34 AM



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