26-12-2023, 12:02 PM
अब रूपेश ने मुझे बेड पर लिटाया और अपना मुह फिर से मेरी चूत में कर दिया। मेरी चूत चिकनी तो थी ही, परफ्यूम लगाकर मैंने खुशबूदार भी कर रखा था। अब रूपेश से रहा न गया और उसने मेरी टांगों को चौड़ा करके अपना लम्बा चौड़ा लंड गीली रसीली चुत में पूरा ठेल दिया। पूरी ताकत से वो धक्के पर धक्के लगाने लग गया! मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका जोश बढ़ा रही थी।
कुछ देर बाद मैंने रूपेश से नीचे आने को कहा तो रूपेश पलटी खाकर नीचे हो गया और मैं चढ़ गई उसके ऊपर और चुदाई करने लगी रूपेश की। अब मेरे बड़े बड़े वक्ष झूल रहे थे और रूपेश भी नीचे से धक्के लगा रहा था। मेरा ऑर्गैज़म आनेवाला था और रूपेश पर तो जैसे पागलपन सवार था मेरी चूत फाड़ने का.
रूपेश ने मुझे फिर से नीचे किया और मेरी टांगों को ऊपर करके अपने कन्धों पर रख दिया और घुसा दिया अपना लंड फिर से मेरी चुत में. इस बार उसकी स्पीड इतनी थी कि मैं जोर जोर से बोल रही थी, " आह, मजा आ गया... उम्म्ह... अहह... हय... याह... रूपेश डार्लिंग, फाड़ दो आज मेरी चूत को... रुकना नहीं! और जोर से... और जोर से!"
मेरी हर आवाज पर रूपेश का जोश और धक्के बढ़ते गए और एक जोरदार धमाके से उसने मेरी की चूत अपने माल से भर दी और निढाल होकर मेरे नंगे बदन के ऊपर ही लेट गया।
अब तक राज ने अपना लौड़ा सारिका के मुँह में भर कर उसके मुँह को चोदना चालू किया. वो इतने प्यार से और ताकतसे चूसने लगी की मुझे लगा राज का फव्वारा ही निकल जाएगा. अब राज ने खींचकर उसका लौड़ा सारिका के मुँह से निकाला और एक पल गवाए बगैर उसके गोरे मखमली बदन पर सिक्सटी नाइन की पोज में लेट गया. उसकी परवाह किये बगैर उसकी जाँघे खोल दी और राज उसकी गुलाबी मीठी चुत चाटने लगा.
जीवन में पहली बार किसीकी जीभ सारिका की चुत पर लगने से उसे तो जैसे बिजली का झटका ही लग गया. वो पूरे जोश से उसका लंड चूसने लगी. अब मैंने देखा की राज ने खुशी से आँखें मूंद लीं, सारिका तो ऐसे लिंग चूस रही थी जैसे पहली बार चूस रही हो. राज धीरे से उसकी चुत का दाना रगड़ता गया और फिर बेहद निश्चिंतता से चरम सुख आने पर उसके मुँह में स्खलित हो गया. राज के लंड से निकलते हुए वीर्य को सारिका ने निगल लिया। यह उसका वीर्य पीने का पहला अनुभव था. कुछ ही पलों में उसकी चुत से प्रेमरस की धरा बह रही थी जिसकी एक एक बूँद राज ने चाट ली.
एक ही रात में रूपेश ने जिंदगी की पहली चुत चटाई मेरे साथ की और सारिका ने जिंदगी में पहली बार वीर्य निगलना राज के लौड़े से किया था!
कुछ ही मिनटोंमें राज का लंड फिर से खड़ा होकर सारिका के नंगे बदन को जैसे सलामी देने लगा. अब उसने आव देखा न ताव और सारिका की टाँगे अलग कर उसे चोदने लगा. उसकी जोरदार रफ़्तार से सारिका भी चिल्लाकर आहें भरकर आनंद लेने लगी, "राज भैया, चोदो मुझे जी भरके चोदो।"
कुछ देर बाद मैंने रूपेश से नीचे आने को कहा तो रूपेश पलटी खाकर नीचे हो गया और मैं चढ़ गई उसके ऊपर और चुदाई करने लगी रूपेश की। अब मेरे बड़े बड़े वक्ष झूल रहे थे और रूपेश भी नीचे से धक्के लगा रहा था। मेरा ऑर्गैज़म आनेवाला था और रूपेश पर तो जैसे पागलपन सवार था मेरी चूत फाड़ने का.
रूपेश ने मुझे फिर से नीचे किया और मेरी टांगों को ऊपर करके अपने कन्धों पर रख दिया और घुसा दिया अपना लंड फिर से मेरी चुत में. इस बार उसकी स्पीड इतनी थी कि मैं जोर जोर से बोल रही थी, " आह, मजा आ गया... उम्म्ह... अहह... हय... याह... रूपेश डार्लिंग, फाड़ दो आज मेरी चूत को... रुकना नहीं! और जोर से... और जोर से!"
मेरी हर आवाज पर रूपेश का जोश और धक्के बढ़ते गए और एक जोरदार धमाके से उसने मेरी की चूत अपने माल से भर दी और निढाल होकर मेरे नंगे बदन के ऊपर ही लेट गया।
अब तक राज ने अपना लौड़ा सारिका के मुँह में भर कर उसके मुँह को चोदना चालू किया. वो इतने प्यार से और ताकतसे चूसने लगी की मुझे लगा राज का फव्वारा ही निकल जाएगा. अब राज ने खींचकर उसका लौड़ा सारिका के मुँह से निकाला और एक पल गवाए बगैर उसके गोरे मखमली बदन पर सिक्सटी नाइन की पोज में लेट गया. उसकी परवाह किये बगैर उसकी जाँघे खोल दी और राज उसकी गुलाबी मीठी चुत चाटने लगा.
जीवन में पहली बार किसीकी जीभ सारिका की चुत पर लगने से उसे तो जैसे बिजली का झटका ही लग गया. वो पूरे जोश से उसका लंड चूसने लगी. अब मैंने देखा की राज ने खुशी से आँखें मूंद लीं, सारिका तो ऐसे लिंग चूस रही थी जैसे पहली बार चूस रही हो. राज धीरे से उसकी चुत का दाना रगड़ता गया और फिर बेहद निश्चिंतता से चरम सुख आने पर उसके मुँह में स्खलित हो गया. राज के लंड से निकलते हुए वीर्य को सारिका ने निगल लिया। यह उसका वीर्य पीने का पहला अनुभव था. कुछ ही पलों में उसकी चुत से प्रेमरस की धरा बह रही थी जिसकी एक एक बूँद राज ने चाट ली.
एक ही रात में रूपेश ने जिंदगी की पहली चुत चटाई मेरे साथ की और सारिका ने जिंदगी में पहली बार वीर्य निगलना राज के लौड़े से किया था!
कुछ ही मिनटोंमें राज का लंड फिर से खड़ा होकर सारिका के नंगे बदन को जैसे सलामी देने लगा. अब उसने आव देखा न ताव और सारिका की टाँगे अलग कर उसे चोदने लगा. उसकी जोरदार रफ़्तार से सारिका भी चिल्लाकर आहें भरकर आनंद लेने लगी, "राज भैया, चोदो मुझे जी भरके चोदो।"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.