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Adultery Mere Anubhav
#75
शादी के वो 3 दिन ( और 3 रात )  ( 2ND दिन और रात ) :


दुसरे दिन मैं सुबह 6 बजे उठी
चिंटू पास में लेता हुआ था , मासूम सा लग रहा था सोते वक़्त

कल की सब बातें दिमाग में आने लगी
कैसे 1.50 साल बाद , फिर दूसरों के साथ कुछ हुआ

कई प्रश्न मन में आने लगे
क्या ये सही है ?
मन ने कहा : नहीं , ये सब सही नहीं
फिर मन ने कहा : अरे क्या फर्क पड़ता है , कोन  सा फिर किसी से मिलना होगा . जो होता है , होने दो , मज़ा लो

लेकिन मन ही मन  सोच लिया , आज कुछ नहीं करुँगी , मामाजी से दूर ही रहूंगी
हम  तैयार हो , ७.30 बजे बाहर चौक में आये

हमने नास्ता किया , आज SOUTH INDIAN था नास्ते में
आज काफी ब्यस्त दिन था
फिर हम सब धर्मशाला गए , बारातियों की खातिरी करने
वहां सब नास्ता कर रहे थे

मुझे UNCLE भी दिखे , मैंने आँख नहीं मिलायी , लेकिन वो नार्मल ही दिखे
लगा – उन्हें , रात जो मैंने किया , उसका पता नहीं है
मुझे शांति मिली
सुबह ९.30 से शादी के कार्यकर्म सुरु हो गए , घरेलु कार्यकर्म

लड़के वाले अपने कार्यकर्म कर रहे थे , लड़की वाले अपने
करीब 1.30 बजे लंच किया हम सबने ( मकई की रोटी , सरसों का साग लिया मैंने )

तभी मुझे मामाजी दिखे , LUNCH कर रहे थे
वो मेरे पास नहीं आये , मुझे शांति मिली

शाम को 7 बजे बारात आने का कार्यकर्म था
6 बजे बारात , धरमशाला से निकलती और करीब 1 घंटे शहर में घुमते हुए आ कर 7 बजे धर्मशाला पहुँचने का था

उनके कुछ कार्यकर्म , मारवारी कार्यकम से मिलते से थे
लेकिन ज्यादा कार्यकर्म अलग ही थे

नाच गाना उनके यहाँ ज्यादा ही था , दारू भी खुल के थी
मैं  सब कार्यकर्म देख ENJOY कर रही थी

आज चिंटू की chair नही पकड़ी थी , ताकि कार्यकर्म enjoy कर सकूँ
करीब ५ बज गए थे
मैं और राहुल , अपने घर की ओर बढे , शादी के लिए तैयार होने
घर धर्मशाला के करीब ही था
हम ५.45 पे तैयार हो , धर्मशाला आ गए

मैंने घाघरा चुन्नी पहना था , शाल ले रखी थी ठण्ड की वजह से
परमप्रीत दूल्हा बना हुआ था , काफी सुंदर लग रहा था
सानिया भी तैयार हो गयी , बहुत ही प्यारी लग रही थी
लड़के वाले सब तैयार हो , बारात ले के निकल पड़े
हम लड़कीवाले वहीँ रहे
बारात नाचते गाते शहर का चक्कर ले रही थी

हम ६.45 पे गेट पे आ खड़े हो गए , बारात की अगवानी करने
 बारात आने में अभी लगभग आधा घंटे थे

राहुल और मैंने एक एक BEER ले ली
BEER लेने से हल्का सुरूर होने लगा , ठण्ड भी थी ही

तभी आवाज़ आई , बारात आ रही है
गेट पे सब आ गए
अब म्यूजिक की आवाज़ सुनाई देने लगी , बारात की
फिर दूर से रौशनी आती दिखने लगी बारात के बैंड वालों की
गेट पे काफी भीड़ हो गयी अब
मैं भीड़ में बीच में हो गयी थी ,

तभी मुझे पीछे एक दबाव सा महसूस हुआ , और एक आवाज़
‘’ चाँद कितना साफ़ दिख रहा है न ऊपर “
मामाजी की आवाज़ सुनाई दी
मैं ; हाँ , एकदम साफ़ दिख रहा है
मामाजी ( और सटतेहुए ) : एक चाँद ऊपर , एक चाँद नीचे
मैं : मामाजी आप भी ना

अब वो पूरा सटे हुए थे , भीड़ होने से , उनका उभार मेरे पीछे साफ़ महसूस होने लगा
मैं : मामाजी कोन  सा चाँद ज्यादा साफ़ दिख रहा है ( पता नहीं क्यों मुह से निकला )
मामाजी : ऊपर वाला चाँद साफ़ दिख रहा है , लेकिन वो दूर है
मैं : और ?
मामाजी : नीचे वाला चाँद पास है , इसलिए मन हो रहा है
मैं : मन ? किसका

BEER का सुरूर हो रहा था मुझे
मामाजी : इस चाँद को आगोश में लेने का , साफ़ देखने का
मैं : इतने सटे हुए तो हैं ही , और क्या बचा है आगोश में लेने से ,
मामाजी : पूरा आगोश में लेने का मन में है
मैं : तो ले लिजिय ना , किसने रोका है
मामाजी : तैयार हो ना , फिर gussa मत होना
मैं : आप मामाजी हैं , आप से क्यों gussa ?

और मंजी पूरा सट गए , मेरे पीछे से
लेकिन अब एक हाथ मेने कमर में , नंगे  पेट पे महसूस किया
मैं : मामाजी , ये क्या ?
मामाजी : आगोश में लेने की सुरुवात
मैं ( हँसते हुए ) : आप भी ना

अब मामाजी पूरा जोर से पीछे से मुझे दबाये , और पेट वाला हाथ , शाल के अंदर कर मेरे एक BOOBS पे रखा
मैं पूरा चौंक गयी , शाल को तुरंत और फैला ली , ताकि कोई देख न ले
भीड़ बहुत थी , सब एक दुसरे से सटे हुए थे ,
अँधेरा होने की वज़ह से , किसी का ध्यान आना ही नहीं था
मैं : मामाजी , ये क्या कर रहे हैं ?
मामाजी : चाँद की आगोश में लेने से पहले , गोलाईयां देख रहा हूँ

और मामाजी ने जोर से मेरी उस चूची को पूरा पकड़ दबाया
मैं :  मामाजी धीरे से , दुखता है
मामाजी समझ गए , मुझे कोई दिक्कत नहीं
मामाजी ; धीरे धीरे ही पकडूँगा , चाँद को मेरी दिक्कत न हो  

और तभी मैंने उनका दूसरा हाथ , अपने दुसरी चूची पे पाया
दोनों हाथ उनके , मेरी शाल के अंदर , मेरे BOOBS पर थे
मैंने शाल को और ठीक किया , चरों तरफ ध्यान दी , किसी की नज़र हम पे न थी
मैं पीछे की तरफ हो , उसे सटते हुए कही
मैं : मामाजी , बस कीजिये , कोई देख लेगा
मामाजी समझ गए , मुझे कोई दिक्कत नहीं , लेकिन किसी के देखने का डर है
मामाजी : हाँ , ये तो है , और यहाँ तो पूरा आगोश में ले भी नहीं पाउँगा
मैं ; अब और क्या बचा है आगोश में लेने को ?

मामाजी और मैं लगभग खुल के ही बात कर रहे थे
उनके दोनों हाथ अपना काम कर ही रहे थे

मामाजी ; यूँ तो तुम समझ ही गयी हो , साफ़ साफ़ कहने की दरकार है क्या ?
मैं ( हँसते हुए ) : मैं समझी नहीं , साफ़ साफ़ कहिये ना

मामाजी : ये सरदार अपनी मारवाडी चाँद को साफ़ साफ़ पूरा देखना और पाना चाहता हैं
और अब उनका एक हाथ , धीरे से नीचे हो , मेरे घाघरे के ऊपर आ , मेरी chut के ऊपर आ गया
मैं अब घबरा गयी

मैं : मामाजी यहाँ नहीं , PLEASE
मामाजी : एकदम सही , तुम कहो - हाँ और कहाँ ?
मैं : मैं क्या बोलूं ? जैसे आप कहें और जहाँ कोई ना देख पाए

मामाजी : बारात आने के बाद , सब कार्यकर्म में ब्यस्त हो जायेंगे , लगभग 1 घंटे बाद हम अपने घर चलेंगे , किसी का ध्यान नहीं जायेगा
मैं : ठीक है , अब आप हाथ निकालिए

मामाजी ने एक बार जोर से BOOBS को भींचा और गाल सहलाते हुए , हाथ बाहर निकल लिए

मैंने शाल ठीक की फिर से

बरात कब की आ चुकी थी और गेट पे DANCE चल रहा था
सभी लड़के वाले डांस कर रहे थे
मैंने देखा , uncle ( सानिया के ससुरजी) भी नाच रहे थे , आज उनके बेटे की शादी जो थी
तभी uncle की नज़र मुझ पे पड गयी
uncle मेरी तरफ आ , मेरा हाथ पकड़ मुझे डांस करने ले जाने लगे
मैं उनका हाथ छुड़ा न सकी और उनके बीच पहुँच गयी
थोरा बहुत डांस किया , लेकिन पाया , uncle ज्यादा ही सट रहे थे
मैंने महसूस किया , उन्होंने DRINK भी ज्यादा ही कर रखी थी
बेटे की शादी को वो पूरा ENJOY कर रहे थे

डांस ख़त्म हो गया , बारात अंदर आ गयी
हम उनकी अगवानी करने लगे
मैं थोरा साइड हो , खड़ी हो गयी
राहुल मेरे पास आया , उसके हाथ में एक beer था मेरे लिए
 मैंने ना कर दिया
राहुल ने  पूछा : तबियत तो ठीक है ना
मैंने कहा तबियत ठीक है
मामाजी के साथ हुई , उनकी सब हरकतें और बातें , राहुल को बताई
राहुल बहुत खुश हुआ और मुश्कुराते हुए कहा

राहुल : तब तो तुम , २ beer लो
मैं : मतलब , क्यों ?
राहुल : मैंने कहा था ना , दिन में सम्मान दो , रात में साथ देना
मैं : मामाजी और uncle दोनों पीछे पड़े हैं
राहुल ने हिम्मत बढाई , और बहुत अच्छे से समझाया
राहुल : देखो , तुमको भी मस्ती का मन है ना
मैं : सच कहूँ ? थोरा – लेकिन बदनामी न हो जाये
राहुल : तभी तो कह रहा हूँ – २ beer ले लो , इसके दो फायदे होंगे
          पहला – वो समझेंगे तुम नशे में हो , खुल के सब करेंगे
          दूसरा – कल कोई इस बात को कहेगा नहीं किसी से , क्योंकि दोनों ही बड़े और इज्ज़तदार लोग हैं
        और beer पीने से तुम्हे भी गलत नहीं feel होगा

मैं : तुम्हे क्या लगता है – मामाजी के साथ ये करना ठीक होगा
राहुल : किसके मामाजी ? ( हँसते हुए ) तुमको तो एक बुड्ढ़े को मस्ती देनी है पूरी
मैं राहुल से चिपक गयी , beer पीते हुए , और मुश्कुराने लगी
मैं शादी के कार्यकर्म में ब्यस्त हो गयी
 
करीब ८ .15 बज रहे थे .
मैंने देखा , मामाजी दूर से मुझे ही देख रहे थे
मैं उठी , राहुल के पास आई और इस तरह बोली कि मामाजी भी सुन सकें
मैं : राहुल , जरा कमरे की चाबी दो , मुझे हल्का नशा सा हो गया है , FRESH हो के DRESS change करके आती हूँ
राहुल मेरे पास आया , मुझे चाबी दी और धीरे से कहा : FULL enjoy करना , सरदार हैं , अलग ही मज़ा आएगा
मैंने चाबी ली और घर की तरफ चल दी
सब अपने में मस्त थे , शादी के कार्यकम में
धर्मशाला के करीब ही था हमारा घर , २-३  मिनट में पहुँच गयी
घर में कोई नहीं था , मैं मेरे कमरे में आ गयी
२ मिनट में ही मामाजी भी आ गए , और कमरे में दस्तक दी
मैंने दरवाज़ा खोला , वो अंदर आये , मैंने  दरवाज़ा LOCK कर लिया
अब ROOM में , मैं उस सरदार के साथ खड़ी थी
मामाजी : वाह मेरी चाँद , उमने अपना वादा रखा , बहुत बढ़िया
मैं : आपकी चाँद अब आपके सामने है मामाजी , पूरा आगोश में आने
मामाजी हँसे और कहे : अरे सिर्फ आगोश में आने ? सब कुछ का मन है मेरा अब तो , बस तुम्हारा साथ चाइये
मैं ( हँसते हुए ) : अब आप जो चाहें , मेरा साथ तो मिलना ही है , मैं नशे में जो हूँ
मामाजी ने अपनी पगड़ी उतार दी , लम्बे चौड़े सरदार थे मामाजी , मुझे चिपका लिया
मामाजी : तेरी चूची और गांड मस्त है , दोनों को भरपूर देखना और चुसना है
कह के दोनों बूब्स दबा दिए
मामाजी अब खुल के बात कर रहे थे
मैं भी खुल के बात करने लगी – अब मैं सामने हूँ , आपका जो मन है करिए
मामाजी ने मेरी चोली खोलने लगे  , और bra भी खोल दिए
दोनों चूची को पूरा पकड़ , जोर जोर से चूसने लगे
मैं : मामाजी , थोरा धीरे , दुखता है
मामाजी : हैं है इतने बड़े , की मन करता है जोर से दबाऊँ
( अब thora जल्दी जल्दी लिखूंगी , मुझे डिटेल में लिखने में कोई इंटरेस्ट नहीं , सिर्फ स्थिति बताना मेरा उद्देश्य है , मेरे अनुभव होने का )
और फिर , मामाजी ने मेरा घाघरा भी खोल दिया , और panty भी उतार दी  
अब मैं पूरी नंगी हो गयी
मामाजी थोरी देर मेरी chut में अंगुली किये और jeev भी अंदर बाहर की
फिर मुझे घुमा , मेरी गांड को चूसने लगे
मैंने एक हाथ उनकी पैजामे पे , उनके उभार पे रखा
मामाजी ने हँसते हुए कहा : चाँद तो अब मैंने साफ़ देख लिया , अब पाना बाकी है
मैं भी हंसने लगी
मामाजी ने पैजामा उतर दिया , कच्छा पहन रखा था अंदर , वो भी उतार दिया
अब मेरे सामने एक सरदार पूरा नंगा खड़ा था , लम्बा चौड़ा
मैंने उनके lund को पकड़ा , जो वाकई में बड़ा था
मैं २-३ बार lund को मुठी में दबाया , फिर ऊपर नीचे करने लगी
मामाजी ने मेरे सर को पकड़ नीचे की तरफ किया
मैं समझ गयी , नीचे बैठ , उनके lund को पहले जीव से चाटी और फिर मुह में पूरा ले लिया
वाकई वो बड़ा और मोटा था
हम एक दुसरे को यूँ ही मज़ा देते रहे और मज़ा लेते रहे
अब मामाजी ने मुझे उठा , bed पे लिटा दिया
मैं : अब तो आपने पा लिया चाँद को , अब चले
मामाजी ; वह रे मेरी चाँद , अभी तो छुआ है पूरा मेरी चाँद को , पाना तो है अब
और मामाजी , bed पे आ मेरी टांगो को फैला , मेरी chut से अपना lund सटाए
और एक झटके से lund , chut के अंदर गया
और मामाजी मुझे चोदने लगे ,  उनका lund बड़ा और मोटा होने से मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था उनके चोदने से

फिर उन्होंने मुझे उल्टा किया , मैं घुटनों के बल पे आ गयी

और फिर मामाजी मुझे कुतिया की तरह चोदने लगे

३-५ मिनट वैसे हुआ



फिर मामाजी हटे , मुझे उठाया , और bed पे सीधा लेट गए

अब मैं उनके ऊपर चडी , और ऊपर नीचे होने लगी



इस तरह उन्होंने ३-४ तरीके से मुझे चोदा



करीब २० – २२ मिनट चोदे होंगे , फिर हम अलग हुए

उनका काम हो गया था



मैं : अब तो चाँद को पा भी लिया आपने मामाजी



मामाजी ; आज 4 साल बाद , chudai की , तुमने मुझे बहुत खुश कर दिया , मैं जिंदगी में इतना मज़ा नहीं लिया



और मामाजी ने मुझे चिपका लिया

अब मामाजी मुझे अछे लग रहे थे



मामाजी तैयार हो निकल गए



मैं भी , ड्रेस ना बदल , घाघरा चुन्नी में ही  धरमशाला की और बढ़ी

 

 

 

 

 

 

 
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Mere Anubhav - by mariesweet21 - 11-06-2023, 05:30 PM
RE: Mere Anubhav - by mariesweet21 - 11-06-2023, 06:50 PM
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RE: Mere Anubhav - by ghost19 - 11-06-2023, 08:38 PM
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RE: Mere Anubhav - by Bluee - 20-06-2023, 10:20 PM
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RE: Mere Anubhav - by Mampi - 27-11-2023, 09:42 AM
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RE: Mere Anubhav - by mariesweet21 - 28-11-2023, 12:20 AM
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RE: Mere Anubhav - by iknowm - 16-12-2023, 06:54 PM
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