24-12-2023, 08:33 PM
शादी के वो 3 दिन ( और 3 रात ) :
हमारी बस सिलिगुडी पहुँच गई करीब 7 बजे
हमने हल्का नास्ता किया , चाय पी
और एक जीप से KARSIYONG के लिए निकल पड़े
करीब 8 बज गए थे
1 से 1.30 घंटे का सफ़र था
मेरे दिमाग में रात की घटना घूम रही थी , इतने दिनों बाद किसी दुसरे ने छुआ था
मैं अपने आप से कई प्रश्न कर रही थी
क्या मुझे sex बहुत अच्छा लगता है ? - हाँ ( उत्तर भी साथ साथ सोच रही थी )
क्या राहुल के साथ sex ठीक होता है ? – हाँ , बहुत बढ़िया
क्या मैं बहुत प्यारी हूँ ? - शायद हाँ
क्या मैं बहुत सेक्सी हूँ ? - बिलकुल नहीं , सेक्सी नही हूं मैं
क्या दूसरों को मैं पसंद आती हूँ ? – हाँ , बहुत
क्यों दुसरे मुझे देखना , छूना चाहते हैं ? - हम्मम्मम्म
बहुत सोचने पे समझ में आया – कम उम्र सिर्फ 19 या 22 का होना और बहुत प्यारी , सीधी,मासूम दिखना
क्या मुझे दूसरों का साथ अच्छा लगता है ? – hmmmmm , कभी कभी
क्या मुझे दुसरे छुए तो अच्छा लगता है ? - hmmmmm , हाँ
कौन ज्यादा अच्छा लगता है – जवान , या , बड़ी उम्र के , या बुड्ढ़े
इसका उत्तर दिमाग में नहीं सुझा
मैंने ध्यान से अपने 4 अनुभओं को टटोला ,
सिर्फ 1 में ही जवान लड़का था , बाकि 3 में तो बड़ी उम्र या बुड्ढा ही थे
यानि क्या मुझमें बूढों का इंटरेस्ट होने से अच्छा लगने लगा ?
पता नहीं , मगर ख़राब नहीं लगता
यही सोचते सोचते कब KARSIYONG आ गया , पता ही नहीं चला
घडी 9.30 समय दिखा रही थी
हमने एक रिक्शा किया और शादी घर पहुंचे
अब शादी घर के बारे में कुछ बता दूँ :
राहुल के दोस्त , रवि कोहली की बहन की शादी थी . रवि पंजाबी था . रवि मुंबई में काम करता था . घर में उसकी बहन , उसकी माँ , उसके पिताजी और एक छोटा भाई था .
रवि की बहन , सानिया , रवि से 3 वर्ष छोटी थी – करीब 22 की होगी
रवि का भाई , उम्र 15-16 की होगी , प्यार से चिंटू कहते थे सब उसको
चिंटू जरा मंद् दिमाग का था , ठीक से बोल भी नहीं पाता था , थोरा अविकसित लड़का था , अपनी उम्र के हिसाब से
रवि का चाचाजी का परिवार भी पास में ही रहता था
घर तथा घर के सभी लोग मुझे बहुर अछे लगे
सीधे, पढ़े लिखे
मेरा पहला मिलना हुआ , किसी पंजाबी परिवार से
आज की तारीख , 4th November 1993 थी , शादी 5 को थी
3 धर्मशाला book की हुई थी , रिश्तेदारों और बारात के लिए
रिश्तेदार आने शुरु हो गए थे
लड़के वाले भी 4th को शाम को पहुँच रहे थे , शादी 5 को होनी थी
मैं अब घर में सानिया , रवि , आंटी और अंकल से मिल ली थी
फ्रेश हो , हम लगभग 11 बजे नास्ता किये ( पंजाबी नास्ता – छोले, कुलचा )
उन सबको भी मुझसे , मारवारी लड़की , से मिलके बहुत अच्छा लग रहा था
मैं सानिया से खुल गयी थी
तभी मैंने महसूस किया , चिंटू अलग अलग सा था , एक कुर्सी पे , चुप चाप
मैंने उससे बात करने की कोशिश की , लेकिन वो gussa हो गया
मुझे समझ नहीं आया – क्यों ?
आंटी ने बताया – नए लोग को देख वो gussa हो जाता है , बेटी उसकी बात का बुरा मत मानना
मैं : अरे नहीं आंटी , पुरे 3 दिन में वो मेरे से बहुत अच्छी बात करने लगेगा , आप बिलकुल चिंता न करें
मैंने एक cadbury निकाली और चिंटू को दिखाई
चिंटू थोरा मुश्कुराया
मैंने cadbury छुपा ली , चिंटू gussa होने लगा
मैंने उसको कहा : cadbury दूंगी , पहले भाभी बोलो
चिंटू ने चेष्टा की : भा – भा --- भा
मैं उसके गाल को सहलाते हुए ; बहुत बढ़िया , फिर से try करो
लेकिन वो नही बोल पा रहा था
मैंने उसको cadbury दे दी , वो खुश हो ताली बजाने लगा ,
एक छोटे बच्चेकी तरह
उम्र 16 की होगी, लेकिन 3 वर्ष के उम्र की तरह का बर्ताव था
यूँ ही गप मारते मारते कब 1 बज् गया , पता ही नही चला
आंटी ने लंच करने को कहा
और मैंने देखा , आंटी एक प्लेट से चिंटू को लंच कराने जा रही थी
मैं : आंटी , चिंटू को लंच मैं करा दूंगी
आंटी : बेटी , मैं करा देती हूँ , तुमको परेशां करेगा
मैं : कोई बात नहीं आंटी , आज से वो मुझे परेशां नहीं करेगा , दोस्ती कर लुंगी उससे
और मैंने चिंटू के लंच की थाली ले के चिंटू के पास आई
और चिंटू को lunch कराने की चेष्टा की , थोरी दिक्कत हुई ,
फिर वो मेरे से खुलने लगा और मैंने सुना भी – भा भा भा भी
मुझे बहुत अच्छा लगा , और मैं उसके गाल को प्यार से सहला दी
वो हंसने लगा
हम सबने भी २ बजे lunch किया
करीब 3 बजे , रवि के मामाजी और और कई और रिश्तेदार पहुंचे
रवि के मामाजी करीब 48 49 के होंगे , थोड़े लम्बे से
काफी मजाकिया स्वभाब के
उनके आते ही , घर में मानो जश्न आ गया
सब कोई मामाजी की मस्तियो का मज़ा ले रहे थे
तभी मामाजी ने पूछा : चाँद जमीं पे और हमारे घर में ??
कोई समझा नहीं
मामाजी ने मेरी और इशारा किया : भाई ए चाँद का टुकड़ा हमारे घर में , किस दरवाज़े आया , आसमान को छोड़ के
सब हंसने लगे
रवि ने मेरा परिचय करवाया , मैं उनके पैर छूने बढ़ी
उन्होंने मुझे रोक कंधे से पकड़ कहा : चाँद आसमान पे ठीक लगता है , जमीं पे नहीं
फिर हँसते हुए कहा : मारवाडी ने पंजाबनो की छूटी कर दी , हुस्न ए दीदार सब ख़त्म सानिया तेरा , अपने munde से इसको दूर रहने बोल दे शाम को
सब हंसने लगे , मुझे भी बहुत अच्छा लगा , उनका मजाक करना
तभी उन्होंने मेरे कंधे दबाते हुए कहा : चल पुत्तर , किसी काम को रोकना ठीक नहीं , जो करने आई थी , पूरा कर ले
सब फिर हंसने लगे , मैं झेप गयी और झुक के उनके पैर छुए
मामाजी : हो गया तेरा काम , तेरा धर्म पूरा , अब कसम खा ले - अगले 3 दिन पूरी मस्ती होनी है , पैर नहीं छूने वुने , okkkkk
मैं : जी मामाजी
और उन्होंने मुझे कंधे से उठा , हलके से अपने से सटा लिया पूरा
मैं कुछ समझ पाती , उनसे अलग होती
उन्होंने मेरे सर पे हाथ रखा और यूँ कहा मानो आशीर्वाद दे रहे हो :
चाँद बनके दिल में रहने सबके , बारी तेरी आई है
देख पुत्तारा , राहुल को किती खुसी मुह पे छाई है
सब जोर जोर से हंसने लगे , राहुल और मैं भी
काफी मजाकिया थे मामाजी
लेकिन तभी मैंने महसूस किया , मैं उनसे चिपटी हुई थी , अलग होने लगी अब
और तभी उनका एक हाथ का दबाव , मुझे साफ मेरे पीछे दबते हुए महसूस हुआ
मामाजी ( मेरे कान में ) : याद रखना , चाँद बनके दिल में रहने
मैं शर्मा गयी और धीरे से हाँ में सर हिलाई
हमारी बस सिलिगुडी पहुँच गई करीब 7 बजे
हमने हल्का नास्ता किया , चाय पी
और एक जीप से KARSIYONG के लिए निकल पड़े
करीब 8 बज गए थे
1 से 1.30 घंटे का सफ़र था
मेरे दिमाग में रात की घटना घूम रही थी , इतने दिनों बाद किसी दुसरे ने छुआ था
मैं अपने आप से कई प्रश्न कर रही थी
क्या मुझे sex बहुत अच्छा लगता है ? - हाँ ( उत्तर भी साथ साथ सोच रही थी )
क्या राहुल के साथ sex ठीक होता है ? – हाँ , बहुत बढ़िया
क्या मैं बहुत प्यारी हूँ ? - शायद हाँ
क्या मैं बहुत सेक्सी हूँ ? - बिलकुल नहीं , सेक्सी नही हूं मैं
क्या दूसरों को मैं पसंद आती हूँ ? – हाँ , बहुत
क्यों दुसरे मुझे देखना , छूना चाहते हैं ? - हम्मम्मम्म
बहुत सोचने पे समझ में आया – कम उम्र सिर्फ 19 या 22 का होना और बहुत प्यारी , सीधी,मासूम दिखना
क्या मुझे दूसरों का साथ अच्छा लगता है ? – hmmmmm , कभी कभी
क्या मुझे दुसरे छुए तो अच्छा लगता है ? - hmmmmm , हाँ
कौन ज्यादा अच्छा लगता है – जवान , या , बड़ी उम्र के , या बुड्ढ़े
इसका उत्तर दिमाग में नहीं सुझा
मैंने ध्यान से अपने 4 अनुभओं को टटोला ,
सिर्फ 1 में ही जवान लड़का था , बाकि 3 में तो बड़ी उम्र या बुड्ढा ही थे
यानि क्या मुझमें बूढों का इंटरेस्ट होने से अच्छा लगने लगा ?
पता नहीं , मगर ख़राब नहीं लगता
यही सोचते सोचते कब KARSIYONG आ गया , पता ही नहीं चला
घडी 9.30 समय दिखा रही थी
हमने एक रिक्शा किया और शादी घर पहुंचे
अब शादी घर के बारे में कुछ बता दूँ :
राहुल के दोस्त , रवि कोहली की बहन की शादी थी . रवि पंजाबी था . रवि मुंबई में काम करता था . घर में उसकी बहन , उसकी माँ , उसके पिताजी और एक छोटा भाई था .
रवि की बहन , सानिया , रवि से 3 वर्ष छोटी थी – करीब 22 की होगी
रवि का भाई , उम्र 15-16 की होगी , प्यार से चिंटू कहते थे सब उसको
चिंटू जरा मंद् दिमाग का था , ठीक से बोल भी नहीं पाता था , थोरा अविकसित लड़का था , अपनी उम्र के हिसाब से
रवि का चाचाजी का परिवार भी पास में ही रहता था
घर तथा घर के सभी लोग मुझे बहुर अछे लगे
सीधे, पढ़े लिखे
मेरा पहला मिलना हुआ , किसी पंजाबी परिवार से
आज की तारीख , 4th November 1993 थी , शादी 5 को थी
3 धर्मशाला book की हुई थी , रिश्तेदारों और बारात के लिए
रिश्तेदार आने शुरु हो गए थे
लड़के वाले भी 4th को शाम को पहुँच रहे थे , शादी 5 को होनी थी
मैं अब घर में सानिया , रवि , आंटी और अंकल से मिल ली थी
फ्रेश हो , हम लगभग 11 बजे नास्ता किये ( पंजाबी नास्ता – छोले, कुलचा )
उन सबको भी मुझसे , मारवारी लड़की , से मिलके बहुत अच्छा लग रहा था
मैं सानिया से खुल गयी थी
तभी मैंने महसूस किया , चिंटू अलग अलग सा था , एक कुर्सी पे , चुप चाप
मैंने उससे बात करने की कोशिश की , लेकिन वो gussa हो गया
मुझे समझ नहीं आया – क्यों ?
आंटी ने बताया – नए लोग को देख वो gussa हो जाता है , बेटी उसकी बात का बुरा मत मानना
मैं : अरे नहीं आंटी , पुरे 3 दिन में वो मेरे से बहुत अच्छी बात करने लगेगा , आप बिलकुल चिंता न करें
मैंने एक cadbury निकाली और चिंटू को दिखाई
चिंटू थोरा मुश्कुराया
मैंने cadbury छुपा ली , चिंटू gussa होने लगा
मैंने उसको कहा : cadbury दूंगी , पहले भाभी बोलो
चिंटू ने चेष्टा की : भा – भा --- भा
मैं उसके गाल को सहलाते हुए ; बहुत बढ़िया , फिर से try करो
लेकिन वो नही बोल पा रहा था
मैंने उसको cadbury दे दी , वो खुश हो ताली बजाने लगा ,
एक छोटे बच्चेकी तरह
उम्र 16 की होगी, लेकिन 3 वर्ष के उम्र की तरह का बर्ताव था
यूँ ही गप मारते मारते कब 1 बज् गया , पता ही नही चला
आंटी ने लंच करने को कहा
और मैंने देखा , आंटी एक प्लेट से चिंटू को लंच कराने जा रही थी
मैं : आंटी , चिंटू को लंच मैं करा दूंगी
आंटी : बेटी , मैं करा देती हूँ , तुमको परेशां करेगा
मैं : कोई बात नहीं आंटी , आज से वो मुझे परेशां नहीं करेगा , दोस्ती कर लुंगी उससे
और मैंने चिंटू के लंच की थाली ले के चिंटू के पास आई
और चिंटू को lunch कराने की चेष्टा की , थोरी दिक्कत हुई ,
फिर वो मेरे से खुलने लगा और मैंने सुना भी – भा भा भा भी
मुझे बहुत अच्छा लगा , और मैं उसके गाल को प्यार से सहला दी
वो हंसने लगा
हम सबने भी २ बजे lunch किया
करीब 3 बजे , रवि के मामाजी और और कई और रिश्तेदार पहुंचे
रवि के मामाजी करीब 48 49 के होंगे , थोड़े लम्बे से
काफी मजाकिया स्वभाब के
उनके आते ही , घर में मानो जश्न आ गया
सब कोई मामाजी की मस्तियो का मज़ा ले रहे थे
तभी मामाजी ने पूछा : चाँद जमीं पे और हमारे घर में ??
कोई समझा नहीं
मामाजी ने मेरी और इशारा किया : भाई ए चाँद का टुकड़ा हमारे घर में , किस दरवाज़े आया , आसमान को छोड़ के
सब हंसने लगे
रवि ने मेरा परिचय करवाया , मैं उनके पैर छूने बढ़ी
उन्होंने मुझे रोक कंधे से पकड़ कहा : चाँद आसमान पे ठीक लगता है , जमीं पे नहीं
फिर हँसते हुए कहा : मारवाडी ने पंजाबनो की छूटी कर दी , हुस्न ए दीदार सब ख़त्म सानिया तेरा , अपने munde से इसको दूर रहने बोल दे शाम को
सब हंसने लगे , मुझे भी बहुत अच्छा लगा , उनका मजाक करना
तभी उन्होंने मेरे कंधे दबाते हुए कहा : चल पुत्तर , किसी काम को रोकना ठीक नहीं , जो करने आई थी , पूरा कर ले
सब फिर हंसने लगे , मैं झेप गयी और झुक के उनके पैर छुए
मामाजी : हो गया तेरा काम , तेरा धर्म पूरा , अब कसम खा ले - अगले 3 दिन पूरी मस्ती होनी है , पैर नहीं छूने वुने , okkkkk
मैं : जी मामाजी
और उन्होंने मुझे कंधे से उठा , हलके से अपने से सटा लिया पूरा
मैं कुछ समझ पाती , उनसे अलग होती
उन्होंने मेरे सर पे हाथ रखा और यूँ कहा मानो आशीर्वाद दे रहे हो :
चाँद बनके दिल में रहने सबके , बारी तेरी आई है
देख पुत्तारा , राहुल को किती खुसी मुह पे छाई है
सब जोर जोर से हंसने लगे , राहुल और मैं भी
काफी मजाकिया थे मामाजी
लेकिन तभी मैंने महसूस किया , मैं उनसे चिपटी हुई थी , अलग होने लगी अब
और तभी उनका एक हाथ का दबाव , मुझे साफ मेरे पीछे दबते हुए महसूस हुआ
मामाजी ( मेरे कान में ) : याद रखना , चाँद बनके दिल में रहने
मैं शर्मा गयी और धीरे से हाँ में सर हिलाई