21-12-2023, 02:51 PM
थोड़ी देर बाद बहु कुछ कपडे ले कर आयी, मैंने देखा और उसे एक नाईट गाउन पहनने के लिए कहा। मैं समधी जी को एकदम से शॉक नहीं देना चाहता था इसलिए मैंने ऐसा नाईट गाउन चुना जो बहु के जिस्म को पूरा कवर करे जिसमें सबकुछ छुपाये भी जा सके, और वक़्त पडने पे सबकुछ दिखाया भी जा सके।
मै - बहु तुम ये रेड वाली गाउन पहनो, ये पतला है इसमे तुम्हारे शरीर का शेप साफ़ नज़र आएगा। लेकिन तुम इसके अंदर ब्रा नहीं पहनोगी।
सरोज- ठीक है बाबूजी।
बहु बाथरूम में चेंज कर के आयी, और जब मैंने उसे देखा तो वो उस नाईट गाउन में किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी।
बहु के नाईट गाउन इतने पतले थे के उसके बदन से चिपक गए थे। नाईट गाउन चिपकने से उसके कुल्हे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे। ऊपर ब्रा न होने की वजह से बहु की चूचियां आधी बाहर की ओर निकली थी। उसकी निप्पल के साइड का डार्क स्किन भी नज़र आ रहा था।
मै - बहुत सेक्सी लग रही हो बहु।। (मैं बिस्तर पे लेट गया और अपने ऊपर एक पतली चादर डाल लिया )
बहु भी मेरे पास आ कर लेट गई। मैंने चादर के अंदर अपना लंड निकाल लिया और बहु का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख लिया
सरोज - बाबूजी ये क्क्या।। आपने अपना लंड क्यों बाहर निकाल लिया?
मै - बहु तुम्हे इस नाईट गाउन में देख मैंने लंड बाहर निकाला है। कल देखना तुम्हारे पापा कैसे अपना लंड पकड़ के मुट्ठ मारेंगे
सरोज - छी: बाबूजी आप फिर से।।।।।।
मै- ओके सॉरी
बहु मेरे लंड को सहला रही थी, मैंने धीरे से उसका गाउन ऊपर किया और उसकी पेंटी की साइड से ऊँगली बहु के बुर में पेल दिया।। बहु आह आहः।। करने लगी, अभी कुछ सेकंड ही हुए थे की बहु की बुर से गरम गरम पानी निकलने लगा। मेरी दो ऊँगली बहु के बुर के पानी से चिपचिपी हो गई थी। मैं समझ गया की बहु बहुत उत्तेजित हो गई है। मैंने करवट ली और अपना लंड बहु के बुर में रगडने लगा। बहु ने अपनी टाँगे खोल मेरे लंड को अपने बुर में जाने के लिए रास्ता दिया। लेकिन तभी मुझे एक आईडिया आया क्यों न बहु को और तडपाया जाए, बहु जितना ज्यादा तड़पेगी उतना उसका इंटरेस्ट अपने पापा की तरफ बढ़ता जायेगा और फिर उन्हें अपना बदन दिखाने में उसे कोई झिझक नहीं होगी। बहु मेरा लंड पकड़ कर अपने बुर की तरफ खीच रही थी, मैंने तुरंत अपना लंड हटा लिया और कहा।
मै - बहु, मैं बहुत थक गया हूँ रात के ११ बज रहे हैं मुझे सोने दो।
सरोज - लेकिन बाबूजी, मुझे नींद नहीं आ रही है।
मै समझ गया की बहु को चुदवाना है, उसपे सेक्स सवार हो गया है।
मैं-ठीक है बहु मैं तुम्हे चोदुँगा लेकिन जब तुम चूत के साथ अपनी कुँवारी गांड मुझे मारने दोगी।
बहु-नहीं बाबूजी प्लीज मुझे बहुत दर्द होगा।
मैं-नहीं बहु दर्द होगा तो मैं निकाल लूंगा।जानती हो बहु चूत से ज्यादा मज़ा गाँड में आता है।( बहु पूरी तरह से गरम हो गई थी इसलिए वह मेरी बात मानने को राजी हो गई)
मैं-बेटी अब तुम्हारी गांड मारूँगा"
मै - बहु तुम ये रेड वाली गाउन पहनो, ये पतला है इसमे तुम्हारे शरीर का शेप साफ़ नज़र आएगा। लेकिन तुम इसके अंदर ब्रा नहीं पहनोगी।
सरोज- ठीक है बाबूजी।
बहु बाथरूम में चेंज कर के आयी, और जब मैंने उसे देखा तो वो उस नाईट गाउन में किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी।
बहु के नाईट गाउन इतने पतले थे के उसके बदन से चिपक गए थे। नाईट गाउन चिपकने से उसके कुल्हे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे। ऊपर ब्रा न होने की वजह से बहु की चूचियां आधी बाहर की ओर निकली थी। उसकी निप्पल के साइड का डार्क स्किन भी नज़र आ रहा था।
मै - बहुत सेक्सी लग रही हो बहु।। (मैं बिस्तर पे लेट गया और अपने ऊपर एक पतली चादर डाल लिया )
बहु भी मेरे पास आ कर लेट गई। मैंने चादर के अंदर अपना लंड निकाल लिया और बहु का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख लिया
सरोज - बाबूजी ये क्क्या।। आपने अपना लंड क्यों बाहर निकाल लिया?
मै - बहु तुम्हे इस नाईट गाउन में देख मैंने लंड बाहर निकाला है। कल देखना तुम्हारे पापा कैसे अपना लंड पकड़ के मुट्ठ मारेंगे
सरोज - छी: बाबूजी आप फिर से।।।।।।
मै- ओके सॉरी
बहु मेरे लंड को सहला रही थी, मैंने धीरे से उसका गाउन ऊपर किया और उसकी पेंटी की साइड से ऊँगली बहु के बुर में पेल दिया।। बहु आह आहः।। करने लगी, अभी कुछ सेकंड ही हुए थे की बहु की बुर से गरम गरम पानी निकलने लगा। मेरी दो ऊँगली बहु के बुर के पानी से चिपचिपी हो गई थी। मैं समझ गया की बहु बहुत उत्तेजित हो गई है। मैंने करवट ली और अपना लंड बहु के बुर में रगडने लगा। बहु ने अपनी टाँगे खोल मेरे लंड को अपने बुर में जाने के लिए रास्ता दिया। लेकिन तभी मुझे एक आईडिया आया क्यों न बहु को और तडपाया जाए, बहु जितना ज्यादा तड़पेगी उतना उसका इंटरेस्ट अपने पापा की तरफ बढ़ता जायेगा और फिर उन्हें अपना बदन दिखाने में उसे कोई झिझक नहीं होगी। बहु मेरा लंड पकड़ कर अपने बुर की तरफ खीच रही थी, मैंने तुरंत अपना लंड हटा लिया और कहा।
मै - बहु, मैं बहुत थक गया हूँ रात के ११ बज रहे हैं मुझे सोने दो।
सरोज - लेकिन बाबूजी, मुझे नींद नहीं आ रही है।
मै समझ गया की बहु को चुदवाना है, उसपे सेक्स सवार हो गया है।
मैं-ठीक है बहु मैं तुम्हे चोदुँगा लेकिन जब तुम चूत के साथ अपनी कुँवारी गांड मुझे मारने दोगी।
बहु-नहीं बाबूजी प्लीज मुझे बहुत दर्द होगा।
मैं-नहीं बहु दर्द होगा तो मैं निकाल लूंगा।जानती हो बहु चूत से ज्यादा मज़ा गाँड में आता है।( बहु पूरी तरह से गरम हो गई थी इसलिए वह मेरी बात मानने को राजी हो गई)
मैं-बेटी अब तुम्हारी गांड मारूँगा"