21-12-2023, 10:14 AM
और ऑप्शंस
उनकी सहेली एकदम एक्सपर्ट थी मॉर्फिंग, फोटॉशपिंग, मेरी छुटकी ननदिया की कुछ फोटुएं उसने मॉर्फ कर के भेजी थीं, किसी पॉर्न स्टार का सर काट के उसका सर लगा के, लेकिन ज्यादा खतरनाक थी उसकी बात,
"आपके देवर के साथ भी , लेकिन मेरी एक सहेली डीप फेक बनाने का कोर्स कर रही है ६ महीने का, पांचवां महीना लग गया है , उसके पास आपके देवर की और इस की फोटुएं भेज दी हैं कल दोपहर तक आ जाएंगी, ... लेकिन इनको अभी शेयर मत करियेगा,... और डीप फेक वाली तो अपने मोबाइल में ऐसे रखियेगा और जैसे गलती से जीजा जी को दिखा दीजियेगा,...दोनों की किस करते हुए है, और भी बहुत कुछ, ... अरे आपके देवर भी नहीं पहचान पाएंगे की कैसे बनी... "
मैंने छोटे फोन की ओर रुख किया, तो उसमें भी उसी के मेसेज थे,...
लेकिन वो दो मेसेज नहीं खुले थे,
उसके पहले का मेसेज पढ़ने से बात खुली , जेठानी जी ने गुड्डी का रोल नंबर भेजा था और ये भी लिखा था की उसके नंबर अच्छे नहीं आये हैं इसलिए अब उसके कोचिंग में जाने के चांसेज थोड़े कम हो गए हैं, ...
उसी का जवाब था , एक बंद मेसेज जो घंटे भर पहले ही आया था , फिल्म के टाइम पे ,
उस में गुड्डी की पूरी मार्कशीट थी, फिजिक्स , केमेस्ट्री और बायो में १०० में १०० इंग्लिश में ९९ और कोचिंग की मेरिट चेक कर कर के उनकी उस सहेली ने ये पता कर लिया था की इतने नम्बरोंसे आराम से एडमिशन हो जाता है , डायरेक्ट बिना टेस्ट के बल्कि स्कॉलरशिप भी है,फ़ीस माफ़,... और उस चालाक लोमड़ी ने स्काई कोचिंग के रिशेपशनिस्ट से बात कर के पता भी कर लिया था की एडमिशन दस दिन पहले बंद हो चुका है।
जेठानी लगता है उस सहेली से कोई बात नहीं छिपाती थीं तो उस को हमारे और कोचिंग के मिस्टर और मिसेज मल्होत्रा से रिलेशन मालूम थे , उसने रिशेस्पशनिस्ट से ये भी पूछा की अगर मिसेज मल्होत्रा चाहें तो , तो रिसेप्सनिस्ट ने साफ़ बोल दिया देखिये क्वालिटी में वो एक इंच नहीं कम्प्रोमाइज करतीं , अगर नंबर बहुत अच्छे हैं तो वो बाद में भी एडमिशन करा सकती हैं, लेकिन ऐसा होता बहुत ही कम है।
तो उनकी सहेली ने जोड़ घटा के साफ़ साफ़ बता दिया की जो हम लोगों के रिश्ते हैं , और जो गुड्डी के नंबर है उसका एडमिशन कोचिंग में जरूर हो जाएगा,... और अगर मैं उनसे ये कह रही हूँ की नंबर अच्छे नहीं है तो बस उनका मन रखने के लिए और उन्हें अंदाज न लगे की हमारी प्लानिंग क्या है।
गनीमत है उन्होंने मेसेज पढ़ा नहीं था , मैंने तुरंत उसे डिलीट कर दिया ,
दूसरा मेसेज, वो और खतरनाक था उसमे एक कॉरस्पॉन्डेंस कोर्स, ...
कुछ ऑनलाइन , कुछ बुक्स , और रेगुलर एग्जाम के बारे में था और ये भी की १९ लड़के लड़कियां उनके भी सेलेक्ट हुए हैं,... तो बस एक साल की पढ़ाई छोड़ के यहीं घर रह के,... जम के पढ़ाई करे हर दो तीन महीने में एग्जाम होंगे , फ़ीस भी कम , कहीं जाना भी नहीं,...बहुत से लड़के ड्राप करके घर पे बैठ के इसी तरह से तैयारी करते हैं , फिर कोचिंग में क्या पढ़ायेंगे वही फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी और तीनो में उसके १०० में १०० आये हैं तो क्या जरूरत शहर छोड़ के जाने की ,
रही कोचिंग की तैयारी, तो उसी तरह के एक दो कोर्स , आब्जेक्टिव पेपर , गाइड सब देंगे वो,...
अब इसके बाद सासू जी कौन समझायेगा,
उसने बोला था की कल वो फ़ार्म भी भेज देगी,...
मैं बड़ी देर तक सोचती रही , सच में वो मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है न तो करें घर पे रह के, और एक साल ड्राप तो उसका हम लोगों के साथ जाने पे भी होगा, ...तो कौन जरूरत दूसरे शहर जाने की,... इस लॉजिक को हराना बहुत मुश्किल होगा,...
लेकिन एक और रास्ता बताया था,उस इनकी सहेली ने एकदम मेरे जेठ जी और बाकी सब लोग लुभा जाते,...
एक पास के गाँव के चौधरी जी हैं उन्हें वो अच्छी तरह जानती है , एक प्राइवेट मेडिकल कालेज खोल रहे हैं, ( ये बात मुझे बहुत चेक करने पर पता चली की आर्युवेदिक कालेज है और वो अनरिकग्नाइज्ड ) थोड़ा बहुत ले दे कर वो एडमिशन करवा देगी, जान पहचान है उसकी काफी कंसेशन करवा देगी, और अगर एडमिशन अभी ले ले तो एक साल बचेगा, नर्सिंग का है, उन्ही चौधरी जी का दो बार एम् ऐल ए का इलेक्शन लड़ चुके हैं,... ...
और मेडिकल कालेज खुलते ही उसमें,
फिर नर्स भी आधी डॉक्टर होती हैं और कितनी परमोट हो के डाक्टर हो जाती हैं ,...
लड़कियों का हॉस्टल फ्री, ... फिर कोचिंग में जहाँ वो जा रही है , कौन गारंटी की मेडिकल में एडमिशन होगा ही , यहाँ तो गारंटी है,...
अभी तक जेठानी जी कोई आलटर्नेटिव नहीं दे पा रही थीं , लेकिन इससे तो दोनों ही मामलों में ज्यादा सस्ता टिकाऊ और गारंटी वाला रास्ता था,
मेरी ननद का सपना था टॉप मेडिकल कालेज , मेडिकल में हायर एजुकेशन ,... मास्टर्स, फिर डी एम्, टॉप के कालेज से,
लेकिन बाकी लोगों के लिए लड़की डाक्टर बन जाए यही बड़ी बात और जब इतना ज्यादा रेजिस्टेस्टेस हो तो,...
मैंने उसे भी डिलीट कर दिया।
लेकिन सबसे खराब और खतरनाक थी जेठानी जी और उनकी सहेली के बीच हुयी वार्ता, देर रात तक, मेरी ननद के बारे में और क्या ज़ुबान, मेरे यहां की मंजू और गीता मात,
बस सिर्फ कल का दिन था, अगर कल हम दोनों की बिना गुड्डी के उन्होने डिस्पैच कर दिया,...
जेठानी ने शह तो मुझे दे ही दिया था , अगर मैं यह शह नहीं बचा पाती तो मेरी मात तय थी,
चारो ओर से मेरी क्वीन घिर गयी थी, .... कुछ समझ में नहीं आ रहा था, जो लोग होते हैं अगली आठ चाल तक सोच के चाल चलते हैं उनकी सहेली एकदम वैसे ही लग रही थी,
मुझे न सिर्फ इस शह की काट सोचनी थी बल्कि ऐसी चाल भी की बाजी पलट जाये, लेकिन अभी तो पहले ये शह बचूं,...
सच में इस मात के बाद तो मैं कहीं मुंह नहीं दिखाने लायक नहीं रहती लेकिन असली दुर्गत होती बेचारी गुड्डी की जो यही रह जाती जेठानी के चंगुल में,
पर अभी तो क्वीन चारों ओर से घिरी थी,..
जो मैंने छोटे फोन वाले दोनों मेसेज डिलीट कर दिए , अगर वो,... फिर तो हम लोगो के गुड्डी के साथ ले जाने की संभावना घट कर २४ % रह जाती,...लेकिन ये तो टेम्पोरेरी गेन था मुझे जब तक पता न चल जाए उनकी सहेली के बारे में , मैं उसे कैसे न्यूट्रलाइज करूँ,... और फिर ये मेसज वो दुबारा भी तो भेज सकती थी , अगर ये कहती की नहीं मिला , पिक्चर के बाद तो वो बात भी करती ही उससे
क्या हालत होगी जब वो बेचारी, कोचिंग में नहीं , उसके सपने , .. सहेलियों के साथ बढ़ बढ़ कर की गयी बातें,... और
जेठानी जी और उनकी सहेली ने पूरी प्लानिंग की थी, कल रात की पूरे डेढ़ घंटे की बातचीत जो दिया ने मुझे फारवर्ड की थी , जेठानी जी का फोन गायब कर के
और ये जेठानी जी और उनकी सहेली की बातचीत उस टाइम के बारे में थी जब गुड्डी यही रह जाती,..
उनकी सहेली एकदम एक्सपर्ट थी मॉर्फिंग, फोटॉशपिंग, मेरी छुटकी ननदिया की कुछ फोटुएं उसने मॉर्फ कर के भेजी थीं, किसी पॉर्न स्टार का सर काट के उसका सर लगा के, लेकिन ज्यादा खतरनाक थी उसकी बात,
"आपके देवर के साथ भी , लेकिन मेरी एक सहेली डीप फेक बनाने का कोर्स कर रही है ६ महीने का, पांचवां महीना लग गया है , उसके पास आपके देवर की और इस की फोटुएं भेज दी हैं कल दोपहर तक आ जाएंगी, ... लेकिन इनको अभी शेयर मत करियेगा,... और डीप फेक वाली तो अपने मोबाइल में ऐसे रखियेगा और जैसे गलती से जीजा जी को दिखा दीजियेगा,...दोनों की किस करते हुए है, और भी बहुत कुछ, ... अरे आपके देवर भी नहीं पहचान पाएंगे की कैसे बनी... "
मैंने छोटे फोन की ओर रुख किया, तो उसमें भी उसी के मेसेज थे,...
लेकिन वो दो मेसेज नहीं खुले थे,
उसके पहले का मेसेज पढ़ने से बात खुली , जेठानी जी ने गुड्डी का रोल नंबर भेजा था और ये भी लिखा था की उसके नंबर अच्छे नहीं आये हैं इसलिए अब उसके कोचिंग में जाने के चांसेज थोड़े कम हो गए हैं, ...
उसी का जवाब था , एक बंद मेसेज जो घंटे भर पहले ही आया था , फिल्म के टाइम पे ,
उस में गुड्डी की पूरी मार्कशीट थी, फिजिक्स , केमेस्ट्री और बायो में १०० में १०० इंग्लिश में ९९ और कोचिंग की मेरिट चेक कर कर के उनकी उस सहेली ने ये पता कर लिया था की इतने नम्बरोंसे आराम से एडमिशन हो जाता है , डायरेक्ट बिना टेस्ट के बल्कि स्कॉलरशिप भी है,फ़ीस माफ़,... और उस चालाक लोमड़ी ने स्काई कोचिंग के रिशेपशनिस्ट से बात कर के पता भी कर लिया था की एडमिशन दस दिन पहले बंद हो चुका है।
जेठानी लगता है उस सहेली से कोई बात नहीं छिपाती थीं तो उस को हमारे और कोचिंग के मिस्टर और मिसेज मल्होत्रा से रिलेशन मालूम थे , उसने रिशेस्पशनिस्ट से ये भी पूछा की अगर मिसेज मल्होत्रा चाहें तो , तो रिसेप्सनिस्ट ने साफ़ बोल दिया देखिये क्वालिटी में वो एक इंच नहीं कम्प्रोमाइज करतीं , अगर नंबर बहुत अच्छे हैं तो वो बाद में भी एडमिशन करा सकती हैं, लेकिन ऐसा होता बहुत ही कम है।
तो उनकी सहेली ने जोड़ घटा के साफ़ साफ़ बता दिया की जो हम लोगों के रिश्ते हैं , और जो गुड्डी के नंबर है उसका एडमिशन कोचिंग में जरूर हो जाएगा,... और अगर मैं उनसे ये कह रही हूँ की नंबर अच्छे नहीं है तो बस उनका मन रखने के लिए और उन्हें अंदाज न लगे की हमारी प्लानिंग क्या है।
गनीमत है उन्होंने मेसेज पढ़ा नहीं था , मैंने तुरंत उसे डिलीट कर दिया ,
दूसरा मेसेज, वो और खतरनाक था उसमे एक कॉरस्पॉन्डेंस कोर्स, ...
कुछ ऑनलाइन , कुछ बुक्स , और रेगुलर एग्जाम के बारे में था और ये भी की १९ लड़के लड़कियां उनके भी सेलेक्ट हुए हैं,... तो बस एक साल की पढ़ाई छोड़ के यहीं घर रह के,... जम के पढ़ाई करे हर दो तीन महीने में एग्जाम होंगे , फ़ीस भी कम , कहीं जाना भी नहीं,...बहुत से लड़के ड्राप करके घर पे बैठ के इसी तरह से तैयारी करते हैं , फिर कोचिंग में क्या पढ़ायेंगे वही फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी और तीनो में उसके १०० में १०० आये हैं तो क्या जरूरत शहर छोड़ के जाने की ,
रही कोचिंग की तैयारी, तो उसी तरह के एक दो कोर्स , आब्जेक्टिव पेपर , गाइड सब देंगे वो,...
अब इसके बाद सासू जी कौन समझायेगा,
उसने बोला था की कल वो फ़ार्म भी भेज देगी,...
मैं बड़ी देर तक सोचती रही , सच में वो मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है न तो करें घर पे रह के, और एक साल ड्राप तो उसका हम लोगों के साथ जाने पे भी होगा, ...तो कौन जरूरत दूसरे शहर जाने की,... इस लॉजिक को हराना बहुत मुश्किल होगा,...
लेकिन एक और रास्ता बताया था,उस इनकी सहेली ने एकदम मेरे जेठ जी और बाकी सब लोग लुभा जाते,...
एक पास के गाँव के चौधरी जी हैं उन्हें वो अच्छी तरह जानती है , एक प्राइवेट मेडिकल कालेज खोल रहे हैं, ( ये बात मुझे बहुत चेक करने पर पता चली की आर्युवेदिक कालेज है और वो अनरिकग्नाइज्ड ) थोड़ा बहुत ले दे कर वो एडमिशन करवा देगी, जान पहचान है उसकी काफी कंसेशन करवा देगी, और अगर एडमिशन अभी ले ले तो एक साल बचेगा, नर्सिंग का है, उन्ही चौधरी जी का दो बार एम् ऐल ए का इलेक्शन लड़ चुके हैं,... ...
और मेडिकल कालेज खुलते ही उसमें,
फिर नर्स भी आधी डॉक्टर होती हैं और कितनी परमोट हो के डाक्टर हो जाती हैं ,...
लड़कियों का हॉस्टल फ्री, ... फिर कोचिंग में जहाँ वो जा रही है , कौन गारंटी की मेडिकल में एडमिशन होगा ही , यहाँ तो गारंटी है,...
अभी तक जेठानी जी कोई आलटर्नेटिव नहीं दे पा रही थीं , लेकिन इससे तो दोनों ही मामलों में ज्यादा सस्ता टिकाऊ और गारंटी वाला रास्ता था,
मेरी ननद का सपना था टॉप मेडिकल कालेज , मेडिकल में हायर एजुकेशन ,... मास्टर्स, फिर डी एम्, टॉप के कालेज से,
लेकिन बाकी लोगों के लिए लड़की डाक्टर बन जाए यही बड़ी बात और जब इतना ज्यादा रेजिस्टेस्टेस हो तो,...
मैंने उसे भी डिलीट कर दिया।
लेकिन सबसे खराब और खतरनाक थी जेठानी जी और उनकी सहेली के बीच हुयी वार्ता, देर रात तक, मेरी ननद के बारे में और क्या ज़ुबान, मेरे यहां की मंजू और गीता मात,
बस सिर्फ कल का दिन था, अगर कल हम दोनों की बिना गुड्डी के उन्होने डिस्पैच कर दिया,...
जेठानी ने शह तो मुझे दे ही दिया था , अगर मैं यह शह नहीं बचा पाती तो मेरी मात तय थी,
चारो ओर से मेरी क्वीन घिर गयी थी, .... कुछ समझ में नहीं आ रहा था, जो लोग होते हैं अगली आठ चाल तक सोच के चाल चलते हैं उनकी सहेली एकदम वैसे ही लग रही थी,
मुझे न सिर्फ इस शह की काट सोचनी थी बल्कि ऐसी चाल भी की बाजी पलट जाये, लेकिन अभी तो पहले ये शह बचूं,...
सच में इस मात के बाद तो मैं कहीं मुंह नहीं दिखाने लायक नहीं रहती लेकिन असली दुर्गत होती बेचारी गुड्डी की जो यही रह जाती जेठानी के चंगुल में,
पर अभी तो क्वीन चारों ओर से घिरी थी,..
जो मैंने छोटे फोन वाले दोनों मेसेज डिलीट कर दिए , अगर वो,... फिर तो हम लोगो के गुड्डी के साथ ले जाने की संभावना घट कर २४ % रह जाती,...लेकिन ये तो टेम्पोरेरी गेन था मुझे जब तक पता न चल जाए उनकी सहेली के बारे में , मैं उसे कैसे न्यूट्रलाइज करूँ,... और फिर ये मेसज वो दुबारा भी तो भेज सकती थी , अगर ये कहती की नहीं मिला , पिक्चर के बाद तो वो बात भी करती ही उससे
क्या हालत होगी जब वो बेचारी, कोचिंग में नहीं , उसके सपने , .. सहेलियों के साथ बढ़ बढ़ कर की गयी बातें,... और
जेठानी जी और उनकी सहेली ने पूरी प्लानिंग की थी, कल रात की पूरे डेढ़ घंटे की बातचीत जो दिया ने मुझे फारवर्ड की थी , जेठानी जी का फोन गायब कर के
और ये जेठानी जी और उनकी सहेली की बातचीत उस टाइम के बारे में थी जब गुड्डी यही रह जाती,..