20-12-2023, 02:46 PM
बहु को अपने ही पापा का लंड चुसता देख मेरी हालत खराब होने लगी। मैंने भी धीरे से अपना लंड बहार निकाल लिया। बहु अपनी आँखे बंद किये अपने पापा का लंड चूस रही थी, शायद अब उसे मज़ा आने लगा था। बहु ने खुद ही अपने पापा के लंड का स्किन नीचे खोल दिया और कस के चूसने लगी।।समधि जी का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था। बहु के थूक से समधी जी का लंड पूरा गिला हो गया था। इधर मैं बहु को लंड चुसता देख एक हाथ से लंड तेज़ी से हिला रहा था।।
मै - बहु और कस के चुसो अपने पापा का लंड बहु।।
सरोज - आह पापा जी।। कुछ नमकीन सा आ रहा है।।
बहु ने लंड बहार निकला तो समधी जी के लंड से पेशाब आने लगा।। बहु नीचे जमीन पे बैठी थी। इससे पहले की वो कुछ समझ पाती समधी जी का पिशाब बहु के शरीर को भिगो दिया।। उनका गरम-गरम पिशाब बहु के चेहरे चूचि और जांघों पे गिरा। कुछ सेकंड बाद पेशाब बंद हो गया।
सरोज - ओह मैं तो पूरा पेशाब से भीग गई
मै - कोई बात नहीं बहु, थोड़ा सा और चूस लो शायद कुछ बाकी रह गया हो।।
इस बार बहु बिना झिझक थूक से सने लंड को पकड़ अपने मुह में ले ली और चूसने लगी।। बहु को अब बहुत मज़ा आने लगा था अपने पापा का लंड चूसने में। थोड़ी देर चूसते-चुसते वो अपने मुह में लंड लिए हुए बोली।। आह पापा कुछ नमकीन चिपचिपा सा टेस्ट आ रहा है।। लेकिन बहु ने लंड बाहर नहीं निकाला। मैं समझ गया की समधी जी का मूठ निकलने वाला है।।। और अब तो मेरा भी मुट्ठ निकलने वाला था। बहु ने थोड़ा सा मूठ पिया और लंड बाहर निकाल लिया।।। बाहर निकलते ही समधी जी के लंड से तो जैसे फव्वारा फुट पड़ा और उनका सारा मूठ बहु के पुरे चेहरे पे निकल गया।।।
अपने पापा के मूठ से सने अपनी रंडी बहु का चेहरा देख मेरा भी मूठ निकल गया।
बाथरूम में फर्श पे बैठी मेरी बहु चेहरे से अपने पापा का मुठ साफ़ कर रही थी। मैं अपना माल निकाल चूका था, मुझे समधी जी को सम्भालने में अब बहुत मुश्किल हो रही थी। मैंने बहु से धीरे से कहा।।
मै - बहु, उठो आओ समधी जी को रूम में ले चलते है।।
बहु ने मेरी बात जैसे सुनि ही न हो।। वो आँखें बंद किये अपने होठों से मूठ साफ़ करती रही।
शायद इतना सबकुछ कर बहु बहुत ही गरम हो गई थी उसे मजा आ रहा था। मैंने अपना चिपचिपा हाथ बहु के काँधे पे रख कर एक बार और आवाज़ लगाई।
मै - बहु।।क्या हुआ?
बहु ने मेरी तरफ मुड के देखा तो दंग रह गई, मेरा लंड पेंट के बाहर देख उससे समझने में जरा सी भी देर नहीं लगी के मैं अपना माल निकाल चूका हूँ।
सरोज - बाबूजी, ये आप क्या कर रहे है। पापा ने देख लिया तो?
मै - मुझे माफ़ करना बहु, तुम्हे अपने पापा का लंड चुसता देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मार लिया
सरोज - लेकिन पापा के सामने?
मै - अरे बहु, तुमने उनका लंड चूस लिया और उनकी नींद नहीं खुली तो मेरे मूठ मार लेने से उन्हें क्या पता चल जायेगा?
सरोज - ओह बाबूजी।। मेरा पूरा बदन चिपचिपा हो गया है, और ये क्या आपने भी अपना हाथ साफ़ नहीं किया और मेरे काँधे पे अपना मूठ लगा दिया।।
मै - ठीक है बहु, चलो पहले मैं समधी जी को बेड पे लेटा देता हूँ उसके बाद तुम अपनी सफाई कर लेना। अब आओ मेरी मदद करो।
सरोज - जी बाबूजी।। लेकिन आप अपना लंड अंदर तो कीजिये।
मैने समधी जी को वापस बिस्तर पे लिटा दिया। बहु वाशरूम चलि गई और शावर लेने लगी। वाशरूम का दरवाज़ा खुला था, मैं बहु के पीछे पीछे वाशरूम के नजदीक आ गया। बहु का बदन वाइट कलर की ट्रांसपेरेंट शर्ट में भीगने के बाद बहुत कामुक दिख रहा था।
एक बार फिर मेरे लंड में हलचल मचने लगी। बहु नहाते वक़्त अपनी चूचियां मसल रही थी। बहु के निप्पल खड़े हो गए थे, वो हैंड शावर उठा कर अपनी बुर पे रगडने लागी। मुझे तो पहले से ही पता था की बहु गरम हो गई है। मैंने सोचा नहीं था की वो अपने पापा का लंड देख कर इस तरह उत्तेजना से भर उठेगी। बहु वाशरूम में तेज़ी से अपना हाथ अपनी बुर पे रगड रही थी।
मै - बहु और कस के चुसो अपने पापा का लंड बहु।।
सरोज - आह पापा जी।। कुछ नमकीन सा आ रहा है।।
बहु ने लंड बहार निकला तो समधी जी के लंड से पेशाब आने लगा।। बहु नीचे जमीन पे बैठी थी। इससे पहले की वो कुछ समझ पाती समधी जी का पिशाब बहु के शरीर को भिगो दिया।। उनका गरम-गरम पिशाब बहु के चेहरे चूचि और जांघों पे गिरा। कुछ सेकंड बाद पेशाब बंद हो गया।
सरोज - ओह मैं तो पूरा पेशाब से भीग गई
मै - कोई बात नहीं बहु, थोड़ा सा और चूस लो शायद कुछ बाकी रह गया हो।।
इस बार बहु बिना झिझक थूक से सने लंड को पकड़ अपने मुह में ले ली और चूसने लगी।। बहु को अब बहुत मज़ा आने लगा था अपने पापा का लंड चूसने में। थोड़ी देर चूसते-चुसते वो अपने मुह में लंड लिए हुए बोली।। आह पापा कुछ नमकीन चिपचिपा सा टेस्ट आ रहा है।। लेकिन बहु ने लंड बाहर नहीं निकाला। मैं समझ गया की समधी जी का मूठ निकलने वाला है।।। और अब तो मेरा भी मुट्ठ निकलने वाला था। बहु ने थोड़ा सा मूठ पिया और लंड बाहर निकाल लिया।।। बाहर निकलते ही समधी जी के लंड से तो जैसे फव्वारा फुट पड़ा और उनका सारा मूठ बहु के पुरे चेहरे पे निकल गया।।।
अपने पापा के मूठ से सने अपनी रंडी बहु का चेहरा देख मेरा भी मूठ निकल गया।
बाथरूम में फर्श पे बैठी मेरी बहु चेहरे से अपने पापा का मुठ साफ़ कर रही थी। मैं अपना माल निकाल चूका था, मुझे समधी जी को सम्भालने में अब बहुत मुश्किल हो रही थी। मैंने बहु से धीरे से कहा।।
मै - बहु, उठो आओ समधी जी को रूम में ले चलते है।।
बहु ने मेरी बात जैसे सुनि ही न हो।। वो आँखें बंद किये अपने होठों से मूठ साफ़ करती रही।
शायद इतना सबकुछ कर बहु बहुत ही गरम हो गई थी उसे मजा आ रहा था। मैंने अपना चिपचिपा हाथ बहु के काँधे पे रख कर एक बार और आवाज़ लगाई।
मै - बहु।।क्या हुआ?
बहु ने मेरी तरफ मुड के देखा तो दंग रह गई, मेरा लंड पेंट के बाहर देख उससे समझने में जरा सी भी देर नहीं लगी के मैं अपना माल निकाल चूका हूँ।
सरोज - बाबूजी, ये आप क्या कर रहे है। पापा ने देख लिया तो?
मै - मुझे माफ़ करना बहु, तुम्हे अपने पापा का लंड चुसता देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मार लिया
सरोज - लेकिन पापा के सामने?
मै - अरे बहु, तुमने उनका लंड चूस लिया और उनकी नींद नहीं खुली तो मेरे मूठ मार लेने से उन्हें क्या पता चल जायेगा?
सरोज - ओह बाबूजी।। मेरा पूरा बदन चिपचिपा हो गया है, और ये क्या आपने भी अपना हाथ साफ़ नहीं किया और मेरे काँधे पे अपना मूठ लगा दिया।।
मै - ठीक है बहु, चलो पहले मैं समधी जी को बेड पे लेटा देता हूँ उसके बाद तुम अपनी सफाई कर लेना। अब आओ मेरी मदद करो।
सरोज - जी बाबूजी।। लेकिन आप अपना लंड अंदर तो कीजिये।
मैने समधी जी को वापस बिस्तर पे लिटा दिया। बहु वाशरूम चलि गई और शावर लेने लगी। वाशरूम का दरवाज़ा खुला था, मैं बहु के पीछे पीछे वाशरूम के नजदीक आ गया। बहु का बदन वाइट कलर की ट्रांसपेरेंट शर्ट में भीगने के बाद बहुत कामुक दिख रहा था।
एक बार फिर मेरे लंड में हलचल मचने लगी। बहु नहाते वक़्त अपनी चूचियां मसल रही थी। बहु के निप्पल खड़े हो गए थे, वो हैंड शावर उठा कर अपनी बुर पे रगडने लागी। मुझे तो पहले से ही पता था की बहु गरम हो गई है। मैंने सोचा नहीं था की वो अपने पापा का लंड देख कर इस तरह उत्तेजना से भर उठेगी। बहु वाशरूम में तेज़ी से अपना हाथ अपनी बुर पे रगड रही थी।