16-12-2023, 07:58 PM
सोचा तों था
रोक दूँ लिखना , जब किसी को खास पसन्द ही नहीं आ रही
क्या जरुरत है , २५-30 वर्ष पुरानी बातों को याद कर के
लेकिन , दूसरों की कहानिया पढ के , जो की वास्तविकता से कोसों दूर होती है ,
मन किया , चलों मेरे साथ हुए अनुभवों को कागज पे उतारू
जो हुआ , जैसे हुआ
लेकिन वास्तिवक पूरी तरह से
रोक दूँ लिखना , जब किसी को खास पसन्द ही नहीं आ रही
क्या जरुरत है , २५-30 वर्ष पुरानी बातों को याद कर के
लेकिन , दूसरों की कहानिया पढ के , जो की वास्तविकता से कोसों दूर होती है ,
मन किया , चलों मेरे साथ हुए अनुभवों को कागज पे उतारू
जो हुआ , जैसे हुआ
लेकिन वास्तिवक पूरी तरह से