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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#89
दवाई ले कर मैं घर चली गयी. वीना को क्या बताती कि अब तो मेरी चूत और गांद पे विकी के लंड का ही नाम लिखा है. मेरी चूत या गांद कितनी भी चौड़ी क्यों ना हो जाए अब तो विकी के लंड के बिना जीना नामुमकिन था. लेकिन एक हफ्ते का टाइम निकालना ज़रूरी था. एक हफ्ते से पहले मेरी चूत और गांद की हालत ठीक नहीं होने वाली थी. घर पहुँची तो विकी मेरा इंतज़ार कर रहा था. देखते ही बोला,

“ कहाँ गयी थी दीदी ? मैं तो बहुत देर से आपका इंतज़ार कर रहा हूँ. मैं तो समझा आप नाराज़ हो के कहीं अपने घर तो नहीं चली गयी.”

“ तुझसे नाराज़ क्यों होंगी? तूने जो कुच्छ किया मेरी मर्ज़ी से किया. मैं तो डॉक्टर के पास गयी थी.”

‘ क्या हुआ दीदी?” विकी ने घबरा के पूचछा.

“देख विकी तेरा बहुत बड़ा है. मेरे आगे और पीछे बहुत दर्द हो रहा था.”

“ तो डॉक्टर ने क्या कहा?”

“ आगे से तो बहुत सूज गयी है, और पीछे का छेद फॅट गया है.”

“ सॉरी दीदी मैने जान के कुच्छ नहीं किया.”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 07:02 PM



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