10-12-2023, 05:51 PM
झलकौवा ,...
मैंने और दिया ने उसे सब समझा दिया।
मेरी जेठानी थोड़ी देर में आ रहे होंगी। पहले तो उन्हें खूब मक्खन लगाना ,तारीफ़ करना ,फिर मुश्किल से ५० % कंसेशन। दाम पहले ही दूना। असली बात ये थी एक साडी जो वो पसंद करेंगी और दो जो मैं और दिया कहेंगे वो पैक करनी होगी लेकिन उन्हें पता नहीं चलना नहीं चाहिए।
अब वो पूरा खेल समझ गया।
लेकिन कैसी साड़ी तुम चाहती हो , जो मुझे बिना बताये उन्हें पैक करनी है " उसने दिया से पूछा।
" एकदम शीयर आलमोस्ट ट्रांसपेरेंट , ... "
" आलमोस्ट नहीं पूरी ट्रांसपरेंट , ट्रांसपरेंसी का जमाना है। " मैंने साफ़ किया ,
उसने कुछ नेट जार्जेट टाइप दिखाने की कोशिश की पर मैंने रोक दिया , और बोली ,
" अरे यार जैसे वो बार गर्ल्स , घटिया टाइप की आइटम गर्ल ,... "
"समझ गया मैं " और उसने एक लड़के को आवाज दे के कुछ समझाया।
एक गट्ठर ले आया वो और दिया ने तुरंत चार पांच छांट ली , दो स्किन कलर की , एक प्याजी ,एक गुलाबी ,
" ब्लाउज है इसमें। " दिया ने पूछा।
" हाँ है लेकिन ये इतनी झलकौवा , नीचे से अस्तर लगाना पडेगा। " वो दिया को समझाते बोला।
" क्यों तेरे घर की औरतें लड़कियां ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनतीं " मैं उसे चिढ़ाने को मौका क्यों छोड़ती।
फिर जोड़ा , " अरे अस्तर का पैसा क्यों बर्बाद करें , ब्रा तो पहनेंगीं न वो "
" भाभी जो वो प्रॉपर साडी खरीदेंगे , उसके साथ भी ब्लाउज ऐसा ही ,... " दिया एकदम मेरी ननद थी।
" एकदम , और हाँ मान लो उनका ब्लाउज ९५ सेंटीमीटर बनता हो ,बस आप ९० बल्कि ८५ काटना। " मैंने भी योगदान दिया।
" अरे सुन यार , वो लेडीज टेलर वाला , अरे वही जहां तुम सब अड्डेबाजी करते थे , उसकी शाप अभी चल रही है क्या। " दिया ने पूछा।
" हाँ एकदम इसी फ्लोर पे है , और उसके लड़के को तो अच्छी तरह जानती हो , आज कल वही बैठता है मैं उसे मेसेज कर देता हूँ।
ब्लाउज का कपड़ा भी उसी तरह झलकौवा ,...
…….
गनीमत थी जैसे हम लोगों की प्लानिंग ख़तम हुयी मेरी जेठानी दूकान में , और साथ में गुड्डी ,छन्दा।
दिया ने जब तक इंट्रोड्यूस कराया तब तक गुड्डी और छन्दा मेरी जेठानी को भेज के गायब ,मॉल में घूमने के लिए।
अब सिर्फ मैं ,दिया ,जेठानी जी और वो दूकानदार जो दिया का राखी बंद भाई था।
मैंने और दिया ने उसे सब समझा दिया।
मेरी जेठानी थोड़ी देर में आ रहे होंगी। पहले तो उन्हें खूब मक्खन लगाना ,तारीफ़ करना ,फिर मुश्किल से ५० % कंसेशन। दाम पहले ही दूना। असली बात ये थी एक साडी जो वो पसंद करेंगी और दो जो मैं और दिया कहेंगे वो पैक करनी होगी लेकिन उन्हें पता नहीं चलना नहीं चाहिए।
अब वो पूरा खेल समझ गया।
लेकिन कैसी साड़ी तुम चाहती हो , जो मुझे बिना बताये उन्हें पैक करनी है " उसने दिया से पूछा।
" एकदम शीयर आलमोस्ट ट्रांसपेरेंट , ... "
" आलमोस्ट नहीं पूरी ट्रांसपरेंट , ट्रांसपरेंसी का जमाना है। " मैंने साफ़ किया ,
उसने कुछ नेट जार्जेट टाइप दिखाने की कोशिश की पर मैंने रोक दिया , और बोली ,
" अरे यार जैसे वो बार गर्ल्स , घटिया टाइप की आइटम गर्ल ,... "
"समझ गया मैं " और उसने एक लड़के को आवाज दे के कुछ समझाया।
एक गट्ठर ले आया वो और दिया ने तुरंत चार पांच छांट ली , दो स्किन कलर की , एक प्याजी ,एक गुलाबी ,
" ब्लाउज है इसमें। " दिया ने पूछा।
" हाँ है लेकिन ये इतनी झलकौवा , नीचे से अस्तर लगाना पडेगा। " वो दिया को समझाते बोला।
" क्यों तेरे घर की औरतें लड़कियां ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनतीं " मैं उसे चिढ़ाने को मौका क्यों छोड़ती।
फिर जोड़ा , " अरे अस्तर का पैसा क्यों बर्बाद करें , ब्रा तो पहनेंगीं न वो "
" भाभी जो वो प्रॉपर साडी खरीदेंगे , उसके साथ भी ब्लाउज ऐसा ही ,... " दिया एकदम मेरी ननद थी।
" एकदम , और हाँ मान लो उनका ब्लाउज ९५ सेंटीमीटर बनता हो ,बस आप ९० बल्कि ८५ काटना। " मैंने भी योगदान दिया।
" अरे सुन यार , वो लेडीज टेलर वाला , अरे वही जहां तुम सब अड्डेबाजी करते थे , उसकी शाप अभी चल रही है क्या। " दिया ने पूछा।
" हाँ एकदम इसी फ्लोर पे है , और उसके लड़के को तो अच्छी तरह जानती हो , आज कल वही बैठता है मैं उसे मेसेज कर देता हूँ।
ब्लाउज का कपड़ा भी उसी तरह झलकौवा ,...
…….
गनीमत थी जैसे हम लोगों की प्लानिंग ख़तम हुयी मेरी जेठानी दूकान में , और साथ में गुड्डी ,छन्दा।
दिया ने जब तक इंट्रोड्यूस कराया तब तक गुड्डी और छन्दा मेरी जेठानी को भेज के गायब ,मॉल में घूमने के लिए।
अब सिर्फ मैं ,दिया ,जेठानी जी और वो दूकानदार जो दिया का राखी बंद भाई था।