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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#80
हां मेरी जान. आज मैं आपकी प्यास ज़रूर बुझाउन्गा.” ये कहते हुए विकी ने अपना एक फुट का लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और गांद के छेद पे टीका के एक ज़बरदस्त धक्का लगा दिया. गांद तो वॅसलीन का कारण चिकनी थी ही, विकी का लंड भी मेरी चूत के रस में सना हुआ था. इससे पहले की मुझे संभालने का मोका मिले आधा लंड मेरी गांद में समा गया.

“आआआआआआआआआआआ………………ऊऊऊऊऊऊओिईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्माआ” मैं ज़ोर से चीखी. लेकिन इतनी देर में विकी ने लंड सुपरे तक बाहर खींचा और मेरी कमर पकड़ के एक भयंकर धक्के के साथ पूरा जड़ तक गांद में उतार दिया.

“ ऊऊीइइमम्माआअ…आआअहह…..आआहह विकी धीरे….आआहह….” अब विकी लंड पूरा बाहर निकाल कर जड़ तक मेरी गांद में पेलने लगा. जैसे ही लंड पूरा गांद में घुसता विकी के बॉल्स फ़च की आवाज़ के साथ मेरी गीली चूत से टकरा जाते. धीरे धीरे दर्द थोड़ा कम हो रहा था. गांद के अंडर बाहर होता हुआ लंड अब अच्छा लग रहा था. करीब 10 मिनिट गांद मारने के बाद विकी ने फिर अपना लंड बाहर खींच लिया और इससे पहले कि मैं कुच्छ समझू उसने सामने आ के तने हुए लंड को मेरे मुँह में पेल दिया. मैं जितना चूस सकती थी उतना चूसने की कोशिश कर रही थी, लेकिन इतने मोटे लंड को चूसना कोई आसान काम नहीं था. उसने धक्के मार मार के लंड मेरे गले तक घुसेड दिया था. मैं साँस भी बड़ी मुश्किल से ले पा रही थी. दस मिनिट तक मेरे मुँह को चोदने के बाद विकी ने फिर से लंड मेरी चूत में पेल दिया. ये सिलसिला एक घंटे तक चलता रहा. विकी पहले मेरी चूत लेता फिर गांद मारता और फिर मुँह में पेल देता. मेरे मुँह में कयि चीज़ों का स्वाद था. विकी के लंड का, उसके वीर्य का, अपनी चूत का और अपनी गांद का. ये स्वाद तो किसी शराब से भी ज़्यादा नशीला था. सुबह के 6 बज रहे थे. मैं कुतिया बनी पागलों की तरह चुदवा रही थी. अजीब सा नशा छ्छा रहा था. ऐसा लग रहा था कि मैं फिर से होश खो बैठूँगी. इतने में विकी जो की मेरी चूत में लंड पेल रहा था, बोला

“ दीदी ठीक तो हो ? ये क्या हो गया आपको?”

“ ये बात तू मुझसे क्यों पूछ रहा है? अपने इस मूसल से पूछ.” मैं उसके झूलते हुए लंड को प्यार से सहलाते हुए बोली. “ ये तो किसी भी औरत का बॅंड बजा देगा. और तूने भी तो कितने बेरहमी से चोदा है. ऐसे चोदा जाता है अपनी दीदी को? ”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 04:28 PM



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