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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#75
विकी मैं तेरे ऊपर कैसे पेशाब कर दूं ? तू तो बिल्कुल पागल हो गया है. प्लीज़ विकी तू मेरे साथ कुच्छ भी कर ले मैं कुच्छ नहीं कहूँगी लेकिन इस बात की ज़िद मत कर.” विकी तो मानो मेरी बात सुन ही नहीं रहा था. वो पागलों की तरह मेरी चूत में मुँह दे कर चाट रहा था. फिर वो ज़ोर ज़ोर से मेरे चूतरो को मसल्ने लगा और एक उंगली से चूतरो के बीच की दरार को सहलाते हुए उंगली मेरी गांद के छेद पे रख दी. अब तो उत्तेजना के मारे मेरा बुरा हाल था. अचानक विकी ने मेरे चूतरो को बहुत ज़ोर से दबाया और उंगली को गांद के अंडर सरकाते मेरी चूत की फांकों को ज़ोर से काट लिया. मैं और ना सहन कर सकी और मेरी चूत में से पेशाब निकल ही पड़ा. क्योंकि विकी ने मेरी पूरी चूत अपने मुँह में दबा रखी थी, पेशाब की गरम गरम तेज़ धार जिसमे मेरी चूत का रस और विकी का वीर्य भी मिला हुआ था सीधे विकी के मुँह में घुस गयी. विकी हराबरा गया. मैने बरी मुश्किल से पेशाब को रोका. विकी का चेहरा पेशाब से गीला हो गया था. काफ़ी सारा पेशाब तो वो पी गया था.

“ हाई दीदी मज़ा आ गया. अब थोड़ा सा पीछे हो के मेरे ऊपर पेशाब करो ताकि मैं आपकी चूत से निकलती हुई धार देख सकूँ. मैं थोड़ा सा पीच्चे हो गयी और इस बार पूरे प्रेशर के साथ पेशाब करने लगी. प्सस्सस्स्स्स्स्सस्स……………..की आवाज़ से पूरा कमरा गूंज़्ने लगा. काफ़ी देर से पेशाब रोक रखा था इसलिए धार बहुत तेज़ निकली. पेशाब की धार विकी की छाती पे लग रही थी. विकी बारे ध्यान से मेरी चूत से निकलती हुई धार को देख रहा था. पूरा बिस्तेर गीला हो गया. विकी तो पूरा पेशाब में नहा ही गया था. जब पेशाब कर चुकी तो विकी ने फिर से मेरी चूत में मुँह दे दिया और मेरी गीली चूत और झांतों को चाट चाट के सॉफ करने लगा.

“ अब तो खुश है ना ? जा अब नहा ले.”

“ दीदी आज तो मैं सुचमुच बहुत खुश हूँ. आपकी चूत से निकलती धार को देखने का नज़ारा बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. अभी नहीं आपको पूरी तरह से चोद के ही नहाउंगा.” बाप रे विकी आदमी नहीं घोड़ा था. दो घंटे से चोद रहा था लेकिन झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.

“ चोद ही तो रहा है दो घंटे से, अब और कैसे चोदेगा? तुझमे बहुत स्टॅमिना है विकी, मैं तो टीन बार झाड़ चुकी हूँ और टू एक बार भी नहीं.”

“ दीदी अभी कैसे झाड़ सकता हूँ ? आज के बाद आप फिर कभी चोदने नहीं दोगि, इसलिए आज तो आपके साथ सब कुच्छ करके ही झदूँगा.”

“ सब कुच्छ से क्या मतलब ? अभी और क्या करेगा ? पता नहीं क्या क्या काम करवा रहा है मुझसे.अच्छा चल अपने और मेरे बदन को पोछ तो ले. ये बिस्तेर भी गीला हो गया है. ”

“ ठीक है दीदी, पहले अपना गीला बदन पोछ लेते हैं.” ये कह कर हम दोनो उठ गये. विकी ने टवल से अपने और मेरा बदन पर से पेशाब के गीलेपन को पोछा. फिर उसने एक सूखा गद्दा ज़मीन पर डाल दिया, और बोला,

“ दीदी अब आप घोड़ी बन जाओ. आप मुझे घोड़ा बोलती हो ना. अब मैं आपको घोड़े की तरह चोदुन्गा.” विकी वाकाई काम कला में बहुत माहिर लग रहा था. विश्वास नहीं होता था कि सिर्फ़ किताब पढ़ कर और चुदाई की पिक्चर देख कर इतना सब सीख गया था. मैं घोड़ी बनते हुए बोली,

“ आजा मेरे घोड़े चोद अपनी घोड़ी को अपने एक फुट के लंड से.” मैने टाँगें खूब चौड़ी कर के चूतरो को इस प्रकार ऊपर कर दिया कि विकी को मेरे मोटे मोटे चूतरो के बीच से चूत का खुला हुआ मुँह सॉफ दिखाई देने लगा. विकी मेरे पीछे घोड़ा बन गया और फिर से अपना मुँह पीछे से मेरी चूत में दे दिया. वो पीछे की ओर उभरी हुई मेरी चूत को चाटने और दाँतों से काटने लगा. बहुत ही आनंद मिल रहा था. मेरी चूत ने बुरी तरह रस छ्चोड़ना शुरू कर दिया. विकी चूत के पूरे कटाव में जीभ फेरता और बीच बीच में जीभ चूत में घुसेड देता. उसके होंठ तो मेरी चूत से चिपके हुए थे थे लेकिन नाक मेरे चूतरो के बीच घुस गया था. मैने चूतेर और भी पीछे की ओर उचका दिए.

इस वक़्त मैने चूतेर इस तरह से उचका के फैला रखे थे की मेरे भारी चूतरो के बीच मेरी गांद का छेद भी विकी की आँखों के सामने था. विकी मेरे चूतरो को मसलता हुआ गहरी साँस लेकर बोला,

“ दीदी आपके चूतेर बहुत ही सेक्सी हैं. मालूम है सारा कॉलेज आपके इन कातिलाना चूतरो पे मरता था ? लड़के कहते थे की आपकी गांद लेने में तो ज़न्नत का मज़ा मिलेगा.”

“ तेरे इरादे मुझे ठीक नहीं लग रहे विकी. कहीं तू मेरी गांद मारने के तो चक्कर में नहीं है ?”

“ दीदी आपने कहा कि मैं आपको एक बार चोद सकता हूँ और जो चाहूं कर सकता हूँ.”

“ हाँ मेरे राजा जो चाहे कर लेकिन तेरा ये बिजली का खंबा मेरी गांद में कैसे जाएगा ? और फिर अभी तक तूने मेरी चूत तो अच्छी तरह से चोदि नहीं”

“ ये बात ठीक है दीदी पहले मैं आपकी चूत तो जी भर के चोद लूँ, बाद में गांद के बारे में सोचेंगे. लेकिन दीदी आपने कभी घोड़े को घोड़ी की चुदाई करते देखा है?”

“ नहीं मैने कभी नहीं देखा.”

“ तो मैं बताता हूँ. पहले एक घोड़ी घोड़े के लंड को चाट के खड़ा करती है. जब घोड़े का लंड तन जाता है तब जिस घोड़ी की चुदाई करनी होती है उसे लाया जाता है. उसके बाद ही घोड़ा उस घोड़ी की जम के चुदाई करता है. अब अगर मुझे भी आपको घोड़ी की तरह चोदना है तो आप मेरे लंड को चुदाई के लिए तैयार तो करो. लो मैं घोड़ा बन जाता हूँ.” ये कह कर विकी भी घोड़ा बन गया. मैं समझ गयी विकी मुझसे क्या चाहता था.

“ ठीक है घोड़े राजा ! पहले मैं आपके लंड को चुदाई के लिए तैयार करती हूँ.” विकी घोड़ा बना हुआ था और उसका एक फुट लंबा लॉडा नीचे ऐसे झूल रहा था जैसे वाकाई किसी घोड़े का लंड हो. मैं तो बरसों से इस लॉड को चूमने के लिए तरस रही थी. सच कहूँ तो गधे या घोड़े के लंबे मोटे लटकते हुए लंड को जब भी देखती, मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो जाती. हमेशा सोचती की काश मैं ऐसे लंड को कभी चूस पाउ. विकी का लंड भी किसी घोड़े के लंड से कम नहीं था. मैं घोड़ी बने हुए ही विकी के पीछे गयी. विकी के बड़े बड़े बॉल्स लटक रहे थे. मैने उसकी टाँगों के बीच में मुँह डाल कर उसके बॉल्स को चाटना शुरू कर दिया. क्योंकि विकी घोड़ा बना हुआ था, उसके लंड को चूस पाना बहुत मुश्किल हो रहा था. विकी बोला.

“ दीदी अब आप चित लेट जाओ तभी आप इस घोड़े का लंड चूस पाओगि.”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 04:21 PM



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