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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#73
नहीं फटेगी दीदी, मुझे यकीन था कि आपकी चूत मेरा लॉडा ज़रूर झेल लेगी.”

“ अच्छा ! तुझे ऐसा यकीन कैसे हो गया ? तुझे क्या पता इस वक़्त मेरी चूत का क्या हाल है.”

“ मेरी प्यारी दीदी की चूत बनी ही मेरे लौडे के लिए है. बोलो दीदी मैं ही पहला मर्द हूँ ना जिसने आपकी चूत सबसे पहले देखी?”

“ हां मेरे राजा तूने ही सबसे पहले मेरी चूत देखी थी.”

“ देखी ही नहीं चूत की महक भी मैने ही सबसे पहले ली है.”

“ हाँ ये बात भी सच है.”

“ तो फिर आपने सबसे पहले मुझे अपनी चूत क्यों नहीं दी?”

“ कैसे देती विकी, मैं तेरी बेहन हूँ.”

“ अब भी तो दे रही हो.”

“अब की बात तो अलग है. मैने दी कहाँ तूने ज़बरदस्ती ले ली.”

“ इतने प्यार से दे रही हो दीदी. इसे ज़बरदस्ती लेना कहते हैं?”

“ अब जब तूने ले ही ली है तो क्यों ना अच्छी तरह से दूं. मैं चाहती हूँ की आज तुझे औरत को चोदने का पूरा मज़ा मिले. और मैं तेरा अपनी दीदी को चोदने का सपना भी पूरा करना चाहती हूँ. जी भर के चोद ले अपनी प्यारी दीदी को.” विकी ने मेरी चूचियाँ दोनो हाथों में पकड़ के फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. मैं भी चूतर उचका उचका के उसके धक्कों का जबाब दे रही थी. विकी लॉडा पूरा निकाल के जड़ तक पेल रहा था. उसके बॉल्स मेरी गांद से टकरा रहे थे. मेरी चूत इतना ज़्यादा रस छ्चोड़ रही थी की विकी के हर धक्के के साथ मेरी चूत में से… फ़च… फ़च …. फ़च……… …फ़च…फ़च …..फ़च……. फ़च …..फ़च……फ़च और मेरे मुँह से आअहह…. अया…. आआआआऐययईईई …..आआआहह……ऊवू….वी …. एयेए ……..वी माआ…… आआआः…. .ओह्ह….. उम्म्म्म…… .का मधुर संगीत गूँज़ रहा था. विकी के मोटे लॉड ने मेरी चूत इतनी ज़्यादा चौड़ी कर दी थी की फटने को हो रही थी. जब जड़ तक लंड अंडर पेलता तो ऐसा लगता जैसे चूत फाड़ के छाती में घुस जाएगा. शायद विकी का लंड दुनिया के सबसे बड़े लौड़ों में से एक हो. इतना लंबा और मोटा लॉडा करोड़ो औरतों में किसी एक औरत को ही नसीब होता होगा. मैं सुचमुच बहुत भाग्यशाली हूँ. मैने टाँगें खूब चौड़ी कर रखी थी ताकि विकी को लंड पूरा अंडर पेलने में कोई रुकावट ना हो.

“ दीदी ये फ़च फ़च.. की आवाज़ कहाँ से आ रही है ?” विकी मेरी चूत में लंड अंडर बाहर करता हुआ बोला.

“ हट नलायक ! तुझे नहीं पता?”

“ मुझे कैसे पता होगा दीदी ? ज़िंदगी में पहली बार किसी लड़की को चोद रहा हूँ.”

“ तुझे कैसे बताउ ? तू तो बहुत खराब है.”

“ बताओ ना दीदी प्लीज़…”

“ देख विकी मेरी चूत बहुत गीली है. तू अपने लॉड से मेरी रस से भरी चूत में धक्के लगा रहा है ना, इसीलिए ये फ़च फ़च की आवाज़ आ रही है.”

“ ओ ! तो आपकी चूत भी आवाज़ करती है.”

“ सभी औरतों की चूत ऐसे ही आवाज़ करती है, बेवकूफ़.”

“ हाई क्या मादक आवाज़ है ! दीदी आपको मज़ा तो आ रहा है ना?” विकी धक्के मारता हुआ बोला,

“ ह्म्‍म्म….. बहुत मज़ा आ रहा है.”

“ मैं थोड़ा अनाड़ी हूँ.”

“ इतना भी अनाड़ी नहीं है. कितनी अच्छी तरह से चोद रहा है. सच, आज तक चुदाई में इतना मज़ा नहीं आया.”

“ झूट ! उस दिन जीजाजी से तो खूब चूतर उचका उचका के चुदवा रही थी.” विकी ज़ोर का धक्का लगाता हुआ बोला.

“ ओईइ…माआ…..एयाया…तेरे जीजाजी तो अनाड़ी हैं. उनसे जितना मज़ा ले सकती हूँ उतना लेने की कोशिश करती हूँ.”

“ क्यों दीदी जीजाजी अनादि क्यों हैं?”

“ अनाड़ी इसलिए हैं क्योंकि उन्हें औरत को चोदने की कला नहीं आती है.”

“ चोदने की कला से आपका क्या मतलब?”

“ अरे औरत को चोदने से पहले उसे गरम करना ज़रूरी है. गरम करने के बाद चोदने के भी काई तरीके होते हैं. सिर्फ़ औरत की टाँगें उठा के उसकी चूत में लंड पेलने का काम तो कोई भी कर सकता है.”

“ दीदी पता कैसे लगेगा कि औरत गरम हो गयी है?” विकी चूचिओ को मसल्ते हुए धक्का लगाता हुआ बोला.

“ ऊऊओफ़, जब औरत गरम हो जाती है तो उसकी चूत गीली हो जाती है. तभी तो आदमी लंड अंडर डाल पाता है.”

“ ओह दीदी ! लेकिन आपको तो मैने गरम किया नहीं था, आप तो बिल्कुल गीली थी. इसका मतलब आप पहले से ही गरम थी और मेरे ऊपर बलात्कार का इल्ज़ाम लगा रही थी.”

“ तुझे कैसे मालूम मैं गीली थी?”

“ अभी आप जब मेरे ऊपर चढ़ के किताब छ्चीन रही थी तो फिर से मेरे मुँह पे गिर पड़ी थी. आपका गाउन ऊपर चढ़ गया था. आपकी नंगी चूत मेरे होंठों पे रगड़ गयी थी. 2 मिनिट तो मैं साँस ही नहीं ले पाया. झाँटें मेरे मुँह में घुस गयी और मेरे होंठ और नाक पूरी तरह चूत के रस से गीले हो गये. ऊफ़ ! क्या मादक खुश्बू है आपकी चूत की और चूत के रस का स्वाद तो मानो अमृत से भी बढ़ कर. पहले मुझे लगा कि आपकी चूत शायद पेशाब से गीली है लेकिन जब मुँह पे हाथ लगाया तो लिसलिसा लगा. उस वक़्त मुझे समझ नहीं आया कि आपकी छूट से क्या निकल रहा है. बोलो आप गरम थी ना.” मेरी चोरी पकड़ी गयी थी.

“ तू सुचमुच बहुत चालाक है. देख विकी मैं भी तो औरत हूँ. तेरे जैसे मर्द के जिस्म से जिस औरत का जिस्म रगड़ता रहे, वो औरत गीली नहीं होगी तो क्या होगी. और फिर तेरा खड़ा हुआ लॉडा भी तो मेरे बदन और मेरी चूत से रगड़ रहा था. इतने मोटे लॉड की रगड़ खा कर किसी भी औरत की चूत गीली हो जाएगी. लेकिन इसका मतलूब ये तो नहीं कि मैं तुझसे चुदवाना चाहती थी और ना ही इसका मतलूब ये था कि तू ज़बरदस्ती मेरी चूत में अपना मूसल पेल दे.” मैं चूतर ऊपर उचका के विकी का पूरा लंड अपनी चूत में लेती हुई बोली. क्या दमदार मर्द था विकी ! ज़िंदगी में पहली बार चोद रहा था किसी औरत को, फिर भी झरने का नाम नहीं ले रहा था. एक घंटे से ज़्यादा तो हो ही चुक्का था चोदते हुए. उसके पहले भी आधे घंटे तक उसका लंड मेरी चूत में फँसा हुआ था. मैं तो दो बार झाड़ चुकी थी. मेरी टाँगें इतनी देर से फैली होने के कारण दर्द करने लगी थी. विकी के लंबे, मोटे लॉड के दमदार धक्कों से मेरी चूत में मीठा मीठा दर्द हो रहा था. चुदवाने में इतना मज़ा कभी नहीं आया था.

“ दीदी आपको चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है. बचपन से इसके लिए तरस रहा था”

“ सच ! जी भर के चोद ले अपनी दीदी को. तुझमें तो बहुत स्टॅमिना है लेकिन मेरी टाँगों में बहुत दर्द हो रहा है.”

“ अच्छा, तो आप मेरे ऊपर आ जाओ, फिर टाँगों में दर्द नहीं होगा.” ये कह कर विकी ने लंड बाहर खींच लिया और पीठ के बल लेट गया. उसका एक फुट लंबा लंड एकदम तना हुआ था और लंड का सुपरा आसमान की ओर था. पूरा लंड चूत के रस में सना हुआ था और चूत का रस पी कर और भी मोटा लग रहा था. बाप रे ! क्या भयंकर लॉडा था. ऐसी फनफनई हालत में देख के तो अच्छी लंबी तगड़ी औरतों के भी होश उड़ जाएँ. विश्वास नहीं हो रहा था कि, इतना बड़ा लंड अभी अभी पूरा मेरी चूत में घुसा हुआ था. उसके फंफनाए लंड को देख कर मेरी चूत की आग और भी भड़क उठी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 04:13 PM



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