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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#72
आ….अया विकी ये क्या कर रहा है? एयाया………..” बहुत मज़ा आ रहा था. विकी चूत के कटाव में और कभी चूत के अंडर जीभ पेलने लगा. पहली बार किसी लड़की की चूत चाट रहा था लेकिन अनाड़ी बिकुल नहीं लग रहा था. उसने मेरी चूत को अच्छी तरह चॅटा और जितनी अंडर जीभ डाल सकता था उतनी अंडर जीभ को घुसेड़ा. मेरी चूत बुरी तरह रुस छ्चोड़ रही थी. मेरी झाँटें विकी के मुँह में घुस गयी थी लेकिन उसकी परवाह किए बिना वो मेरी चूत चाते जा रहा था. मेरे मुँह से “ …एयेए, …. ऊ उवई माआअ…. अयाया” जैसे वासना भरे शब्दों को सुन कर उसका जोश और भी बढ़ गया था. मैने भी जोश में आ कर उसका मुँह अपनी चूत पे मसल दिया. मेरी चूत तो गीली थी ही, झाँटें भी गीली हो चुकी थी. विकी का चेहरा मेरे रस से सन गया. मुझ से और नहीं सहा जा रहा था. एक बार तो झाड़ भी चुकी थी. मैं विकी के मुँह को अपनी चूत पे रगड़ते हुए बोली,

“ बस कर विकी, अब चोद अपनी दीदी को.” विकी ने उठ कर अपने मोटे लंड का सुपरा मेरी चूत के छेद पर टीका दिया,

“ इज़ाज़त हो तो पेल दूं दीदी?”

“ ऊओफ़ बदमाश ! अब तंग मत कर. इतनी देर से टाँगें चौड़ी कर के अपनी चूत तेरे हवाले क्यों की हुई है? अब चोद भी मेरे राजा.”

“ तो ये लो दीदी.” ये कहते हुए विकी ने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.

“ ओउइ मया…….आ…..आआआः धीरे, तेरा बहुत मोटा है.” विकी का लंड फ़च से मेरी चूत को चीरता हुआ 4 इंच अंडर घुस गया. उसने एक बार फिर लंड को बाहर खींच के एक और ज़ोर का धक्का लगाया.

“ आआआअ……हह….ऊऊओह.” लॉडा 7 इंच घुस चुक्का था और मुझे ऐसा लग रहा था की अब मेरी चूत में और जगह नहीं है. मेरी वासना के साथ मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी. अभी तो 5 इंच और अंडर जाना बाकी था. इससे पहले कि मैं कुच्छ कहती विकी ने पूरा लॉडा बाहर खींच के पूरी ताक़त से एक भयंकर धक्का लगा दिया.

“ आआआआआआईयईईईईईईईईई………ओईईई… म्‍म्म्माआआअ मार गाइिईईई आआहह. एयेए…….आआआहह ……ऊओह छोड़ मुझे आ.एयेए…..आआआआः मैं मर् जाउन्गि” इस भयंकर धक्के से वो मोटा ताना 10 इंच अंडर घुस गया था. उस मोटे लॉड ने मेरी चूत इतनी फैला दी की बस फटने को हो रही थी. अंडर जाने की तो बिल्कुल जगह नहीं थी. हाई राम! पूरा लंड कैसे झेल पाउन्गि?

“ विकी बस कर मेरे राजा अब और अंडर मत डाल. मर जाउन्गि. तेरा बहुत बड़ा है.”

“ दीदी मैने सुना है लंड कितना ही बड़ा क्योन्ना हो औरत की चूत में समा ही जाता है.” एक तरफ डर भी लग रहा था और दूसरी तरफ विकी के एक फुट के लंड से चुदाई का मौका भी नहीं खोना चाहती थी. जब तक मरद का पूरा लॉडा चूत में ना जाए तब तक चुदाई का मज़ा ही क्या. विकी थोड़ी देर बिना हीले मेरे ऊपर पड़ा रहा और फिर जब तोड़ा दर्द कम हुआ तो धीरे धीरे लंड को मेरी चूत में अंडर बाहर करने लगा. इन छ्होटे छ्होटे धक्कों से मेरी चूत फिर से गीली होने लगी. अचानक उसने पूरा लॉडा बाहर खींच के बहुत ही ज़ोर का धक्का लगा दिया.

“ आाऐययईईईई….. आआअहह …..ऊऊऊओह …माआ….. ईइसस्सस्स………आअहह…..ईीइसस्सस्स. फाड़ डालेगा ? इतनी बेरहमी से चोद रहा है अपनी दीदी को. तेरी सग़ी बेहन हूँ. आआ…ह…. कुच्छ तो ख्याल कर. ऊीइ…. सच मच फॅट जाएगी, बेशरम!” इस धक्के से विकी का लॉडा जड़ तक मेरी चूत में समा गया था. उसके मोटे मोटे बॉल्स मेरी गांद से टकरा रहे थे. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी चूत विकी का एक फुट लंबा लॉडा निगल गयी थी. दर्द तो बहुत हो रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 04:12 PM



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