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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#57
भाभी दर्द तो नहीं हो रहा?”

“10 इंच का मूसल मेरी गांद में डालने के बाद पूछ रहा है दर्द तो नहीं हो रहा. लगता है एक महीने तक ठीक से चल भी नहीं पाउन्गि”

“तो फिर आपको मज़ा नहीं आया?”

“कैसी बातें कर रहा है? इससे चुदवाने के बाद किस औरत को मज़ा नहीं आएगा? लेकिन तेरे दिल की तमन्ना पूरी हुई कि नहीं?” भाभी मेरे लॉड को प्यार से सहलाते हुए बोली.

“ हां मेरी प्यारी भाभी.आपके भारी नितंबों को मटकाते देख कर मेरे दिल पर छुरी चल जाती थी. मेरा लंड फंफना उठता था और आपके चूतरो के बीच में घुसने को बेकरार हो जाता था.आज तो मैं नहाल हो गया.”

“ सच ! मुझे नहीं पता था कि मेरे नितंब तुझे इतना तड़पाते हैं. मैं बहुत खुश हूँ कि तेरे दिल की तमन्ना पूरी हुई. अब तो तू एक बार मेरी गांद मार ही चुका है. जब भी तेरा दिल करेगा तुझे कभी मना नहीं करूँगी. तेरी ही चीज़ है.”

“ आप कितनी अच्छी हो भाभी.देखना अब आपके नितंबों में कितना निखर आएगा. राह चलते लोगों का लंड आपके चूतरो को देख कर खड़ा हो जाएगा.”

“ मुझे किसी का लंड नहीं खड़ा करना. तेरा खड़ा होता रहे उतना ही काफ़ी है. अभी तो मेरी गांद का छेद फटा सा जा रहा है.”

“ एक बात पूछूँ भाभी? भैया आपको कॉन कॉन सी मुद्राओं में चोदते हैं?”

“ अरे ! तेरे भैया तो अनारी हैं. उन्हें तो सिर्फ़ मेरी टाँगों के बीच बैठ कर ही चोदना आता है. अक्सर तो पूरी तरह नंगी भी नहीं करते. सारी उठाई और पेल दिया. 15-20 मिनिट में ही काम ख़तम!”

“आपको नंगी हो कर चुदवाने में मज़ा आता है?”

“हां मेरे राजा. किस औरत को नहीं आएगा? और फिर मरद को भी तो औरत को पूरी तरह नंगी करके चोदने में मज़ा आता है. तू बता तुझे किस मुद्रा में चोदना अच्छा लगता है?”

“भाभी आपके जैसी खूबसूरत औरत को तो किसी भी मुद्रा में चोदने में मज़ा आता है, लेकिन सबसे ज़्यादा मज़ा तो आपको गाय बना कर, आपके मोटे मोटे चूतर फैला कर सांड़ की तरह चोदने में आता है. इस मुद्रा में आपकी फूली हुई रस भरी चूत और गुलाबी गांद, दोनो के दर्शन हो जाते हैं और दोनो को ही आसानी से चोदा जा सकता है.”

“ अच्छा तो तू अब काफ़ी माहिर हो गया है.”

अब तो मैं और भाभी घर में हमेशा नंगे ही रहते थे और मैं दिन में तीन चार बार भाभी को चोद्ता था और गांद भी मारता था. एक दिन भैया वापस आ गये. वापस आने के बाद तीन चार दिन तो भैया ने भाभी को जम कर चोदा, लेकिन उसके बाद फिर वोही पुराना सिलसिला शुरू हो गया. भाभी की चूत की प्यास को मिटाने की ज़िम्मेदारी फिर मेरे 10 इंच के लौदे पर आ पड़ी. अब तो भाभी को गांद मरवाने का इतना शौक हो गया कि हफ्ते में दो तीन बार मुझे उनकी गांद भी मारनी पड़ती थी. तो
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 03:45 PM



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