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Incest बहन - कंचन के बदन की गरमी
#55
भाभी आप मेरे उपर आ जाओ और अपनी प्यारी चूत का स्वाद चखने दो." मैने भाभी को अपने उपर खैंच लिया. भाभी का सिर मेरी टाँगों की तरफ था. भाभी की टाँगें मेरे सिर के दोनो तरफ थी और उनकी चूत ठीक मेरे मुँह के उपर. मैने भाभी के चूतरो को पकड़ के उनकी चूत को अपने मुँह की ओर खींच लिया. मैने कुत्ते की तरह भाभी की झांतों से भरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. भाभी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी. भाभी की चूत की सुगंध मुझे पागल बना रही थी. चूत इतना पानी छोड़ रही थी कि मेरा मुँह भाभी की चूत के रस से सुन गया. इस मुद्रा में भाभी की आँखों के सामने मेरा विशाल लंड था. भाभी ने भी मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. मेरा लंड तो भाभी के ही रस से सना हुआ था. भाभी को मेरे वीर्य के साथ अपनी चूत के रस के मिश्रण को चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था. अब भाभी ने मेरे लंड को मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. इतना मोटा लंड बड़ी मुश्किल से उनके मुँह में जा रहा था. जी भर के लंड चूसने के बाद भाभी उठी और मेरे मुँह की तरफ मुँह करके मेरे लंड के उपर बैठ गयी. चूत इतनी गीली थी कि बिना किसी रुकावट के पूरा 10 इंच का लौदा भाभी की चूत में जड़ तक घुस गया. भाभी ने मुझे चूमना शुरू कर दिया और ज़ोर ज़ोर से अपने चूतर उपर नीचे करके लौदा अपनी चूत में पेलने लगी. मैं भाभी की चूचिओ को चूसने लगा. पाँच मिनिट के बाद तक के मेरे उपर लेट गयी और बोली,

" रामू, तू आदमी है कि जानवर. इतनी देर से चोद रहा है लेकिन अभी तक झाड़ा नहीं.मैं अब तक तीन बार झाड़ चुकी हूँ."

" मेरी प्यारी भाभी मेरे लंड को आपकी चूत इतनी अच्छी लगती है कि जब तक इसकी प्यास नहीं बुझ जाती ये नहीं झरेगा. आपने मुझे जानवर कहा ही है तो अब मैं आपको जानवर की तरह ही चोदुन्गा."

" हे भगवान ! कल ही तो तूने सांड़ की तरह चोदा था. अब और कैसे चोदेगा ?"

" कल आपको गाय बना कर सांड़ की तरह चोदा था आज आपको कुतिया की तरह चोदुन्गा."

" चोद मेरे राजा जैसे चाहता है वैसे चोद. अपनी भाभी को कुतिया बना के चोद. लेकिन ज़रा मुझे बाथरूम जाने दे." इतनी देर चुदाई के बाद भाभी को पेशाब आ गया था. वो उठ कर बाथरूम में गयी लेकिन दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया. इतना चुदवाने के बाद भाभी की शर्म बिल्कुल ख़तम हो गयी थी. बाथरूम से प्सस्सस्सस्स……… की आवाज़ आने लगी. मैं समझ गया भाभी ने मूतना शुरू कर दिया है. भाभी के मूतने की आवाज़ सुन कर मैं भाभी को चोदने की लिए तडप उठा. भाभी वापस आई और मुस्कुराते हुए कुतिया बन कर बोली,

" आ मेरे राजा तेरी कुतिया चुदवाने के लिए हाज़िर है." भाभी ने अपने चूतर उपर उठा रखे थे और उनका सीना बिस्तर पर टीका हुआ था. उनके विशाल चूतरो के बीच से झँकति हुई चूत को देख कर मेरा लौदा फंफनाने लगा. मैं भाभी के पीछे बैठ कर भाभी की चूत को कुत्ते की तरह सूंघने और चाटने लगा.

" अया…. ऊऊओ .. क्या कर रहा है. तू तो सचमुच कुत्ता बन गया है."

" भाभी अगर आप कुतिया हैं तो मैं तो कुत्ता हुआ ना. कुतिया कोतो कुत्ता ही चोद सकता है." मैं पीछे से भाभी की चूत चाटने लगा. मेरे मुँह में नमकीन स्वाद आ रहा था, क्योंकि भाभी अभी मूत कर आई थी. इस मुद्रा में चूत चाटने से मेरी नाक भाभी की गांद में लग रही थी. अब मैने भाभी के दोनो चूतर फैला दिए. भाभी की गांद का गुलाबी छेद बहुत ही सुन्दर लग रहा था. मैने अपनी जीभ से उस गुलाबी छेद हो भी चाटना शुरू कर दिया और एक दो बार जीभ गांद के छेद में भी डाल दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन - कंचन के बदन की गरमी - by neerathemall - 10-12-2023, 03:42 PM



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