10-12-2023, 01:34 PM
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हमारे साथ मेरे पति का छ्होटा भाई यानी मेरा देवर रामू भी रहता था. रामू एक लंबा तगड़ा सुडोल जवान था. वो कॉलेज में पढ़ता था और बॉडी बिल्डिंग भी किया करता था. मैं उसे मथ्स पढ़ाया करती थी. वो मेरी ओर आकर्षित था. हम दोनो में बहुत हँसी मज़ाक चलता रहता था. मैं उसे केयी बार अपने ब्लाउस के अंडर या टाँगों के बीच में झाँकते हुए पकड़ चुकी थी. मुझे मालूम था कि वो केयी बार मेरी पॅंटी के दर्शन कर चुका था. एक बार जब मैं नहाने जा रही थी तो उसने मुझे नंगी भी देख लिया था. मेरी एक पॅंटी भी उसने चुरा ली थी और उस पॅंटी के साथ वो क्या करता होगा ये भी मैं अच्छी तरह जानती थी. हँसी मज़्ज़ाक़ इस हद तक बढ़ गया था कि हम सब प्रकार की बातें बेझिझक करते थे. लेकिन मैं उसके साथ एक सीमा से बाहर नहीं जाना चाहती थी. अपने ही देवर के साथ किसी तरह का शारीरिक संबंध ठीक नहीं था. लेकिन मेरा ये विचार उस दिन बिल्कुल बदल गया जिस दिन मैं ग़लती से उसका लंड देख बैठी. ऊफ़ क्या मोटा और लंबा लंड था ! जब से मेरी नज़र उसके मूसल जैसे लंड पे पड़ी तब से मेरी रातों की नींद गायब हो गयी. दोस्तो अब इससे आगे की कहानी मेरे देवर रामू की ज़ुबानी..........
मेरा नाम रामू है. मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ. मेरी उम्र अब बीस साल है. मैं एक साल से अपने भैया और भाभी के साथ रह रहा हूँ. भैया एक बड़ी कंपनी में काम करते हैं. मेरी भाभी कंचन बहुत ही सुन्दर है. भैया की शादी को दो साल हो चुके हैं. भाभी की उम्र 24 साल है. मैं भाभी की बहुत इज़्ज़त करता हूँ और वो भी मुझे बहुत चाहती है. हम दोनो में खूब दोस्ती है और हँसी मज़ाक चलता रहता है. भाभी पढ़ाई में भी मेरी सहायता करती है. वो मुझे मथ्स पढ़ाती है.
हमारे साथ मेरे पति का छ्होटा भाई यानी मेरा देवर रामू भी रहता था. रामू एक लंबा तगड़ा सुडोल जवान था. वो कॉलेज में पढ़ता था और बॉडी बिल्डिंग भी किया करता था. मैं उसे मथ्स पढ़ाया करती थी. वो मेरी ओर आकर्षित था. हम दोनो में बहुत हँसी मज़ाक चलता रहता था. मैं उसे केयी बार अपने ब्लाउस के अंडर या टाँगों के बीच में झाँकते हुए पकड़ चुकी थी. मुझे मालूम था कि वो केयी बार मेरी पॅंटी के दर्शन कर चुका था. एक बार जब मैं नहाने जा रही थी तो उसने मुझे नंगी भी देख लिया था. मेरी एक पॅंटी भी उसने चुरा ली थी और उस पॅंटी के साथ वो क्या करता होगा ये भी मैं अच्छी तरह जानती थी. हँसी मज़्ज़ाक़ इस हद तक बढ़ गया था कि हम सब प्रकार की बातें बेझिझक करते थे. लेकिन मैं उसके साथ एक सीमा से बाहर नहीं जाना चाहती थी. अपने ही देवर के साथ किसी तरह का शारीरिक संबंध ठीक नहीं था. लेकिन मेरा ये विचार उस दिन बिल्कुल बदल गया जिस दिन मैं ग़लती से उसका लंड देख बैठी. ऊफ़ क्या मोटा और लंबा लंड था ! जब से मेरी नज़र उसके मूसल जैसे लंड पे पड़ी तब से मेरी रातों की नींद गायब हो गयी. दोस्तो अब इससे आगे की कहानी मेरे देवर रामू की ज़ुबानी..........
मेरा नाम रामू है. मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ. मेरी उम्र अब बीस साल है. मैं एक साल से अपने भैया और भाभी के साथ रह रहा हूँ. भैया एक बड़ी कंपनी में काम करते हैं. मेरी भाभी कंचन बहुत ही सुन्दर है. भैया की शादी को दो साल हो चुके हैं. भाभी की उम्र 24 साल है. मैं भाभी की बहुत इज़्ज़त करता हूँ और वो भी मुझे बहुत चाहती है. हम दोनो में खूब दोस्ती है और हँसी मज़ाक चलता रहता है. भाभी पढ़ाई में भी मेरी सहायता करती है. वो मुझे मथ्स पढ़ाती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.