10-12-2023, 09:53 AM
मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.
अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.
अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
