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Incest सगी बहन साथ सेक्सी बात कर गरम करके चोदा
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बुआ के लड़के से मेरी चुदाई

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आह … उसके गर्म होंठ जब मेरे गर्म होंठों से जुड़े तो मैं लरज कर रह गई.
उसके होंठों ने मेरे होंठों को चुभलाना शुरू कर दिया था जिसमें मैं भी उसका साथ देने लगी थी.

हम दोनों की चूमाचाटी जोर पकड़ने लगी और तभी उसने अपने एक हाथ से मेरे दोनों गाल पकड़ कर दबा दिए तो मेरा मुँह खुल गया.
उसी पल उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और वो अहसास आह … कितना मीठा था, मैं शब्दों में बयान ही नहीं कर पा रही हूँ.
उसकी जीभ ने मेरी जीभ को अपनी गर्लग्रेंड बना लिया था.

हम दोनों एक दूसरे की जीभ का स्वाद लेने लगे और लार को चूसने लगे.
गर्म सांसों का झंझावात हम दोनों को वासना की आग में झुलसाने लगा था.

इस वक्त मेरी तो एक समाधि की सी स्थिति बन गई थी.
शायद ऐसा ही नरेंद्र को भी लग रहा होगा.

फिर कुछ पल बाद उसने मेरे होंठों को आजादी दे दी और मुझे हाथ का सहारा देकर बिठा लिया.
मैं एक कठपुतली की तरह बैठ गई और उसके अगले एक्शन का इंतजार करने लगी.

उसने मेरी आंखों में देखा और मानो एक जादू सा कर दिया.
मैं बस उसकी आंखों में खो सी गई थी.

तभी उसका एक हाथ आगे बढ़ा और उसने मेरी एक चूची को पकड़ कर दबा दिया.
मेरी मीठी सी आह निकल गई और मैं फिर से उसकी बांहों में समा गई.

उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मेरे कान में कहा- चलो कपड़े उतारते हैं.
मैंने हां कह दी.

उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े निकाल दिए, साथ में अपने कपड़े भी निकाल दिए.
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.
सर्दी अपनी औकात में आ गई थी, उसे दो गर्म प्रेमियों के सामने हार माननी पड़ी.
हम दोनों निवस्त्र हो चुके थे … पर सर्दी के अहसास का नामोनिशान तक नहीं था.

उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मेरी चुचियों को दबाते हुए एक निप्पल को होंठों में दबा कर चूमने चूसने लगा.
आह … मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई थी; मैं अपने आपको बहुत मुश्किल से संभाल पा रही थी.
कुछ देर तक उसने मेरे दोनों दूध दबा दबा कर पिए और मसले.
मुझे अपनी चूचियों को चुसवाने में बड़ा आनन्द आ रहा था.
मैं मीठी सीत्कार करती हुई उसे अपने निप्पल पकड़ कर चुसा रही थी.

फिर उसने मुझे पीठ के बल लिटा दिया और खुद नीचे को सरक गया.
वो मेरी चूत को सूंघने लगा.

उसकी गर्म सांसों ने जैसे ही मेरी चूत को छुआ, मेरा तो बहुत बुरा हाल हो गया था.
तभी उसने अपनी जीभ से मेरी चूत की दरार को चाटा … आह मेरी सिसकारी निकल गई- आह नरेंद्र … उई मां … क्या कर रहे हो … आह मर गई मैं!

मैं जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.
उसने मेरी कामुक आवाजें सुनी तो जैसे उसे जोश चढ़ गया और वो मेरी दोनों टांगों को फैला कर मेरी पूरी चूत की मां चोदने लगा.
चूत के अन्दर तक जीभ को पेल कर मेरी रिसती हुई चूत का स्वाद लेने लगा.
बीच बीच में नरेंद्र मेरी चूत के दाने को अपने होंठों से दबा कर खींचता तो मेरी गांड खुद ब खुद ऊपर को उठ जाती.

कुछ देर यूं ही मेरी चूत चाटने के बाद उसने अलग होकर मुझे देखा.
मेरे चेहरे पर एक गुस्से का सा भाव था कि चूत को चाटना क्यों छोड़ा.

उसने मेरी बात को शायद समझ लिया था और जवाब में उसने अपने मोटे लम्बे लंड को हाथ से मुठिया कर मुझे आश्वस्त किया कि चूत का भोसड़ा बना कर ही रहूँगा.
उसने अपने टनटनाते लौड़े पर तेल लगाना शुरू कर दिया.
फिर उसने मेरी चूत पर भी तेल लगा दिया.

मैं समझ गई थी कि अब चूत की सील टूटने का वक्त आ गया है.
मुझे अन्दर से बड़ी उत्तेजना हो रही थी कि सहेलियों की बात आज सच होने जा रही है, जब मेरी चूत में लंड अन्दर जाने वाला है.

इसी बीच नरेंद्र अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा.
उसके गर्म सुपारे से मेरी हालत खराब हो गई और मैंने उससे कहा- अब देर न करो नरेंद्र … जल्दी से कुछ करो.

बस मेरा इतना कहना था और उसने अपने लंड मेरी चूत की फांकों में फंसा कर एक जोर का धक्का लगा दिया.
आह … उसका लंड चूत में क्या घुसा … मानो मेरी तो जान ही निकल गई थी.
मैं तड़फ उठी थी और चीखने ही वाली थी कि नरेंद्र ने अपने होंठों का ढक्कन मेरे होंठों पर कस दिया.
मेरी चीख निकलने से पहले ही दब गई.

फिर उसने मेरे बोबों को दबाना शुरू कर दिया.
ऐसे ही उसने कुछ मिनट तक किया.

और जब मेरा दर्द कम हुआ, तो उसने धक्के मारने शुरू कर दिए.
कुछ देर बाद मुझे भी लंड के प्रहार अच्छे लगने लगे और मैं उसके नीचे दब कर पिसती रही.
वो करीब 20 मिनट तक मुझे ताबड़तोड़ चोदता रहा. इस बीच मैं दो बार झड़ गई थी.
फिर उसने अपना पानी मेरे अन्दर ही छोड़ दिया.
ऐसे ही उस रात उसने मुझे 2 बार ओर चोदा.
अगली सुबह जब मैं उठी तो मुझसे उठा भी नहीं गया.
उसने मुझे अपनी बांहों में उठा लिया और बाथरूम में ले जाकर मेरी चूत की गर्म पानी से सिकाई की.

उसके बाद उसने ही मुझे नहलाया और फिर से कमरे में लाकर लिटा दिया.
बिस्तर पर आते ही मुझे नींद आ गई.
और जब उठी तो 1 बज रहा था.

मैं उठी … और बाहर जाकर देखा तो उसने खाना बना लिया था और मुझे उठाने ही आ रहा था.
फिर हमने साथ बैठ कर खाना खाया और टीवी देखने लगे.
अगले 2 दिन तक, जब तक मेरे घरवाले वापस नहीं आ गए, उसने मुझे बहुत प्यार किया. घर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं था, जहां उसने मुझे न चोदा हो.
आज हमारे रिश्ते को बने 4 साल हो गए हैं. वो विदेश से वापस अब भारत में यहीं मेरे शहर में रहने लगा है.
जब हम दोनों का मिलने का मन करता है तो या तो वो मेरे घर आ जाता है या मैं उसके घर चली जाती हूँ और हम दोनों जम कर चुदाई का मजा लेते हैं.
मै
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: सगी बहन साथ सेक्सी बात कर गरम करके चोदा - by neerathemall - 09-12-2023, 04:20 PM



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