09-12-2023, 03:57 PM
मेरे घर में मम्मी पापा मैं और मुझसे एक साल छोटी जवान बहन रहते हैं.
मेरी छोटी बहन का नाम मीशू है. उसकी जवानी भरपूर खिल चुकी है.
वह अपनी मतवाली चाल से हर लड़के का ईमान खराब करती रहती है.
उसके साथ सड़क पर चलते समय मुझे लड़कों द्वारा उसकी जवानी को पाने के लिए न जाने कितनी अजीब अजीब बात सुनने को मिलती हैं.
यही सब सुनकर मैंने खुद ही अपनी बहन की जवानी का रस चूसने के लिए प्लान बना लिया था.
यह हॉट यंग सिस्टर सेक्स कहानी इसी बारे में है.
मैं बहुत बार कोशिश कर चुका था कि बहन की चूत और बूब्स मिल जाएं!
पर मिलना तो दूर की बात थी, कभी उसकी नंगी चूचियों तक के दर्शन तक नहीं हुए थे.
फिर मैंने उसकी कुछ ऐसी हरकतें देख ली थीं जिससे समझ आ गया था कि ये मुझसे चुद जाएगी.
अब बस मुझे उसे अकेले में सैट करना रह गया था.
एक दिन की बात है, मम्मी पापा को शादी में मामा के यहां जाना था.
मम्मी तो 6 दिन पहले ही चली गई थीं पर पापा को शादी से दो दिन पहले ही जाना था.
वे लोग चार दिन बाद वापस आने वाले थे.
घर में हम भाई बहन ही रहने वाले थे.
मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे कि इस दौरान काम बन सकता है.
बस लग रहा था कि जल्दी से पापा घर से जाएं और मैं इधर अपनी कमसिन बहन की चूत को मसल कर उसका भोसड़ा बना दूँ.
फिर इंतजार भी खत्म हो चुका था.
पापा चले गए.
हम दोनों शाम को खाना खाने बैठे.
उस दिन गर्मी इतनी भयानक थी कि मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार कर गमछा पहन लिया.
मेरी बहन ने भी एक छोटी सी फ्राक पहन ली, जिसमें से उसकी चूचियां साफ साफ दिखाई दे रही थीं.
उसके बूब्स देख कर ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया था.
मेरी बहन ने नीचे एक पैंट पहनी हुई थी.
मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं और वह टीवी देख रहे थे.
सामने टीवी पर लव वाला गर्म सीन चल रहा था.
मैंने उससे पूछा- तूने किसी से लव किया है?
तो उसका जवाब ना में था.
फिर उसने भी पूछा- आपने किया है?
मैंने भी किसी से लव नहीं किया था तो मैंने भी बोल दिया- ना.
फिर मैंने पूछा- तुम अकेली कैसे रह लेती हो, मुझसे तो रहा ही नहीं जाता है.
इस पर वह बोली- वही तो बात है भाई … पर क्या करूं. मैं तो ज्यादा बाहर जाती नहीं हूँ तो मुझे कोई मिला ही नहीं बाकी मैं भी तो लड़की हूँ तो अन्दर से तो कुछ लगता ही है.
अब मैंने देर ना करते हुए पूछा- क्या मुझसे लव करोगी?
वह बोली- करती तो हूँ.
शायद वह मेरी भावना को नहीं समझ पायी थी.
मैं बोला कि मैं तुमसे भी प्यार करना चाहता हूँ.
वह बोली- कैसे?
मैं बोला- पहले बताओ किसी को बताओगी तो नहीं ना?
वह बोली- नहीं, पहले बताओ कैसे करोगे?
मैंने आगे बढ़ कर सबसे पहले उसकी गर्दन पर किस किया.
वह सिहर गई पर उसका कोई विरोध नहीं था.
फिर मैंने उसके होंठों पर किस किया और धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगा.
वह मेरे साथ सहयोग नहीं कर रही थी पर मना भी नहीं कर रही थी.
मैंने अपनी सगी बहन के दूध दबा कर और मसल कर उसको बेहद गर्म कर दिया.
वह भी अब धीरे धीरे कामुक होने लगी और मेरा साथ देने लगी.
उसने मेरा गमछा हटा दिया और मुझे नंगा कर दिया.
मैंने भी उसकी फ्राक को उतार दिया और उसे ऊपर से नंगी कर दिया.
बहन की नंगी चूचियां अब एकदम तनी हुई मुझे पागल गए रही थीं.
उसकी आंखों में भी वासना के लाल डोरे तैर रहे थे.
मेरे हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगे.
वह लगातार मेरी आंखों में देख रही थी और मेरे हाथ को अपनी चूत पर जाते हुए भी देख रही थी.
अचानक से मैंने अपनी बहन की चूत को छू लिया.
वह पागल सी हो गई और सिसकारियां निकालने वाली मशीन बन गई.
धीरे धीरे हम दोनों पूरे नंगे हो गए.
मैं उसका पूरा शरीर चूसने चूमने लगा और बाल सहलाने लगा.
हम दोनों ही किसी जौंक की तरह एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे को चूम और चूस रहे थे.
मेरी जीभ मेरी बहन के मुँह में चली गई थी और वह मेरी जीभ को अपनी जीभ से रगड़ती हुई चूस रही थी.
उसका थूक मेरे मुँह में आ रहा था और मेरा थूक उसके मुँह में आ रहा था.
मेरे हाथों में मेरी बहन की गांड थी जिसे मैं पूरी ताकत से मसल कर अपने लौड़े की तरफ उसे खींच रहा था.
उसकी चूत मेरे लंड से रगड़ खा रही थी.
इसी बीच उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और मेरे लौड़े ने उसकी चूत के पानी से स्नान कर लिया था.
इसी तरह से हम दोनों का ये नंगे बदन एक दूसरे से लिपटना और चिपकना चलता रहा.
मैंने उसे बेहद कामुक कर दिया था जिस वजह से मेरी बहन अब तक एक बार झड़ चुकी थी, वह अपनी चूत रस से वह मेरे लौड़े को नहला चुकी थी.
मैंने भी गोल सैट किया और एक करारे शॉट के साथ लौड़े को चूत के अन्दर पेल दिया.
उसकी कुंवारी चूत एकदम संकरी थी.
मेरे मोटे लंड के झटके से घुसने से वह चिल्लाने लगी.
मैंने झपट कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
उसकी आवाज दब गई तो मैं नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर धक्का देने लगा.
वह बेहद कसमसा रही थी और मुझे छूटने की कोशिश कर रही थी.
कुछ ही देर में मैंने पूरा लंड अपनी बहन की चूत में अन्दर तक पेल दिया और सटासट अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत ने भी लंड की मोटाई के अनुसार खुद को फैला दिया था तो उसका दर्द भी कम हो गया था.
अब उसकी आवाजें निकलना बंद हो गई थीं और जिस्म की छटपटाहट भी खत्म हो गई थी.
मैंने महसूस किया था कि अब मेरी बहन अपनी गांड उठाने लगी थी.
तब मैंने उसके मुँह से मुँह हटाया और दोनों हाथ उसके दोनों तरफ टिका कर चूत में लंड पेलना चालू कर दिया.
वह मेरी आंखों में देखती हुई ‘उन्ह उन्ह …’ कर रही थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी कसमसाहट थी.
उसकी कमर भी मेरे झटकों के साथ ऊपर नीचे हो रही थी.
फिर अचानक से उसका जिस्म ऐंठने लगा और उसकी उन्ह उन्ह की आवाज तेज हो गई.
मैं समझ गया कि अब मेरी बहन झड़ने वाली है.
यही हुआ भी … वह अगले कुछ ही पलों में एक तेज आवाज के साथ झड़ने लगी और एकदम लाश जैसी निढाल हो गई.
मैं भी अपने लौड़े पर उसके गर्म पानी का अहसास करने लगा और रुक गया.
उसने अपने दोनों हाथ पैर फैला दिए थे और उसकी आंखें मुंद गई थीं.
उसी समय मुझे कुछ याद आया और मैं उसकी चूत से लंड निकाल कर उसकी टांगों के बीच में आ गया.
वह लंड निकाल लेने से एक बार सिसकी और उसने आंखें खोल कर मेरी तरफ देखा.
मैंने उसकी चूत को देखा तो उसमें से खून निकल रहा था.
उसकी चूत को मैंने बिस्तर की चादर से पौंछा और वह कुछ समझ पाती, उससे पहले ही अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया.
उसकी कमर एकदम से हिली और शरीर ने झुरझुरी सी ली.
मैं लगा रहा और जीभ को चूत के अन्दर डाल कर चूत रस को चाटने लगा.
वह कुछ पल तक तो सहयोग नहीं कर रही थी पर जब उसे जीभ से चाटे जाने से चैन मिलने लगा … तब उसने अपनी टांगें खोल दीं और मैं पूरी मस्ती से उसकी चूत को चाटने लगा.
इससे हम दोनों को मजा आने लगा.
उसकी चूत वापस गर्म होने लगी थी.
कुछ ही देर बाद मैंने अपने लौड़े को सहलाया और उसकी इस विजय का फल देने के लिए अपनी बहन की चूत में वापस लंड सैट कर दिया.
इस बार उसने खुद से आंखों से इशारा किया कि ‘जल्दी से अन्दर पेलो’ और इसी के साथ उसने अपनी कमर उठा दी.
मैंने फिर से लंड चूत में पेल दिया और अपनी बहन की चुदाई करने लगा.
करीब दस मिनट बाद वह फिर से झड़ गई और उसी के साथ मैं भी अपनी बहन की चूत में झड़ जाने के लिए एकदम से तेज हो गया.
अब मेरे लंड से भी माल आने की खबर लगने लगी थी.
मैं और जोर जोर से अपनी बहन को चोदने लगा.
और मैंने अपने लंड का सारा माल अन्दर ही छोड़ दिया.
वह रोने लगी- ये क्या किया … अब तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी और माँ पापा तो मेरी जान ही ले लेंगे.
मैंने कहा- अरे पगली, मैं कल दवा ला दूँगा, खा लेना. सब ठीक हो जाएगी.
दवा का नाम सुनते ही वह खुश हो गई और फिर से लंड लेने के लिए रेडी हो गई.
उस रात मैंने अपनी बहन को 4 बार चोदा.
मैंने हॉट यंग सिस्टर सेक्स करके चारों बार अपने लंड का माल उसकी चूत में ही डाला था.
अब चूंकि मम्मी पापा को 4 दिन तक वापस नहीं आना था तो लगातार चारों दिन और रात बहन की चूत में मेरे लंड की पेलम पेली चली.
चार दिन बाद जब मम्मी पापा घर आ गए तो हमारा खेल बंद हो गया था.
मम्मी पापा के वापस आ जाने के एक महीने बाद की बात है.
उस दिन कुछ ज्यादा ही बरसात हो रही थी.
उस वजह से मौसम काफी ठंडा हो गया था और ठण्ड भी लगने लगी थी.
पापा मम्मी रात को अपने कमरे में लेटे थे. हम दोनों अलग कमरे में सोने चले गए थे.
हालांकि मेरी बहन मम्मी के साथ सोती है और पापा मेरे साथ बाहर वाले कमरे में सोते हैं.
चूंकि पापा अभी भी मम्मी को पेलते हैं तो वे कभी कभी मम्मी के साथ सो जाते हैं और मम्मी भी अभी तक पापा के लौड़े का मज़ा लेती रहती हैं.
उस दिन भी यही हुआ.
पापा मम्मी के साथ कमरे में चले गए और हम दोनों बाहर वाले कमरे में आ गए.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर मजा ले रहे थे.
तभी पापा मम्मी के रूम से सेक्सी आवाजें आने लगीं.
इतने में मेरी बहन गर्म हो गई और उसने मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैंने कहा- अन्दर प्रोग्राम फुल स्पीड पर है.
वह बोली- तो तुम क्यों रुके हुए हो? तुम भी शुरू हो जाओ.
उसकी बात सुनकर मैं भी उत्तेजित हो गया.
बाहर मौसम भी सुहाना था, ठण्ड भी हो गई थी … तो हम दोनों कम्बल में घुस गए और लौड़े को चूत में पेलने की विधि शुरू करने लगे.
उधर पापा चालू थे.
मेरी बहन मुझसे अपनी चूत में लंड डलवाने के लिए टांगें फैला रही थी.
मैंने भी सट से लौड़े को बहन की चूत में सरका दिया.
अब मेरी बहन मेरे लौड़े को बड़े आराम से अन्दर लेने लगी थी.
हम दोनों का चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.
उस दिन पापा मम्मी चुदाई के बाद सो गए और हम दोनों पेलम पेली का खेल खेलते रहे.
रात को 2 बजे तक हम दोनों ने खूब चुदाई की और मैं अपना लंड बहन की चूत में ही डालकर सो गया.
थकान के कारण नींद इतनी गहरी लगी कि कब सुबह हुई, पता ही नहीं चला.
जब मेरा नींद खुली, तो मेरा लंड मेरी बहन की चूत में ही घुसा था.
सुबह के समय लंड खड़ा हो जाता है, तो मेरे देखते ही लौड़े में तनाव आ गया मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
बहन को सूखी चूत में दर्द होने लगा तो वह जाग गई और बोली- रात भर में मन ही नहीं भरा क्या … जो सुबह होते ही चालू हो गए. मेरी सूखी चूत में कितना ज्यादा दर्द हो रहा है, जरा ख्याल करो!
मैंने हाथ से थूक लेकर उसकी चूत में मल दिया और उसकी चूत के दाने को मसल दिया.
तो वह भी गर्म हो गई और सिसकारियां लेने लगी- ऊ आ आह ओह माइ गॉड इतना करोगे तो मर ही जाऊंगी … लगता है शादी से पहले ही मेरी चूत को भोसड़ा बना दोगे!
अब वह भी किस करने लगी.
इस बार मैं उसे इतना जोर जोर से पेल रहा था कि पूरे कमरे में आवाज जा रही थी.
हम लोग चुदाई करने के बाद उठे और मुँह धोने के लिए ब्रश लेकर छत पर चले गए.
मैं बैटरी वाला ब्रश यूज करता हूँ जो मुँह में अपने आप चलता है.
उसका हैंडल लंड के जैसे गोल होता है.
मैं उसको अपनी बहन की चूत में डाल के हिलाने लगा.
मैंने बैटरी चालू कर दी तो वह किसी डिल्डो की तरह बहन की चूत को मजा देने लगा.
मैं उसकी चूत में ब्रश घुसेड़ कर उसकी क्लिट को मसलने लगा.
उसको भी मेरी यह हरकत पसंद आ रही थी.
कुछ ही देर में बहन की चूत ने झाग फैंक दिया तो मैं कोलगेट और ब्रश से उसकी चूत को साफ करने लगा.
फिर पानी से चूत को धोया और उसे देखने लगा.
वह हंस रही थी.
मैंने अगली शरारत की.
छत पर पानी मोटर लगी थी, मैंने उसे चालू कर दिया और मोटर का पाइप बहन की चूत में घुसा कर एकदम से बाहर निकाल दिया.
वह भी एकदम से ठंडे पानी की मोटी धार के चूत में प्रेशर से घुसने से सकपका गई थी.
मैंने उसकी चूत से पाइप बाहर निकाल कर देखा कि तो उसकी चूत से पानी की धार बह रही थी और उसकी चूत से माल के कतरे भी साथ में बाहर आ रहे थे.
हम दोनों हंसने लगे.
फिर हम दोनों नीचे आ गए और खाना खाकर दिन में ही सो गए.
मम्मी भी रात की चुदाई से थकी हुई थीं तो वे भी सो रही थीं.
अब अपनी बहन की चुदाई करना मेरी आदत हो गई थी.
उसकी चूत पेलने का जब भी मन करता था तो मैं उसको बोल देता था और वह मान जाती थी.
इसी तरह जब भी उसका मन करता तो वह भी बोल देती थी कि मुझे आज लंड लेना है.
मैं भी उसकी चूत चुदाई कर देता था.
हम दोनों ही समय और मौका देख कर अपनी जवानी को चुदाई का सुख दे देते हैं.
मैं अब कभी भी उसकी चूत में उंगली कर देता हूँ या बूब्स को दबाता रहता हूँ.
पापा काम पर चले जाते हैं और मम्मी सो जाती हैं तो मैं दिन में ही अपनी सगी बहन की चूत में लंड भी घुसा देता हूँ.
इस तरह से बहन के मुँह और चूत में जब तब मेरा लंड चलने लगा था.
मेरी छोटी बहन का नाम मीशू है. उसकी जवानी भरपूर खिल चुकी है.
वह अपनी मतवाली चाल से हर लड़के का ईमान खराब करती रहती है.
उसके साथ सड़क पर चलते समय मुझे लड़कों द्वारा उसकी जवानी को पाने के लिए न जाने कितनी अजीब अजीब बात सुनने को मिलती हैं.
यही सब सुनकर मैंने खुद ही अपनी बहन की जवानी का रस चूसने के लिए प्लान बना लिया था.
यह हॉट यंग सिस्टर सेक्स कहानी इसी बारे में है.
मैं बहुत बार कोशिश कर चुका था कि बहन की चूत और बूब्स मिल जाएं!
पर मिलना तो दूर की बात थी, कभी उसकी नंगी चूचियों तक के दर्शन तक नहीं हुए थे.
फिर मैंने उसकी कुछ ऐसी हरकतें देख ली थीं जिससे समझ आ गया था कि ये मुझसे चुद जाएगी.
अब बस मुझे उसे अकेले में सैट करना रह गया था.
एक दिन की बात है, मम्मी पापा को शादी में मामा के यहां जाना था.
मम्मी तो 6 दिन पहले ही चली गई थीं पर पापा को शादी से दो दिन पहले ही जाना था.
वे लोग चार दिन बाद वापस आने वाले थे.
घर में हम भाई बहन ही रहने वाले थे.
मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे कि इस दौरान काम बन सकता है.
बस लग रहा था कि जल्दी से पापा घर से जाएं और मैं इधर अपनी कमसिन बहन की चूत को मसल कर उसका भोसड़ा बना दूँ.
फिर इंतजार भी खत्म हो चुका था.
पापा चले गए.
हम दोनों शाम को खाना खाने बैठे.
उस दिन गर्मी इतनी भयानक थी कि मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार कर गमछा पहन लिया.
मेरी बहन ने भी एक छोटी सी फ्राक पहन ली, जिसमें से उसकी चूचियां साफ साफ दिखाई दे रही थीं.
उसके बूब्स देख कर ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया था.
मेरी बहन ने नीचे एक पैंट पहनी हुई थी.
मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं और वह टीवी देख रहे थे.
सामने टीवी पर लव वाला गर्म सीन चल रहा था.
मैंने उससे पूछा- तूने किसी से लव किया है?
तो उसका जवाब ना में था.
फिर उसने भी पूछा- आपने किया है?
मैंने भी किसी से लव नहीं किया था तो मैंने भी बोल दिया- ना.
फिर मैंने पूछा- तुम अकेली कैसे रह लेती हो, मुझसे तो रहा ही नहीं जाता है.
इस पर वह बोली- वही तो बात है भाई … पर क्या करूं. मैं तो ज्यादा बाहर जाती नहीं हूँ तो मुझे कोई मिला ही नहीं बाकी मैं भी तो लड़की हूँ तो अन्दर से तो कुछ लगता ही है.
अब मैंने देर ना करते हुए पूछा- क्या मुझसे लव करोगी?
वह बोली- करती तो हूँ.
शायद वह मेरी भावना को नहीं समझ पायी थी.
मैं बोला कि मैं तुमसे भी प्यार करना चाहता हूँ.
वह बोली- कैसे?
मैं बोला- पहले बताओ किसी को बताओगी तो नहीं ना?
वह बोली- नहीं, पहले बताओ कैसे करोगे?
मैंने आगे बढ़ कर सबसे पहले उसकी गर्दन पर किस किया.
वह सिहर गई पर उसका कोई विरोध नहीं था.
फिर मैंने उसके होंठों पर किस किया और धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगा.
वह मेरे साथ सहयोग नहीं कर रही थी पर मना भी नहीं कर रही थी.
मैंने अपनी सगी बहन के दूध दबा कर और मसल कर उसको बेहद गर्म कर दिया.
वह भी अब धीरे धीरे कामुक होने लगी और मेरा साथ देने लगी.
उसने मेरा गमछा हटा दिया और मुझे नंगा कर दिया.
मैंने भी उसकी फ्राक को उतार दिया और उसे ऊपर से नंगी कर दिया.
बहन की नंगी चूचियां अब एकदम तनी हुई मुझे पागल गए रही थीं.
उसकी आंखों में भी वासना के लाल डोरे तैर रहे थे.
मेरे हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगे.
वह लगातार मेरी आंखों में देख रही थी और मेरे हाथ को अपनी चूत पर जाते हुए भी देख रही थी.
अचानक से मैंने अपनी बहन की चूत को छू लिया.
वह पागल सी हो गई और सिसकारियां निकालने वाली मशीन बन गई.
धीरे धीरे हम दोनों पूरे नंगे हो गए.
मैं उसका पूरा शरीर चूसने चूमने लगा और बाल सहलाने लगा.
हम दोनों ही किसी जौंक की तरह एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे को चूम और चूस रहे थे.
मेरी जीभ मेरी बहन के मुँह में चली गई थी और वह मेरी जीभ को अपनी जीभ से रगड़ती हुई चूस रही थी.
उसका थूक मेरे मुँह में आ रहा था और मेरा थूक उसके मुँह में आ रहा था.
मेरे हाथों में मेरी बहन की गांड थी जिसे मैं पूरी ताकत से मसल कर अपने लौड़े की तरफ उसे खींच रहा था.
उसकी चूत मेरे लंड से रगड़ खा रही थी.
इसी बीच उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और मेरे लौड़े ने उसकी चूत के पानी से स्नान कर लिया था.
इसी तरह से हम दोनों का ये नंगे बदन एक दूसरे से लिपटना और चिपकना चलता रहा.
मैंने उसे बेहद कामुक कर दिया था जिस वजह से मेरी बहन अब तक एक बार झड़ चुकी थी, वह अपनी चूत रस से वह मेरे लौड़े को नहला चुकी थी.
मैंने भी गोल सैट किया और एक करारे शॉट के साथ लौड़े को चूत के अन्दर पेल दिया.
उसकी कुंवारी चूत एकदम संकरी थी.
मेरे मोटे लंड के झटके से घुसने से वह चिल्लाने लगी.
मैंने झपट कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
उसकी आवाज दब गई तो मैं नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर धक्का देने लगा.
वह बेहद कसमसा रही थी और मुझे छूटने की कोशिश कर रही थी.
कुछ ही देर में मैंने पूरा लंड अपनी बहन की चूत में अन्दर तक पेल दिया और सटासट अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत ने भी लंड की मोटाई के अनुसार खुद को फैला दिया था तो उसका दर्द भी कम हो गया था.
अब उसकी आवाजें निकलना बंद हो गई थीं और जिस्म की छटपटाहट भी खत्म हो गई थी.
मैंने महसूस किया था कि अब मेरी बहन अपनी गांड उठाने लगी थी.
तब मैंने उसके मुँह से मुँह हटाया और दोनों हाथ उसके दोनों तरफ टिका कर चूत में लंड पेलना चालू कर दिया.
वह मेरी आंखों में देखती हुई ‘उन्ह उन्ह …’ कर रही थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी कसमसाहट थी.
उसकी कमर भी मेरे झटकों के साथ ऊपर नीचे हो रही थी.
फिर अचानक से उसका जिस्म ऐंठने लगा और उसकी उन्ह उन्ह की आवाज तेज हो गई.
मैं समझ गया कि अब मेरी बहन झड़ने वाली है.
यही हुआ भी … वह अगले कुछ ही पलों में एक तेज आवाज के साथ झड़ने लगी और एकदम लाश जैसी निढाल हो गई.
मैं भी अपने लौड़े पर उसके गर्म पानी का अहसास करने लगा और रुक गया.
उसने अपने दोनों हाथ पैर फैला दिए थे और उसकी आंखें मुंद गई थीं.
उसी समय मुझे कुछ याद आया और मैं उसकी चूत से लंड निकाल कर उसकी टांगों के बीच में आ गया.
वह लंड निकाल लेने से एक बार सिसकी और उसने आंखें खोल कर मेरी तरफ देखा.
मैंने उसकी चूत को देखा तो उसमें से खून निकल रहा था.
उसकी चूत को मैंने बिस्तर की चादर से पौंछा और वह कुछ समझ पाती, उससे पहले ही अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया.
उसकी कमर एकदम से हिली और शरीर ने झुरझुरी सी ली.
मैं लगा रहा और जीभ को चूत के अन्दर डाल कर चूत रस को चाटने लगा.
वह कुछ पल तक तो सहयोग नहीं कर रही थी पर जब उसे जीभ से चाटे जाने से चैन मिलने लगा … तब उसने अपनी टांगें खोल दीं और मैं पूरी मस्ती से उसकी चूत को चाटने लगा.
इससे हम दोनों को मजा आने लगा.
उसकी चूत वापस गर्म होने लगी थी.
कुछ ही देर बाद मैंने अपने लौड़े को सहलाया और उसकी इस विजय का फल देने के लिए अपनी बहन की चूत में वापस लंड सैट कर दिया.
इस बार उसने खुद से आंखों से इशारा किया कि ‘जल्दी से अन्दर पेलो’ और इसी के साथ उसने अपनी कमर उठा दी.
मैंने फिर से लंड चूत में पेल दिया और अपनी बहन की चुदाई करने लगा.
करीब दस मिनट बाद वह फिर से झड़ गई और उसी के साथ मैं भी अपनी बहन की चूत में झड़ जाने के लिए एकदम से तेज हो गया.
अब मेरे लंड से भी माल आने की खबर लगने लगी थी.
मैं और जोर जोर से अपनी बहन को चोदने लगा.
और मैंने अपने लंड का सारा माल अन्दर ही छोड़ दिया.
वह रोने लगी- ये क्या किया … अब तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी और माँ पापा तो मेरी जान ही ले लेंगे.
मैंने कहा- अरे पगली, मैं कल दवा ला दूँगा, खा लेना. सब ठीक हो जाएगी.
दवा का नाम सुनते ही वह खुश हो गई और फिर से लंड लेने के लिए रेडी हो गई.
उस रात मैंने अपनी बहन को 4 बार चोदा.
मैंने हॉट यंग सिस्टर सेक्स करके चारों बार अपने लंड का माल उसकी चूत में ही डाला था.
अब चूंकि मम्मी पापा को 4 दिन तक वापस नहीं आना था तो लगातार चारों दिन और रात बहन की चूत में मेरे लंड की पेलम पेली चली.
चार दिन बाद जब मम्मी पापा घर आ गए तो हमारा खेल बंद हो गया था.
मम्मी पापा के वापस आ जाने के एक महीने बाद की बात है.
उस दिन कुछ ज्यादा ही बरसात हो रही थी.
उस वजह से मौसम काफी ठंडा हो गया था और ठण्ड भी लगने लगी थी.
पापा मम्मी रात को अपने कमरे में लेटे थे. हम दोनों अलग कमरे में सोने चले गए थे.
हालांकि मेरी बहन मम्मी के साथ सोती है और पापा मेरे साथ बाहर वाले कमरे में सोते हैं.
चूंकि पापा अभी भी मम्मी को पेलते हैं तो वे कभी कभी मम्मी के साथ सो जाते हैं और मम्मी भी अभी तक पापा के लौड़े का मज़ा लेती रहती हैं.
उस दिन भी यही हुआ.
पापा मम्मी के साथ कमरे में चले गए और हम दोनों बाहर वाले कमरे में आ गए.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर मजा ले रहे थे.
तभी पापा मम्मी के रूम से सेक्सी आवाजें आने लगीं.
इतने में मेरी बहन गर्म हो गई और उसने मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैंने कहा- अन्दर प्रोग्राम फुल स्पीड पर है.
वह बोली- तो तुम क्यों रुके हुए हो? तुम भी शुरू हो जाओ.
उसकी बात सुनकर मैं भी उत्तेजित हो गया.
बाहर मौसम भी सुहाना था, ठण्ड भी हो गई थी … तो हम दोनों कम्बल में घुस गए और लौड़े को चूत में पेलने की विधि शुरू करने लगे.
उधर पापा चालू थे.
मेरी बहन मुझसे अपनी चूत में लंड डलवाने के लिए टांगें फैला रही थी.
मैंने भी सट से लौड़े को बहन की चूत में सरका दिया.
अब मेरी बहन मेरे लौड़े को बड़े आराम से अन्दर लेने लगी थी.
हम दोनों का चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.
उस दिन पापा मम्मी चुदाई के बाद सो गए और हम दोनों पेलम पेली का खेल खेलते रहे.
रात को 2 बजे तक हम दोनों ने खूब चुदाई की और मैं अपना लंड बहन की चूत में ही डालकर सो गया.
थकान के कारण नींद इतनी गहरी लगी कि कब सुबह हुई, पता ही नहीं चला.
जब मेरा नींद खुली, तो मेरा लंड मेरी बहन की चूत में ही घुसा था.
सुबह के समय लंड खड़ा हो जाता है, तो मेरे देखते ही लौड़े में तनाव आ गया मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
बहन को सूखी चूत में दर्द होने लगा तो वह जाग गई और बोली- रात भर में मन ही नहीं भरा क्या … जो सुबह होते ही चालू हो गए. मेरी सूखी चूत में कितना ज्यादा दर्द हो रहा है, जरा ख्याल करो!
मैंने हाथ से थूक लेकर उसकी चूत में मल दिया और उसकी चूत के दाने को मसल दिया.
तो वह भी गर्म हो गई और सिसकारियां लेने लगी- ऊ आ आह ओह माइ गॉड इतना करोगे तो मर ही जाऊंगी … लगता है शादी से पहले ही मेरी चूत को भोसड़ा बना दोगे!
अब वह भी किस करने लगी.
इस बार मैं उसे इतना जोर जोर से पेल रहा था कि पूरे कमरे में आवाज जा रही थी.
हम लोग चुदाई करने के बाद उठे और मुँह धोने के लिए ब्रश लेकर छत पर चले गए.
मैं बैटरी वाला ब्रश यूज करता हूँ जो मुँह में अपने आप चलता है.
उसका हैंडल लंड के जैसे गोल होता है.
मैं उसको अपनी बहन की चूत में डाल के हिलाने लगा.
मैंने बैटरी चालू कर दी तो वह किसी डिल्डो की तरह बहन की चूत को मजा देने लगा.
मैं उसकी चूत में ब्रश घुसेड़ कर उसकी क्लिट को मसलने लगा.
उसको भी मेरी यह हरकत पसंद आ रही थी.
कुछ ही देर में बहन की चूत ने झाग फैंक दिया तो मैं कोलगेट और ब्रश से उसकी चूत को साफ करने लगा.
फिर पानी से चूत को धोया और उसे देखने लगा.
वह हंस रही थी.
मैंने अगली शरारत की.
छत पर पानी मोटर लगी थी, मैंने उसे चालू कर दिया और मोटर का पाइप बहन की चूत में घुसा कर एकदम से बाहर निकाल दिया.
वह भी एकदम से ठंडे पानी की मोटी धार के चूत में प्रेशर से घुसने से सकपका गई थी.
मैंने उसकी चूत से पाइप बाहर निकाल कर देखा कि तो उसकी चूत से पानी की धार बह रही थी और उसकी चूत से माल के कतरे भी साथ में बाहर आ रहे थे.
हम दोनों हंसने लगे.
फिर हम दोनों नीचे आ गए और खाना खाकर दिन में ही सो गए.
मम्मी भी रात की चुदाई से थकी हुई थीं तो वे भी सो रही थीं.
अब अपनी बहन की चुदाई करना मेरी आदत हो गई थी.
उसकी चूत पेलने का जब भी मन करता था तो मैं उसको बोल देता था और वह मान जाती थी.
इसी तरह जब भी उसका मन करता तो वह भी बोल देती थी कि मुझे आज लंड लेना है.
मैं भी उसकी चूत चुदाई कर देता था.
हम दोनों ही समय और मौका देख कर अपनी जवानी को चुदाई का सुख दे देते हैं.
मैं अब कभी भी उसकी चूत में उंगली कर देता हूँ या बूब्स को दबाता रहता हूँ.
पापा काम पर चले जाते हैं और मम्मी सो जाती हैं तो मैं दिन में ही अपनी सगी बहन की चूत में लंड भी घुसा देता हूँ.
इस तरह से बहन के मुँह और चूत में जब तब मेरा लंड चलने लगा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.