09-12-2023, 03:23 PM
करीब 30 मिनट तक बिना रुके अंकल ने दीदी की ये जबरदस्त चुदाई की और सारा वीर्य दीदी की चूत में डाल दिया और फिर अंकल बिस्तर से नीचे आ गए और कुछ देर तक वहीं लेटे रहे। हम तीनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे बैठे थे पर कोई किसी पर अब ध्यान नहीं दे रहा था।
कुछ देर बाद अंकल उठे और मुझसे कहा- अपनी दीदी को पानी पिला।
मैंने सामने से पानी लिया और दीदी को उठाया और पानी पिलाया।
उतने में अंकल ने एक तौलिया लेकर अपने शरीर से पसीना साफ़ किया और एक कपड़ा मुझे दिया ताकि मैं दीदी के शरीर को साफ़ कर सकूँ।
पर दीदी अब ठीक लग रही थी तो दीदी खुद उठी और अपना शरीर साफ़ करने लगी और मैं भी दीदी की मदद कर रहा था।
दीदी को साफ़ करते करते मेरा लण्ड खड़ा हो गया और ये दीदी ने देख लिया तो दीदी ने कहा- इसे अभी शांत ही रख। अभी मेरी फिर से कुछ करने की हालत नहीं है। थोड़ी देर बाद देखते हैं।
यह सुन कर मैं खुश गया वर्ना मुझे तो लगा था कि मुझे आज ऐसे ही घर जाना पड़ेगा।
तभी दीदी फिर लेट गयी और बोली- ऐसी चुदाई मैंने बहुत टाइम बाद की। बहुत मज़ा आ गया।
तो अंकल हैरान हो कर बोले- बहुत टाइम बाद … मतलब? क्या तुम पहले भी किसी से ऐसे चुद चुकी हो?
तब हमने दास अंकल को सारी बात बता दी कि कैसे दीदी आज तक बहुत लोगों से चुद चुकी है।
ये सब अंकल भी हैरान हो गए और बोले- तू तो एक नंबर की रंडी निकली। पर मुझे लगा ही था क्योंकि मेरी इतनी भयंकर चुदाई के बाद भी तू खड़ी हो गयी और तो और बातें भी कर रही है।
ये सुन कर सब हंसने लगे।
तब दीदी ने कहा- पर सच में दास अंकल, अगर आप ने बस में हमें न पकड़ा होता तो इतनी अच्छी चुदाई का अनुभव मुझे नहीं मिलता और मुझे इस निखिल से ही काम चलाना पड़ता।
ये सुन कर वो दोनों हंसने लगे।
पहले मुझे भी बुरा लगा पर बाद में मैं भी हंसने लगा।
दास अंकल- अब तुम लोगों को उस बस में जाने की ज़रूरत नहीं है। अब आगे से तुम लोग सीधे मेरे अड्डे पर आ जाना और यहीं अपना काम किया करना और हो सके तो मुझे भी मौका दे दिया करना।
दीदी- अरे दास अंकल, कैसी बातें कर रहे हो। आपसे चुदने के लिए तो मैं कभी भी तैयार हूँ। आगे से हम यहीं आया करेंगे।
उसके बाद करीब एक घण्टे तक हमने ऐसे ही बातें की। अब सब फिर से चार्ज हो गए थे। मेरा दीदी की चूत चोदने का बड़ी देर से मन कर रहा था इसलिए मैंने दीदी को पहले चोदा। बाद में अंकल फिर दीदी को वैसे ही चोदा।
अब अंकल थक गए थे तो वो नीचे बिस्तर बिछा कर सो गए और हमसे कहा कि हम दोनों भाई बहन उसी बिस्तर पर सो जाएं।
हालांकि दीदी भी बहुत थक गयी थी इसलिए दीदी सोना चाहती थी पर अब 5 बजने को सिर्फ 2 घण्टे बाकी थे और मेरा मन अभी भी भरा नहीं था। इसलिए मैंने दीदी को फिर से चोदा। इन 2 घंटों में मैंने दीदी को 3 बार चोदा। उनको मैंने सोने नहीं दिया। दीदी ने भी मना नहीं किया और मज़े लेती रही।
उसके बाद हम उठे और कपड़े पहन के अपना हुलिया थोड़ा ठीक किया। अब हम वहां से जाने के लिए तैयार थे, तो अंकल भी उठ गए।
अंकल- तुम लोगों ने मेरी रात सुहानी बना दी, इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। अगली बार जल्दी ही आना।
हम वहां से चुपके से चले गए और घर पहुँच गये। पापा हमारे आते ही उठ गए, पर उतने में दीदी जल्दी से अपने कमरे में चली गयी। दीदी इतनी जल्दी इसलिए चली गयी क्यूंकि उनकी शक्ल इतनी भयानक चुदाई से खराब हो गयी थी इसलिए दीदी नहाने चली गयी।
उसके बाद मैं भी अपने कमरे में गया और तैयार हो के कॉलेज चले गए।
इसके बाद जब भी हमे मौका मिलता तो हम दास अंकल के कमरे में चले जाते और वहां चुदाई के मज़े लेते। जब कभी मम्मी पापा घर पर नहीं होते तो हमारे भाग ही खुल जाते। तब तो पूरे घर में अपना ही राज़ होता था। तब तो कभी मैं दीदी को रसोई में चोदता तो कभी हॉल में, तो कभी बाथरूम में नहाते हुए।
कुछ देर बाद अंकल उठे और मुझसे कहा- अपनी दीदी को पानी पिला।
मैंने सामने से पानी लिया और दीदी को उठाया और पानी पिलाया।
उतने में अंकल ने एक तौलिया लेकर अपने शरीर से पसीना साफ़ किया और एक कपड़ा मुझे दिया ताकि मैं दीदी के शरीर को साफ़ कर सकूँ।
पर दीदी अब ठीक लग रही थी तो दीदी खुद उठी और अपना शरीर साफ़ करने लगी और मैं भी दीदी की मदद कर रहा था।
दीदी को साफ़ करते करते मेरा लण्ड खड़ा हो गया और ये दीदी ने देख लिया तो दीदी ने कहा- इसे अभी शांत ही रख। अभी मेरी फिर से कुछ करने की हालत नहीं है। थोड़ी देर बाद देखते हैं।
यह सुन कर मैं खुश गया वर्ना मुझे तो लगा था कि मुझे आज ऐसे ही घर जाना पड़ेगा।
तभी दीदी फिर लेट गयी और बोली- ऐसी चुदाई मैंने बहुत टाइम बाद की। बहुत मज़ा आ गया।
तो अंकल हैरान हो कर बोले- बहुत टाइम बाद … मतलब? क्या तुम पहले भी किसी से ऐसे चुद चुकी हो?
तब हमने दास अंकल को सारी बात बता दी कि कैसे दीदी आज तक बहुत लोगों से चुद चुकी है।
ये सब अंकल भी हैरान हो गए और बोले- तू तो एक नंबर की रंडी निकली। पर मुझे लगा ही था क्योंकि मेरी इतनी भयंकर चुदाई के बाद भी तू खड़ी हो गयी और तो और बातें भी कर रही है।
ये सुन कर सब हंसने लगे।
तब दीदी ने कहा- पर सच में दास अंकल, अगर आप ने बस में हमें न पकड़ा होता तो इतनी अच्छी चुदाई का अनुभव मुझे नहीं मिलता और मुझे इस निखिल से ही काम चलाना पड़ता।
ये सुन कर वो दोनों हंसने लगे।
पहले मुझे भी बुरा लगा पर बाद में मैं भी हंसने लगा।
दास अंकल- अब तुम लोगों को उस बस में जाने की ज़रूरत नहीं है। अब आगे से तुम लोग सीधे मेरे अड्डे पर आ जाना और यहीं अपना काम किया करना और हो सके तो मुझे भी मौका दे दिया करना।
दीदी- अरे दास अंकल, कैसी बातें कर रहे हो। आपसे चुदने के लिए तो मैं कभी भी तैयार हूँ। आगे से हम यहीं आया करेंगे।
उसके बाद करीब एक घण्टे तक हमने ऐसे ही बातें की। अब सब फिर से चार्ज हो गए थे। मेरा दीदी की चूत चोदने का बड़ी देर से मन कर रहा था इसलिए मैंने दीदी को पहले चोदा। बाद में अंकल फिर दीदी को वैसे ही चोदा।
अब अंकल थक गए थे तो वो नीचे बिस्तर बिछा कर सो गए और हमसे कहा कि हम दोनों भाई बहन उसी बिस्तर पर सो जाएं।
हालांकि दीदी भी बहुत थक गयी थी इसलिए दीदी सोना चाहती थी पर अब 5 बजने को सिर्फ 2 घण्टे बाकी थे और मेरा मन अभी भी भरा नहीं था। इसलिए मैंने दीदी को फिर से चोदा। इन 2 घंटों में मैंने दीदी को 3 बार चोदा। उनको मैंने सोने नहीं दिया। दीदी ने भी मना नहीं किया और मज़े लेती रही।
उसके बाद हम उठे और कपड़े पहन के अपना हुलिया थोड़ा ठीक किया। अब हम वहां से जाने के लिए तैयार थे, तो अंकल भी उठ गए।
अंकल- तुम लोगों ने मेरी रात सुहानी बना दी, इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। अगली बार जल्दी ही आना।
हम वहां से चुपके से चले गए और घर पहुँच गये। पापा हमारे आते ही उठ गए, पर उतने में दीदी जल्दी से अपने कमरे में चली गयी। दीदी इतनी जल्दी इसलिए चली गयी क्यूंकि उनकी शक्ल इतनी भयानक चुदाई से खराब हो गयी थी इसलिए दीदी नहाने चली गयी।
उसके बाद मैं भी अपने कमरे में गया और तैयार हो के कॉलेज चले गए।
इसके बाद जब भी हमे मौका मिलता तो हम दास अंकल के कमरे में चले जाते और वहां चुदाई के मज़े लेते। जब कभी मम्मी पापा घर पर नहीं होते तो हमारे भाग ही खुल जाते। तब तो पूरे घर में अपना ही राज़ होता था। तब तो कभी मैं दीदी को रसोई में चोदता तो कभी हॉल में, तो कभी बाथरूम में नहाते हुए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.