09-12-2023, 02:34 AM
आयेज…
मों को समाज नही आ रहा था की क्या करे और वो बोहोट डारी हुई थी. क्यूकी मों यूयेसेस आदमी से सेक्स नही करना चाहती थी लेकिन यूयेसेस आदमी से छुटकारा पानेका सिर्फ़ 1 ही उपाय ना की कैसे भी करके मेरा खड़ा करे.
मों अब मेरे पास आ गयी और मेरे लंड हाथ मे लेके हिलने लगी. मई भी मों को बचाने के लिए खड़ा करने की कोशिश कर रहा था पर मेरा खड़ा होने का नाम ही नही ले रहा था.
10 मिनिट निकल गये फिर भी मेरा खड़ा नही हुआ. मों अब हार मान चुकी थी. वो दुख भरे आँखो से मेरी तरफ देख के बोली-
मों-बेटा में आज तक टुमरे पापा के सिवाय किसी और से नही किया.. आज सिर्फ़ तू ही अपनी मा की इज़्ज़त बचा सकता है. में ये तो नही चाहती की तू मेरे साथ सेक्स करे पर इसके इलावा और कोई उपाय नही है. बेटा कैसे भी करके इससे खड़ा करो और मेरी… (इतना कह कर मों चुप हो गयी.)
मों की बातें सुन्न के मेरे लंड मे थोडिसी हुलचूल हुवी जो मों ने महसूस किया.
मों अब समाज चुकी थी की मेरा लंड हटो से नही बातो से खड़ा हो सकता है. फिर उसने आँसू पोचे और बोली-
मों-बेटा जल्दी से अपना लंड खड़ा कर और डाल दे अपनी मा की छूट मे. देख तेरी मा की ये छूट तेरा लंड लेने के लिए तड़प रही है. अगर आज इश्स चूत को नही चोद सका तो कभी नही छोड़ पाएगा. और अगर आज छोड़ लिया तो ये छूट तेरी हो जाएगी.
अगले 5 दिन टुमरे पापा नही होंगे घर पर. ये 5 दिन हम रोज चुदाई करेंगे. आज ये मत सोचो की टुमरी मा है टुमरे सामने. ये सोचो की एक नंगी रंडी है टुमरे सामने जो अपनी छूट छुड़वाना चाहती है…
मों के मू से ऐसे शब्द सुन्न के मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा.
मों का ये नया रूप देख के वो आदमी भी डांग रह गया.
अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. मेने बिना देरी किए मों को नीचे लेता दिया, मों ने अपने पैर फैलाए. अब मों की छूट बिल्कुल मेरे सामने थी. मैं मों के उपेर लेट गया और लंड मों की छूट पे रख के रगड़ने लगा.
मों की छूट भी गीली थी इसलिए मेरा लंड आसनिसे मों की छूट मे चला गया.
में अपने दोनो हाथो से मों के बूब्स दबाने लगा और कमर उपेर नीचे करके मों की चुदाई करने लगा. मों भी गरम हो चुकी थी वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मों- अया अया एस्स…बेटा चोद आज अपनी मा को.. आज ये छूट तेरी है…ज़ोर से छोड़….अया और ज़ोर से…पूरा लंड डाल दो अंदर…..आआहह आअहह बोहोट मज़ा एयेए रहा है.
मे-मों मुझे भी बोहोट मज़ा आ रहा है.. मों आज के बाद मे रोज छोड़ूँगा टुजे.. छोड़ने डोगी ना मुझे अपनी ये मुलायम छूट..?
मों-बेटा अब ये छूट भी तेरी और में भी. तुम मुझे जब मॅन करे छोड़ना अया…ह्म्म्म्म…ससस्स..आहह बोहोट मज़ा आ रहा हाइईइ…
हमारी बातें सुनके यूयेसेस आदमी को भी कुछ होने लगा. वो नंगा होकर हमारे पास आगेया और बोला-
आदमी-वाह यहा तो पार्टी हो रही है… तुम दोनो मज़ा कर रहे हो और मे तूमे खड़ा होके देखु ये तो ना इंसाफी है!
मों-लेकिन तुमने तो वाडा किया था..?
आदमी-छोड़ूँगा नही ये वाडा किया था बाकी सब तो कर सकता हूँ ना.
मों-नही ये ग़लत है..!
आदमी- साली रंडी अपने सगे बेटे से मज़े से छुड़वा रही है और मुझे ज्ञान दे रही हो!
इतना कह के वो मों के पास आ गया और बोला-
आदमी-चलो अब घोड़ी बन जेया अपने बेटे का पीछे से चूत मे लो और मेरा मू मे.
मों ने इस बार कुछ नही कहा और घोड़ी बन गयी. में मों के पीछे गया और पीछे से मों की छूट मे लंड डाला और चुदाई करने लगा.
वो आदमी अपना लंड मों के मू के करीब ले गया मों ने मू मे लेने से माना किया.
आदमी-रंडी जल्दी से मू खोलो साली अपने बेटे का तो लोलीपोप की तरह चूस रही थी. अब जल्दी मू मे लो नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा!!
मों अब दर्र गयी और बिना कुछ कहे उसका लंड मू मे लेके चूसने लगी.
अब मैने भी अपनी स्पीड बधाई और 5 मिनिट ज़ोर ज़ोर से चूड़ने के बाद मों की छूट मे ही झाड़ गया. कुछ देर बाद वो आदमी भी मों के मू मे झाड़ गया.
फिर हम तीनो नंगे ही वॉटरफॉल के नीचे गये और नहाने लगे.
कुछ देर नहाने के बाद उस आदमी ने मों को एक पत्थर पे बैठने को कहा. फिर उस आदमी ने मों के पैर फैलाए और छूट पे अपना मू ले गया और अपनी जिब मों की छूट मे डालके चाटने लगा.
छूट चाटने से मों फिर से गरम हो गयी..
मों- आअहह….मज़ा आ रहा है और अंदर डालो जिब…
आदमी- क्या मस्त छूट है तेरी.. अगर मे तेरा पति होता तो रोज इससे छत के रस पिता…
कुछ देर छूट चाटने के बाद वो आदमी खड़ा हो गया.
मों-क्या हुवा तुम रुक क्यू गये?
आदमी- टुमरी चाटने से मेरा फिर से खड़ा हो गया है. अगर और चटा तो मे अपना वाडा तोड़ के कही टुमरी चुदाई ना कर बैठू इसलिए और नही चटा.
मों मेरी तरफ नशीली नज़ारो से देखने लगी लेकिन मेरा लंड ढीला पद चुका था जो 2 बार झड़ने से फिर शायद ही खड़ा हो.
मों-बेटा क्या हम फिर से कर सकते है…मुझे टुमरी ज़रूरत है.
मे-मों अब मुझे नही लगता में फिर से कर पौँगा..
मों निराश हो गयी.
आदमी- अगर मे चाहू तो तुम्हारी गर्मी ठंड कर सकता हूँ…
मों- (अपने आप को कंट्रोल करते हुवे) मुझे नही करना.
आदमी-ठीक है छूट मे ना सही काँसे कम इससे मू मे तो लेलो एक बार. इसके बदले मे टुमरी छूट चाटके पानी निकालूँगा.
मों बहोट गरम थी इस लिए बिना देर किए उसके पास गयी और लंड मू मे लेके चूसने लगी. फिर उस आदमी ने मों को नीचे लेटने को कहा और वो मों के उपेर 69 पोज़िशन पे लेट गया. वो मों की छूट चाटने लगा और मों उसका लंड.
कुछ देर बाद वो दोनो एक दूसरे के मू मे झाड़ गये. मों ने उसका वीर्या थूक दिया लेकिन वो मों का जूस बड़े स्वाद के साथ छत रहा था.
फिर यूयेसेस आदमी ने ह्यूम वॉटरफॉल मे नहाने को कहा और बोला-
आदमी- तुम दोनो एंजाय करो मे टुमारा
मों को समाज नही आ रहा था की क्या करे और वो बोहोट डारी हुई थी. क्यूकी मों यूयेसेस आदमी से सेक्स नही करना चाहती थी लेकिन यूयेसेस आदमी से छुटकारा पानेका सिर्फ़ 1 ही उपाय ना की कैसे भी करके मेरा खड़ा करे.
मों अब मेरे पास आ गयी और मेरे लंड हाथ मे लेके हिलने लगी. मई भी मों को बचाने के लिए खड़ा करने की कोशिश कर रहा था पर मेरा खड़ा होने का नाम ही नही ले रहा था.
10 मिनिट निकल गये फिर भी मेरा खड़ा नही हुआ. मों अब हार मान चुकी थी. वो दुख भरे आँखो से मेरी तरफ देख के बोली-
मों-बेटा में आज तक टुमरे पापा के सिवाय किसी और से नही किया.. आज सिर्फ़ तू ही अपनी मा की इज़्ज़त बचा सकता है. में ये तो नही चाहती की तू मेरे साथ सेक्स करे पर इसके इलावा और कोई उपाय नही है. बेटा कैसे भी करके इससे खड़ा करो और मेरी… (इतना कह कर मों चुप हो गयी.)
मों की बातें सुन्न के मेरे लंड मे थोडिसी हुलचूल हुवी जो मों ने महसूस किया.
मों अब समाज चुकी थी की मेरा लंड हटो से नही बातो से खड़ा हो सकता है. फिर उसने आँसू पोचे और बोली-
मों-बेटा जल्दी से अपना लंड खड़ा कर और डाल दे अपनी मा की छूट मे. देख तेरी मा की ये छूट तेरा लंड लेने के लिए तड़प रही है. अगर आज इश्स चूत को नही चोद सका तो कभी नही छोड़ पाएगा. और अगर आज छोड़ लिया तो ये छूट तेरी हो जाएगी.
अगले 5 दिन टुमरे पापा नही होंगे घर पर. ये 5 दिन हम रोज चुदाई करेंगे. आज ये मत सोचो की टुमरी मा है टुमरे सामने. ये सोचो की एक नंगी रंडी है टुमरे सामने जो अपनी छूट छुड़वाना चाहती है…
मों के मू से ऐसे शब्द सुन्न के मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा.
मों का ये नया रूप देख के वो आदमी भी डांग रह गया.
अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. मेने बिना देरी किए मों को नीचे लेता दिया, मों ने अपने पैर फैलाए. अब मों की छूट बिल्कुल मेरे सामने थी. मैं मों के उपेर लेट गया और लंड मों की छूट पे रख के रगड़ने लगा.
मों की छूट भी गीली थी इसलिए मेरा लंड आसनिसे मों की छूट मे चला गया.
में अपने दोनो हाथो से मों के बूब्स दबाने लगा और कमर उपेर नीचे करके मों की चुदाई करने लगा. मों भी गरम हो चुकी थी वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मों- अया अया एस्स…बेटा चोद आज अपनी मा को.. आज ये छूट तेरी है…ज़ोर से छोड़….अया और ज़ोर से…पूरा लंड डाल दो अंदर…..आआहह आअहह बोहोट मज़ा एयेए रहा है.
मे-मों मुझे भी बोहोट मज़ा आ रहा है.. मों आज के बाद मे रोज छोड़ूँगा टुजे.. छोड़ने डोगी ना मुझे अपनी ये मुलायम छूट..?
मों-बेटा अब ये छूट भी तेरी और में भी. तुम मुझे जब मॅन करे छोड़ना अया…ह्म्म्म्म…ससस्स..आहह बोहोट मज़ा आ रहा हाइईइ…
हमारी बातें सुनके यूयेसेस आदमी को भी कुछ होने लगा. वो नंगा होकर हमारे पास आगेया और बोला-
आदमी-वाह यहा तो पार्टी हो रही है… तुम दोनो मज़ा कर रहे हो और मे तूमे खड़ा होके देखु ये तो ना इंसाफी है!
मों-लेकिन तुमने तो वाडा किया था..?
आदमी-छोड़ूँगा नही ये वाडा किया था बाकी सब तो कर सकता हूँ ना.
मों-नही ये ग़लत है..!
आदमी- साली रंडी अपने सगे बेटे से मज़े से छुड़वा रही है और मुझे ज्ञान दे रही हो!
इतना कह के वो मों के पास आ गया और बोला-
आदमी-चलो अब घोड़ी बन जेया अपने बेटे का पीछे से चूत मे लो और मेरा मू मे.
मों ने इस बार कुछ नही कहा और घोड़ी बन गयी. में मों के पीछे गया और पीछे से मों की छूट मे लंड डाला और चुदाई करने लगा.
वो आदमी अपना लंड मों के मू के करीब ले गया मों ने मू मे लेने से माना किया.
आदमी-रंडी जल्दी से मू खोलो साली अपने बेटे का तो लोलीपोप की तरह चूस रही थी. अब जल्दी मू मे लो नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा!!
मों अब दर्र गयी और बिना कुछ कहे उसका लंड मू मे लेके चूसने लगी.
अब मैने भी अपनी स्पीड बधाई और 5 मिनिट ज़ोर ज़ोर से चूड़ने के बाद मों की छूट मे ही झाड़ गया. कुछ देर बाद वो आदमी भी मों के मू मे झाड़ गया.
फिर हम तीनो नंगे ही वॉटरफॉल के नीचे गये और नहाने लगे.
कुछ देर नहाने के बाद उस आदमी ने मों को एक पत्थर पे बैठने को कहा. फिर उस आदमी ने मों के पैर फैलाए और छूट पे अपना मू ले गया और अपनी जिब मों की छूट मे डालके चाटने लगा.
छूट चाटने से मों फिर से गरम हो गयी..
मों- आअहह….मज़ा आ रहा है और अंदर डालो जिब…
आदमी- क्या मस्त छूट है तेरी.. अगर मे तेरा पति होता तो रोज इससे छत के रस पिता…
कुछ देर छूट चाटने के बाद वो आदमी खड़ा हो गया.
मों-क्या हुवा तुम रुक क्यू गये?
आदमी- टुमरी चाटने से मेरा फिर से खड़ा हो गया है. अगर और चटा तो मे अपना वाडा तोड़ के कही टुमरी चुदाई ना कर बैठू इसलिए और नही चटा.
मों मेरी तरफ नशीली नज़ारो से देखने लगी लेकिन मेरा लंड ढीला पद चुका था जो 2 बार झड़ने से फिर शायद ही खड़ा हो.
मों-बेटा क्या हम फिर से कर सकते है…मुझे टुमरी ज़रूरत है.
मे-मों अब मुझे नही लगता में फिर से कर पौँगा..
मों निराश हो गयी.
आदमी- अगर मे चाहू तो तुम्हारी गर्मी ठंड कर सकता हूँ…
मों- (अपने आप को कंट्रोल करते हुवे) मुझे नही करना.
आदमी-ठीक है छूट मे ना सही काँसे कम इससे मू मे तो लेलो एक बार. इसके बदले मे टुमरी छूट चाटके पानी निकालूँगा.
मों बहोट गरम थी इस लिए बिना देर किए उसके पास गयी और लंड मू मे लेके चूसने लगी. फिर उस आदमी ने मों को नीचे लेटने को कहा और वो मों के उपेर 69 पोज़िशन पे लेट गया. वो मों की छूट चाटने लगा और मों उसका लंड.
कुछ देर बाद वो दोनो एक दूसरे के मू मे झाड़ गये. मों ने उसका वीर्या थूक दिया लेकिन वो मों का जूस बड़े स्वाद के साथ छत रहा था.
फिर यूयेसेस आदमी ने ह्यूम वॉटरफॉल मे नहाने को कहा और बोला-
आदमी- तुम दोनो एंजाय करो मे टुमारा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.