08-12-2023, 02:29 AM
बस में , एक अजनबी के साथ , रोमांचक अनुभव
हमे एक शादी में जाना था , सिलीगुड़ी 3 दिन के लिए
राहुल ने रॉकेट बस की टिकट बुक कर दी
और वो रात आ गई
बस की सवारी का
करीब 8 बजे बस का टाइम था
सुबह 7 बजे के करीब सिलीगुड़ी पहुंचनी थी
राहुल ने मुझे मानसिक रूप से तैयार कर दिया था
उसने 2 टिकट पीछे की row में ली
बस की सीट 2 by 2 थी, यानी एक साथ 2 आदमी बैठने की जगह थी
राहुल ने 2 टिकट 2अलग अलग कतार में ली , यानी अलग अलग हम बैठे
मैं आगे की कतार में
राहुल पीछे की कतार में
राहुल ने मुझे बहुत कुछ समझाया था
आगे सब बतुआंगी
हम ठीक 7.45 पे अपनी अपनी सीट पे बैठ गए
मेरी सीट के पास वाली सीट पे कोई आया नही
और राहुल की सीट के पास वाली सीट भी खाली ही थी
राहुल ने पूछा , क्या ये खाली है ?
कंडक्टर ने कहा आगे स्टॉप से चढ़ेंगे
बस 8 बजे चल दी
थोरी देर बाद , बस की लाइट भी काफी कम हो गई
करीब 15 मिनिट बाद , एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति मेरे पास आ के बैठा , करीब 55 56 का होगा ही
वो धोती में था
शायद किसी गांव में रहता था
मुझे लगा , राहुल की सारी प्लानिंग खत्म हो गई ,
ये बूढ़ा कोई बदमाशी क्या करेगा
मैंने एक साल लपेट रखी थी
मैं यूं लेती थी , मानो नींद में हूं
उस बूढ़े ने मुझसे पूछा आप कहां जाओगे
लेकिन मैने उतर नही दिया , उसको लगा , मैं नींद में हूं
15 20 मिनिट गुजर गए
मैंने धीरे से उनकी तरफ हो
उनसे कही : बाबाजी ,कोई जगह बस रुके , तो मुझे उठा दीजियेगा, , मुझे दवाई लेनी हैं
बाबाजी: ठीक है , 10 बजे रुकेगी
और मैं सो गई
करीब 30 35 मिनिट बाद , मुझे महसूस हुआ , मेरी जांघ पे कुछ दबाव सा, शाल के अंदर
बस में रोशनी न के बराबर थी
फिर वो हाथ से मेरी जांघों पे हल्के से दबाव दिया
शायद वो देख रहा था , मैं जागी हूं क्या
जब लगा , मैं सोई हुई हूं , उसकी अंगुली मेरे कमर को टच की
सिर्फ अंगुली से ही , वो मेरे पेट पे भी हाथ फेरा
और फिर वो अंगुली मेरे बूब्स पे लाया , हल्के से चारों तरफ घुमाया
इतनी धीरे से , की में यदि नींद में होती तो शायद पता ही नही चलता
उसकी अंगुली मेरे निप्पल के ऊपर आ के थोरी देर रुकी
फिर वो अंगुली हटा लिया शायद
लेकिन 5 मिनिट बाद ही , वो अंगुली मेरी जांघ पे लाया
और बढ़ते बढ़ते वो अंगुली ठीक मेरी chut जगह पर आ गई
उंगली से उसने हल्के से मेरी chut को ऊपर से ही टच किया
करीब 45, मिनिट हो गए होंगे
फिर उसकी अंगुली हट गई
और मुझे लगा , बस की लाइट जल गई
थोरी देर बाद , बस रुकी , एक ढाबा के सामने
सब उतरने लगे
बाबाजी ने मुझे कंधे से जगाया , स्टॉप आ गया , खाने का
आपने कहा था ना उठाने को
और वो भी नीचे उतर गया
मैं नीचे उतरी , बाथरूम गई , और एक पानी के बॉटल से , दवाई लेने की एक्टिंग की
बाबाजी थोड़ा दूर से मुझे ही देख रहे थे , मुझे मालूम था
राहुल को अपडेट कर दी
और हम सब बस में बैठ गए
बाबाजी भी आ गए
बाबाजी , ,: तने ,दवाई ले ली
jat वाली भाषा थी ओ
मैं : हां
बाबाजी : के होया है
मैं ,: नींद की दवाई ली हूं अभी , सुबह तक अच्छी नींद आयेगी
और मैं सो गई
बस की लाइट बंद हो गई पूरी इस बार
पूरा अंधेरा हो गया
और 15 मिनिट होते ही
उसकी अंगुली का काम सुरू हो गया
पहले चेक करने , जांघ पे हल्के से दबाई , फिर फेरी
अब अंगुली पेट पे आई , पेट को सहलाई
इस बार ज्यादा freely दबा रहा था पेट
थोरी देर , पेट और कमर पे अपनी अंगुली फेरने के बाद , वो मेरे एक बूब्स पे फेरना शुरू किया
बहुत धीरे धीरे , चारों तरफ , पूरा बूब्स
तभी मुझे लगा , उसने पूरी हथेली मेरे बूब्स पे हल्के से रखी
और पूरे बूब्स को हाथ में भरा
हल्के हल्के दबाया
दोनो बूब्स को हाथ से दबाते रहा थोरी देर
फिर मुझे लगा , एक अंगुली blouse के ऊपर से skin को टच की , और हल्के से , धीरे से , blouse के अंदर घुसने लगी
अंगुली पहले बूब्स पर पूरी , फिर निप्पल पे घूमी ,
थोरी देर , अंगुली से पूरे बूब्स को टच किया , निप्पल को टच किया
शायद उसको दिक्कत हो रही थी
तभी महसूस हुआ , शायद वो blouse के ऊपर का एक बटन खोल रहा है , फिर दूसरा बटन भी खोल दिया
अब ब्लाउज ऊपर से थोड़ा खुल गया
अब वो अंगुली आराम से अंदर ले गया
लेकिन , उसने पर्स हाथ ही डाल मेरे pure बूब्स को पकड़ा
मेरा एक बूब पूरा उसके हाथ में था
इस तरह वो दोनो बूब्स को पकड़ा एक दम नंगे पूरा
तभी लगा , शायद ब्लाउज थोड़ा साइड हो गया है , और इसके हाथ रखने से , मेरा बूब्स आधे से ज्यादा नंगा हो गया
तभी मुझे कुछ गीला गीला लगा , निप्पल पे
उसने अपनी जीव मेरे निप्पल पे रखी थी
थोरी देर यूं ही निप्पल को चाटते रहा
फिर उसका हाथ हट गया , उसने कोशिश की , बटन वापस लगाने की blouse की
थोरी देर शांति रही
फिर उसका हाथ मेरी जांघ पे महसूस हुआ
और फिर मेरी chut पे, साड़ी के ऊपर से ही
मैंने पेंटी नहीं पहनी थी
उसने एक उंगली , पेट से साड़ी के अंदर डालने सुरू की
और 5, मिनिट में ही वो अंगुली , मेरे chut को टच की , चारों तरफ घुमाई ,
फिर अंगुली बाहर आ गई
फिर थोरी देर Santi सी रही
लेकिन 5 मिनिट में ही मुझे लगा , मेरी साड़ी वो धीरे धीरे ऊपर कर रहा है
साड़ी जांघों तक आ गई
शायद उसे पेट से अंगुली ले जाने में दिक्कत हो रही थी
इसलिए उसने नीचे से शुरू किया
जांघों तक साड़ी आते ही , उसने हाथ अंदर किया और chut पे पूरा रख लिया
नंगी chut pe उसका हाथ
हल्के हल्के दबा रहा था , मानो मुट्ठी में भर रहा हो
थोरी देर बाद , उसने एक उंगली मेरे chut के छेद से अंदर डालने की चेष्टा की
उंगली लगभग अंदर घुस ही गई
chut और chut के छेद में थोरी देर रहा उसका हाथ और उंगली
फिर सब हट गया
मुझे लगा , खत्म हो गया उसका खेल , समय भी काफी गुजर ही गया होगा
अभी ,5 मिनिट ही हुए होंगे
उसका हाथ फिर अंदर आया मेरी शाल के , और मेरे हाथ पे रखा
हाथ को सहलाया , हथेली में हथेली डाली और सहलाया
तभी उसने धीरे से मेरे हाथ को खींचना सुरू किया और खींचते खींचते अपनी धोती पे ले गया
धोती के ऊपर से मेरा हाथ उसके lund पे था , और वो मेरे हाथ को lund पे दबा रहा था
फिर धीरे से अपना lund धोती के बाहर किया , और मेरे हाथ में पकड़ा दिया
मैं सिर्फ हाथ रखी थी , दबा वो ही रहा था मेरे हाथ से अपने lund को
थोरी देर lund को मेरे हाथ से दबाया
फिर मेरा हाथ हटा दिया
और मेरा हाथ अपनी जगह आ गया शाल के अंदर
तभी एक गजब बात हो गई
बाबाजी मेरे कान के पास आए
और पता
कहे : सुन छोरी, मने पता से, तू जागन लाग री है , मेरो गांव आन वालो स, अभी 3 बाज्य है, 4 बजे मेरो गांव आवागो, म 68 को होगों हूं , तने यदि मजों आयो ह, मने भी मज़ों दे दे , सीट के नीचे आ बैठ कर इन पकड़ ले और चाट ले एक बार
ना कोई देखन वालो है , ना को जानोगे, म भी 4, बजे उतर जाऊंगा , म मेरा रास्ता , तू तेरा रास्ता
एक बात कह दूं, तेरी चूची कड़क है , मज़ो आगो दबा के
अब तू देख ले
और चुप हो गया
मैं अवाक थी , सब कुछ करके अब मुझसे पकड़वाना और चटवाना भी चाहता है
मैं चुपचाप सोई रही
थोरी देर बाद
बाबाजी फिर बोले : मन कोनी, तो कोई बात नही
मैंने शाल साइड किया , हाथ को धीरे से ले जा के उनके lund को धोती के ऊपर से पकड़ा
2 मिनिट में , में मेरा हाथ धोती के अंदर ले गई और उनके lund ko पकड़ लिया , पूरा मुट्ठी में
5 मिनिट यूं ही दबाती रही , ऊपर नीचे करती रही
फिर में सीट से नीचे उतरी , बैठे बैठे उनकी सीट के नीचे आई , और धोती से lund निकाल उस पे जीव रखा , जीव से पूरा चाटा
फिर मुंह में पूरा ले लिया
वो सीट पे बैठे थे , में उनके घुटनो के पास जमीन पे
उनका lund मेरे मुंह में ऊपर नीचे हो रहा था
और तभी उसने , अपने दोनो हाथ नीचे कर मेरे ब्लाउज से चूची निकाल दबाने लगे
करीब 15 मिनिट उनका चूसी होऊंगी, फिर मैं सीट पे बैठ गई
शायद उनको स्टॉपेज आने वाला था
बाबाजी : छोरी आज तने बहुत मजा दिया है मन, जिंदगी भर याद रहवागी , जाते जाते तेरी चूची को दूध पी लूं , निकाल ले एक बार बाहर
और मैंने ब्लाउज से दोनो बूब्स बाहर कर दिया
वो साइड में झुक के , मेरे दोनो बूब्स को मुंह में यूं चूस रहा था मानो दूध पी रहा हो
थोरी देर में उठ गया , और गेट की तरफ चला गया
उनका स्टॉपेज आ गया था , वो उतर गए
अभी 4 ही बजे थे , सोचा 3 घंटे अब सो लूं
5 मिनिट बाद , मुझे मेरे बूब्स पर हाथ महसूस हुआ
मुझे लगा , वो गए नही क्या ???
घूम के देखा , राहुल पास में बैठा था
और
बस का सफर एक अजनबी के साथ मीठा अनुभव दे गया
हमे एक शादी में जाना था , सिलीगुड़ी 3 दिन के लिए
राहुल ने रॉकेट बस की टिकट बुक कर दी
और वो रात आ गई
बस की सवारी का
करीब 8 बजे बस का टाइम था
सुबह 7 बजे के करीब सिलीगुड़ी पहुंचनी थी
राहुल ने मुझे मानसिक रूप से तैयार कर दिया था
उसने 2 टिकट पीछे की row में ली
बस की सीट 2 by 2 थी, यानी एक साथ 2 आदमी बैठने की जगह थी
राहुल ने 2 टिकट 2अलग अलग कतार में ली , यानी अलग अलग हम बैठे
मैं आगे की कतार में
राहुल पीछे की कतार में
राहुल ने मुझे बहुत कुछ समझाया था
आगे सब बतुआंगी
हम ठीक 7.45 पे अपनी अपनी सीट पे बैठ गए
मेरी सीट के पास वाली सीट पे कोई आया नही
और राहुल की सीट के पास वाली सीट भी खाली ही थी
राहुल ने पूछा , क्या ये खाली है ?
कंडक्टर ने कहा आगे स्टॉप से चढ़ेंगे
बस 8 बजे चल दी
थोरी देर बाद , बस की लाइट भी काफी कम हो गई
करीब 15 मिनिट बाद , एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति मेरे पास आ के बैठा , करीब 55 56 का होगा ही
वो धोती में था
शायद किसी गांव में रहता था
मुझे लगा , राहुल की सारी प्लानिंग खत्म हो गई ,
ये बूढ़ा कोई बदमाशी क्या करेगा
मैंने एक साल लपेट रखी थी
मैं यूं लेती थी , मानो नींद में हूं
उस बूढ़े ने मुझसे पूछा आप कहां जाओगे
लेकिन मैने उतर नही दिया , उसको लगा , मैं नींद में हूं
15 20 मिनिट गुजर गए
मैंने धीरे से उनकी तरफ हो
उनसे कही : बाबाजी ,कोई जगह बस रुके , तो मुझे उठा दीजियेगा, , मुझे दवाई लेनी हैं
बाबाजी: ठीक है , 10 बजे रुकेगी
और मैं सो गई
करीब 30 35 मिनिट बाद , मुझे महसूस हुआ , मेरी जांघ पे कुछ दबाव सा, शाल के अंदर
बस में रोशनी न के बराबर थी
फिर वो हाथ से मेरी जांघों पे हल्के से दबाव दिया
शायद वो देख रहा था , मैं जागी हूं क्या
जब लगा , मैं सोई हुई हूं , उसकी अंगुली मेरे कमर को टच की
सिर्फ अंगुली से ही , वो मेरे पेट पे भी हाथ फेरा
और फिर वो अंगुली मेरे बूब्स पे लाया , हल्के से चारों तरफ घुमाया
इतनी धीरे से , की में यदि नींद में होती तो शायद पता ही नही चलता
उसकी अंगुली मेरे निप्पल के ऊपर आ के थोरी देर रुकी
फिर वो अंगुली हटा लिया शायद
लेकिन 5 मिनिट बाद ही , वो अंगुली मेरी जांघ पे लाया
और बढ़ते बढ़ते वो अंगुली ठीक मेरी chut जगह पर आ गई
उंगली से उसने हल्के से मेरी chut को ऊपर से ही टच किया
करीब 45, मिनिट हो गए होंगे
फिर उसकी अंगुली हट गई
और मुझे लगा , बस की लाइट जल गई
थोरी देर बाद , बस रुकी , एक ढाबा के सामने
सब उतरने लगे
बाबाजी ने मुझे कंधे से जगाया , स्टॉप आ गया , खाने का
आपने कहा था ना उठाने को
और वो भी नीचे उतर गया
मैं नीचे उतरी , बाथरूम गई , और एक पानी के बॉटल से , दवाई लेने की एक्टिंग की
बाबाजी थोड़ा दूर से मुझे ही देख रहे थे , मुझे मालूम था
राहुल को अपडेट कर दी
और हम सब बस में बैठ गए
बाबाजी भी आ गए
बाबाजी , ,: तने ,दवाई ले ली
jat वाली भाषा थी ओ
मैं : हां
बाबाजी : के होया है
मैं ,: नींद की दवाई ली हूं अभी , सुबह तक अच्छी नींद आयेगी
और मैं सो गई
बस की लाइट बंद हो गई पूरी इस बार
पूरा अंधेरा हो गया
और 15 मिनिट होते ही
उसकी अंगुली का काम सुरू हो गया
पहले चेक करने , जांघ पे हल्के से दबाई , फिर फेरी
अब अंगुली पेट पे आई , पेट को सहलाई
इस बार ज्यादा freely दबा रहा था पेट
थोरी देर , पेट और कमर पे अपनी अंगुली फेरने के बाद , वो मेरे एक बूब्स पे फेरना शुरू किया
बहुत धीरे धीरे , चारों तरफ , पूरा बूब्स
तभी मुझे लगा , उसने पूरी हथेली मेरे बूब्स पे हल्के से रखी
और पूरे बूब्स को हाथ में भरा
हल्के हल्के दबाया
दोनो बूब्स को हाथ से दबाते रहा थोरी देर
फिर मुझे लगा , एक अंगुली blouse के ऊपर से skin को टच की , और हल्के से , धीरे से , blouse के अंदर घुसने लगी
अंगुली पहले बूब्स पर पूरी , फिर निप्पल पे घूमी ,
थोरी देर , अंगुली से पूरे बूब्स को टच किया , निप्पल को टच किया
शायद उसको दिक्कत हो रही थी
तभी महसूस हुआ , शायद वो blouse के ऊपर का एक बटन खोल रहा है , फिर दूसरा बटन भी खोल दिया
अब ब्लाउज ऊपर से थोड़ा खुल गया
अब वो अंगुली आराम से अंदर ले गया
लेकिन , उसने पर्स हाथ ही डाल मेरे pure बूब्स को पकड़ा
मेरा एक बूब पूरा उसके हाथ में था
इस तरह वो दोनो बूब्स को पकड़ा एक दम नंगे पूरा
तभी लगा , शायद ब्लाउज थोड़ा साइड हो गया है , और इसके हाथ रखने से , मेरा बूब्स आधे से ज्यादा नंगा हो गया
तभी मुझे कुछ गीला गीला लगा , निप्पल पे
उसने अपनी जीव मेरे निप्पल पे रखी थी
थोरी देर यूं ही निप्पल को चाटते रहा
फिर उसका हाथ हट गया , उसने कोशिश की , बटन वापस लगाने की blouse की
थोरी देर शांति रही
फिर उसका हाथ मेरी जांघ पे महसूस हुआ
और फिर मेरी chut पे, साड़ी के ऊपर से ही
मैंने पेंटी नहीं पहनी थी
उसने एक उंगली , पेट से साड़ी के अंदर डालने सुरू की
और 5, मिनिट में ही वो अंगुली , मेरे chut को टच की , चारों तरफ घुमाई ,
फिर अंगुली बाहर आ गई
फिर थोरी देर Santi सी रही
लेकिन 5 मिनिट में ही मुझे लगा , मेरी साड़ी वो धीरे धीरे ऊपर कर रहा है
साड़ी जांघों तक आ गई
शायद उसे पेट से अंगुली ले जाने में दिक्कत हो रही थी
इसलिए उसने नीचे से शुरू किया
जांघों तक साड़ी आते ही , उसने हाथ अंदर किया और chut पे पूरा रख लिया
नंगी chut pe उसका हाथ
हल्के हल्के दबा रहा था , मानो मुट्ठी में भर रहा हो
थोरी देर बाद , उसने एक उंगली मेरे chut के छेद से अंदर डालने की चेष्टा की
उंगली लगभग अंदर घुस ही गई
chut और chut के छेद में थोरी देर रहा उसका हाथ और उंगली
फिर सब हट गया
मुझे लगा , खत्म हो गया उसका खेल , समय भी काफी गुजर ही गया होगा
अभी ,5 मिनिट ही हुए होंगे
उसका हाथ फिर अंदर आया मेरी शाल के , और मेरे हाथ पे रखा
हाथ को सहलाया , हथेली में हथेली डाली और सहलाया
तभी उसने धीरे से मेरे हाथ को खींचना सुरू किया और खींचते खींचते अपनी धोती पे ले गया
धोती के ऊपर से मेरा हाथ उसके lund पे था , और वो मेरे हाथ को lund पे दबा रहा था
फिर धीरे से अपना lund धोती के बाहर किया , और मेरे हाथ में पकड़ा दिया
मैं सिर्फ हाथ रखी थी , दबा वो ही रहा था मेरे हाथ से अपने lund को
थोरी देर lund को मेरे हाथ से दबाया
फिर मेरा हाथ हटा दिया
और मेरा हाथ अपनी जगह आ गया शाल के अंदर
तभी एक गजब बात हो गई
बाबाजी मेरे कान के पास आए
और पता
कहे : सुन छोरी, मने पता से, तू जागन लाग री है , मेरो गांव आन वालो स, अभी 3 बाज्य है, 4 बजे मेरो गांव आवागो, म 68 को होगों हूं , तने यदि मजों आयो ह, मने भी मज़ों दे दे , सीट के नीचे आ बैठ कर इन पकड़ ले और चाट ले एक बार
ना कोई देखन वालो है , ना को जानोगे, म भी 4, बजे उतर जाऊंगा , म मेरा रास्ता , तू तेरा रास्ता
एक बात कह दूं, तेरी चूची कड़क है , मज़ो आगो दबा के
अब तू देख ले
और चुप हो गया
मैं अवाक थी , सब कुछ करके अब मुझसे पकड़वाना और चटवाना भी चाहता है
मैं चुपचाप सोई रही
थोरी देर बाद
बाबाजी फिर बोले : मन कोनी, तो कोई बात नही
मैंने शाल साइड किया , हाथ को धीरे से ले जा के उनके lund को धोती के ऊपर से पकड़ा
2 मिनिट में , में मेरा हाथ धोती के अंदर ले गई और उनके lund ko पकड़ लिया , पूरा मुट्ठी में
5 मिनिट यूं ही दबाती रही , ऊपर नीचे करती रही
फिर में सीट से नीचे उतरी , बैठे बैठे उनकी सीट के नीचे आई , और धोती से lund निकाल उस पे जीव रखा , जीव से पूरा चाटा
फिर मुंह में पूरा ले लिया
वो सीट पे बैठे थे , में उनके घुटनो के पास जमीन पे
उनका lund मेरे मुंह में ऊपर नीचे हो रहा था
और तभी उसने , अपने दोनो हाथ नीचे कर मेरे ब्लाउज से चूची निकाल दबाने लगे
करीब 15 मिनिट उनका चूसी होऊंगी, फिर मैं सीट पे बैठ गई
शायद उनको स्टॉपेज आने वाला था
बाबाजी : छोरी आज तने बहुत मजा दिया है मन, जिंदगी भर याद रहवागी , जाते जाते तेरी चूची को दूध पी लूं , निकाल ले एक बार बाहर
और मैंने ब्लाउज से दोनो बूब्स बाहर कर दिया
वो साइड में झुक के , मेरे दोनो बूब्स को मुंह में यूं चूस रहा था मानो दूध पी रहा हो
थोरी देर में उठ गया , और गेट की तरफ चला गया
उनका स्टॉपेज आ गया था , वो उतर गए
अभी 4 ही बजे थे , सोचा 3 घंटे अब सो लूं
5 मिनिट बाद , मुझे मेरे बूब्स पर हाथ महसूस हुआ
मुझे लगा , वो गए नही क्या ???
घूम के देखा , राहुल पास में बैठा था
और
बस का सफर एक अजनबी के साथ मीठा अनुभव दे गया