04-12-2023, 10:47 AM
प्लानिंग भी पूरी तैयारी, तैयारी भी पूरी
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का,
और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, ... पूरे दिन का सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया ,
और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,... मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया ,
और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,... कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया,
और मैंने अपना काम भी सोच लिया था, कल सुबह मैं पहुँच ही जाउंगी, तो पहुंचते ही पहला काम, गाँव जवार के सबसे तगड़े लौंडे, अहिराना से कम से कम दो, और मैंने मन ही मन जोड़ना शुरू कर दिया था, .... मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं तो गाँव के रिश्ते से जो भाई लगते, अरे भौजाई कौन जो ननद पर अपने भाई न चढ़ाये, सात आठ तो कम से कम, और ज्यादा हो जाएंगे तो सोने में सुहागा, अरे अब सड़क अच्छी हो गयी है, ढाई घंटे में बनारस से सीधे यहां सुबह की बस से आके, रात में वापस, ..
होली वाली रात तो ननद रानी आएँगी ही, सोमवार के लिए जावेद और उन दो पठानों को बुलौवा दे ही रखा है, मंगल को उसका कॉलेज खुलेगा,
तो बुध से मेरा इंतजाम रोज दो तीन,... नउनिया की बहू को सबसे ज्यादा अंदाज है गाँव में , आसपास की पट्टी में सबसे चोदू लौंडे कौन हैं , कल पहुँचते ही ननद का बयाना दे दूंगी ,... और फिर मेरी गाँव की सहेलियां भी तो हैं उन सबको तो आज ही फोन लगाती हूँ,... और ननद रानी की जो हॉट हॉट फोटुएं हैं , एक दो टॉपलेस वाली भी, अरे मेरी और कम्मो ऐसी भाभी के रहते, ननद को यारों की कमी पड़े, ...
कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, ...
और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , ...
फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनार क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,... दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया,
लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी.
कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका।
लेकिन दो फ़ोन बजे, पहला सी सी टीवी वाले का था, वो आधे घंटे बाद आने वाला था, लेकिन उसके पहले घर की कुछ डिटेल चाहिए थी, कितने कमरे कितनी खिड़कियां, वो सब मैंने दे दी.
दूसरा फोन ननद के भैया का था, उन्होंने गलती कर दी अपनी छोटी साली से बात कर के
और उसने उनको चार काम और पकड़ा दिए, वो अब डेढ़ घंटे बाद आने वाले थे,
सी सी टीवी वाला काम बहुत जरूरी था, मेरी सास के लिए भी और मेरे लिए भी.
मेरी सास बहुत घबड़ा रही थीं कैसे घर अकेले २१ दिन के लिए छोड़ के जाउंगी तो उस के दो रास्ते निकाले मैंने , एक तो मेरी ननद और कम्मो दोनों २१ दिन इसी घर में रहेंगी, ननद का कॉलेज पास में ही है , वो यही से चली जायेगी।
लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,... उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, ... और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता,
असल में इन लोगों के २१ दिन के दक्षिण भ्रमण का पूरा फायदा मुझे और मेरी ननद रानी को, उनके पक्की छंटी छिनार बनने की योजना का इस सिक्योरिटी अलार्म से ही जुड़ा था,
उस गौरैया को अकेले २१ दिन इस घर में बहेलिया के साथ रखना,...
और ये काम, उसी ने किया जिसके बिना हो ही नहीं सकता था,
जी मेरी सास ने , उनकी बात इस घर के साथ मेरी छुटकी ननदिया के घर में भी कोई टालता नहीं था. बस मैंने सिर्फ यह कहा था की वैसे तो कम्मो है , लेकिन अलार्म का सब काम धाम अंग्रेजी में रहता है , दो तीन दिन में एकाध बार पासवर्ड बदलना होता है, और वो भी सब अंग्रेजी में , फिर लैपटॉप पे मेसेज,... और आगे का काम जेठानी जी ने आटोमेटिकली कर दिया , उन्हें भी तो जेठ जी के साथ नॉन स्टॉप कबड्डी खेलनी थी २१ दिन तक, उन्होंने ही कहा गुड्डी को बोल देते हैं न उस का कॉलेज पास में ही है, रह लेगी , और फिर कौन अकेले रहेगी, कम्मो तो है ही न , बस उन्होंने फोन लगाने का काम किया और सासू जी ने गुड्डी के घर फोन लगाया बस, ग्रीन सिग्नल,...
और सिक्योरिटी कैमरे वाले काम तो मुझे अपने सामने ही कराने थे , एक तो मेरी सास जी को बिस्वास हो जाता, और दूसरे मैंने जो फोन करके स्पेशल हाई फिडेलिटी औडियो वाले कैमरे साउंड के साथ अपने कमरे में फिट कराने थे, ...
और अरे मेरी एकलौती छुटकी ननदिया की गाँड़ फटे, वो चीखे चिल्लाये, और वो मधुर म्यूजिक मुझे सुनाई न दे, मुझे तो लाइव टेलीकास्ट देखना था , क्लोज अप के साथ, और जैसे स्टम्प कैमरा होता है क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों की माँ बहन सब सुनाई देती है, एकदम उसी तरह से माइक और कैमरे,... ननद रानी का गैंग बैंग भी,...
तो वो सब अरेंजमेंट भी मुझे आज ही कराना था अपने सामने , कबड्डी का स्थल तो मेरा कमरा ही रहता, वैसे भी नीचे के सब कमरे सब बंद लाक रहने थे , सिवाय किचेन, टायलेट के,...
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का,
और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, ... पूरे दिन का सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया ,
और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,... मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया ,
और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,... कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया,
और मैंने अपना काम भी सोच लिया था, कल सुबह मैं पहुँच ही जाउंगी, तो पहुंचते ही पहला काम, गाँव जवार के सबसे तगड़े लौंडे, अहिराना से कम से कम दो, और मैंने मन ही मन जोड़ना शुरू कर दिया था, .... मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं तो गाँव के रिश्ते से जो भाई लगते, अरे भौजाई कौन जो ननद पर अपने भाई न चढ़ाये, सात आठ तो कम से कम, और ज्यादा हो जाएंगे तो सोने में सुहागा, अरे अब सड़क अच्छी हो गयी है, ढाई घंटे में बनारस से सीधे यहां सुबह की बस से आके, रात में वापस, ..
होली वाली रात तो ननद रानी आएँगी ही, सोमवार के लिए जावेद और उन दो पठानों को बुलौवा दे ही रखा है, मंगल को उसका कॉलेज खुलेगा,
तो बुध से मेरा इंतजाम रोज दो तीन,... नउनिया की बहू को सबसे ज्यादा अंदाज है गाँव में , आसपास की पट्टी में सबसे चोदू लौंडे कौन हैं , कल पहुँचते ही ननद का बयाना दे दूंगी ,... और फिर मेरी गाँव की सहेलियां भी तो हैं उन सबको तो आज ही फोन लगाती हूँ,... और ननद रानी की जो हॉट हॉट फोटुएं हैं , एक दो टॉपलेस वाली भी, अरे मेरी और कम्मो ऐसी भाभी के रहते, ननद को यारों की कमी पड़े, ...
कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, ...
और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , ...
फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनार क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,... दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया,
लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी.
कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका।
लेकिन दो फ़ोन बजे, पहला सी सी टीवी वाले का था, वो आधे घंटे बाद आने वाला था, लेकिन उसके पहले घर की कुछ डिटेल चाहिए थी, कितने कमरे कितनी खिड़कियां, वो सब मैंने दे दी.
दूसरा फोन ननद के भैया का था, उन्होंने गलती कर दी अपनी छोटी साली से बात कर के
और उसने उनको चार काम और पकड़ा दिए, वो अब डेढ़ घंटे बाद आने वाले थे,
सी सी टीवी वाला काम बहुत जरूरी था, मेरी सास के लिए भी और मेरे लिए भी.
मेरी सास बहुत घबड़ा रही थीं कैसे घर अकेले २१ दिन के लिए छोड़ के जाउंगी तो उस के दो रास्ते निकाले मैंने , एक तो मेरी ननद और कम्मो दोनों २१ दिन इसी घर में रहेंगी, ननद का कॉलेज पास में ही है , वो यही से चली जायेगी।
लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,... उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, ... और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता,
असल में इन लोगों के २१ दिन के दक्षिण भ्रमण का पूरा फायदा मुझे और मेरी ननद रानी को, उनके पक्की छंटी छिनार बनने की योजना का इस सिक्योरिटी अलार्म से ही जुड़ा था,
उस गौरैया को अकेले २१ दिन इस घर में बहेलिया के साथ रखना,...
और ये काम, उसी ने किया जिसके बिना हो ही नहीं सकता था,
जी मेरी सास ने , उनकी बात इस घर के साथ मेरी छुटकी ननदिया के घर में भी कोई टालता नहीं था. बस मैंने सिर्फ यह कहा था की वैसे तो कम्मो है , लेकिन अलार्म का सब काम धाम अंग्रेजी में रहता है , दो तीन दिन में एकाध बार पासवर्ड बदलना होता है, और वो भी सब अंग्रेजी में , फिर लैपटॉप पे मेसेज,... और आगे का काम जेठानी जी ने आटोमेटिकली कर दिया , उन्हें भी तो जेठ जी के साथ नॉन स्टॉप कबड्डी खेलनी थी २१ दिन तक, उन्होंने ही कहा गुड्डी को बोल देते हैं न उस का कॉलेज पास में ही है, रह लेगी , और फिर कौन अकेले रहेगी, कम्मो तो है ही न , बस उन्होंने फोन लगाने का काम किया और सासू जी ने गुड्डी के घर फोन लगाया बस, ग्रीन सिग्नल,...
और सिक्योरिटी कैमरे वाले काम तो मुझे अपने सामने ही कराने थे , एक तो मेरी सास जी को बिस्वास हो जाता, और दूसरे मैंने जो फोन करके स्पेशल हाई फिडेलिटी औडियो वाले कैमरे साउंड के साथ अपने कमरे में फिट कराने थे, ...
और अरे मेरी एकलौती छुटकी ननदिया की गाँड़ फटे, वो चीखे चिल्लाये, और वो मधुर म्यूजिक मुझे सुनाई न दे, मुझे तो लाइव टेलीकास्ट देखना था , क्लोज अप के साथ, और जैसे स्टम्प कैमरा होता है क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों की माँ बहन सब सुनाई देती है, एकदम उसी तरह से माइक और कैमरे,... ननद रानी का गैंग बैंग भी,...
तो वो सब अरेंजमेंट भी मुझे आज ही कराना था अपने सामने , कबड्डी का स्थल तो मेरा कमरा ही रहता, वैसे भी नीचे के सब कमरे सब बंद लाक रहने थे , सिवाय किचेन, टायलेट के,...