04-12-2023, 10:43 AM
कम्मो और चमेली
चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे
और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग,
कम्मो और चमेली की दोस्ती तो पक्की थी , फिर जब सब लोग चले जाएंगे और सिर्फ कम्मो रह जायेगी तो और मौज मस्ती, फिर मेरी छुटकी ननदिया को देख देख के चमेली के भी तो मुंह में न जाने कब से पानी आता था तो बस, अगले ही हफ्ते, जब फिफ्टी फिफ्टी ( ज्योति -नीतू ) और उस के यारों के साथ खुल के दिन रात कबड्डी होने लगेगी, ...
गुड्डी रानी के अपने भौंरे भी, तो बस उसी में, जा दो दो लौंडे एक साथ चढ़े रहेंगे या उसके बाद, ...
ननद रानी की दोनों बिल अगवाड़े पिछवाड़े, छोटी छोटी चूँचियों पर, गोरे चम्पई गालों पर, मरदों क मलाई फैली रहेंगी
तो उसी समय कम्मो चमेली, दोनों ,... फिर दोनों बहुत प्यार दुलार से, चिढ़ाए , पुचकार के, ... चुम्मा चाटी नहाना धोना, चमेली अपने हाथों से रगड़ रगड़ के मुल्तानी मिटटी से, तेल फुलेल, और फिर कम्मो उसे सिर्फ चमेली के हवाले कर के, नीचे खाना लगाने,... और एक बार चमेली का हाथ पड़ जाये तो लड़का हो या लड़की उसे पिघलते देर नहीं लगती।चूत और गाँड़ दोनों चटवाने में तो जबरदस्त है, चटवायेगी , चुसवायेगी और सिखाएगी भी ननदिया को
फिर चमेली और कम्मो के साथ प्लानिंग, चमेली खुद ऑफर देगी हर दूसरे तीसरे दिन उसके यहाँ की लड़की कोई आके मालिश कर देगी , एकदम अंदर तक ,कित्ते भी मरद चढ़े होंगे , सारी थकान जायेगी। और जो मालिश करने आएँगी वो भी चूसम चुस्सव्वल खेलेंगी.
और एक बार मालिश हो गयी तो फिर तो, उसके बाद दो चार लौंडे एक साथ, और वो स्साले क्या चढ़ेंगे उसके ऊपर, वो खुद उन्हें चोद देगी।
पर वो लड़कियाँ कोई ऐसी वैसी नहीं थीं, उन्हें लड़कियों के देह का भूगोल, रसायन शास्त्र और एक एक इंच के बारे में मालूम था, खेली खायी अधेड़ औरतों का पानी वो मिनटों में निकाल देती थीं, गुड्डी रानी तो एकदम नयी बछेड़ी थीं.
कन्या रस में एकदम पारायण, एरोटिक मसाज , तांत्रिक मसाज और साथ में चांदनी पार्लर के ख़ास तेल फुलेल,
चमेली ने मेरी ननद को साफ़ साफ़ समझाया था असली जादू जोबन का है जल्द से जल्द ३२ सी से ३४ सी फिर डी, कुछ काम तो लौंडे कर देंगे मल मल के, मीज मीज के, लेकिन असली चीज है उन्हें टनाटन रखना, एकदम खड़े, उलटे दूध के कटोरे,
और उसके लिए सही मालिश, क्रीम एक्सरसाइज और फिर साथ में खूब पतली कमर जिससे जोबन और उभर के दिखें, १० इंच का न हो तो आठ इंच का अंतर् तो होना ही चाहिए, और साथ में चौड़े चूतड़, लेकिन एकदम फर्म लौंडा मार्का,...
लेकिन उन लड़कियों का काम सिर्फ मालिश करना, थकान मिटाना ही नहीं था, उन्हें पक्की दोस्ती भी कर लेनी थी, देह के रस्ते मन मन में उतर जाना था, और वो सब गुड्डी की समौरिया ही समझिये, दो तीन साल ज्यादा से ज्यादा बड़ी, और साथ ही उसे कन्या रस के गुर भी सिखाना, मजे लेना से ज्यादा मजे देना, और दो तीन दिन में चमेली भी, अपनी लड़कियों का सिखाया जांचने परखने के लिए,... और उस जवान होती कन्या की देह का भरपूर रस लेने के लिए,
तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम ,
नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,...
पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए,
चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे
और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग,
कम्मो और चमेली की दोस्ती तो पक्की थी , फिर जब सब लोग चले जाएंगे और सिर्फ कम्मो रह जायेगी तो और मौज मस्ती, फिर मेरी छुटकी ननदिया को देख देख के चमेली के भी तो मुंह में न जाने कब से पानी आता था तो बस, अगले ही हफ्ते, जब फिफ्टी फिफ्टी ( ज्योति -नीतू ) और उस के यारों के साथ खुल के दिन रात कबड्डी होने लगेगी, ...
गुड्डी रानी के अपने भौंरे भी, तो बस उसी में, जा दो दो लौंडे एक साथ चढ़े रहेंगे या उसके बाद, ...
ननद रानी की दोनों बिल अगवाड़े पिछवाड़े, छोटी छोटी चूँचियों पर, गोरे चम्पई गालों पर, मरदों क मलाई फैली रहेंगी
तो उसी समय कम्मो चमेली, दोनों ,... फिर दोनों बहुत प्यार दुलार से, चिढ़ाए , पुचकार के, ... चुम्मा चाटी नहाना धोना, चमेली अपने हाथों से रगड़ रगड़ के मुल्तानी मिटटी से, तेल फुलेल, और फिर कम्मो उसे सिर्फ चमेली के हवाले कर के, नीचे खाना लगाने,... और एक बार चमेली का हाथ पड़ जाये तो लड़का हो या लड़की उसे पिघलते देर नहीं लगती।चूत और गाँड़ दोनों चटवाने में तो जबरदस्त है, चटवायेगी , चुसवायेगी और सिखाएगी भी ननदिया को
फिर चमेली और कम्मो के साथ प्लानिंग, चमेली खुद ऑफर देगी हर दूसरे तीसरे दिन उसके यहाँ की लड़की कोई आके मालिश कर देगी , एकदम अंदर तक ,कित्ते भी मरद चढ़े होंगे , सारी थकान जायेगी। और जो मालिश करने आएँगी वो भी चूसम चुस्सव्वल खेलेंगी.
और एक बार मालिश हो गयी तो फिर तो, उसके बाद दो चार लौंडे एक साथ, और वो स्साले क्या चढ़ेंगे उसके ऊपर, वो खुद उन्हें चोद देगी।
पर वो लड़कियाँ कोई ऐसी वैसी नहीं थीं, उन्हें लड़कियों के देह का भूगोल, रसायन शास्त्र और एक एक इंच के बारे में मालूम था, खेली खायी अधेड़ औरतों का पानी वो मिनटों में निकाल देती थीं, गुड्डी रानी तो एकदम नयी बछेड़ी थीं.
कन्या रस में एकदम पारायण, एरोटिक मसाज , तांत्रिक मसाज और साथ में चांदनी पार्लर के ख़ास तेल फुलेल,
चमेली ने मेरी ननद को साफ़ साफ़ समझाया था असली जादू जोबन का है जल्द से जल्द ३२ सी से ३४ सी फिर डी, कुछ काम तो लौंडे कर देंगे मल मल के, मीज मीज के, लेकिन असली चीज है उन्हें टनाटन रखना, एकदम खड़े, उलटे दूध के कटोरे,
और उसके लिए सही मालिश, क्रीम एक्सरसाइज और फिर साथ में खूब पतली कमर जिससे जोबन और उभर के दिखें, १० इंच का न हो तो आठ इंच का अंतर् तो होना ही चाहिए, और साथ में चौड़े चूतड़, लेकिन एकदम फर्म लौंडा मार्का,...
लेकिन उन लड़कियों का काम सिर्फ मालिश करना, थकान मिटाना ही नहीं था, उन्हें पक्की दोस्ती भी कर लेनी थी, देह के रस्ते मन मन में उतर जाना था, और वो सब गुड्डी की समौरिया ही समझिये, दो तीन साल ज्यादा से ज्यादा बड़ी, और साथ ही उसे कन्या रस के गुर भी सिखाना, मजे लेना से ज्यादा मजे देना, और दो तीन दिन में चमेली भी, अपनी लड़कियों का सिखाया जांचने परखने के लिए,... और उस जवान होती कन्या की देह का भरपूर रस लेने के लिए,
तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम ,
नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,...
पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए,