30-11-2023, 07:29 PM
(This post was last modified: 30-11-2023, 08:40 PM by mariesweet21. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Puri Me विदेशी के साथ
समय निकलता गया
मेरे और राहुल के बीच प्यार उतना ही था ,
हां , लेकिन अब सेक्स कम होता था , व्यस्तता के कारण,
मैं घर में , राहुल business me
लेकिन किसी को कोई शिकायत नही थी
हम हफ्ते में दो बार तो अभी भी करते ही थे
करीब 8 महीने गुजर गए ।
राहुल ने पूरी का प्रोग्राम बनाया
3 रात का
हल्का ठंड का समय था
Oct end का महीना था
मैं कभी समुद्र में नही नहाई थी
इसलिए काफी एक्साइटेड थी
जरूरी की पैकिंग करने लगी मैं
मैं वो सब भूल चुकी थी , काठमांडू की बात
मुझे नहीं आइडिया था ,
पूरी का ट्रिप भी कुछ कुछ वैसा ही होगा
लेकिन 8 महीने हो गए थे, काफी कुछ बदल भी गया था
शायद कुछ भी ना हो
लेकिन ट्रेन में चढ़ते ही , मुझे अहसास हो गया
रात 10 बजे की ट्रेन थी , सुबह 5 के लगभग पूरी पहुंचती
ट्रेन में हम आराम से अपनी सीट पर बैठ गए
मैं : अचानक पूरी ट्रिप क्यों ? तुमने बताया नही , घर में , अब बताओ
राहुल : 8 महीने हो गए , कहीं निकले नही , इसलिए
उस समय hill station type pokhara हुआ, इसलिए sea beach सोचा
मैं :: okk , अच्छा किए , मेरा समुद्र देखना और नहाना हो जायेगा
राहुल : गुड
राहुल : बस एक बात कहनी थी
मैं : क्या ?
राहुल : इस बार भी वही boldness aur cooperation रखना ट्रिप को adventorous करने
मैं : ohhhhh god , दिमाग में हैं अभी भी ??
राहुल : तुम कहो , निकाल दूं ? यदि तुम्हे मन नहीं?
मैं ,hmmmmm मुझ पे ना छोड़ो, तुमको मन है ना
राहुल : बहुत , हर पल मस्ती करने का , कोई भी हो
मैं : hummmmm , कोई भी हो ?
फिर दुसरे के साथ ?
तुम भी ना
चलो, okkk, मूड वैसा ही रखूंगी
और हम सो गए
समय निकलता गया
मेरे और राहुल के बीच प्यार उतना ही था ,
हां , लेकिन अब सेक्स कम होता था , व्यस्तता के कारण,
मैं घर में , राहुल business me
लेकिन किसी को कोई शिकायत नही थी
हम हफ्ते में दो बार तो अभी भी करते ही थे
करीब 8 महीने गुजर गए ।
राहुल ने पूरी का प्रोग्राम बनाया
3 रात का
हल्का ठंड का समय था
Oct end का महीना था
मैं कभी समुद्र में नही नहाई थी
इसलिए काफी एक्साइटेड थी
जरूरी की पैकिंग करने लगी मैं
मैं वो सब भूल चुकी थी , काठमांडू की बात
मुझे नहीं आइडिया था ,
पूरी का ट्रिप भी कुछ कुछ वैसा ही होगा
लेकिन 8 महीने हो गए थे, काफी कुछ बदल भी गया था
शायद कुछ भी ना हो
लेकिन ट्रेन में चढ़ते ही , मुझे अहसास हो गया
रात 10 बजे की ट्रेन थी , सुबह 5 के लगभग पूरी पहुंचती
ट्रेन में हम आराम से अपनी सीट पर बैठ गए
मैं : अचानक पूरी ट्रिप क्यों ? तुमने बताया नही , घर में , अब बताओ
राहुल : 8 महीने हो गए , कहीं निकले नही , इसलिए
उस समय hill station type pokhara हुआ, इसलिए sea beach सोचा
मैं :: okk , अच्छा किए , मेरा समुद्र देखना और नहाना हो जायेगा
राहुल : गुड
राहुल : बस एक बात कहनी थी
मैं : क्या ?
राहुल : इस बार भी वही boldness aur cooperation रखना ट्रिप को adventorous करने
मैं : ohhhhh god , दिमाग में हैं अभी भी ??
राहुल : तुम कहो , निकाल दूं ? यदि तुम्हे मन नहीं?
मैं ,hmmmmm मुझ पे ना छोड़ो, तुमको मन है ना
राहुल : बहुत , हर पल मस्ती करने का , कोई भी हो
मैं : hummmmm , कोई भी हो ?
फिर दुसरे के साथ ?
तुम भी ना
चलो, okkk, मूड वैसा ही रखूंगी
और हम सो गए