30-11-2023, 03:23 PM
और दूसरा फायदा,
कम्मो की बात मैं मान गयी लेकिन अपनी आँख से, .चमेलिया देखेगी ननद के ऊपर चढ़ते तभी जा के, ... .. कैसे और यही बात जो मैंने कम्मो से पूछी तो वो बात टाल गयी , बल्कि आगे बढ़ा दिया, मुस्करा के बोली ,
"अरे चमेलिया मेरी पक्की सहेली है हो जाएगा उसका भी भी जुगाड़, बताती हूँ , लेकिन बताओ फायदा है न चांदनी पार्लर वाली को साथ मिलाने का, और अभी तो मैंने पहला फायदा बताया, ननद रानी को मशहूर करने का,..."
और दूसरा फायदा, मैं अपने को नहीं रोक पायी
और कम्मो ने दूसरा फायदा भी गिनवाना शुरू कर दिया।
मैं बेताबी से कम्मो की बात सुन रही थी,
" देखो कउनो लौंडिया हमारे तोहरे ससुराल क चोदवासी होती है तो ओके का चाही और कौन दिक्कत होती है , ... "
मैं चुप रही मैं जानती थी जवाब वही देगी, और वही हुआ , कुछ देर तक मुझे देखने के बाद मुस्कराकर बोली,...
" ये मत कहना लंड, अरे हमरे तोहरे ससुराल क कुल मरद ससुरे नंबरी बहिनचोद हैं और लौंडिया सब भाई चोद, और फिर हमरे तोहरे भाई तो लंड का कउनो कमी नहीं, और खुजली तो यहाँ क लौंडियन क झांट आवे के पहले से, तो पहले एक डर था की कहीं पेट न रह जाए, तो अब उसकी गोली, कंडोम,... तो अब वो भी नहीं, तो असली बात ये है आखिर चुदवावे तो कहाँ, अरे कौन हमार तोहार गांव तो है ना की गन्ने का खेत, अरहर, गझिन अमराई,, तो ये परेसानी गुड्डी रानी के सामने भी तो आएगी न २१ दिन बाद, २१ दिन का तो ये बढ़िया पिलानिंग हमरे ननदिया के लिए कर दी और देखना सवा सौ पार करेगी, ... "
बात उनकी एकदम सही थी , एक बार दूकान खुल गयी, ग्राहक आने लगे तो फिर दुबारा तो शटर डाउन नहीं होगा और होना भी नहीं चाहिए, ये तो मैंने सोचा भी नहीं था,
२१ दिन में तो हमारी ननद एकदम पॉपुलर हो जाएंगी, यारों की कोई कमी नहीं रहेगी, और रोज चार पांच चढ़ेंगे तो उसको भी बिना लम्बे मोटे नींद नहीं आएगी , पर एक बार जेठानी सास लौट आएँगी और वो अपने घर लौट जायेगी,... तो जगह कहाँ मिलेगी टाँगे उठाने के लिए, कोई तो जगह चाहिए फिर चांदनी पार्लर में जब उसकी तारीफ़ होने लगेगी तो गली मोहल्ले के लौंडे , अगल बगल के मोहल्ले में भी, पर कबड्डी होगी कहाँ , बात कम्मो की एकदम सही थी,
और कम्मो ने फिर बोलना शुरू किया,
" देखा, एक तो हमार कोठरिया है ही पीछे वाली, लेकिन हफ्ता में एक दो दिन तो, पर ओकरे बाद,... कहीं आते जाते घर के लोग , तोहार जेठानी,... कोई भी पूछ सकता है , फिर उसके मोहल्ले से इतना दूर, तो इसी लिए चमेलिया क जउन चांदनी पार्लरवा है वो सबसे फिट जगह है, ज्यादा टाइम भी नहीं , घर के एकदम पास में, फिर कोई आते जाते देख लेगा, तो बोल देगी, चमेली भौजी के यहाँ थ्रेडिंग कराने गयी थी,... और पास में एक सिलाई मशीन वाला कॉलेज है, एक म्यूजिक टीचर रहती है , उनके यहाँ भी, हफ्ते में तीन दिन सीना पिरोना , तीन दिन गाना बजाना, बस उसके बहाने भी, .... "
बात तो कम्मो की एकदम सही थी , ख़ास तौर से जो उसकी अपनी गली मोहल्ले के यार होंगे उनके साथ मस्ती करने के लिए, लेकिन फिर मैंने पूछ लिया,
" पर पार्लरवा में जगह कहाँ,... "
कम्मो ने पूरी बात सुने बिना, जवाब दे दिया,
" अरे चमेलिया बड़ा मस्त छत पर बनवायी है, जउन तोहार कमरा है एकदम उहै साइज, खूब चौड़ा बेड, दो जोड़ा साथ कबड्डी खेलें,... सामने खूब बड़ा शीशा, पूरा एसी,... और पार्लर के बगल में एक दरवाजा है सीधे वहीँ से सीढ़ी और ऊपर,... किसी को पता भी चलेगा, अपने खास क्लाएंट के लिए तो ननद से बढ़ के ख़ास कौन हो सकता है। "
अब मेरे चुप होने की बारी थी , और कम्मो ने कुछ और अल्टेरनेटिव भी बता दिए, और पार्लर में भी मसाज वाले, उस में भी ठीक ठाक,... ठोंकने के लिए बहुत जगह होती है , चुदवास लगने पर तो गन्ना क खेत और मक्का बाजरा में लौंडियाँ टांग उठा देती हैं , कार के पीछे वाली सीट पर, तो ओसे से तो ज्यादा जगह है , फिर शुद्ध कडुवा तेल कोल्हू वाला,... "
हम दोनों हंसने लगे ,
सच में ये बड़ा सही इंतजाम हो जाएगा ननद रानी के लिए।
और अंत में कम्मो ने तीसरा फायदा भी गिना दिया।
कम्मो की बात मैं मान गयी लेकिन अपनी आँख से, .चमेलिया देखेगी ननद के ऊपर चढ़ते तभी जा के, ... .. कैसे और यही बात जो मैंने कम्मो से पूछी तो वो बात टाल गयी , बल्कि आगे बढ़ा दिया, मुस्करा के बोली ,
"अरे चमेलिया मेरी पक्की सहेली है हो जाएगा उसका भी भी जुगाड़, बताती हूँ , लेकिन बताओ फायदा है न चांदनी पार्लर वाली को साथ मिलाने का, और अभी तो मैंने पहला फायदा बताया, ननद रानी को मशहूर करने का,..."
और दूसरा फायदा, मैं अपने को नहीं रोक पायी
और कम्मो ने दूसरा फायदा भी गिनवाना शुरू कर दिया।
मैं बेताबी से कम्मो की बात सुन रही थी,
" देखो कउनो लौंडिया हमारे तोहरे ससुराल क चोदवासी होती है तो ओके का चाही और कौन दिक्कत होती है , ... "
मैं चुप रही मैं जानती थी जवाब वही देगी, और वही हुआ , कुछ देर तक मुझे देखने के बाद मुस्कराकर बोली,...
" ये मत कहना लंड, अरे हमरे तोहरे ससुराल क कुल मरद ससुरे नंबरी बहिनचोद हैं और लौंडिया सब भाई चोद, और फिर हमरे तोहरे भाई तो लंड का कउनो कमी नहीं, और खुजली तो यहाँ क लौंडियन क झांट आवे के पहले से, तो पहले एक डर था की कहीं पेट न रह जाए, तो अब उसकी गोली, कंडोम,... तो अब वो भी नहीं, तो असली बात ये है आखिर चुदवावे तो कहाँ, अरे कौन हमार तोहार गांव तो है ना की गन्ने का खेत, अरहर, गझिन अमराई,, तो ये परेसानी गुड्डी रानी के सामने भी तो आएगी न २१ दिन बाद, २१ दिन का तो ये बढ़िया पिलानिंग हमरे ननदिया के लिए कर दी और देखना सवा सौ पार करेगी, ... "
बात उनकी एकदम सही थी , एक बार दूकान खुल गयी, ग्राहक आने लगे तो फिर दुबारा तो शटर डाउन नहीं होगा और होना भी नहीं चाहिए, ये तो मैंने सोचा भी नहीं था,
२१ दिन में तो हमारी ननद एकदम पॉपुलर हो जाएंगी, यारों की कोई कमी नहीं रहेगी, और रोज चार पांच चढ़ेंगे तो उसको भी बिना लम्बे मोटे नींद नहीं आएगी , पर एक बार जेठानी सास लौट आएँगी और वो अपने घर लौट जायेगी,... तो जगह कहाँ मिलेगी टाँगे उठाने के लिए, कोई तो जगह चाहिए फिर चांदनी पार्लर में जब उसकी तारीफ़ होने लगेगी तो गली मोहल्ले के लौंडे , अगल बगल के मोहल्ले में भी, पर कबड्डी होगी कहाँ , बात कम्मो की एकदम सही थी,
और कम्मो ने फिर बोलना शुरू किया,
" देखा, एक तो हमार कोठरिया है ही पीछे वाली, लेकिन हफ्ता में एक दो दिन तो, पर ओकरे बाद,... कहीं आते जाते घर के लोग , तोहार जेठानी,... कोई भी पूछ सकता है , फिर उसके मोहल्ले से इतना दूर, तो इसी लिए चमेलिया क जउन चांदनी पार्लरवा है वो सबसे फिट जगह है, ज्यादा टाइम भी नहीं , घर के एकदम पास में, फिर कोई आते जाते देख लेगा, तो बोल देगी, चमेली भौजी के यहाँ थ्रेडिंग कराने गयी थी,... और पास में एक सिलाई मशीन वाला कॉलेज है, एक म्यूजिक टीचर रहती है , उनके यहाँ भी, हफ्ते में तीन दिन सीना पिरोना , तीन दिन गाना बजाना, बस उसके बहाने भी, .... "
बात तो कम्मो की एकदम सही थी , ख़ास तौर से जो उसकी अपनी गली मोहल्ले के यार होंगे उनके साथ मस्ती करने के लिए, लेकिन फिर मैंने पूछ लिया,
" पर पार्लरवा में जगह कहाँ,... "
कम्मो ने पूरी बात सुने बिना, जवाब दे दिया,
" अरे चमेलिया बड़ा मस्त छत पर बनवायी है, जउन तोहार कमरा है एकदम उहै साइज, खूब चौड़ा बेड, दो जोड़ा साथ कबड्डी खेलें,... सामने खूब बड़ा शीशा, पूरा एसी,... और पार्लर के बगल में एक दरवाजा है सीधे वहीँ से सीढ़ी और ऊपर,... किसी को पता भी चलेगा, अपने खास क्लाएंट के लिए तो ननद से बढ़ के ख़ास कौन हो सकता है। "
अब मेरे चुप होने की बारी थी , और कम्मो ने कुछ और अल्टेरनेटिव भी बता दिए, और पार्लर में भी मसाज वाले, उस में भी ठीक ठाक,... ठोंकने के लिए बहुत जगह होती है , चुदवास लगने पर तो गन्ना क खेत और मक्का बाजरा में लौंडियाँ टांग उठा देती हैं , कार के पीछे वाली सीट पर, तो ओसे से तो ज्यादा जगह है , फिर शुद्ध कडुवा तेल कोल्हू वाला,... "
हम दोनों हंसने लगे ,
सच में ये बड़ा सही इंतजाम हो जाएगा ननद रानी के लिए।
और अंत में कम्मो ने तीसरा फायदा भी गिना दिया।