13-06-2019, 09:38 PM
(This post was last modified: 16-11-2020, 02:01 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कर्ण छेदन संस्कार
अगले सुबह वो बेड टी लेकर मम्मी को जगाने गए ,उस समय से ही ,
फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर भी , ...
मम्मी उनके पीछे पड़ी थीं लेकिन वो हिचक रहे थे ,ना ना कर रहे थे।
मम्मी उनका कर्ण छेदन संस्कार करवाना चाहती थी।
उन्होंने जब ये बोला की बड़े बड़े स्पोर्ट स्टार ,मेल माडल भी तो कान में स्टड पहनते हैं
और उनका कान पकड़ के धमकाया तो मान गए वो।
" ये ना ना करने वाला छिनारपना तूने अपने मायकेवालियों से सीखा है न। "
वो हंस के बोलीं ,और कुछ देर में हम तीनों एक बाडी माडिफिकेशन शाप पे थे।
असल में उनकी घबडाहट उनके मायके वालियों से ही थीं , और ये बात माम से कौन समझ सकता था।
मेकअप , ड्रेस , क्लींन शेव लुक ,ये सब तो टेम्पोरेरी चीजें थी ,उन्हे बदल भी सकते थे ,
और कुछ कहानी भी बना सकते थे।माम के वापस लौटने के बाद तुरंत ही हमें उनके मायके जाना था।
लेकिन परमानेंट बाडी माडिफिकेशन , ... ये बात वो भी जानते थे और उनसे ज्यादा मम्मी जानती थीं ,और इसलिए वो सुबह से ही पीछे पड़ीं थी।
और मम्मी पीछे पड़ें तो फिर किसी की औकात नहीं है ना करने की ,उनकी तो बात ही और थी।
असल में वो शाप नार्मल पियर्सिंग शाप नहीं थी। कल शाम को ही हम माँ बेटी ने मुश्किल से उसे ढूंढा था , वो एक एडल्ट बाड़ी माडिफिकेशन पार्लर था। जहाँ ' नार्मल पियर्सिंग ' से भी ज्यादा बहुत कुछ होता था और मम्मी ने पहले ही उनकी नोज और इयर दोनों की पियर्सिंग के लिए बात कर रखी थी।
………….
और बिचारे फंस गए। कुर्सी पर बैठते ही ,... जैसे डेंटिस्ट्स के यहां चेयर होती है न एकदम वैसे ही चेयर थी।
एक लड़की ,उनकी उस ममेरी बहन से दो तीन साल ही बड़ी होगी , कच्चे टिकोरे , लेकिन उनकी नोकें साफ़ साफ़ दिख रही थीं उसकी टी शर्ट में जो उसने अल्ट्रा लो जीन्स में टग कर रखी थी।
ये आदत से मजबूर उसके उभार देख रहे थे ,
और उसने अपने गोरी कलाइयों से इनके हाथ को पकड़ के आर्म रेस्ट पर रखा और जब तक ये कुछ समझें समझें ,
उसने कोई बटन दबा दी और दो कफ सीधे उनके हाथों पे , अब वो हाथ हिला भी नहीं सकते थे।
कान की तो बात उन्होंने मान ली थी लेकिन उन्हें क्या मालुम था की नाक भी , ...
" अरे नाक तो कान के साथ फ्री है ,फिर इस गोरे गोरे मुखड़े पे छोटी सी नथ तो खूब फबेगी। "
वो लड़की उन्हें समझाते ,उनके गाल सहलाते बोलीं।
" और क्या ,नथ नहीं पहनोगे तो मैं उतारूंगी क्या ?"
मम्मी ने हंस के चिढाते हुए पूछा ,और हम तीनों की खिलखिलाट में उनकी नन्ही मुन्नी चीख दब के रह गयी।
नाक भी छिद गयी।
जब मैं और मम्मी उनके नए नए छेदों के हील करने के लिए वेट कर रहे थे ,
वो लड़की फिर आयी और उसने मम्मी को कई कैटलॉग पकड़ा दिए।
उसमें कुछ थे जिसे बी एम् इ ( बाड़ी माडिफिकेशन एक्सट्रीम ) कहते हैं।
मम्मी लड़कियों के निपल्स ,बूब्स वाले कैटलॉग देख रही थीं ,फिर उन्हें कुछ सूझा और मुस्कराते हुए वो बोल पड़ी,
" हे क्या नाम है तेरी उस ननद का "
" गुड्डी ,मम्मी " मैंने जवाब दिया। मैं समझ गयी थी ,मम्मी केदिमाग में कुछ चल रहा है।
अगले सुबह वो बेड टी लेकर मम्मी को जगाने गए ,उस समय से ही ,
फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर भी , ...
मम्मी उनके पीछे पड़ी थीं लेकिन वो हिचक रहे थे ,ना ना कर रहे थे।
मम्मी उनका कर्ण छेदन संस्कार करवाना चाहती थी।
उन्होंने जब ये बोला की बड़े बड़े स्पोर्ट स्टार ,मेल माडल भी तो कान में स्टड पहनते हैं
और उनका कान पकड़ के धमकाया तो मान गए वो।
" ये ना ना करने वाला छिनारपना तूने अपने मायकेवालियों से सीखा है न। "
वो हंस के बोलीं ,और कुछ देर में हम तीनों एक बाडी माडिफिकेशन शाप पे थे।
असल में उनकी घबडाहट उनके मायके वालियों से ही थीं , और ये बात माम से कौन समझ सकता था।
मेकअप , ड्रेस , क्लींन शेव लुक ,ये सब तो टेम्पोरेरी चीजें थी ,उन्हे बदल भी सकते थे ,
और कुछ कहानी भी बना सकते थे।माम के वापस लौटने के बाद तुरंत ही हमें उनके मायके जाना था।
लेकिन परमानेंट बाडी माडिफिकेशन , ... ये बात वो भी जानते थे और उनसे ज्यादा मम्मी जानती थीं ,और इसलिए वो सुबह से ही पीछे पड़ीं थी।
और मम्मी पीछे पड़ें तो फिर किसी की औकात नहीं है ना करने की ,उनकी तो बात ही और थी।
असल में वो शाप नार्मल पियर्सिंग शाप नहीं थी। कल शाम को ही हम माँ बेटी ने मुश्किल से उसे ढूंढा था , वो एक एडल्ट बाड़ी माडिफिकेशन पार्लर था। जहाँ ' नार्मल पियर्सिंग ' से भी ज्यादा बहुत कुछ होता था और मम्मी ने पहले ही उनकी नोज और इयर दोनों की पियर्सिंग के लिए बात कर रखी थी।
………….
और बिचारे फंस गए। कुर्सी पर बैठते ही ,... जैसे डेंटिस्ट्स के यहां चेयर होती है न एकदम वैसे ही चेयर थी।
एक लड़की ,उनकी उस ममेरी बहन से दो तीन साल ही बड़ी होगी , कच्चे टिकोरे , लेकिन उनकी नोकें साफ़ साफ़ दिख रही थीं उसकी टी शर्ट में जो उसने अल्ट्रा लो जीन्स में टग कर रखी थी।
ये आदत से मजबूर उसके उभार देख रहे थे ,
और उसने अपने गोरी कलाइयों से इनके हाथ को पकड़ के आर्म रेस्ट पर रखा और जब तक ये कुछ समझें समझें ,
उसने कोई बटन दबा दी और दो कफ सीधे उनके हाथों पे , अब वो हाथ हिला भी नहीं सकते थे।
कान की तो बात उन्होंने मान ली थी लेकिन उन्हें क्या मालुम था की नाक भी , ...
" अरे नाक तो कान के साथ फ्री है ,फिर इस गोरे गोरे मुखड़े पे छोटी सी नथ तो खूब फबेगी। "
वो लड़की उन्हें समझाते ,उनके गाल सहलाते बोलीं।
" और क्या ,नथ नहीं पहनोगे तो मैं उतारूंगी क्या ?"
मम्मी ने हंस के चिढाते हुए पूछा ,और हम तीनों की खिलखिलाट में उनकी नन्ही मुन्नी चीख दब के रह गयी।
नाक भी छिद गयी।
जब मैं और मम्मी उनके नए नए छेदों के हील करने के लिए वेट कर रहे थे ,
वो लड़की फिर आयी और उसने मम्मी को कई कैटलॉग पकड़ा दिए।
उसमें कुछ थे जिसे बी एम् इ ( बाड़ी माडिफिकेशन एक्सट्रीम ) कहते हैं।
मम्मी लड़कियों के निपल्स ,बूब्स वाले कैटलॉग देख रही थीं ,फिर उन्हें कुछ सूझा और मुस्कराते हुए वो बोल पड़ी,
" हे क्या नाम है तेरी उस ननद का "
" गुड्डी ,मम्मी " मैंने जवाब दिया। मैं समझ गयी थी ,मम्मी केदिमाग में कुछ चल रहा है।