27-11-2023, 02:38 PM
राखी -पूनम
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,... हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,... बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
मैंने बात आगे बढ़ाई ,
" इस बार बहुत दिनों बाद राखी पे इनकी कोई बहन होगी साथ में ,गुड्डी तो चल ही रही है हमारे साथ ,तू भी आ जा ना। और अबकी राखी मंडे को पड़ रही है ,लांग वीकेंड , बस तू बृहस्पतिवार की शाम को आ जा न , तेरा कॉलेज का लॉस भी नहीं होगा , फिर राखी तो पूनम को ही पड़ती है न , उस दिन मैं तुझ बनाना भी सिखा दूंगी , रात में लगा भी दूंगी। कूरियर वूरियर का चक्कर छोड़ , वो तेल भी मैं दो चार शीशी बना के तुझे दे दूंगी। तीन चार दिन फुल टाइम मस्ती ,मैं गुड्डी और तुम मिल के तेरे भैया को अच्छी तरह लूटेंगे। "
" एकदम भाभी , " वो तुरंत मान गयी और बोली , भाभी हो तो आप जैसी।
" और ननद तेरी जैसी सेक्सी " मैं क्यों छोड़ती उसे।
" बहुत दिनों से भैय्या ने राखी का पैसा भी नहीं भेजा , बहुत उधार है उनके ऊपर। " वो शोख मुस्कराती बोली और जोड़ा अबकी तो सूद के साथ लुंगी मैं।
" एक़दम " मैंने हामी भरी बस ये नहीं बताया की उसके बदले में ऐन राखी के दिन उसके भइया उसकी सोनचिरैया भी लूट लेंगे , वो दूज के चाँद ऐसी कसी कसी ले के आएगी और पूनम के चाँद की तरह खुली खुली ले कर जायेगी अपनी सहेली को।
और उस बार भी गुड्डी मेरा पूरा हाथ बंटाएगी, इस चिरैया का भरतपुर लूटने में, तबतक गुड्डी रानी महीने डेढ़ महीने में चुद चुद कर एकदम पक्की हो जाएंगी, जैसे आज बहुत जबरदस्त हांका किया इस हाईकॉलेज वाली का उसने, और जो टॉप तक नहीं खोलने को तैयार थी, वो खुद इत्ती देर से अपनी कच्ची अमिया खोल के,... और खुद उसके मसाज की बात कर रही थी,
उसे कौन समझाए इस कच्ची उमरिया में मरदों के हाथ की मालिश से बढ़कर कोई मालिश नहीं होती, अरे जुबना आते ही मिजवांने मिसवाने के लिए, ... और ननद अपने भैया से मिजवाये ये कौन भाभी नहीं चाहेगी, फिर वो भी राखी के दिन, राखी बंधे हाथों से अपनी छुटकी बहिनिया का जोबन लुटे और जिस हाथ से बहन ने राखी बाँधी हो उसी हाथ से अपने प्यारे प्यारे भैया का मोटा खूंटा पकड़ के मुठियाये,
मैं सोच रही थी और उधर वो गौरैया चहक रही थी,
" भाभी, एकदम सही है. मैंने भी चेक कर लिया पूरे तीन दिन की छुट्टी है, एक दो दिन और चार पांच दिन का प्रोग्राम बना लूंगी, फिर आप गुड्डी दी, और भैया खूब मस्ती होगी,... सच में कित्ते दिन हो गए राखी के दिन, ... अबकी हम दोनों, मैं और गुड्डी मिल के फुर्सत से लूटेंगे उनको , और आपका वो पूनम वाला प्रोग्राम भी हो जाएगा। बात आपकी एकदम सच है, ... अगर कहीं मेरे गुड्डी दी ऐसे हो गए न सच में सारी मेरे सहेलियों के सीने पर सांप लूटेंगे,... लेकिन उन कमीनियों के पास मेरी ऐसी अच्छी भाभी थोड़े ही हैं,... "
और मैं सोच रही थी , बहुत चीखेगी उस पूनम की रात ये जब इसकी फटेगी, खूब खून खच्चर,... लेकिन ननद की ननद के भैया से फटे वो भी राखी के दिन,...
तबतक गुड्डी का दो बार मेसेज आ गया ,अर्जेन्ट अर्जेन्ट।
मेरा भी काम तो काफी हो गया था।
"अच्छा चल अब सोते हैं लेकिन सोने के पहले मसाज करना मत भूलना। " मैंने उसे हिदायत दी।
हम दोनों ने स्काइप बंद कर दिया ,हाँ लेकिन उसके पहले उसकी सोनचिरैया की एक झलक मैंने देख ही ली , बस ज़रा सा पैंटी सरकवा के अपनी छुटकी ननद की।
एकदम कसी , बस झांटे आ ही रही थी ,मक्खन मलाई।
और जब पैंटी खुली थी, मैंने उसे चिढ़ाया भी और वार्निंग भी दे दी,
" हे राखी के दिन तेरा भैया को लूटने का प्लान है, लेकिन भैया ने कहीं तेरा लूट लिया तो,.. "
"लूट लेंगे तो लूट लेंगे,... मैं कौन सा ताला लगा के रखूंगी "
खिलखिलाते हुए वो सोन चिरैया बोली और अंतर्ध्यान हो गयी।
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,... हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,... बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
मैंने बात आगे बढ़ाई ,
" इस बार बहुत दिनों बाद राखी पे इनकी कोई बहन होगी साथ में ,गुड्डी तो चल ही रही है हमारे साथ ,तू भी आ जा ना। और अबकी राखी मंडे को पड़ रही है ,लांग वीकेंड , बस तू बृहस्पतिवार की शाम को आ जा न , तेरा कॉलेज का लॉस भी नहीं होगा , फिर राखी तो पूनम को ही पड़ती है न , उस दिन मैं तुझ बनाना भी सिखा दूंगी , रात में लगा भी दूंगी। कूरियर वूरियर का चक्कर छोड़ , वो तेल भी मैं दो चार शीशी बना के तुझे दे दूंगी। तीन चार दिन फुल टाइम मस्ती ,मैं गुड्डी और तुम मिल के तेरे भैया को अच्छी तरह लूटेंगे। "
" एकदम भाभी , " वो तुरंत मान गयी और बोली , भाभी हो तो आप जैसी।
" और ननद तेरी जैसी सेक्सी " मैं क्यों छोड़ती उसे।
" बहुत दिनों से भैय्या ने राखी का पैसा भी नहीं भेजा , बहुत उधार है उनके ऊपर। " वो शोख मुस्कराती बोली और जोड़ा अबकी तो सूद के साथ लुंगी मैं।
" एक़दम " मैंने हामी भरी बस ये नहीं बताया की उसके बदले में ऐन राखी के दिन उसके भइया उसकी सोनचिरैया भी लूट लेंगे , वो दूज के चाँद ऐसी कसी कसी ले के आएगी और पूनम के चाँद की तरह खुली खुली ले कर जायेगी अपनी सहेली को।
और उस बार भी गुड्डी मेरा पूरा हाथ बंटाएगी, इस चिरैया का भरतपुर लूटने में, तबतक गुड्डी रानी महीने डेढ़ महीने में चुद चुद कर एकदम पक्की हो जाएंगी, जैसे आज बहुत जबरदस्त हांका किया इस हाईकॉलेज वाली का उसने, और जो टॉप तक नहीं खोलने को तैयार थी, वो खुद इत्ती देर से अपनी कच्ची अमिया खोल के,... और खुद उसके मसाज की बात कर रही थी,
उसे कौन समझाए इस कच्ची उमरिया में मरदों के हाथ की मालिश से बढ़कर कोई मालिश नहीं होती, अरे जुबना आते ही मिजवांने मिसवाने के लिए, ... और ननद अपने भैया से मिजवाये ये कौन भाभी नहीं चाहेगी, फिर वो भी राखी के दिन, राखी बंधे हाथों से अपनी छुटकी बहिनिया का जोबन लुटे और जिस हाथ से बहन ने राखी बाँधी हो उसी हाथ से अपने प्यारे प्यारे भैया का मोटा खूंटा पकड़ के मुठियाये,
मैं सोच रही थी और उधर वो गौरैया चहक रही थी,
" भाभी, एकदम सही है. मैंने भी चेक कर लिया पूरे तीन दिन की छुट्टी है, एक दो दिन और चार पांच दिन का प्रोग्राम बना लूंगी, फिर आप गुड्डी दी, और भैया खूब मस्ती होगी,... सच में कित्ते दिन हो गए राखी के दिन, ... अबकी हम दोनों, मैं और गुड्डी मिल के फुर्सत से लूटेंगे उनको , और आपका वो पूनम वाला प्रोग्राम भी हो जाएगा। बात आपकी एकदम सच है, ... अगर कहीं मेरे गुड्डी दी ऐसे हो गए न सच में सारी मेरे सहेलियों के सीने पर सांप लूटेंगे,... लेकिन उन कमीनियों के पास मेरी ऐसी अच्छी भाभी थोड़े ही हैं,... "
और मैं सोच रही थी , बहुत चीखेगी उस पूनम की रात ये जब इसकी फटेगी, खूब खून खच्चर,... लेकिन ननद की ननद के भैया से फटे वो भी राखी के दिन,...
तबतक गुड्डी का दो बार मेसेज आ गया ,अर्जेन्ट अर्जेन्ट।
मेरा भी काम तो काफी हो गया था।
"अच्छा चल अब सोते हैं लेकिन सोने के पहले मसाज करना मत भूलना। " मैंने उसे हिदायत दी।
हम दोनों ने स्काइप बंद कर दिया ,हाँ लेकिन उसके पहले उसकी सोनचिरैया की एक झलक मैंने देख ही ली , बस ज़रा सा पैंटी सरकवा के अपनी छुटकी ननद की।
एकदम कसी , बस झांटे आ ही रही थी ,मक्खन मलाई।
और जब पैंटी खुली थी, मैंने उसे चिढ़ाया भी और वार्निंग भी दे दी,
" हे राखी के दिन तेरा भैया को लूटने का प्लान है, लेकिन भैया ने कहीं तेरा लूट लिया तो,.. "
"लूट लेंगे तो लूट लेंगे,... मैं कौन सा ताला लगा के रखूंगी "
खिलखिलाते हुए वो सोन चिरैया बोली और अंतर्ध्यान हो गयी।